खान मंत्रालय
खान मंत्रालय की वर्षांत समीक्षा 2023
वर्ष 2023 के दौरान खान मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण सुधार एवं पहल किए
विभिन्न नीतिगत उपाय किए गए और अधिनियमों में संशोधन हुए
महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों की सूची में 24 खनिज शामिल, ऐसे खनिजों के लिए पहली बार शुरू की गई नीलामी प्रक्रिया
खनिज अन्वेषण एवं प्रसंस्करण में नवीनतम प्रौद्योगिकी एवं निजी क्षेत्र को आकर्षित करने का प्रयास
खनन प्रभावित क्षेत्रों और लोगों के जीवन में बदलाव के लिए जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के जरिये उपलब्ध कराई गई राशि
खान मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय खनन कार्यक्रमों में अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया
वर्ष 2023-24 में दिसंबर तक भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा 58 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की गईं
एनएमईटी द्वारा 419.48 करोड़ रुपये की 51 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं स्वीकृत हुईं
मजबूती से उभरे सभी सहायक संगठन एवं अधीनस्थ कार्यालय
Posted On:
29 DEC 2023 12:05PM by PIB Delhi
'मजबूत खनन एवं खनिज क्षेत्र के बिना आत्मनिर्भरता संभव नहीं है, क्योंकि खनिज एवं खनन हमारी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।'- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप खान मंत्रालय ने वर्ष 2023 के दौरान तमाम नीतिगत पहलों, सुधारों और अधिनियमों एवं नियमों में संशोधन के साथ महत्वपूर्ण मंत्रालयों के बीच अपने लिए एक अनोखा स्थान बनाया। इन सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था को और गति देने का मार्ग प्रशस्त होगा जो फिलहाल दुनिया की एक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इन कदमों में हमारी अर्थव्यवस्था के रणनीतिक क्षेत्रों को प्रभावित करने वाली प्रमुख पहल भी शामिल हैं। वर्ष 2023 के दौरान खान मंत्रालय द्वारा किए गए प्रमुख सुधार/पहल इस प्रकार हैं:-
- भारत के लिए महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के पहले चरण की नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ
- खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023
- अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023
- प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के अधिक प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के नियमों/ प्रावधानों को सुव्यवस्थित करना
- रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों और उर्वरक खनिजों के लिए भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) द्वारा अन्वेषण गतिविधियों को आगे बढ़ाया गया
- खनन क्षेत्र में द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग को मजबूती दी गई
- भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ 2023) में पहली बार सफल भागीदारी और खनन पविल्यन की स्थापना
हमारी अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को अतिरिक्त फायदा पहुंचाने वाली उपरोक्त पहलों/ उपलब्धियों की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-
महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों के पहले चरण की नीलामी का शुभारंभ
केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने 29 नवंबर 2023 को महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों के पहले चरण की नीलामी का शुभारंभ किया। इसमें 8 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ग्रेफाइट, लीथियम, ग्लौकोनाइट, पोटाश, निकेल आदि खनिजों के 20 ब्लॉक (4 एमएल और 16 सीएल) शामिल हैं। इन खनिजों की नीलामी एवं उत्खनन से महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, राष्ट्रीय सुरक्षा बेहतर होगी और एक स्वच्छ ऊर्जा भविष्य के लिए बदलाव को गति मिलेगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों के पहले चरण की नीलामी के शुभारंभ के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए
निविदा दस्तावेज की बिक्री की शुरुआत 29 नवंबर, 2023 से शुरू हुई और बोली पूर्व बैठक 22.12.2023 को आयोजित की गई। खनिज ब्लॉकों, नीलामी की शर्तों, समयसीमा आदि का विवरण एमएसटीसी नीलामी प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है। यह नीलामी पारदर्शी तरीके से दो चरणों वाली असेंडिंग फॉरवार्ड नीलामी प्रक्रिया के जरिये ऑनलाइन आयोजित की जा रही है।
महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों में आत्मनिर्भरता हासिल करने का प्रयास
