जनजातीय कार्य मंत्रालय

पीएम-जनमन के अंतर्गत पिछले 3 महीनों में 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं को मंजूरी; प्रधानमंत्री ने 15 जनवरी 2024 को पहली किस्त जारी की थी


25 दिसंबर 2023 से 100 से ज्यादा जिलों में डेटा संग्रह और सत्यापन को पूरा करने के लिए 10,000 से ज्यादा शिविरों का आयोजन किया गया

पिछले 4 महीनों में, 2 लाख से ज्यादा आधार कार्ड, 5 लाख आयुष्मान कार्ड, 50,000 जन धन खाते बनाए गए; वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) पट्टा प्राप्त करने वाले 5 लाख से ज्यादा जनजातीय परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हुआ

मिशन के अंतर्गत पहले घर का निर्माण 30 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ; बारां में 30 दिन में पहली सड़क बनकर तैयार हुई

आजादी के 75 वर्षों बाद मैसूर के जनजातीय गांव को मिला विद्युत कनेक्शन; एमएसडीसीएल ने 12 दिनों में महाराष्ट्र में 2,395 जनजातीय घरों में विद्युत की आपूर्ति की

Posted On: 08 MAR 2024 4:07PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर को पीए जनमन योजना की शुरुआत की थी, जो 24,000 करोड़ रुपये के परियोजना परिव्यय के साथ तीन वर्षों के लिए है।  पिछले 3 महीनों में, 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है जिसे संलग्नक में देखा जा सकता है। इनमें से अधिकांश परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्धता, डीपीआर तैयार करने, संबंधित राज्य के विभागों की मंजूरी और संबंधित 9 मंत्रालयों के अनुमोदन की आवश्यकता थी। अधिकांश राज्यों में, बजट परिव्यय का केंद्रीय हिस्सा जारी किया गया है, आवास, पानी, सड़क, बिजली, दूरसंचार और बहुउद्देशीय केंद्रों से संबंधित परियोजनाओं में निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं। कई राज्यों में जनवरी 2024 में स्वीकृत एमएमयू और आंगनवाड़ी क्रियाशील हो चुके हैं और वनधन केंद्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण शुरू हो गए हैं।

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, मिशन न्याय महा अभियान है और 24,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय द्वारा समर्थित है और इसमें पात्र परिवारों और बस्तियों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं।

  • 100 या उससे ज्यादा आबादी वाले गांव/बस्ती के लिए सड़क संपर्क
  • प्रत्येक बस्ती के लिए दूरसंचार संपर्क
  • स्थानीय रूप से पसंदीदा डिजाइन के अनुसार पक्का घर, जिसमें शौचालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था
  • कवर नहीं किए गए घरों के लिए ग्रिड द्वारा विद्युत और सौर उर्जा
  • स्कूल से जुड़े समर्पित छात्रावास और मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्थापना करके शिक्षा एंवं स्वास्थ्य तक बेहतर पहुंच प्रदान करना, जहां स्वास्थ्य केंद्र नहीं है
  • व्यावसायिक शिक्षा/कौशल तक बेहतर पहुंच

राज्यों द्वारा गतिशक्ति पोर्टल पर विकसित मोबाइल एप्लिकेशन द्वारा 30,000 बस्तियों का डेटा एकत्रित किया गया है और बस्ती स्तर पर विभिन्न अवसंरचनात्मक गैप का अनुमान लगाने के लिए राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन / विभागों द्वारा बस्ती स्तर पर सर्वेक्षण किए गए हैं। डेटा संग्रह और सत्यापन पूरा करने के लिए 25 दिसंबर 2023 से 100 से ज्यादा जिलों में 10,000 से ज्यादा शिविर आयोजित किए गए हैं। बस्ती स्तर के सर्वेक्षण के माध्यम से पहचाने गए गैप पीएम जनमन से जुड़े सभी 9 मंत्रालयों के लिए शुरुआती बिंदु हैं। संबंधित मंत्रालय अपने राज्य विभाग के माध्यम से अंतराल का सत्यापन करने के बाद राज्यों से प्रस्ताव आमंत्रित कर रहे हैं और मंजूरी प्रदान कर रहे हैं। पिछले 4 महीनों में, 2 लाख से ज्यादा आधार, 5 लाख आयुष्मान कार्ड, 50,000 जन धन खाते जारी किए गए हैं। एफआरए पट्टा पाने वाले 5 लाख से ज्यादा जनजातीय परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त हुआ है। आज की तारीख में स्वीकृत परियोजनाओं का मंत्रालय-वार ब्यौरा संलग्नक में दिया गया है। 

