संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

दूरसंचार विभाग अपनी तरह की पहली पहल के तहत "टेलीकॉम डिज़ाइन सहयोग स्प्रिंट" से जुड़े 15 स्टार्ट-अप और शिक्षा जगत को एक मंच पर  लाया


विभिन्न स्टार्टअप और अन्य भागीदार डीप-टेक त्वरित विचार-विमर्श एवं समाधान विकास में लगे हुए हैं

इसका उद्देश्य भविष्य के लिए तैयार दूरसंचार इकोसिस्‍टम के लिए मार्ग प्रशस्त करना है

Posted On: 09 MAY 2024 5:07PM by PIB Delhi

दूरसंचार विभाग (डीओटी) एक नई और अलग तरह की पहल करते हुए "टेलीकॉम डिजाइन सहयोग स्प्रिंट" के तहत स्टार्ट-अप/एमएसएमई, शिक्षा जगत और शोध संस्‍थानों को एक मंच पर लाया है। इस स्प्रिंट का आयोजन दूरसंचार विभाग द्वारा आईआईआईटी, बेंगलूरु में किया गया। रेडियो एक्सेस नेटवर्क (आरएएन) में शामिल 15 अग्रणी स्टार्टअप/एमएसएमई, कोर इकोसिस्टम, आईआईटी मद्रास, सी-डॉट, आईआईटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों और अन्य नेटवर्क संस्थाओं ने इस स्प्रिंट में भाग लिया।

यह सहयोग व्यापक 5जी समाधान को शामिल करते हुए एक समन्वित और भविष्य के लिए तैयार टेलीकॉम स्टैक विकसित करने और 6जी में भविष्य की प्रगति के लिए मंच तैयार करने की दिशा में डीप-टेक तेजी से विचार और अभिनव समाधान में लगा हुआ है। यह स्प्रिंट तीन मुख्‍य उद्देश्यों से प्रेरित है:

1. सामूहिक शक्तियों का लाभ उठाना: इस स्प्रिंट ने स्टार्टअप्स को महत्वपूर्ण 5जी अवसंरचना क्षेत्रों में विशेषज्ञता को संयोजित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और एक सामान्य दूरसंचार स्टैक विकास को गति देने में सक्षम बनाया।

2. समग्र समाधानों को बढ़ावा देना: सहयोग के माध्यम से, स्टार्टअप का लक्ष्य व्यापक 5जी समाधान तैयार करना, उद्योग की आवश्‍यकताओं पर ध्यान देना और भविष्य की प्रगति के लिए तैयारी करना है।

3. बाज़ार के अवसर पैदा करना: प्रयासों को समन्वित करके, यह बाज़ार की संभावनाओं को मूर्त रूप देना चाहता है, जिससे स्टार्टअप्स को दूरसंचार परिदृश्य में प्रतिस्पर्धा करने और बढ़ने के लिए सशक्त बनाया जा सके।


 

स्प्रिंट कार्यक्रम के दौरान गहन और व्यापक विचार-विमर्श के बाद, भारतीय दूरसंचार इकोसिस्‍टम में कमियों को दूर करने और 6जी एवं अन्य आगामी प्रौद्योगिकियों के लिए तैयार होने के लिए परिणाम-आधारित केंद्रित समूहों का गठन किया गया। ये समूह वर्तमान कमियों को दूर करने और भविष्य की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए उपयुक्त समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्य अवसंरचना, वितरण इकाइयों (डीयू), रेडियो इकाइयों (आरयू), केंद्रीय इकाइयों (सीयू) और अन्य तत्वों जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। दो कार्यदलों का भी गठन किया गया।

प्रतिभागियों ने इस अग्रणी पहल की सराहना की और इसे उद्योग में अपनी तरह का पहला प्रयास बताया। प्रतिभ‍ागियों ने सहयोग में भी रुचि व्यक्त की और दूरसंचार विभाग से ऐसी पहलों को जारी रखने का आग्रह किया।

स्प्रिंट 5जी युग और उसके बाद भारत के दूरसंचार क्षेत्र को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने एवं औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। स्टार्ट-अप और एमएसएमई की विशिष्ट शक्तियों और क्षमता को शिक्षा तथा उद्योग के साथ एक साथ लाकर, दूरसंचार विभाग का लक्ष्य 6जी प्रौद्योगिकी की ओर आगे बढ़ने पर जोर देने के साथ एक मजबूत और दूरंदेशी मोबाइल टेलीकॉम स्टैक का सृजन करना है।

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