वर्ष 2023 के दौरान महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिज एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा जो देश के आर्थिक विकास एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक हैं। इन खनिजों की कम उपलब्धता अथवा उनके निष्कर्षण एवं प्रसंस्करण की प्रक्रिया कुछ ही देशों तक सीमित होने से आपूर्ति श्रृंखला में जोखिम हो सकता है। भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था उन प्रौद्योगिकियों पर आधारित होगी जो लीथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (आरईई) जैसे खनिजों पर निर्भर हैं। भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित बिजली क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। ऊर्जा परिवर्तन के लिए ऐसी महत्वपूर्ण योजना से इलेक्ट्रिक कारों, पवन एवं सौर ऊर्जा परियोजनाओं और बैटरी स्टोरेज प्रणालियों की मांग में तेजी आएगी। ऐसे में इन महत्वपूर्ण खनिजों के मांग में भी इजाफा होगा। फिलहाल इन महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों भारी मांग है और उसे आम तौर पर आयात के जरिये पूरा किया जाता है।
भारत ने महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के उद्देश्य से काफी सक्रियतापूर्वक कई पहल की है। हाल में केंद्र सरकार ने अगस्त, 2023 में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनिम (एमएमडीआर अधिनियम) में संशोधन करते हुए उसकी पहली अनुसूची के भाग डी में 24 खनिजों को महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों की श्रेणी में शामिल किया। इसके अलावा इस अधिनियम में धारा 11 (डी) को जोड़ा गया जो पहली अनुसूची के भाग डी में निर्दिष्ट खनिजों के लिए खनिज रियायत देने देते हुए महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी आयोजित करने की शक्ति केंद्र सरकार को प्रदान करती है। उसके बाद, केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए नियम एवं प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए खनिज (नीलामी) संशोधन नियम, 2023 को अधिसूचित किया गया।
इन नीलामियों से प्राप्त राजस्व राज्य सरकारों को मिलेगा। नीलामी में अधिक से अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाया गया है। सरकार ने मार्च, 2022 में प्लैटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स (पीजीएम) के लिए रॉयल्टी दरें 4 प्रतिशत, मोलिब्डेनम के लिए 7.5 प्रतिशत और ग्लूकोनाइट एवं पोटाश के लिए 2.5 प्रतिशत निर्धारित की है। सरकार ने 12 अक्टूबर, 2023 को लीथियम के लिए रॉयल्टी दरें 3 प्रतिशत, नाइओबियमैट के लिए 3 प्रतिशत और दुर्लभ अर्थ एलिमेंट के लिए 1 प्रतिशत निर्धारित की है। हाल में, खान मंत्रालय ने ऐसे खनिजों के बारे में जानकारी को अधिक से अधिक प्रसारित करने के लिए 19.12.2023 को महत्वपूर्ण खनिजों पर एक रोड शो का आयोजन किया।
नीतिगत पहल: अधिनियमों एवं नियमों में संशोधन
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023:-
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 को खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 के जरिये संशोधित किया गया है। संशोधित अधिनियम निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:
- महत्वपूर्ण खनिजों के लिए अन्वेषण लाइसेंस जारी करने की शुरूआत की गई। अन्वेषण लाइसेंस नीलामी के जरिये प्रदान किया गया है। यह लाइसेंसधारी को इस कानून की सातवीं अनुसूची में बताए गए महत्वपूर्ण एवं डीप-सीटेड खनिजों के लिए खोज एवं अन्वेषण कार्य करने की अनुमति देगा।
- अन्वेषण लाइसेंस धारक द्वारा खोजे गए ब्लॉकों को खनन पट्टे के लिए निर्धारित समय सीमा के भीतर नीलाम किया जाएगा, जिससे राज्य सरकारों को बेहतर राजस्व प्राप्त होगा। अन्वेषण एजेंसी को खनन पट्टा धारक द्वारा देय नीलामी प्रीमियम में हिस्सेदारी मिलेगी। डीप-सीटेड यानी काफी गहराई पर मौजूद खनिज, जैसे सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा, निकेल, कोबाल्ट, प्लैटिनम खनिज समूह, हीरे आदि का अन्वेषण एवं खनन अपेक्षाकृत कम गहराई पर मौजूद बल्क खनिजों के मुकाबले महंगा है। यही कारण है कि कुल खनिज उत्पादन में डीप-सीटेड खनिज की हिस्सेदारी फिलहाल काफी कम है।
- देश आम तौर पर इन खनिजों के आयात पर निर्भर है। अन्वेषण लाइसेंस महत्वपूर्ण एवं डीप-सीटेड खनिजों के लिए अन्वेषण के सभी क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाते हुए प्रोत्साहित करेगा।
- इसके अलावा, 6 खनिज- (i) बेरिल एवं अन्य बेरिलियम युक्त खनिज (ii) लीथियम युक्त खनिज, (iii) नाइओबियम युक्त खनिज, (iv) टाइटेनियम युक्त खनिज एवं अयस्क, (v) टैंटलियम युक्त खनिज और (vi) जिरकोनियम युक्त खनिजों एवं अयस्कों को अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग-बी में निर्दिष्ट परमाणु खनिजों की सूची से हटा दिया गया है। इन खनिजों का प्रयोग अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार, ऊर्जा, इलेक्ट्रिक बैटरी आदि उद्योगों में व्यापक तौर पर किया जाता है। साथ ही ये भारत की शून्य उत्सर्जन प्रतिबद्धता के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। परमाणु खनिजों की सूची में शामिल होने के कारण उनका अन्वेषण एवं खनन केवल सरकारी संस्थाओं के लिए आरक्षित था। उक्त सूची से इन खनिजों को हटाने के कारण इनके अन्वेषण एवं खनन को निजी क्षेत्र के लिए भी खोल दिया गया है। परिणामस्वरूप, देश में इन खनिजों के अन्वेषण एवं खनन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
