स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
आभा (एबीएचए) की स्कैन और शेयर सेवा ने देशभर में 3 करोड़ बाह्य रोगी विभाग पंजीकरण की सुविधा प्रदान की
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आभा-आधारित स्कैन और शेयर सेवा के माध्यम से 3 करोड़ बाह्य रोगी विभाग टोकन उत्पन्न करके एक प्रमुख उपलब्धि प्राप्त की
उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर डिजिटल बाह्य रोगी विभाग पंजीकरण सेवा को अपनाने में अग्रणी हैं
Posted On:
06 JUN 2024 7:22PM by PIB Bhopal
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने आभा-आधारित स्कैन और शेयर सेवा के माध्यम से बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) पंजीकरण के लिए 3 करोड़ से अधिक टोकन तैयार करके स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने की दिशा में अपने मिशन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है।
अक्टूबर 2022 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत शुरू की गई इस अभिनव पेपरलेस सेवा ने रोगियों के अनुभव में क्रांति ला दी है, विशेष रूप से कमज़ोर समूहों जैसे कि बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाओं और आवागमन संबंधी चुनौतियों वाले लोगों को इससे लाभ मिला है, क्योंकि इससे अपॉइंटमेंट के लिए लंबी कतारों में प्रतीक्षा करने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
आभा-आधारित स्कैन और शेयर सेवा मरीज़ों को बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) पंजीकरण काउंटर पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन करके बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) अपॉइंटमेंट के लिए आसानी से पंजीकरण करने में सक्षम बनाती है, जिससे पंजीकरण के लिए उनकी एबीएचए प्रोफ़ाइल तुरंत साझा हो जाती है।
स्कैन और शेयर सेवा वर्तमान में भारत के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 546 जिलों में फैले 5435 से अधिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जारी है। उल्लेखनीय रूप से, औसतन 1.3 लाख व्यक्ति प्रतिदिन स्कैन और शेयर सेवा का लाभ उठाते हैं, जो नागरिकों के बीच इसकी उपयोगिता और लोकप्रियता को प्रदर्शित करता है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा स्कैन और शेयर पहल को व्यापक रूप से अपनाया जाना बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) काउंटरों पर रोगी पंजीकरण प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से सुव्यवस्थित कर रहा है और रोगियों को दी जाने वाली सेवा दक्षता को बढ़ा रहा है। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर इस प्रक्रिया में सबसे आगे हैं, जहाँ प्रभावशाली आँकड़े दर्शाते हैं कि वे नागरिक कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उत्तर प्रदेश ने सबसे अधिक 92.7 लाख टोकन बनाए हैं, उसके बाद आंध्र प्रदेश ने 53.7 लाख, कर्नाटक ने 39.9 लाख और जम्मू-कश्मीर ने 37.1 लाख टोकन बनाए हैं।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) पब्लिक डैशबोर्ड (https://dashboard.abdm.gov.in/abdm/) सेवा के उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिसमें दिल्ली, भोपाल, रायपुर और भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) में उल्लेखनीय उपयोग दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय रूप से, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सोलह अस्पताल एबीएचए-आधारित स्कैन और शेयर सेवा का उपयोग करके उत्पन्न बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) टोकन की कुल संख्या के लिए शीर्ष प्रदर्शन करने वाली सुविधाओं में प्रमुखता से शामिल हैं, जो स्वास्थ्य सेवा की पहुंच और दक्षता बढ़ाने के लिए उनके समर्पण का उदाहरण है।
14.9 लाख टोकन के साथ नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) और भोपाल, प्रयागराज और रायपुर के सरकारी अस्पतालों ने क्रमशः 6.7 लाख, 5.1 लाख और 4.9 लाख टोकन के साथ स्कैन और शेयर सेवा के माध्यम से बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) पंजीकरण को कुशलतापूर्वक सुविधाजनक बनाकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व पर चर्चा करते हुए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ ने कहा, “स्कैन और शेयर सेवा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत एक अभिनव सुविधा है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा की पहुंच और दक्षता में बदलाव लाना है। यह डिजिटल सेवा मानवी कागजी कार्रवाई की आवश्यकता को समाप्त करती है और प्रतीक्षा समय को काफी कम करती है, जिससे अस्पताल में जाना अधिक सुव्यवस्थित और कुशल हो जाता है। त्वरित और सुरक्षित सूचना विनिमय की सुविधा प्रदान करके, स्कैन और शेयर प्रतिदिन लगभग 1,30,000 रोगियों को लाभान्वित करता है, जिसमें कमजोर समूहों और तत्काल स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता वाले लोगों की सहायता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यह तकनीकी उन्नति सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए डिजिटल समाधानों का लाभ उठाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
सभी टोकन में से, लगभग 75 प्रतिशत पहली बार उपयोगकर्ता होते हैं, जबकि 25 प्रतिशत लोग आगामी विजिट के लिए स्कैन और शेयर सेवा का उपयोग करते हैं, जो इसके व्यापक रूप से अपनाए जाने और उपयोगिता को उजागर करता है।
स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रौद्योगिकी प्रदान करने वाले अस्पतालों और डिजिटल समाधान कंपनियों (डीएससी) के बीच स्कैन और शेयर सेवा को और अधिक अपनाने के लिए, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) की डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (डीएचआईएस) के माध्यम से 'स्कैन और शेयर' लेनदेन और इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है। डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (डीएचआईएस) के बारे में अधिक जानकारी https://abdm.gov.in/DHIS पर उपलब्ध है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) स्वास्थ्य सेवाओं तक रोगियों की पहुँच बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहा है। 'स्कैन और शेयर' सेवा अब सार्वजनिक अस्पतालों के फ़ार्मेसी काउंटरों पर भी लागू की जा रही है और इसे प्रयोगशाला सेटिंग्स में विस्तारित करने की योजनाएँ चल रही हैं। इसके अतिरिक्त, क्यू आर कोड के साथ नागरिकों की सुविधा का लाभ उठाते हुए 'स्कैन और भेजें' और 'स्कैन और भुगतान' जैसी आगामी सेवाएँ शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। 'स्कैन और भुगतान' सेवा रोगियों को सीधे उनके ऐप के माध्यम से उनके लिए निर्धारित जांच या दवाओं के लिए भुगतान करने में सक्षम बनाएगी, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर भुगतान के लिए लाइनों में प्रतीक्षा करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इसी तरह, ‘स्कैन और भेजें’ सेवा शीघ्र ही रोगियों को किसी सुविधा (अस्पताल या फार्मेसी) में सुविधाजनक रूप से क्यूआर कोड स्कैन करने और अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पर्चे या लैब रिपोर्ट सहित) भेजने की सुविधा प्रदान करेगी।
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