 

पिछले 3 महीनों में प्रधानमंत्री जनमन की प्रगति

मंत्रालय के नाम

गतिविधि

 

मिशन लक्ष्य (2023-

2026)

 

8 मार्च 2024

तक प्राप्त लक्ष्य

 

   

ग्रामीण विकास मंत्रालय

   

पक्के घरों का प्रावधान

   

4.90 लाख घर

   

1.7 लाख घरों को मंजूरी

   

संपर्क सड़क

8000 किमी सड़क

2800 किमी सड़क

जल शक्ति मंत्रालय

पाइप से पानी की आपूर्ति

कवर नहीं किए गए सभी घर

260506 एफएचटीसी प्रदान किए गए

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

मोबाइल चिकित्सा इकाई

1000 एमएमयू

300 एमएमयू

शिक्षा मंत्रालय

छात्रावासों का निर्माण और संचालन

500 छात्रावास

100 छात्रावास

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण और संचालन

2500

1050 आंगनवाड़ी केंद्र

जनजातीय कार्य मंत्रालय

वीडीवीके की स्थापना

500

502 वीडीवीके

बहुउद्देशीय केंद्र

1000

822 बहुउद्देशीय केंद्र

विद्युत मंत्रालय

अविद्युतीकृत एचएच का विद्युतीकरण

कवर नहीं किए गए सभी गांव/बस्ती

93712 एचएच

संचार मंत्रालय

मोबाइल टावरों की स्थापना

कवर नहीं किए गए सभी गांव/बस्ती

559 गांवों/बस्तियों का कवरेज

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय

नई सौर ऊर्जा योजना के अंतर्गत स्वीकृत परिवार

 

नई सौर ऊर्जा योजना के अंतर्गत 5067 घरों को मंजूरी प्रदान की गई

 

 

 

 

सफलता की कहानियां:

15 फरवरी 2024 भागचंद आदिवासी के जीवन के लिए एक यादगार दिन होगा, जो 15 नवंबर 2023 (जनजातीय गौरव दिवस) को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए पीएम जनमन के अंतर्गत बने पहले घर के मालिक बनें। घर का निर्माण एक महीने के रिकॉर्ड समय  पूरा हुआ, जिसकी पहली किस्त 50,000 रुपये 15 जनवरी 2024 को श्री मोदी द्वारा डीबीटी के माध्यम से जारी की गई थी। इसकी दूसरी और तीसरी किस्त 22 जनवरी और 26 जनवरी 2024 को जारी की गई थी। सहरिया समुदाय के दो अन्य सदस्य जिनका घर पक्का हुआ, उनमें ममता सहरिया और महेंद्र सिंह शिवपुरी के कालोधरा और डोंगर ग्राम पंचायत के निवासी हैं। मकान निर्माण के लिए 2.39 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है। घरों में एक शौचालय, बरामदा और खुला क्षेत्र शामिल है।