- यह अधिनियम केंद्र सरकार को उक्त अधिनियम की पहली अनुसूची के नए भाग-डी में सूचीबद्ध किए गए महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विशेष रूप से खनन पट्टे और मिश्रित लाइसेंस की नीलामी करने का अधिकार देता है। चूंकि ये महत्वपूर्ण खनिज हमारी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए काफी अहम हैं, इसलिए केंद्र सरकार को इन महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी में रियायत देने के लिए अधिकृत करने से नीलामी की गति बढ़ेगी और खनिजों का शीघ्र उत्पादन हो सकेगा। यहां तक कि केंद्र सरकार द्वारा नीलामी के संचालन के मामले में भी, चयनित बोलीदाताओं को खनिज रियायत केवल राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी और नीलामी प्रीमियम एवं अन्य वैधानिक भुगतान राज्य सरकार को ही प्राप्त होंगे।
अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023:-
अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:
- उत्पादन पट्टे का आवंटन केवल प्रतिस्पर्धी बोली वाली नीलामी के जरिये किया जाएगा।
- कंपोजिट लाइसेंस शुरू किया गया जो अन्वेषण एवं उत्पादन कार्यों के लिए दो चरणों में परिचालन अधिकार प्रदान करता है। इसका आवंटन केवल प्रतिस्पर्धी बोली वाली नीलामी के जरिये किया जाएगा।
- परिणामस्वरूप, आवेदन के आधार पर टोही परमिट एवं अन्वेषण लाइसेंस देने से संबंधित मौजूदा धारा 11 और 12 को हटा दिया जाएगा।
- इस अधिनियम (धारा 13सी के तहत) में एक घोषणात्मक प्रावधान शामिल किया जाना है ताकि संशोधित अधिनियम के तहत कंपोजिट लाइसेंस या उत्पादन पट्टे के आवंटन के लिए चयन की एकमात्र प्रक्रिया के तौर पर नीलामी की शुरुआत के मद्देनजर उक्त संशोधित अधिनियम के लागू होने की तिथि से पहले प्राप्त सभी आवेदन अयोग्य हो जाएंगे। इसी प्रकार, संशोधन से पहले प्राप्त आवेदन के संदर्भ में कोई भी अन्वेषण लाइसेंसधारक उत्पादन पट्टा आवंटन के लिए अयोग्य होगा और उनका अन्वेषण लाइसेंस भी निष्प्रभावी हो जाएगा। यह प्रावधान से इस क्षेत्र में गतिरोध को दूर करेगा।
- उत्पादन पट्टों के नवीनीकरण का प्रावधान हटा दिया गया है और इसकी अवधि एमएमडीआर अधिनियम की तर्ज पर 50 वर्ष निर्धारित की गई है।
- कोई भी व्यक्ति एक या अधिक परिचालन अधिकारों (कुल मिलाकर) के तहत किसी खनिज या संबद्ध खनिजों के निर्धारित समूह के लिए 45 मिनट अक्षांश और 45 मिनट देशांतर से अधिक आवंटन हासिल नहीं कर सकता है।
- अन्वेषण, अपतटीय खनन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने, आपदा राहत, अनुसंधान, अन्वेषण या उत्पादन कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों के मुआवजे आदि के लिए धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक अपतटीय एरियाज मिनरल ट्रस्ट की स्थापना की जाएगी। यह ट्रस्ट भारत के सार्वजनिक खाते के तहत एक कोष रखेगा। इस ट्रस्ट के लिए रकम की व्यवस्था खनिजों के उत्पादन पर अतिरिक्त लेवी के जरिये किया जाएगा जो रॉयल्टी के एक तिहाई से अधिक नहीं होगा।
- केंद्र सरकार द्वारा आरक्षित क्षेत्रों में सार्वजनिक उपक्रमों को प्रतिस्पर्धी बोली के बिना परिचालन अधिकार देने का प्रावधान किया गया है।
- कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कंपोजिट लाइसेंस या उत्पादन पट्टे के आसान हस्तांतरण का प्रावधान किया गया है।
- किसी क्षेत्र में परमाणु खनिज का ग्रेड निर्धारित मूल्य के बराबर या उससे अधिक होने पर केवल सार्वजनिक उपक्रमों को अन्वेषण लाइसेंस या उत्पादन पट्टा देने का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार, परमाणु खनिजों वाले ब्लॉकों का आवंटन सार्वजनिक उपक्रमों को किया जाएगा, जबकि बिना परमाणु खनिज वाले ब्लॉकों का आवंटन नीलामी के जरिये सार्वजनिक उपक्रमों और निजी संस्थाओं को किया जाएगा।
- समय से पहले आवंटन रद्द करने की शक्ति का दायरा बढ़ाया गया है ताकि उसमें 'सार्वजनिक हित', 'देश के सामरिक हित' अथवा 'किसी अन्य कारण' को शामिल किया जा सके।
- अवैध खनन के लिए प्रति मानक ब्लॉक 50 हजार रुपये तक के मौजूदा जुर्माने को बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति मानक ब्लॉक कर दिया गया है, जिसे 10 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। अन्य अपराधों के लिए भी जुर्माना बढ़ाया गया है।
खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 9 की उप-धारा (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की दूसरी अनुसूची को जीएसआर 736 (ई) दिनांक 12.10.2023 द्वारा संशोधित किया गया है ताकि लीथियम, नाइओबियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (आरईई) के लिए रॉयल्टी की दरें निर्धारित की जा सकें।
दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (आरईई) और लीथियम के औसत विक्रय मूल्य (एएसपी)/ अनुमानित संसाधनों का मूल्य (वीईआर) की गणना संबंधी पद्धति निर्धारित करने के लिए जीएसआर 737(ई) दिनांक 12.10.2023 के जरिये खनिज (परमाणु एवं हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिज के अलावा) रियायत नियम, 2016 को खनिज (परमाणु एवं हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिज के अलावा) रियायत (संशोधन) नियम, 2023 के तहत संशोधित किया गया है।
