प्रधानमंत्री कार्यालय

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में 'विकसित भारत विकसित पश्चिम बंगाल' कार्यक्रम को संबोधित किया


पश्चिम बंगाल में 4500 करोड़ रुपये से अधिक की रेल और सड़क क्षेत्र की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया

रेल लाइनों के विद्युतीकरण और कई अन्य महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया

सिलीगुड़ी और राधिकापुर के बीच नई यात्री ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई

3,100 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएओं का उद्घाटन किया

"आज की परियोजनाएं विकसित पश्चिम बंगाल की ओर एक और कदम हैं"

"हमारी सरकार पूर्वी भारत को देश के विकास इंजन मानती है"

"इन 10 वर्षों में, हमने रेलवे के विकास को प्रैसेन्जर से एक्सप्रेस गति तक पहुंचाया है, हमारे तीसरे कार्यकाल में, यह सुपरफास्ट गति से आगे बढ़ेगा"

Posted On: 09 MAR 2024 5:19PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में 'विकसित भारत विकसित पश्चिम बंगाल' कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में 4500 करोड़ रुपये से अधिक की रेल और सड़क क्षेत्र की कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया और इन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने चाय बागानों की सुंदर धरती पर उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने आज की परियोजनाओं को पश्चिम बंगाल के विकास की दिशा में एक और कदम बताया।

प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार है और पड़ोसी देशों के साथ व्यापार के माध्यम भी प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य के उत्तरी भाग के साथ-साथ पश्चिम बंगाल का विकास सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने आधुनिक रेल और सड़क बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया और एकलाखी-बालुरघाट, रानीनगर जलपाईगुड़ी-हल्दीबाड़ी और सिलीगुड़ी-अलुआबाड़ी खंडों पर रेल लाइनों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने का उल्लेख किया, जिससे उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, कूचबिहार और जलपाईगुड़ी के क्षेत्रों में ट्रेनों की गति बढ़ जाएगी, जबकि सिलीगुड़ी-समुक्तला मार्ग से निकटवर्ती वन क्षेत्रों में प्रदूषण कम होगा। उन्होंने कहा कि बारसोई-राधिकापुर खंड के विद्युतीकरण से बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने राधिकापुर और सिलीगुड़ी के बीच नई ट्रेन सेवा का शुभारंभ करने का संदर्भ देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में रेलवे के मजबूत होने से विकास की नई संभावनाओं को गति मिलेगी और आम लोगों का जीवन आसान हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में ट्रेनों की गति को शेष भारत के समान बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और आधुनिक तेज़ गति की रेलों का शुभारंभ किया जा रहा है। उन्होंने बांग्लादेश के साथ रेल कनेक्टिविटी का भी उल्लेख किया जिसके तहत मिताली एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी से ढाका कैंट तक चल रही है और बांग्लादेश सरकार के सहयोग से कनेक्टिविटी को राधिकापुर स्टेशन तक बढ़ाया जा रहा है।

स्वतंत्रता के बाद के दशकों में, पूर्वी भारत के हितों की उपेक्षा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार पूर्वी भारत को देश का विकास इंजन मानती है। इसीलिए क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल का वार्षिक औसत रेल बजट जो सिर्फ 4,000 करोड़ रुपये था, वह अब बढ़कर 14,000 करोड़ रुपये हो गया है। प्रधानमंत्री ने उत्तर बंगाल से गुवाहाटी और हावड़ा तक सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन और 500 अमृत भारत स्टेशनों में सिलीगुड़ी स्टेशन को शामिल करने की भी चर्चा की, जिन्हें उन्नयन की योजनाओं में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन 10 वर्षों में, हमने रेलवे के विकास को पैसेन्जर से एक्सप्रेस गति तक पहुँचाया है। हमारे तीसरे कार्यकाल में यह सुपरफास्ट गति से आगे बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने उत्तरी पश्चिम बंगाल में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की दो सड़क परियोजनाओं के उद्घाटन पर चर्चा करते हुए कहा कि एनएच-27 के घोषपुकुर-धूपगुड़ी खंड को चार लेन का बनाने और इस्लामपुर बाईपास को चार लेन बनाने से जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी और मैनागुड़ी शहरों में ट्रैफिक जाम कम होगा साथ ही सिलिगुड़ी, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार के क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी भी मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डुआर, दार्जिलिंग, गंगटोक और मिरिक जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के व्यापार, उद्योग और चाय बागानों को भी बढ़ावा मिलेगा।

अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और आज की विकास परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई दी।

इस अवसर पर अन्य संसद सदस्यों और विधान सभा सदस्यों के अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री सीवी आनंद बोस, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रमाणिक और संसद सदस्य श्री राजू बिस्ता उपस्थित थे। 

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने उत्तर बंगाल और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को लाभ पहुंचाने वाली रेल लाइनों के विद्युतीकरण की कई परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में एकलाखी-बालुरघाट खंड; बारसोई-राधिकापुर खंड; रानीनगर जलपाईगुड़ी-हल्दीबाड़ी खंड; बागडोगरा के रास्ते सिलीगुड़ी-अलुआबारी खंड और सिलीगुड़ी-सिवोक-अलीपुरद्वार जंक्शन-समुक्तला (अलीपुरद्वार जंक्शन-न्यू कूच बिहार सहित) खंड शामिल है।

प्रधानमंत्री ने मणिग्राम-निमटीटा खंड में रेलवे लाइन के दोहरीकरण की परियोजना सहित न्यू जलपाईगुड़ी में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सहित अंबारी फालाकाटा-अलुआबारी में स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग जैसी अन्य महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को भी समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने सिलीगुड़ी और राधिकापुर के बीच एक नई यात्री ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। ये रेल परियोजनाएं रेल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, माल ढुलाई की सुविधा प्रदान करेंगी और क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में योगदान देंगी।

प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल में 3,100 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं में एनएच-27 का चार-लेन घोषपुकुर-धूपगुड़ी खंड और एनएच-27 पर चार-लेन इस्लामपुर बाईपास शामिल है। घोषपुकुर-धूपगुड़ी खंड पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का हिस्सा है। इस खंड के चार लेन बनने से उत्तर बंगाल और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी हो जाएगी। चार लेन वाला इस्लामपुर बाईपास इस्लामपुर शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगा। सड़क परियोजनाएं क्षेत्र में औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेंगी।

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