विद्युत मंत्रालय
बिजली क्षेत्र भारत का एक ऐसा क्षेत्र है जो आपको लाभ पहुंचाएगा, इसकी मांग निरंतर बढ़ती रहेगी, सरकार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए बिजली क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है : ईटी नाऊ ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन में केंद्रीय बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह
हम जनरल नेटवर्क ऐक्सेस लाने वाले एकमात्र देश हैं, विश्व में कोई भी दूसरी ट्रांसमिशन प्रणाली हमारी बराबरी नहीं कर सकती : केंद्रीय बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री
Posted On:
11 FEB 2024 7:06PM by PIB Delhi
केंद्रीय बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने कहा है कि वर्तमान में और आगे वाले वर्षां में भारतीय अर्थव्यवस्था और बिजली सेक्टर की तेजी से बढ़ती हुई वृद्धि को देखते हुए भारत का बिजली क्षेत्र आने और इसमें निवेश करने की सबसे अच्छी जगह है। श्री सिंह ने 10 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में द टाइम्स समूह द्वारा आयोजित ईटी नाऊ ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र ‘‘ द ग्लोबल एनर्जी एजेंडा : ए लुक अहेड इन शेपिंग टूमौरोज एनर्जी लैंडस्केप ‘‘ को संबोधित करते हुए कहा ‘‘ हमारी जितनी बड़ी और विशाल कोई भी दूसरी अर्थव्यवस्था नहीं है। और हमें आगे बढ़ने के लिए बिजली की आवश्यकता है। बिजली सृजन और उपभोग 2024-15 की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत बढ़ गया है। प्रति व्यक्ति खपत भी लगभग इतनी ही बढ़ गई है। पिछले वर्ष की तुलना में, इसमें 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसलिए,यह एक ऐसा सेक्टर है जो आपको लाभ पहुंचाएगा। मांग में निरंतर वृद्धि होती रहेगी और हमारी चुनौती यह सुनिश्चित करने की है कि आपूर्ति मांग के अनुरुप बनी रही। ‘‘
बिजली सेक्टर में आए रूपांतरण की चर्चा करते हुए बिजली मंत्री ने व्यवसाय समुदाय को कहा कि पहले बिजली क्षेत्र ने निवेश न करने का निर्णय लिया था। श्री सिंह ने कहा ‘‘ लेकिन अब, कोई भी दीर्घ अवधि के बिजली खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहता क्योंकि बाजार में तेजी है और यह अधिक लाभदायक है जिससे इस सेक्टर में निरंतर निवेश हो रहा है। ‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘ अगर बिजली सेक्टर में इतनी तेजी से वृद्धि नहीं हुई होती तो हमारी अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हुई होती, जितनी अब बढ़ रही है। ‘‘
श्री सिंह ने बताया कि सरकार ने बिजली आपूर्तिकर्ताओं के लिए स्वचालित भुगतान व्यवस्था के साथ प्रणाली को पारदर्शी बनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘ पहले, हमारे पास लगभग 70 गीगावॉट बिजली क्षमता थी जो वित्तीय रूप से कमजोर थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि राज्य सरकारें सब्सिडी की घोषणा तो कर देती थीं लेकिन उनका भुगतान नहीं करती थीं। कलेक्शन और बिलिंग क्षमताएं कम थीं। जेनको का बकाया लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का था। बिजली आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान 6-8 महीने की किस्तों में होता था। एटी एंड सी नुकसान लगभग 27 प्रतिशत था। एसीएस-एआरआर का अंतर लगभग एक रुपया था। ‘‘
बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र का रूपांतरण कर दिया है और यह निरंतर बढ़ता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ हम एटी एंड सी नुकसान को कम कर लगभग 15 प्रतिशत पर ले आए हैं और एसीएस-एआरआर का अंतर घट कर पिछले वर्ष 15 पैसे का रह गया। जेनको का लंबे समय से चला आ रहा बकाया कम होकर 42,000 करोड़ रुपये रह गया है और यह भी लगभग 7-8 महीनों में खत्म हो जाएगा जबकि वर्तमान बकाये का लगभग पूरा भुगतान किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की औसत प्रतिदिन की उपलब्धता 2015 के 12.5 घंटों से बढ़ कर आज 22.5 घंटे तक पहुंच चुकी है। शहरी क्षेत्रों में, यह लगभग 23 घंटे है। ‘‘
श्री सिंह ने बताया कि उन्होंने इसकी प्रणाली को राजनीति से दूर रखने और निशुल्क की घोषणाओं के माध्यम से एक राजनीतिक उपकरण के रूप में बिजली के इस्तेमाल पर रोक लगाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा संदेश यह है कि आपको बिजली के लिए भुगतान करना होगा और हमने ऐसे नियम बनाये हैं जो इसे लागू करते हैं जिससे कि सब्सिडी का हिसाब रखा जा सके कि यदि सब्सिडी का पैसा अग्रिम रूप से नहीं दिया गया है तो सब्सिडी नहीं दी जाएगी। हमने हर चीज को सशर्त बना दिया है , अगर आप बिजली के लिए भुगतान नहीं करते हैं तो आपको बिजली नहीं मिलेगी। ‘‘