शिवपुरी के जिलाधिकारी रवेन्द्र कुमार ने कहा कि सर्वेक्षण में पाया गया कि जिले में 33,088 पीवीटीजी परिवारों के पास कच्चे मकान हैं। आवास पोर्टल पर आधार से जुड़े बैंक खाते के साथ 26,368 मकानों का पंजीकरण किया गया है जिससे धन का सीधा हस्तांतरण किया जा सके। 11,712 घरों को मंजूरी प्रदान गई है और 10,549 लाभार्थियों को 50,000 रुपये की पहली किस्त जारी गई है, जिन्हें इस राशि के साथ प्लिंथ तक निर्माण कार्य पूरा करना आवश्यक है। 75,000 रुपये की दूसरी किस्त का भुगतान 5354 लाभार्थियों को किया गया है, जिन्होंने पहली किस्त का उपयोग कर लिया है और आवास पोर्टल पर अपने घर को जियो टैग किया है। उन्हें लिंटेल (चौखट) तक निर्माण कार्य पूरा करना आवश्यक है। 75,000 रुपये की तीसरी किस्त 237 लाभार्थियों को प्रदान गई है जो इस राशि के साथ पूरा घर बनाएंगे। शौचालय निर्माण और मनरेगा मजदूरी के लिए 39,000 रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जाती है। 

 

घर आस-पास की बस्तियों में सैकड़ों अन्य निवासियों के लिए आकर्षण एवं प्रेरणा का स्रोत बन गया है, जो रिकॉर्ड अवधि में निर्मित घर को देखने के लिए ललायित हैं

शिवपुरी उन जिलों में से एक है जहां प्रधानमंत्री ने सहरिया जनजाति की श्रीमती ललिता आदिवासी और विद्या आदिवासी के साथ बातचीत की थी। शिवपुरी के जिलाधिकारी ने कहा कि ललिता और विद्या के निवास वाले दोनों मॉडल गांवों में कार्य प्रगति पर है और ग्रामीण अगले 5 माह में इसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहतन कर रहे हैं।

बारां राजस्थान का एकमात्र जिला है जहां सहरिया पीवीटीजी जनजाति निवास करती है, जिले के 8 ब्लॉकों में 149 ग्राम पंचायतों (324-राजस्व गांवों) में फैली 434 बस्तियों में 1,30,068 (33, 743 परिवार) की आबादी के साथ सहरिया पीवीटीजी जनजाति रहते हैं, जिलाधिकारियों के समन्वय से जनजाति कल्याण विभाग के माध्यम से राज्य द्वारा किए गए हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, किशनगंज और शाहबाद में इनकी सबसे बड़ी आबादी में है। बारां उन जिलों में से एक है जहां पीएम जनमन के अंतर्गत प्राप्त सभी मध्यवर्तनों में पर्याप्त प्रगति देखी गई है।

पक्के-घरों का प्रावधान: प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत जिले में 13275 पीएम-अवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 4200 आवासों का भूमि पूजन कर निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। 31 मार्च तक 1000 मकानों का निर्माण पूरा होने का अनुमान है।

जिलाधिकारी और स्थानीय विधायक द्वारा किए गए एक अनूठे पहल में, किशनगंज में स्वीकृत सभी घरों का भूमि पूजन 23 जनवरी 2024 को किया गया और 1341 लाभार्थियों को घर का निर्माण कैसे करवाएं, सामग्री की उपलब्धता और बाद की किस्तें प्राप्त करने की प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण दिया गया।

(पीएमएवाई घरों के लिए शिविरों में जिला प्रशासन द्वारा प्रशिक्षण दिया गया)

(पंचायत एवं जिला प्राधिकारियों द्वारा प्रगति की नियमित समीक्षा)

शिवपुरी में ललिता और विद्या द्वारा दिखाए गए मॉडल गावों से प्रेरित होकर समुदाय जिले में तीन स्थानों पर कोयला सहाराना, बस्थुनी सहाराना और संधारी सहराना के नाम से आदर्श बस्ती 'सहरिया-सहराना बस्ती' स्थापित करने के लिए बहुत उत्साहित हैं जिसमें सहरिया लाभार्थियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी जैसे पक्के मकान के साथ-साथ पक्की सड़कें, हर घर में नल जल, विद्युत एवं आंगनबाड़ी केंद्र की सुविधा आदि। बांरा के जिलाधिकारी ने इनमें से कुछ बस्तियों की तस्वीरें शेयर की हैं, जहां काम तेजी से हो रहा है।