अन्य सुधार
- खान मंत्रालय ने जून 2023 में खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 20ए के तहत सभी राज्य सरकारों को खनिजों (इस अधिनियम की पहली अनुसूची के भाग-ए और भाग-बी के तहत निर्धारित खनिजों को छोड़कर) के निपटान के लिए निर्देश जारी किए। इसके तहत केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा किए गए किसी भी सार्वजनिक कार्य, जैसे सड़क, नहर, तालाब खुदाई या किसी अन्य सरकारी बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं के तहत हासिल खनिजों को निपटाया जाएगा।
- खान मंत्रालय ने खनिज रियायत नियम, 1960 (एमसीआर, 1960) के पिछले नियम 58 के तहत आवंटित पुराने खनन पट्टों की नीलामी प्रक्रिया शुरू करने के लिए आदेश संख्या 16/27/2023-एम VI दिनांक 21.04.2023 के जरिये सभी राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेशों खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 20ए के तहत निर्देश जारी किए हैं।
- लौह अयस्क एवं अन्य खनिजों के विभिन्न ग्रेडों के गलत वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर अक्टूबर 2023 में खान मंत्रालय ने दिनांक 03.10.2023 के पत्र के जरिये गलत वर्गीकरण की रोकथाम के लिए खनिज समृद्ध राज्य सरकारों को दिशानिर्देश जारी किए ताकि लौह अयस्क एवं अन्य खनिजों के विभिन्न ग्रेड के गलत वर्गीकरण से बचा जा सके।
- पूर्वेक्षण लाइसेंस के बिना उत्खनन कार्य करने के उद्देश्य से एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की धारा 4 की उप-धारा (1) के दूसरे प्रावधान के तहत मंत्रालय द्वारा 16 मान्यता प्राप्त निजी अन्वेषण एजेंसियों को अधिसूचित किया गया है।
नीलामी एवं जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) की स्थिति
साल 2015 में नीलामी व्यवस्था की शुरुआत के बाद से अब तक देश में 335 खनिज खदानों की नीलामी की गई है। वर्ष 2023 के दौरान दिसंबर तक 76 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। इनमें से 30 खनिज ब्लॉकों की नीलामी खनन पट्टे (एमएल) के लिए की गई और शेष 46 की नीलामी कंपोजिट लाइसेंस (सीएल) के रूप में की गई। साल 2015 से अब तक नीलाम किए गए कुल 335 ब्लॉकों में से 46 चालू हैं और 43 से उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2023 के दौरान मध्य प्रदेश और राजस्थान ने सबसे अधिक ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी की है। मध्य प्रदेश ने 22 और राजस्थान ने 16 ब्लॉकों की नीलामी की। साल 2022 में कुल 33 लौह अयस्क खनिजों की नीलामी की गई, जो उस वर्ष नीलाम किए गए सबसे अधिक खनिज ब्लॉक थे। इसी प्रकार, इस साल सबसे अधिक यानी 24 लौह अयस्क खनिजों की नीलामी की गई और उसके चूना पत्थर दूसरे पायदान पर रहा जिसके 20 खनिज ब्लॉकों की नीलामी हुई।
वर्ष 2023 के दौरान विभिन्न राज्यों के ब्लॉकों द्वारा कुल 267 एनआईटी जारी किए गए, जिसका विवरण इस प्रकार है:
नीलामी के लिए रखे गए ब्लॉकों का राज्यवार विवरण
|
राज्य
|
2023-24
|
आंध्र प्रदेश
|
13
|
छत्तीसगढ़
|
24
|
गुजरात
|
7
|
झारखंड
|
7
|
कर्नाटक
|
24
|
मध्य प्रदेश
|
51
|
महाराष्ट्र
|
25
|
ओडिशा
|
5
|
राजस्थान
|
73
|
उत्तर प्रदेश
|
11
|
गोवा
|
5
|
उत्तराखंड
|
2
|
केंद्र सरकार
|
20
|
कुल
|
267
|
जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ)
एमएमडीआर अधिनियम की धारा 9बी राज्य सरकारों को जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) स्थापित करने का अधिकार देती है। इसके तहत खनन संबंधी कार्यों से प्रभावित लोगों और प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण एवं लाभ के लिए काम करने और राज्य में डीएमएफ की संरचना एवं कार्य संबंधी नियम बनाने का अधिकार दिया गया है।
केंद्र सरकार ने 16.09.2015 को एमएमडीआर अधिनियम की धारा 20ए के तहत प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के दिशानिर्देश जारी किए और राज्य सरकारों को उनके द्वारा बनाए गए डीएमएफ नियमों में इसे शामिल करने के निर्देश दिए। डीएमएफ को खनन पट्टाधारकों के वैधानिक योगदान से वित्तपोषित किया जाता है। डीएमएफ के तहत धनराशि संबंधित जिलों में अर्जित की जाती है और पीएमकेकेकेवाई के तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के दिशानिर्देशों के अनुसार डीएमएफ द्वारा उपयोग की जाती है। उसी के अनुरूप 23 राज्यों के 644 जिलों में डीएमएफ का गठन किया गया है।
अक्टूबर 2023 तक डीएमएफ के तहत कुल 84,884.12 करोड़ रुपये एकत्र किए गए। इसमें से पीएमकेकेकेवाई के तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए 79,426.00 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जबकि 46,770.96 करोड़ का उपयोग किया जा चुका है। कुल मिलाकर इस योजना के तहत 3,15,225 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं और अब तक 1,69,576 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2023 (27 से 29 अक्टूबर, 2023):