बिजली क्षेत्र के पीएसयू के निष्पादन की चर्चा करते हुए, श्री सिंह ने कि हाल के वर्षों में उनके शेयरों की कीमत 2.5-3 गुना बढ़ गई है और वे बढ़ती रहेंगी क्योंकि बिजली सेक्टर वह जगह है जहां मांग बढ़ रही है और वहां हम नई चीजें और आगे बढ़ रहे हैं। ‘‘
इस सवाल का जवाब देते हुए कि बदलाव कैसे लाया गया है, श्री सिंह ने कहा कि हमारा स्टाफ प्रतिभाशाली है - पीएसयू उद्योग में कुछ बेहतरीन लोगों की भर्ती करते हैं, उन्हें बहुत अच्छा वेतन देते हैं, उन्हें बहुत अच्छी कामकाजी परिस्थितियाँ प्रदान करते हैं और उन्हें विश्वास दिलाते हैं। निर्णय लेने के लिए मैंने अधिकारियों को निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया है, और उनसे कहा है कि यदि आप कोई गलती करते हैं, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। यह केवल लोग ही तय करते हैं कि कौन गलतियाँ करता है। और मैं मानता हूं कि मेरे अधिकारियों ने नेक इरादे वाले फैसले लिए हैं, जब तक कि कोई गलत इरादा साबित न हो जाए। मैंने अपने अधिकारियों को आगे बढ़ने और निर्णय लेने का विश्वास दिलाने की कोशिश की है।''
श्री सिंह ने कहा कि विवाद समाधान तंत्र की स्थापना एक और सुधार उपाय रहा है। श्री सिंह ने कहा “हमने सामान्य मध्यस्थता तंत्र को दरकिनार कर दिया जिसमें 6-7 साल लगते हैं और एक विवाद समाधान तंत्र स्थापित किया है। यह पनबिजली परियोजनाओं में एक बड़ी बाधा थी जहां हमें भूगर्भीय आश्चर्यों का सामना करना पड़ता है है, जिससे विवाद पैदा होते हैं। परिणामस्वरूप, निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है।”
श्री सिंह ने कहा कि बिजली की पीक मांग 2014 में 136 गीगावॉट से बढ़कर आज 240 गीगावॉट से अधिक हो गई है, सरकार अतिरिक्त बिजली क्षमता जोड़ने के लिए कोशिश कर रही है। श्री सिंह ने कहा “हमारे पास निर्माणाधीन 27 गीगावॉट थर्मल पावर क्षमता है, लगभग 12 गीगावॉट की बोली लगाई जा चुकी है और अन्य 19 गीगावॉट मंजूरी के विभिन्न चरणों में है। 2030 तक, लगभग 90 गीगावॉट थर्मल पावर क्षमता जोड़ी जाएगी। नवीकरणीय ऊर्जा में, 103 गीगावॉट निर्माणाधीन है, 71 गीगावॉट बोली के अधीन है और कुल क्षमता लगभग 180 गीगावॉट है। हाइड्रो में, हमारे पास लगभग 18 गीगावॉट निर्माणाधीन है और 15 गीगावॉट सर्वेक्षण और जांच के अधीन है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार यथासंभव तेजी से नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दे रही है क्योंकि सौर ऊर्जा की निर्माण अवधि लगभग 18 महीने है, जो ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में कम है।
श्री सिंह ने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि की वृद्धि दुनिया में सबसे तेज है। श्री सिंह ने कहा “गैर-जीवाश्म-ईंधन क्षमता पहले से ही कुल बिजली क्षमता का 44 प्रतिशत है। हमने पहले ही अपनी एनडीसी प्रतिबद्धताएं हासिल कर ली हैं और अब, हम 2030 तक गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से कुल क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता को पार करने की उम्मीद कर रहे हैं; तब तक हम 65 प्रतिशत गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से प्राप्त कर लेंगे।”
श्री सिंह ने बताया कि सरकार ने वेनिला सौर, वेनिला पवन के साथ शुरुआत की, फिर पवन-सौर हाइब्रिड, ऊर्जा भंडारण के साथ पवन-सौर हाइब्रिड और अब भंडारण के रूप में हरित हाइड्रोजन के साथ अपतटीय पवन और चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रही है। श्री सिंह ने कहा कि सरकार ग्रिड स्केल स्टोरेज के निर्माण के लिए क्षमता स्थापित कर रही है और पंप स्टोरेज पावर परियोजनाओं की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।
श्री सिंह ने बताया कि भारत की बिजली ट्रांसमिशन प्रणाली दुनिया की किसी भी अन्य ट्रांसमिशन प्रणाली की तुलना में नियमों, प्रक्रियाओं, कनेक्टिविटी और गति के मामले में बहुत आगे है। श्री सिंह ने कहा “हम सामान्य नेटवर्क एक्सेस लाने वाले एकमात्र देश हैं। हम इतनी तेजी से और बहुत ही सरल तरीके से कनेक्टिविटी देते हैं। दुनिया में कोई भी अन्य ट्रांसमिशन सिस्टम इसकी बराबरी नहीं कर सकता।” श्री सिंह ने कहा कि जिस गति से भारत ने ट्रांसमिशन क्षमता बढ़ाई है, कोई अन्य देश उसकी बराबरी नहीं कर सकता।
ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट सत्र यहां देखा जा सकता है।
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(Release ID: 2005104)
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