 

(निर्माणाधीन बस्तियों की तस्वीरें)

संपर्क सड़कें (पीएमजीएसवाई): बारां में 39 सड़कें, जिनकी लंबाई 99.70 किलोमीटर है, के लिए 69.36 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। मंडोला छापर को छागरा बस्ती से जोड़ने वाली एक किमी लंबाई की एक सड़क पूरी हो चुकी है।  

15.29 करोड़ मूल्य की लागत वाले 11 सड़कों के लिए एनआईटी जारी किया गया है और यह 19 फरवरी को खुलेगा। 22 सड़कों के लिए प्रक्रिया चल रही है और सभी सड़कें दिसंबर 2024 तक पूरी हो जाएंगी।

बहुउद्देशीय केंद्रों (एमपीसी) का निर्माण: जिले में 16 एमपीसी को स्वीकृति प्रदान की गई हैं। सभी के लिए भूमि आवंटित किया गया है और निर्माण के लिए निविदा जारी की गई है। सभी 16 एमपीसी के लिए निर्माण कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। सभी एमपीसी सहरिया बस्ती में उप स्वास्थ्य केंद्र या आंगनबाड़ी केंद्र के साथ संचालित होंगी।    

आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण और संचालन: सभी केंद्रों के लिए भूमि आवंटित किया गया है और निर्माण प्रस्ताव प्रक्रिया में हैं। आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यकर्ताओं की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। सभी केंद्रों को पोषण अभियान के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन करने के लिये आवश्यक सामग्री एवं शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध करायी गई है। सभी 12 केंद्र मार्च माह से अस्थायी जगहों पर काम करना शुरू कर देंगे।

गैर-विद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण: जिले में 17,633 गैर-विद्युतीकृत घर हैं। फरवरी 2024 तक दिए गए 1000 कनेक्शन के साथ इन घरों के विद्युतीकरण का काम शुरू हो गया है। शेष कनेक्शनों के लिए योजना तैयार की गई है और सितंबर 2024 तक सभी घरों का विद्युतीकरण किया जाएगा।

मोबाइल चिकित्सा इकाई: वर्तमान समय में जिले में 7 एमएमयू कार्यरत हैं और महीने में दो बार प्रत्येक बस्ती का दौरा कर रहे हैं। 16 जनवरी 2024 से अबतक कुल-123 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, कुल उपस्थिति 7207 और प्रति शिविर औसत 58.6 है, जिसमें 3 ब्लॉक किशनगंज, शाहबाद और छाबड़ा में 55 बस्तियों को कवर किया गया है। एमएमयू सुविधाओं में ओपीडी सेवाएं, नि: शुल्क जांच (14), बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण, एएनसी सेवाएं, एनसीडी स्क्रीनिंग, टीबी स्क्रीनिंग शामिल हैं।

पीएम जनमन कार्यक्रम के अंतर्गत किए गए अन्य अवसंरचना कार्यों में शामिल हैं, सहरिया बच्चों के लिए 4 छात्रावास, 50 पीवीटीजी वीडीवीके, 6 मोबाइल टावर, 5500 सहरिया आबादी के लिए विभिन्न कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम।  

पूरे देश में कई ऐसी कहानियां हैं जो दर्शाती हैं कि कैसे आजादी के 75 वर्षों बाद पहली बार एक गांव या बस्ती को बिजली या पानी प्राप्त हुआ। इनमें से कुछ कहानियाँ इस प्रकार साझा की गई हैं:

  1. आजादी के 75 वर्षों के बाद मैसूर के जनजातीय बस्ती को मिला विद्युत कनेक्शन

बांदीपुर टाइगर रिजर्व के हेडियाला रेंज के किनारे पर एक जनजातीय बस्ती, जहां पीढ़ियों से बिजली नहीं पहुंची थी, हाल ही में वह चामुंडेश्वरी बिजली आपूर्ति निगम (सीईएससी) के पावर ग्रिड से जुड़ी है।

Electricity meter being installed at Kotanahalli Colonly hamlet which was without power for decades.

