विधि एवं न्‍याय मंत्रालय

केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री ने कहा कि औपनिवेशिक कानूनों, जिसमें मुख्य ध्यान ‘सजा’ पर था, के विपरीत नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य ‘न्याय’ प्रदान करना है


श्री मेघवाल ने विवादों को सुलझाने में वैकल्पिक विवाद समाधान एवं मध्यस्थता के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया

Posted On: 27 JUN 2024 6:18PM by PIB Delhi

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने आज यहां उद्यमी भारत - एमएसएमई दिवस कार्यक्रम के तहत ‘एमएसएमई इकोसिस्टम में कानूनी सुधार’ विषय पर एकदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर बोलते हुए, केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल ने तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत उद्योग 4.0 के युग में प्रवेश कर चुका है। उद्योग 1.0 से लेकर इसके वर्तमान चरण तक की विकास यात्रा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने दोहराया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में कानूनी सुधारों की दिशा में काम करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, 3 डी मुद्रण, रोबोटिक्स जैसी वर्तमान युग की नवीनतम तकनीकों तथा कानूनी भाषा पर इसके प्रभावों को समझना होगा। दूसरा, उन्होंने विवादों को सुलझाने में वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) एवं मध्यस्थता के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कानूनी समस्या का सौहार्दपूर्ण समाधान ही सबसे अच्छा समाधान होता है और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम भी विभिन्न पक्षों के बीच विवाद समाधान के ऐसे एडीआर तंत्र से लाभान्वित हो सकते हैं। तीसरा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी होने जा रही है और इस संदर्भ में, भारत के पास मध्यस्थता का केन्द्र बनने की अपेक्षित क्षमता है।

सम्मेलन के विषय पर प्रकाश डालते हुए विधि एवं न्याय मंत्रालय के विधिक कार्य विभाग के सचिव डॉ. राजीव मणि ने कहा कि संस्थागत मध्यस्थता समस्याओं के बेहतर, सुव्यवस्थित एवं त्वरित निपटान और कानूनी मुद्दों को हल करने के प्रभावी तरीके जैसे लाभों के साथ आती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एमएसएमई क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यदि सभी पक्ष वैकल्पिक विवाद समाधान एवं मध्यस्थता के जरिए अपनी समस्याओं को हल करना चाहें, तो पारंपरिक कानूनी प्रणाली के तहत विवाद समाधान की लंबी प्रक्रिया से बचा जा सकता है।

केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री जीतन राम मांझी ने ‘उद्यमी भारत - एमएसएमई दिवस कार्यक्रम’ की अध्यक्षता की। एमएसएमई राज्यमंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ अर्थव्यवस्था के विकास में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

******

एमजी/एआर/आर/डीवी



(Release ID: 2029187) Visitor Counter : 135