संस्कृति मंत्रालय
श्रीनगर में राष्ट्रीय पुरालेखपाल समिति की 47वीं बैठक आयोजित की गई
अभिलेखागार को फिर से जीवंत करने और इस तक पहुंच को सुलभ बनाने के लिए डिजिटल व एआई प्रौद्योगिकियों की पूरी क्षमता का लाभ उठाने की जरूरत पर जोर दिया गया
Posted On:
20 MAR 2024 12:53PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय पुरालेखपाल समिति (एनसीए) की दो दिवसीय 47वीं बैठक 19 मार्च, 2024 को श्रीनगर स्थित शेर-ए कश्मीर कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में संपन्न हुई। इसमें दिल्ली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नगालैंड, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। वहीं, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल हुए।
इस दो दिवसीय बैठक के दौरान प्रतिनिधियों ने अपने संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों में अभिलेखागार प्रशासन और रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली को फिर से जीवित करने के लिए आवश्यक विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। साथ ही इस उद्देश्य के लिए डिजिटल और एआई प्रौद्योगिकियों की पूरी क्षमता का लाभ उठाने की जरूरत को रेखांकित किया। वे राष्ट्र की समृद्ध दस्तावेजी विरासत को संरक्षित व साझा करने और अपने अभिलेखीय संसाधनों को वेब-पोर्टल के माध्यम से सुलभ बनाने के लिए एक केंद्रित व ठोस दृष्टिकोण अपनाने पर सहमत हुए।
इसके अलावा प्रतिनिधियों ने अभिलेखों के डिजिटलीकरण के संबंध में दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने को लेकर भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार से मार्गदर्शन की भी मांग की। वहीं, इस बात पर भी सहमति बनी कि एनसीए को एनएआई, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के सार्वजनिक अभिलेखागार में मौखिक अभिलेखागार और गैर-पारंपरिक अभिलेखीय स्रोतों के एकीकरण जैसे नए क्षेत्रों का भी पता लगाना चाहिए।
अभिलेखागार के महानिदेशक और एनसीए के अध्यक्ष व संयोजक श्री अरुण सिंगल ने अपने संबोधन में पूरे भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अभिलेखागार में रखे गए सार्वजनिक व निजी रिकॉर्ड में निहित मूल्यवान जानकारी को उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट के माध्यम से सुलभ बनाकर इसके लोकतंत्रीकरण की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी विषय पर एकीकृत खोज परिणाम प्रदान करने के लिए भारत में अभिलेखीय संस्थानों के बीच सहभागिता महत्वपूर्ण है, जिस पर अभिलेखीय सामग्री विभिन्न कोष (रिपोजिटरी) में उपलब्ध हो सकती है।
श्री सिंघल ने देश में अभिलेखागार के विकास के लिए 10 सूत्रीय रोडमैप प्रस्तुत किया। ये हैं:
(1) जानिए कि आपके पास क्या है,
(2) विश्व को बताइए कि आपके पास क्या है,
(3) इसे बनाए रखना,
(4) पहुंच को सुगम बनाना,
(5) अपने संग्रह को डिजिटाइज़ करना,
(6) जहां आवश्यक हो मरम्मत और रखरखाव करना,
(7) एक वेब पोर्टल विकसित करना,
(8) लोगों तक पहुंचना,
(9) संचालन प्रक्रियाओं को मानकीकृत करना, और
(10) अन्वेषण करना और सहयोग करना
एनसीए की अगली बैठक साल 2024 के अंत में गुजरात में आयोजित की जाएगी।
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