वन सीमा से सटे भौगोलिक स्थिति को देखते हुए ये 20 परिवार मुख्यधारा से कटे हुए थे और दशकों में अंधेरे में जीवनयापन कर रहे थे।

दिलचस्प बात यह है कि बस्ती के पास के गांवों में विद्युत कनेक्शन था, लेकिन कोथनहल्ली कॉलोनी में जेनू कुरुबा समुदाय के आदिवासी गांव के एक हिस्से को छोड़ दिया गया था और आजादी के बाद विद्युत कनेक्शन प्रदान करने में 75 वर्ष लग गए। स्थानीय ग्राम पंचायत सदस्य मुजीब ने कहा कि ये 20 परिवार वर्षों से बिना विद्युत के झोपड़ियों में जीवनयापन कर रहे हैं। लगभग 15 से 20 वर्ष पहले उनके लिए मकान बनाए गए थे लेकिन किसी कारणवश विद्युत आपूर्ति नहीं की गई और कई अनुरोधों के बावजूद समस्या का समाधान करने हेतु विद्युत की लाइनें प्रदान नहीं की गईं।

2. एमएससीडीसीएल  ने 12 दिनों में महाराष्ट्र में 2,395 जनजातीय घरों में विद्युत की आपूर्ति की

महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) ने सिर्फ 12 दिनों में राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में कमजोर जनजातीय समुदायों को विद्युत की आपूर्ति करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। पीएम जनमन मिशन के अंतर्गत, एमएसईडीसीएल ने विभिन्न जिलों में जनजातीय परिवारों के 2,395 घरों को विद्युत प्रदान की। उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने योजना के कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी, जो 15 नवंबर, 2023 को शुरू हुई थी।

सबसे पहले नासिक जिले के सिन्नार तालुका के थनगांव गांव के अशोक दगडू हिलाम के घर में विद्युत की आपूर्ति की गई। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले घर पर विद्युत की आपूर्ति की गई थी, हालांकि उन्होंने इसके लिए आवेदन नहीं किया था। सरकार ने विद्युत कनेक्शन प्रदान किया और बाद में उनके इलाके में रहने वाले 15 और परिवारों को विद्युत की आपूर्ति की गई।

ये प्रेरणादायक कहानियां प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जिन्होंने अगस्त 2021 में लाल किले की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, सरकार की योजनाओं के साथ हर गांव और घर को संतृप्त करने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री जनमन को 75 पीवीटीजी समुदायों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं में वंचित रह गए थे और इसलिए इस मिशन के माध्यम से उन्हें समर्थन देने की आवश्यकता है। यह मिशन सहकारी संघवाद और जन कल्याण के लिए संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का एक अनूठा उदाहरण भी है- आउटरीच, अभिसरण और संतृप्ति- सबका साथ- सबका विकास- सबका विश्वास-सबका प्रयास, जिसकी प्रधानमंत्री ने परिकल्पना की है, जहां 9 मंत्रालय 19 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 75 सबसे कमजोर समूहों के कल्याण के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। इन समुदायों को अपने स्थानों की सुदूरस्थता, जागरूकता का अभाव, भौतिक एवं डिजिटल संपर्क की कमी और योजनाबद्ध मानदंडों के कारण आजादी के 75 वर्षों के बाद भी भारत सरकार की अधिकांश योजनाओं से वंचित रहना पड़ा और इनका लाभ प्राप्त नहीं हो सका।

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एमजी/एआर/एके/एजे



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