- दूरसंचार विभाग ने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के साथ मिलकर संयुक्त रूप से 27 से 29 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 'ग्लोबल डिजिटल इनोवेशन' यानी वैश्विक डिजिटल नवाचार विषय के साथ इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2023 की मेजबानी की। खान मंत्रालय ने खनन क्षेत्र में 4जी/ 5जी प्रौद्योगिकी के संभावित उपयोग को प्रदर्शित करने पर विशेष ध्यान देते हुए आईएमसी, 2023 में काफी सक्रियता से भाग लिया। विभिन्न कंपनियों ने खनन कार्यों में क्रांति लाने के उद्देश्य से नवोन्मेषी 5जी के उपयोग के मामलों का प्रदर्शन किया। खान मंत्रालय ने आईएमसी 2023 में एक समर्पित 5जी स्टॉल स्थापित किया, जिसमें 5जी के उपयोग के प्रमुख मामलों का प्रदर्शन किया गया।
- कार्यक्रम के दौरान खान मंत्रालय के सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने खान मंत्रालय के स्टॉल का दौरा किया, जहां खनन क्षेत्र में 5जी तकनीक को अपनाने का प्रदर्शन किया गया था। साथ ही बताया गया था कि 5जी तकनीक किस प्रकार खनन कार्यों में उल्लेखनीय सुधार कर सकती है, ताकि खनन कार्यों को कहीं अधिक सुरक्षित, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके।
- विभिन्न पृष्ठभूमि के 500 से अधिक आगंतुकों ने खान मंत्रालय के स्टॉल का दौरा किया था। इनमें छात्र, सरकारी अधिकारी, शिक्षाविद, उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि और युवा उद्यमी शामिल थे।
42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2023 में सफल भागीदारी
मंत्रालय ने 14 से 27 नवंबर, 2023 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2023 में पहली बार भाग लिया। मेले में खनन पवेलियन को सबसे लोकप्रिय पवेलियन श्रेणी के तहत रजत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह कारोबारी सुगमता के लिए नीतिगत सुधारों के जरिये खनन एवं खनिज उत्पादन के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की खनन कंपनियों के साथ एक सहयोगात्मक प्रयास था।
खनन पवेलियन को देखने के लिए करीब 70,000 लोग आए। इनमें से करीब 2,000 से अधिक छात्रों ने धातुओं के पुनर्चक्रण पर आयोजित कार्यशालाओं में उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने हमारे दैनिक जीवन में खनन उद्योग एवं खनिजों के महत्व में गहरी रुचि दिखाई और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से बचने के लिए डिजिटल प्रतिज्ञा भी ली। आगंतुकों को प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाई) के तहत खनन प्रभावित लोगों के लिए समावेशन सुनिश्चित करने के लिए किए गए कार्यों के प्रति जागरूक किया गया। क्योंझर (ओडिशा), भीलवाड़ा (राजस्थान) और सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों ने पीएमकेकेकेवाई के लाभार्थियों के रूप में उनके द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प एवं बुनाई का प्रदर्शन किया। वीआर जोन ने आगंतुकों को भूमिगत खनन एवं धातु विज्ञान का एक नया अनुभव प्रदान किया।
42वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) 2023 में खान मंत्रालय की सफल भागीदारी
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग गतिविधियां
1. संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठकें:
- भूविज्ञान एवं खनिज संसाधन के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत भारत और पेरू के बीच तीसरे संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक 15 मार्च 2023 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई।
- खनिज संसाधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत भारत और मोजाम्बिक के संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की चौथी बैठक 6 जून, 2023 को खान मंत्रालय में आयोजित की गई।
- भूविज्ञान एवं खनिज संसाधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत भारत और बोलीविया के बीच दूसरे संयुक्त कार्य समूह की बैठक 9 जून, 2023 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई।
2. विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय/ बहुपक्षीय बैठक:
खान मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय खनन क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए साल 2023 के दौरान विभिन्न देशों के साथ कई द्विपक्षीय/ बहुपक्षीय बैठकें कीं। केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए मार्च में ऑस्ट्रेलिया के संसाधन एवं उत्तरी ऑस्ट्रेलिया मंत्री मेडेलीन किंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
तत्कालीन खान सचिव श्री विवेक भारद्वाज के नेतृत्व में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने मई में मंगोलिया, जून में ब्रिटेन, जून में ही ऑस्ट्रेलिया और अगस्त में चिली के प्रतिनिधिमंडलों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। इन बैठकों में मुख्य तौर पर भूविज्ञान, आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती आदि क्षेत्रों में सहयोग के साथ-साथ महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ खनिज के क्षेत्र में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
