संस्‍कृति मंत्रालय

भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी) ने एक नया लोगो और आदर्श वाक्य अपनाया


भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग के लोगो और आदर्श वाक्य डिजाइन प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा

Posted On: 25 APR 2024 2:41PM by PIB Delhi

भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी), अभिलेखीय मामलों पर एक शीर्ष सलाहकार निकाय है। यह अभिलेखों के प्रबंधन और ऐतिहासिक अनुसंधान के लिए उनके उपयोग पर भारत सरकार को परामर्श देने के लिए रचनाकारों, संरक्षकों और अभिलेखों के उपयोगकर्ताओं के एक अखिल भारतीय मंच के रूप में कार्य करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी। इसका नेतृत्व केंद्रीय संस्कृति मंत्री करते हैं।

आईएचआरसी की विशिष्ट पहचान और प्रस्तुत लोकाचार को स्पष्ट रूप से संप्रेषित करने के लिए, लोगो और आदर्श वाक्य के लिए डिज़ाइन आमंत्रित किये गये थे। इसके लिए वर्ष 2023 में MyGov पोर्टल पर एक ऑनलाइन प्रतियोगिता शुरू की गई थी। इस प्रतिक्रिया में कुल 436 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं।

इस प्रतियोगिता में श्री शौर्य प्रताप सिंह (दिल्ली) द्वारा प्रस्तुत निम्न लोगो और आदर्श वाक्य प्रविष्टि को विजेता के रूप में चुना गया है:

यह लोगो पूरी तरह से भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग की थीम और विशिष्टता को अभिव्यक्त करता है। कमल की पंखुड़ियों के आकार के पृष्ठ भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग को ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए लचीले नोडल संस्थान के रूप में दर्शाते हैं। मध्य में सारनाथ स्तंभ भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतिनिधित्व करता है। रंग थीम के रूप में भूरा रंग भारत के ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन और सम्मान के संगठन के मिशन को सुदृढ़ करता है।

आदर्श वाक्य का अनुवाद इस प्रकार है "जहां इतिहास भविष्य के लिए संरक्षित है।" यह आदर्श वाक्य भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग और उसके कार्य के लिए बहुत महत्व रखता है। भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग ऐतिहासिक दस्तावेजों, पांडुलिपियों, ऐतिहासिक जानकारी के अन्य स्रोतों की पहचान करने, एकत्र करने, सूचीबद्ध करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा करके आयोग यह सुनिश्चित करता है कि मूल्यवान ऐतिहासिक ज्ञान भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहे। इसलिए, आदर्श वाक्य ऐतिहासिक दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए इन्हें सुलभ बनाने की आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

लोगो और आदर्श वाक्य के लिए निम्न प्रविष्टियों को चार-चार सांत्वना पुरस्कार दिये गये हैं:

प्रतीक चिन्ह

1. सुश्री मनस्वी चंदवास्कर (इंदौर, मध्य प्रदेश)

2. सुश्री दीपिका मंडल (बेंगलुरु, कर्नाटक)

3. सुश्री नोनंदा वर्मा (जोधपुर, राजस्थान)

4. सुश्री शिवांशी चौहान (चुट्टमलपुर, उत्तराखंड)

आदर्श वाक्य

1. सुश्री जसनीत कौर (एसएएस नगर, पंजाब)

2. नरेश अग्रवाल (इंदौर, मध्य प्रदेश)

3. श्री राजू चटर्जी (कोलकाता, पश्चिम बंगाल)

4. श्री रिंकल (भरूच, गुजरात)

विजेता प्रविष्टि को 50,000/- रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा। लोगो और आदर्श वाक्य के लिए चयनित सभी चार-चार प्रविष्टियों में से प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये की राशि सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाएगी।

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