कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय

सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) ने बांग्लादेश के लोक सेवकों के 71वें बैच को प्रशिक्षण प्रदान किया, इस कार्यक्रम में बांग्लादेश के 40 लोक सेवा अधिकारियों ने हिस्सा लिया


पिछले दशक (2014-2024) में बांग्लादेश के 2600 लोक सेवा अधिकारियों ने एनसीजीजी में प्रशिक्षण प्राप्त किया

एनसीजीजी के महानिदेशक और डीएआरपीजी के सचिव श्री वी श्रीनिवास ने समापन समारोह को संबोधित किया

Posted On: 15 MAR 2024 6:16PM by PIB Delhi

विदेश मंत्रालय (एमईए) की साझेदारी में सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) की ओर से बांग्लादेश के लोक सेवकों के लिए दो सप्ताह तक संचालित क्षमता निर्माण कार्यक्रम (सीबीपी) का समापन 15 मार्च, 2024 को हुआ। इस कार्यक्रम के तहत बांग्लादेश के लोक सेवकों का यह 71वां बैच था। एनसीजीजी ने 1,500 लोक सेवकों के लिए सीबीपी के पहले चरण के पूरा होने के बाद साल 2025 तक अतिरिक्त 1,800 लोक सेवकों की क्षमता बढ़ाने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। एनसीजीजी पहले ही बांग्लादेश के 983 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान कर चुका है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) को 'इंस्टीट्यूशन इन फोकस (फोकस संस्थान)' के रूप में चिन्हित किया है।

इस कार्यक्रम में समापन भाषण आईएएस, डीएआरपीजी व डीपीपीडब्ल्यू के सचिव और एनसीजीजी के महानिदेशक श्री वी श्रीनिवास ने दिया। अपने इस भाषण में श्री वी. श्रीनिवास ने नीति सिद्धांत "अधिकतम शासन- न्यूनतम सरकार" के तहत नागरिकों और सरकार के बीच की दूरी को समाप्त करने में तकनीक की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, भारत की नीति डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण और संस्थानों के डिजिटल रूपांतरण पर केंद्रित है। सीपीजीआरएएमएस का उपयोग करके प्रभावी शिकायत निवारण, ई-सेवाओं पर केंद्रित सचिवालय सुधार और एकीकृत सेवा पोर्टल के माध्यम से सेवा वितरण में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया है। भारत ई-सेवाओं के रूप में 16,000 से अधिक सेवाएं प्रदान कर रहा है, जिससे लाखों नागरिकों को लाभ हो रहा है। इसके अलावा उन्होंने बांग्लादेश लोक सेवा अधिकारियों की समूह कार्य प्रस्तुतियों की भी सराहना की। उन्होंने प्रतिभागियों को इस दो सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम से प्राप्त शिक्षण को नए विचारों व सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के रूप में आगे बढ़ाने और शासन के लिए राष्ट्र प्रथम-नागरिक प्रथम दृष्टिकोण के लिए एक नमूने के रूप में उपयोग करने की सलाह दी।

वहीं, बांग्लादेश के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम के डिजाइन और क्षेत्र के काफी योग्य विशेषज्ञों व रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सुनने और उनके साथ चर्चा करने के अवसर की सराहना की। अब तक विदेश मंत्रालय और ढाका स्थित भारतीय मिशन के सहयोग से एनसीजीजी ने बांग्लादेश के लगभग 2600 लोक सेवकों को प्रशिक्षित किया है।

क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तहत निर्धारित पाठ्यक्रम के समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह ने इसमें शामिल विषयों की विविधता को रेखांकित किया। इनमें शासन, डिजिटल रूपांतरण, विकासात्मक योजनाएं और टिकाऊ अभ्यासों के विभिन्न पहलू शामिल हैं। वहीं, कवर किए गए विषयों में शासन के बदलते प्रतिमान, आपदा प्रबंधन, अखिल भारतीय सेवाओं का एक सिंहावलोकन, नेतृत्व व संचार, ई-शासन, डिजिटल इंडिया, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण, भ्रष्टाचार-रोधी रणनीतियां, स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल प्रशासन और अन्य शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रदर्शन (एक्सपोजर) दौरे में हिस्सा लेने का बहुमूल्य अवसर प्राप्त हुआ, जो उनकी समग्र शिक्षण की यात्रा को संवर्द्धित करने वाला था। इन नियोजित दौरों में सहारनपुर जिला प्रशासन, आईटीडीए, वन अनुसंधान संस्थान- देहरादून, भारत अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र व चुनाव प्रबंधन संस्थान और प्रधानमंत्री संग्रहालय सहित अन्य शामिल थे। इसके अलावा प्रतिभागियों ने ताज महल का भी दौरा किया।

एनसीजीजी ने विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में 17 देशों के लोक सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। इनमें बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, इथियोपिया, इरेट्रिया, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार और कंबोडिया हैं। बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए एनसीजीजी देशों की विस्तारित सूची से अधिक संख्या में लोक सेवकों को समायोजित करने के लिए सक्रिय रूप से अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है। इस विस्तार का उद्देश्य बढ़ती मांग को पूरा करना और यह सुनिश्चित करना है कि एनसीजीजी की ओर से दी जाने वाली विशेषज्ञता व संसाधनों से अधिक राष्ट्र लाभान्वित हो सकें। इस पूरे क्षमता निर्माण कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह, सह-पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. मुकेश भंडारी, कार्यक्रम सहायक श्री संजय दत्त पंत और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम ने की।

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एमजी/एआर/एचकेपी/ डीके



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