परिचालन बंद हो चुके खानों को विरासत स्थल बनाने के लिए खान सचिव श्री वीएल कांथा राव ने अक्टूबर में जर्मनी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसका उद्देश्य देश के आर्थिक विकास में ऐसी खानों की भूमिका को उजागर करना है। इसके अलावा, नवंबर में सचिव ने क्रिटिकल रॉ मटेरियल क्लब के संबंध में यूरोपीय संघ के साथ और दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के साथ खनन, संसाधन एवं महत्वपूर्ण खनिज के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों और दोनों सरकारों की व्यापक प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता की।
संयुक्त सचिव (खान) डॉ. वीणा कुमारी डर्मल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल द्वारा यूरोपीय संघ के साथ दो बार द्विपक्षीय बैठकें भी आयोजित की गईं। इन बैठकों में मुख्य तौर पर यूरोपीय संघ द्वारा स्थापित किए जाने वाले क्रिटिकल रॉ मटेरियल्स क्लब में भारत के शामिल होने, चिली के साथ खनन क्षेत्र में भविष्य के सहयोग का पता लगाना और उसके बाद नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के साथ ऑस्ट्रेलिया-भारत क्रिटिकल मिनरल्स इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप पर चर्चा हुई। कुल मिलाकर, खनन क्षेत्र में अन्य देशों के साथ भारत की भागीदारी के लिहाज से वर्ष 2023 काफी आकर्षक और सफल रहा।
3. अन्य मंत्रालयों/ सरकारी संगठनों और उद्योग के साथ संवादात्मक विचार-विमर्श का आयोजन:
- खान मंत्रालय के सचिव श्री वीएल कांथा की अध्यक्षता में दुर्लभ खनिजों पर अंतर-मंत्रालयी समूह की पहली बैठक 25.9.2023 को आयोजित की गई। इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण एवं दुर्लभ खनिजों के लिए एक समग्र रणनीति बनाने और उद्योग की मदद करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण तैयार करना था।
- सरकार के पास दुर्लभ खनिजों से संबंधित विभिन्न विचाराधीन मुद्दों पर चर्चा करने सचिव की अध्यक्षता में 26.9.2023 को उद्योग प्रतिनिधियों के साथ एक संवादात्मक बैठक भी आयोजित की गई। ये मुद्दे इस प्रकार थे- (क) खनिज सुरक्षा साझेदारी (एमएसपी) परियोजनाएं, (ख) भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए वार्ता के तहत महत्वपूर्ण खनिज चैप्टर, (ग) भारत-यूरोपीय संघ वार्ता के तहत ऊर्जा एवं कच्चे माल (ईआरएम) चैप्टर और (घ) यूरोपीय संघ द्वारा प्रस्तावित क्रिटिकल रॉ मैटेरियल क्लब (सीआरएम)।
- जाम्बिया, बोलीविया और सऊदी अरब के साथ खनन क्षेत्र में सहयोग पर विचार-विमर्श के लिए अक्टूबर में खान मंत्रालय के सचिव श्री वीएल कांथा राव की अध्यक्षता में उद्योग के विभिन्न हितधारकों के साथ एक संवादात्मक बैठक आयोजित की गई।
4. खनन क्षेत्र में भारत की क्षमताओं, रुचियों और अवसरों को प्रदर्शित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय खनन कार्यक्रमों में भागीदारी:
- रेलवे, कोयला और खान राज्यमंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 6 से 9 फरवरी, 2023 के दौरान दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में आयोजित 'माइनिंग इंदाबा-2023' में भाग लिया। खनन एवं खनिज क्षेत्र में भारत की ताकत प्रदर्शित करने के लिए माइनिंग इंदाबा 2023 में एक भारतीय पवेलियन भी स्थापित किया गया था।
- संयुक्त सचिव डॉ. वीणा कुमारी डर्मल ने फरवरी 2023 में संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में आयोजित अई2यू2 बिजनेस फोरम की बैठक में भाग लिया। आई2यू2 संभावित तालमेल का पता लगाने और रचनात्मक साझेदारियों को मजबूती देने के लिए भारत, इजराइल, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के हितधारकों के लिए एक प्रमुख प्लेटफॉर्म के तौर पर उभरा है।
- तत्कालीन सचिव श्री विवेक भारद्वाज के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 5 से 8 मार्च 2023 के दौरान 'पीडीएसी-2023' टोरंटो, कनाडा में भाग लिया। 'पीडीएसी-2023' में एक भारतीय पवेलियन भी स्थापित किया गया था।
- मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार श्री शकील आलम के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 17 से 19 अप्रैल 2023 तक चिली के सैंटियागो में आयोजित सीआरयू के विश्व कॉपर सम्मेलन 2023 में भाग लिया।
- खान मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. वीणा कुमारी डर्मल ने 26 से 28 अप्रैल, 2023 के दौरान पुर्तगाल के लिस्बन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सीसा एवं जस्ता अध्ययन समूह (आईएलजेडएसजी) और अंतर्राष्ट्रीय तांबा अध्ययन समूह (आईसीएसजी) की बैठकों में भाग लिया।
- संयुक्त सचिव (खान) डॉ. वीणा कुमारी डर्मल के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 14 से 16 जून, 2023 के दौरान कांगो के लुबुम्बाशी में आयोजित 'डीआरसी माइनिंग वीक एक्सपो एंड कॉन्फ्रेंस' में भाग लिया।
- श्री वीएल कांथा राव, सचिव (खान) के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 28 सितंबर, 2023 को फ्रांस के पेरिस में स्वच्छ ऊर्जा के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण खनिजों को सुरक्षित करने पर अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की उच्चस्तरीय बैठक में भाग लिया।
