नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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सरकार ने तमिलनाडु के समुद्र तट पर 4 गीगावॉट अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं

Posted On: 02 FEB 2024 5:33PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने 4 गीगावॉट की कुल क्षमता की समुद्र तट पर पवन ऊर्जा के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से तमिलनाडु के समुद्र तट पर अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए खुली पहुंच के आधार पर प्रत्येक 1 गीगावॉट के चार खंडों के लिए आमंत्रित बोलियां हैं। इस व्यवस्था के अंतर्गत, प्रत्येक खंड के लिए बोली जीतने वाले डेवलपर्स 1 गीगावॉट अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित करेंगे और ओपन एक्सेस व्यवस्था के अंतर्गत सीधे उपभोक्ताओं को बिजली बेचेंगे। ओपन एक्सेस बोलियों के अंतर्गत कोई व्यवहार्यता गैप फंडिंग (वीजीएफ) नहीं दी जाती है और उत्पन्न नवीकरणीय ऊर्जा उद्योगों जैसी संस्थाओं को बेची जाएगी जो वर्तमान में उच्च-टैरिफ बैंड में हैं।

अपतटीय पवन के अनेक लाभ हैं। यह भूमि की उपलब्धता की बाधाओं को दूर करता है; इसमें उच्च क्षमता उपयोग फ़ंक्शन (सीयूएफ) है - जो लगभग 50 प्रतिशत है। इसके अलावा, अपतटीय पवन टर्बाइनों की क्षमताएं ऑन-शोर पवन टर्बाइनों की तुलना में अधिक हैं; प्रत्येक टरबाइन 15 मेगावाट की है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी) के माध्यम से ऑफ-शोर पवन ऊर्जा बोलियां आमंत्रित की गई हैं। सभी आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के बाद बोलियां आमंत्रित की जा रही हैं। निविदा आमंत्रण सूचना यहाँ पर प्राप्त की जा सकती है।

भारत पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभरा है। यह कदम भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा को एक और आयाम में ले जाएगा।

अपतटीय पवन ऊर्जा पर अधिक जानकारी के लिए https://mnre.gov.in/off-shore-wind/ पर क्लिक कीजिए।

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