कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय

स्किल इंडिया इंटरनेशनल के तहत जर्मन भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने पर 32 युवा स्वास्थ्य पेशेवरों को सम्मानित किया गया


प्रत्येक कुशल भारतीय पेशेवर बदलाव लाने वाले और भारत के राजदूत हैं- श्री जयंत चौधरी

Posted On: 22 JUN 2024 8:30PM by PIB Delhi

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज जर्मन भाषा प्रशिक्षण के बी1 स्तर को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए 32 स्वास्थ्य पेशेवरों को सम्मानित किया। भारतीय नर्सों को दुनिया भर में उपलब्ध करियर के अवसरों के लिए तैयार करने के लिए शुरू किए गए इस प्रशिक्षण का उद्देश्य नर्सों को एक सफल करियर बनाने और जर्मनी में आजीविका कमाने में मदद करने के लिए आवश्यक भाषाई कौशल से लैस करना है। श्री चौधरी, जर्मन राजनयिक डॉ. फिलिप एकरमैन, एमएसडीई सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, एनसीडीसी के सीईओ श्री वेद मणि तिवारी और एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक ने अभ्यर्थियों को हवाई अड्डे पर ले जाने वाली बस को हरी झंडी दिखाई और उनका मनोबल बढ़ाया।

इस अवसर पर, श्री चौधरी ने कहा कि भारत के पास एक  बहुत बड़ा जनसंख्या संसाधन है, जो 2047 तक देश और इसके ग्रामीण क्षेत्रों को एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने का स्पष्ट मार्ग प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में कौशल का अंतर बढ़ रहा है। सिकुड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी, 2030 तक दुनिया भर में लगभग 8.5 करोड़ अवसर होंगे। श्री चौधरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश के महत्वाकांक्षी युवा पेशेवरों को इन अवसरों का लाभ उठाना होगा, जो अर्थव्यवस्था की भविष्य की राह तय करेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अकेले जर्मनी में, जहां जनसंख्या वृद्ध हो रही है, उपयुक्त उम्मीदवारों के लिए लगभग 18 लाख रोजगार के अवसर होंगे। श्री चौधरी ने कहा कि इन रिक्तियों को भरने का सही तरीका उन पर ध्यान केंद्रित करना है और इस संबंध में स्किल इंडिया इंटरनेशनल का उद्योग के साथ मजबूत जुड़ाव इस अंतर को भर सकता है।

श्री जयंत चौधरी ने वैश्विक कौशल शक्ति बनने के भारत के मिशन के हिस्से के रूप में विभिन्न देशों में 58 हजार से अधिक कुशल भारतीयों की सफल नियुक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय युवाओं को विदेशों में रोजगार के लिए उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्रदान करने में एमएसडीई और एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सफल उम्मीदवारों को बधाई दी और व्यक्तिगत रूप से उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपे, जिससे उनके भविष्य में उनकी भूमिकाओं के लिए आत्मविश्वास और उत्साह का संचार हुआ।

सभी 32 उम्मीदवारों ने टीईएलसी के माध्यम से बी1 जर्मन भाषा प्रशिक्षण पूरा किया। उन्हें प्रमुख अस्पतालों और अन्य संस्थानों में तैनात किया जाएगा, जहां वे बी2 प्रशिक्षण सहित प्रति माह 2,300 से 2,700 यूरो (2 लाख रुपये से अधिक) कमाएंगे। जर्मनी में बी2 ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनका वेतन लगभग 3 से 4 लाख रुपये तक बढ़ जाएगा।

डॉ. फिलिप एकरमैन ने भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र की प्रशंसा की और आशा व्यक्त की कि यह ऐसे कई अवसरों की शुरुआत होगी। जर्मनी में विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कौशल का बढ़ता अंतर एक प्रमुख चुनौती है और यह रचनात्मक प्रवास समाधान की मांग करता है। उन्होंने कहा कि यह न केवल कौशल की कमी को पूरा करता है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक गुणवत्ता भी प्रदान करता है। डॉ. एकरमैन ने यह भी कहा कि यहीं पर भारत की शिक्षा प्रणाली, मजबूत कौशल बुनियादी ढांचा और व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम इस अंतर को पाटने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने केवल दो महीनों में जर्मनी के लिए युवा कार्यबल तैयार करने में एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रयासों की सराहना की।

स्किल इंडिया इंटरनेशनल पहल के तहत, बीएससी नर्सिंग या जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) कार्यक्रम पूरा करने वाले सभी उम्मीदवारों को दो से तीन महीने का एक व्यापक आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिया जाता है। पेशेवर जर्मन मूल प्रशिक्षकों द्वारा दिया गया यह प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिभागियों को उच्च गुणवत्ता वाली भाषा शिक्षा प्राप्त हो। इस तरह का विकास भारत को कुशल प्रतिभा के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और कौशल भारत मिशन के तहत महत्वाकांक्षी नीतियों की रूपरेखा तैयार करता है।

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत एनएसडीसी ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल के माध्यम से भारत को कुशल जनशक्ति के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

एनएसडीसी इंटरनेशनल ने जर्मन भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए टैक्ट समूह की कंपनी ऑक्सिला अकादमी के साथ साझेदारी की थी और जर्मनी में उन्हें सही करियर के अवसर खोजने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह पहल न केवल भारतीय नर्सों के लिए आकर्षक करियर के अवसर खोलती है बल्कि जर्मनी में कुशल नर्सिंग पेशेवरों की बढ़ती मांग को भी पूरा करती है। स्किल इंडिया इंटरनेशनल पहल में भारतीय युवाओं के कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ाने की मजबूत प्रतिबद्धता है, जो वैश्विक मंच पर उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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