वित्‍त मंत्रालय

सीबीडीटी ने करदाताओं के लिए वास्तविक समय में सूचना पुष्टिकरण प्रक्रिया की स्थिति दर्शाने के लिए एआईएस में नई सुविधा जारी की है


करदाता अब यह मालूम कर सकते हैं कि स्रोत/रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा उनके फीडबैक पर कोई कदम उठाया गया है या नहीं 

Posted On: 13 MAY 2024 7:42PM by PIB Delhi

वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) समस्‍त पंजीकृत आयकरदाताओं के लिए अनुपालन पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध है जिसे ई-फाइलिंग वेबसाइट (www.incometax.gov.in) के माध्यम से देखा जा सकता है या एक्सेस किया जा सकता है। एआईएस में संबंधित करदाता द्वारा किए गए बड़ी संख्या में उन वित्तीय लेन-देन का विवरण होता है जिन पर उन्‍हें कर देना पड़ सकता है। एआईएस को विभिन्‍न सूचना स्रोतों से प्राप्त वित्तीय डेटा के आधार पर भरा जाता है।

एआईएस में करदाता को उसमें दर्शाए गए प्रत्येक लेन-देन पर अपना फीडबैक देने की सुविधा प्रदान की गई है। यह फीडबैक दरअसल करदाता को इस तरह की जानकारी के स्रोत द्वारा दी गई जानकारी की सटीकता पर टिप्पणी करने में मदद करता है। गलत जानकारी देने की स्थिति में उसे स्वत: तरीके से पुष्टि के लिए संबंधित स्रोत के पास ले जाया जाता है। उल्‍लेखनीय है कि कर कटौतीकर्ताओं/संग्रहकर्ताओं और रिपोर्टिंग संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई जानकारी के संबंध में सूचना पुष्टिकरण को वर्तमान में कार्यात्मक बना दिया गया है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अब सूचना पुष्टिकरण प्रक्रिया की स्थिति दर्शाने के लिए एआईएस में एक नई सुविधा शुरू की है। एआईएस यह दर्शाएगा कि करदाता के फीडबैक को संबंधित स्रोत द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से स्वीकार या अस्वीकार करके उस पर कोई कदम उठाया गया है या नहीं। इस पर आंशिक या पूर्ण स्वीकृति होने की स्थिति में संबंधित स्रोत द्वारा एक संशोधन विवरण दाखिल करके जानकारी को सही करना अत्‍यंत आवश्यक है। संबंधित स्रोत की ओर से फीडबैक का पुष्टिकरण किए जाने की स्थिति में करदाता को निम्नलिखित विशेषताएं दिखाई देंगी।

  • क्या पुष्टिकरण के लिए फीडबैक को साझा किया गया है: इससे करदाता को पता चल जाएगा कि पुष्टिकरण के लिए फीडबैक को रिपोर्टिंग स्रोत के साथ साझा किया गया है या नहीं।
  • फीडबैक को साझा किया गया: इससे करदाता को वह तारीख पता चल जाएगी जिस दिन पुष्टि के लिए फीडबैक को रिपोर्टिंग स्रोत के साथ साझा किया गया है।
  • स्रोत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी: इससे करदाता को वह तारीख पता चल जाएगी जिस दिन रिपोर्टिंग स्रोत ने पुष्टिकरण के लिए उसके साथ साझा किए गए फीडबैक पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
  • स्रोत की प्रतिक्रिया या जवाब:  इससे करदाता को यह पता चल जाएगा कि करदाता के फीडबैक पर स्रोत द्वारा दी गई प्रतिक्रिया या जवाब क्‍या है (कोई संशोधन आवश्यक है या नहीं)।  

इस नई सुविधा से पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि यह करदाताओं के लिए इस तरह की जानकारी को एआईएस में दर्शाएगी। यह अनुपालन को आसान बनाने और करदाताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने की दिशा में आयकर विभाग की ओर से एक और अहम पहल है।

***

एमजी/एआर/आरआरएस 



(Release ID: 2020482) Visitor Counter : 381