निर्वाचन आयोग
भारतीय निर्वाचन आयोग ने हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के लिए चुनावी विवरणों को अपडेट करने की शुरुआत की
लोकसभा चुनाव 2024 में ऐतिहासिक भागीदारी ने भारतीय निर्वाचन आयोग को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू करने के लिए प्रेरित किया
पूर्व-एसएसआर कार्यकलाप 25 जून, 2024 से समूह आवास समितियों, मलिन बस्तियों, शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए सबसे सुविधाजनक स्थानों पर मतदान केंद्रों की स्थापना/तर्कसंगत बनाने के लिए मतदाता सूची के अद्यतन से आरंभ होंगे
इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी पात्र नागरिकों से मतदाता सूची में पंजीकरण करने की अपील
Posted On:
21 JUN 2024 12:31PM by PIB Delhi
18वीं लोकसभा के आम चुनाव के सफल समापन के बाद, भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों में मतदाता सूचियों के अद्यतनीकरण के साथ आगामी राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारी आरंभ कर दी है। विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का अद्यतन, 1 जुलाई, 2024 को अर्हक तिथि के रूप में आरंभ होगा। इन तीनों राज्यों में विद्यमान विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 03.11.2024, 26.11.2024 और 05.01.2025 को समाप्त होने जा रहा है और इन विधानसभाओं के चुनाव उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले कराए जाने आवश्यक हैं।
इसके अतिरिक्त, निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद एक नए सदन के गठन के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के लिए आम चुनाव भी कराए जाने हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों की भारी भागीदारी को देखते हुए, आयोग ने 1 जुलाई, 2024 को अर्हक तिथि मानते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में मतदाता सूचियों को अद्यतन करने का भी निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि सीईसी श्री राजीव कुमार ने पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में टिप्पणी की थी कि “जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा लोकसभा चुनावों में प्रचुर भागीदारी की कहानी बहुत ही आशाजनक और प्रेरणादायक है, जो दर्शाती है कि लोग लोकतंत्र में भाग लेने के लिए कितने उत्सुक हैं। लोगों के लिए शांतिपूर्ण और एकजुट रहना, अपनी आकांक्षाओं को पूरा करना और अपना भविष्य तथा शासन तय करना महत्वपूर्ण है। आयोग इसे संभव बनाने में मदद करने के लिए उत्साहित और संतुष्ट है और जल्द ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू करेगा।”
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का अंतिम विशेष सारांश संशोधन 1 जनवरी, 2024 को अर्हक तिथि के रूप में संचालित किया गया। निर्वाचन कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 14 में संशोधन के पश्चात अब वर्ष में चार अर्हक तिथियों का प्रावधान उपलब्ध है। तदनुसार, आयोग ने सभी पात्र एवं अपंजीकृत नागरिकों को मतदाता सूची में अपना नामांकन कराने तथा आगामी चुनावों में मतदान करने का पर्याप्त अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र तथा संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 01.07.2024 तक मतदाता सूचियों का द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कराने का निर्णय लिया है।
आयोग का अटूट विश्वास है कि शुद्ध, समावेशी एवं अद्यतन मतदाता सूचियां स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं विश्वसनीय चुनावों की नींव हैं। मतदाता सूची की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए आयोग मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन से पूर्व गहन पुनरीक्षण कार्यकलापों के संचालन पर विशेष जोर दे रहा है।
संशोधन-पूर्व कार्यकलापों में मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल होंगे:
ए. बीएलओ द्वारा घर-घर सर्वेक्षण: बूथ स्तर के अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र में घर-घर जाकर निम्नलिखित जानकारी एकत्र करेंगे:
- गैर-नामांकित पात्र नागरिक (01.07.2024 को पात्र)
- एकाधिक प्रविष्टियां/मृत मतदाता/स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता
• ईआर प्रविष्टियों में सुधार
- बी. मतदान केंद्रों का विवेकीकरण/पुनर्व्यवस्था:
आयोग मतदान केंद्रों के विवेकीकरण के लिए प्रयास कर रहा है ताकि मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों को और भी छोटी बस्तियों के करीब लाया जा सके और साथ ही साथ धमकी, मौन या अन्यथा, की गुंजाइश को समाप्त किया जा सके, जो मतदान के अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग को बाधित करता है। इसी मंतत्व से, आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 22 सितंबर, 2023 के अपने निर्देशों के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे शहरी क्षेत्रों में ऊंचे भवनों/समूह आवास सोसायटियों, झुग्गी बस्तियों और शहरी/अर्ध-शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए सबसे सुविधाजनक स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित करें। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान यह अनुभव किया गया है कि आवासीय सोसाइटियों आदि से अलग स्थापित मतदान केंद्रों की तुलना में ऐसे मतदान केंद्रों में मतदान का प्रतिशत काफी अधिक था। इसलिए, आयोग ने एक बार फिर इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ को मतदान केंद्रों के युक्तिकरण के चल रहे अभ्यास के दौरान व्यापक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया ताकि उन शहरी क्षेत्रों की पहचान की जा सके, जहां ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियां और ऊंची आवासीय इमारतें स्थित हैं जिनमें उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद निवासी मतदाताओं की सेवा के लिए मतदान केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से पर्याप्त कमरे/सामान्य सुविधा क्षेत्र/सामुदायिक हॉल/स्कूल हैं।
सी. जहां भी आवश्यक हो, रोल में धुंधली, खराब गुणवत्ता वाली और विनिर्देश के अनुरूप नहीं और गैर-मानवीय छवियों को बदलने के जरिए अच्छी गुणवत्ता वाली तस्वीरें सुनिश्चित करते हुए छवि गुणवत्ता में सुधार।
एसएसआर के लिए अनुसूची निम्नानुसार होगी:
एसएसआर का कार्यक्रम इस प्रकार होगा:
क्र. सं.
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कार्यकलाप
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अवधि
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संशोधन-पूर्व कार्यकलाप
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1.
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क. बी.एल.ओ. के माध्यम से एच2एच सत्यापन
ख. मतदान केन्द्रों का विवेकीकरण/पुनर्व्यवस्थापन
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25.06.2024 (मंगलवार) से
24.07.2024 (बुधवार)
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ग. मतदाता सूची/ईपीआईसी में विसंगतियों को दूर करना
घ. छवि जहां भी आवश्यक हो, रोल में धुंधली, खराब गुणवत्ता वाली और विनिर्देश के अनुरूप नहीं और गैर-मानवीय छवियों को बदलने के जरिए अच्छी गुणवत्ता वाली तस्वीरें सुनिश्चित करते हुए छवि गुणवत्ता में सुधार।
ड. अनुभाग/भागों का पुनर्गठन, अनुभाग/भाग की सीमाओं के प्रस्तावित पुनर्गठन को अंतिम रूप देना, मतदान केंद्रों का स्थान निर्धारण और मतदान केंद्रों की सूची का अनुमोदन प्राप्त करना
- नियंत्रण तालिका का अद्यतनीकरण
छ. प्रारूप 1 से 8 तक की तैयारी
ज. अर्हक तिथि के रूप में 01.07.2024 के संदर्भ में एकीकृत ड्राफ्ट रोल की तैयारी
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पुनरीक्षण कार्यकलाप
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2.
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एकीकृत मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन।
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दिनांक 25.07.2024 (गुरुवार) को
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3.
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दावे एवं आपत्तियां दाखिल करने की अवधि
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25.07.2024 (गुरुवार) से
09.08.2024 (शुक्रवार)
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4.
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विशेष अभियान तिथियां
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दावे और आपत्ति अवधि के भीतर शनिवार और रविवार
(सीईओ द्वारा तय किया जाना है)
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5.
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(i.) दावों और आपत्तियों का निपटान
(ii) स्वास्थ्य मापदंडों की जांच और अंतिम प्रकाशन के लिए आयोग की अनुमति प्राप्त करना
(iii.) डेटाबेस को अद्यतन करना और अनुपूरकों का मुद्रण करना
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19.08.2024 (सोमवार) तक
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6.
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मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन
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20.08.2024 (मंगलवार) को
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आयोग का गहन और निरंतर ध्यान हमेशा मतदाता सूची की समावेशिता, शुद्धता और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने पर रहा है ताकि कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल होने के अपने अधिकार से वंचित न रहे और बिना किसी डुप्लिकेट और त्रुटि के मतदाता सूची को त्रुटि मुक्त बनाए रखा जा सके और अयोग्य प्रविष्टियों को यथासंभव सीमित किया जाना चाहिए। इसलिए,
आयोग सभी पात्र नागरिकों से अपील करता है कि यदि अभी तक नाम दर्ज नहीं हुआ है, तो वे मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आगे आएं और आगामी चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
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एमजी/एआर/एसकेजे/एमपी
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