- श्री शकील आलम के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 3 से 5 अक्टूबर 2023 तक मंगोलिया के उलानबटार में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय तेल एवं खनन एक्सपो 2023 में भाग लिया। प्रदर्शनी के दौरान भारतीय पवेलियन भी स्थापित किया गया था।
- खान सचिव श्री वीएल कांथा राव के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 9 से 10 अक्टूबर, 2023 तक लंदन में आयोजित 'लंदन मेटल वीक' वार्षिक सम्मेलन में भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल ने 'महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्र में जिम्मेदार निवेश' विषय पर आयोजित सत्र में भी भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 10 अक्टूबर, 2023 को 'फोर्थ मिनरल्स सिक्योरिटी पार्टर्नरशिप प्रिंसिपल्स' बैठक में भी भाग लिया।
- माननीय खान, कोयला और रेलवे राज्यमंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 31 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2023 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित 'अंतर्राष्ट्रीय खनन एवं संसाधन सम्मेलन (आईएमएआरसी)- 2023' में भाग लिया।
- खान मंत्रालय की संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार सुश्री निरुपमा कोटरू के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 21 से 22 नवंबर, 2023 तक संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में आयोजित 'माइनिंग शो-2023' में भाग लिया है।
भारत की जी20 अध्यक्षता 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक रही।
- जी20 के भीतर स्वच्छ, टिकाऊ, किफायती एवं समावेशी ऊर्जा परिवर्तन की रफ्तार तेज करने में साझेदारी एवं सहयोग करने के लिए एनर्जी ट्रांजिशन वर्किंग ग्रुप (ईटीडब्ल्यूजी) का गठन किया गया था। भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत ईटीडब्ल्यूजी की कुल चार बैठकें बेंगलूरु, गांधीनगर, मुंबई और गोवा में 5 फरवरी, 2023 से 21 जुलाई, 2023 तक आयोजित की गईं।
- खान मंत्रालय ने ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के साथ मिलकर 31 अक्टूबर, 2023 को 'ऊर्जा परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण खनिजों पर जी20 की सहमति की व्याख्या' विषय पर एक वर्चुअल सत्र का आयोजन किया।
- जी20 के नई दिल्ली घोषणापत्र में ऊर्जा परिवर्तन में महत्वपूर्ण खनिजों की भूमिका को स्वीकार किया गया है और इसे घोषणापत्र में शामिल किया गया है। इसके अलावा, इस घोषणापत्र में भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित ऊर्जा परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण खनिज पर सहयोग के लिए उच्च स्तरीय स्वैच्छिक सिद्धांतों पर भी गौर किया गया है।
- खान मंत्रालय ने 29 नवंबर, 2023 को महत्वपूर्ण खनिजों पर वैश्विक कार्रवाई को आगे बढ़ाने में सरकार और उद्योग की भूमिका पर एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया। साथ ही मंत्रालय ने महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी के पहले चरण का भी शुभारंभ किया। आउटरीच कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूतों/ मिशन प्रमुखों के अलावा भारत में कारोबारियों के प्रतिनिधियों एवं अन्य हितधारकों ने भाग लिया।
द्विपक्षीय/ बहुपक्षीय साझेदारी:
i. खनिज सुरक्षा भागीदारी (एमएसपी):
खनिज सुरक्षा साझेदारी (एमएसपी) महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाली एक महत्वाकांक्षी नई बहुपक्षीय साझेदारी है, जिसका उद्देश्य चीन पर निर्भरता को कम करना है। जून 2023 में भारत एमएसपी का सबसे नया साझेदार (14वां सदस्य देश) बन गया। इसका उद्देश्य पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन मानकों और एमएसपी के सिद्धांतों पर सहमति जताते हुए महत्वपूर्ण ऊर्जा खनिजों की वैश्विक स्तर पर विविध एवं टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखलाओं के विकास में तेजी लाना है। एमएसपी परियोजनाओं में भारत की भागीदारी और विचार-विमर्श के लिए 19 एमएसपी परियोजनाओं की सूची साझा की गई है। भारत ने 3 एमएसपी परियोजनाओं में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
ii. भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए):
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर 2 अप्रैल 2022 को हस्ताक्षर किए गए और वह दिसंबर 2022 से प्रभावी हुआ। यह समझौता दोनों पक्षों को अन्वेषण, खनन, निष्कर्षण एवं महत्वपूर्ण खनिजों की प्रसंस्करण तकनीक के क्षेत्र में तालमेल एवं सहयोग को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। 'क्रिटिकल मिनरल ट्रैक' पर भारत-ऑस्ट्रेलिया सीईसीए वार्ता के तहत कुल पांच दौर की बैठकें आयोजित की गई हैं।
खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल):-
खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) खान मंत्रालय द्वारा अगस्त, 2019 में स्थापित एक संयुक्त उद्यम कंपनी जिसमें नाल्को, एचसीएल और एमईसीएल की शेयर हिस्सेदारी है। काबिल फिलहाल घरेलू बाजार के लिए लीथियम और कोबाल्ट की सोर्सिंग पर ध्यान केंद्रित कर रही है। साथ ही वह ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और चिली में कुछ कंपनियों/ परियोजनाएं से जुड़ रही है।
i) ऑस्ट्रेलिया की लीथियम और कोबाल्ट खनिज परिसंपत्तियों में साथ मिलकर जांख-परख करने और आगे संयुक्त रूप से निवेश करने के लिए मार्च, 2022 में काबिल और ऑस्ट्रेलिया सरकार के उद्योग, विज्ञान एवं संसाधन विभाग (डीआईएसआर) के क्रिटिकल मिनरल ऑफिस (सीएमओ) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
ii) निवेश के लिए उपयुक्त परियोजना के चयन के लिए जांच-परख की शुरुआत जनवरी 2023 में पीडब्ल्यूसी ऑस्ट्रेलिया को सलाहकार के तौर पर नियुक्त करते हुए की गई।
iii) पांच परियोजनाओं (2 लीथियम परियोजनाएं और 3 कोबाल्ट परियोजनाएं) की शॉर्टलिस्टिंग मार्च 2023 में पूरी हो चुकी है। इन परियोजनाओं की विस्तृत जांच-परख शुरू कर दी गई है। दोनों पक्ष विभिन्न स्तरों पर नियमित सहभागिता के जरिये जांच-परख की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सक्रियता से प्रयास कर रहे हैं।
iv) अर्जेंटीना में लीथियम खनन परियोजनाओं के संयुक्त विकास के लिए संस्थागत सहयोग स्थापित करने के लिए दिसंबर 2020 में अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत की सरकारी कंपनी कैमयेन के साथ हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के संदर्भ में काबिल ने 5 लीथियम ब्लॉकों के लिए खोज एवं विकास कार्य करने का निर्णय लिया। इसके लिए काबिल ने फरवरी 2023 में अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में अन्वेषण एवं विकास के लिए कैमयेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
v) काबिल के बोर्ड ने जून 2023 में कैमयेन के साथ 'ड्राफ्ट एक्सप्लोरेशन एंड डेवलपमेंट एग्रीमेंट' यानी अन्वेषण एवं विकास के लिए मसौदा समझौते और कैटामार्का में शाखा कार्यालय खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। खान मंत्रालय ने काबिल को समझौते में शामिल होने के लिए आवश्यक मंजूरी दे दी है।
vi) लीथियम की खोज, उत्खनन, प्रसंस्करण और व्यावसायीकरण से संबंधित कारोबारी अवसरों का मूल्यांकन करने के लिए मई, 2023 में चिली की एक सरकारी खनन कंपनी ईएनएएमआई के साथ नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट (एनडीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी)
राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) की स्थापना भारत सरकार द्वारा खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 9सी की उपधारा (1) के तहत अगस्त 2015 में जारी राजपत्र अधिसूचना के जरिये की गई थी। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय और विस्तृत खनिज अन्वेषण गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
वित्त वर्ष 2023-24 की महत्वपूर्ण उपलब्धियां (10 दिसंबर तक)
(i) एनएमईटी ने 419.48 करोड़ रुपये की लागत से 51 खनिज अन्वेषण/ वित्तीय सहायता एवं खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
(ii) एनएमईटी ने अन्वेषण/ वित्तीय सहायता और मशीनरी उपकरणों की खरीद, बुनियादी डेटा तैयार करने संबंधी परियोजनाओं, खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहन और हाल में स्वीकृत 51 परियोजनाओं के लिए अग्रिम राशि के लिए 120 करोड़ रुपये वितरित किए हैं।
(iii) महत्वपूर्ण खनिजों वाली 21 परियोजनाओं सहित इन 51 परियोजनाओं की लागत 54.34 करोड़ रुपये है।
(iv) एनएमईटी ने 15.88 करोड़ रुपये की लागत वाली 17 खनिज अन्वेषण परियोजनाओं के लिए अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों को वित्त पोषित किया है। इन 17 परियोजनाओं में से 11 परियोजनाएं महत्वपूर्ण खनिजों की हैं।
(v) एनएमईटी ने 3 राज्यों को 3 परियोजनाओं के लिए मशीनरी उपकरणों की खरीद के लिए 1.54 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसमें पूर्वोत्तर राज्यों यानी मेघालय और मणिपुर की 67 लाख रुपये की दो परियोजनाएं शामिल हैं।
(vi) एनएमईटी ने सोना, बुनियादी धातुओं, अन्य कीमती खनिजों, रणनीतिक/ महत्वपूर्ण खनिजों और उर्वरक खनिजों के लिए नए क्षेत्रों में जी4 वस्तुओं के लिए परियोजना की अनुमोदित लागत का 25 प्रतिशत अन्वेषण प्रोत्साहन (ईआई) देने की घोषणा की है। अन्वेषण प्रोत्साहन का भुगतान तभी किया जाएगा जब उस ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की जाए अथवा उसे जी4 से जी3 चरण में अपग्रेड किया जाए।
(vii) सीधे राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) के जरिये एमएमडीआर अधिनियम, 1957 की पहली अनुसूची के भाग डी और सातवीं अनुसूची में उल्लिखित महत्वपूर्ण खनिज एवं रणनीतिक खनिजों के अन्वेषण के लिए अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) का लाभ उठाते हुए एक परिवर्तनकारी योजना तैयार की गई है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की पहल
(i) जीएसआई ने वार्षिक कार्यक्रम 2023-24 के दौरान 23,000 वर्ग किलोमीटर के लक्ष्य में से नवंबर 2023 के अंत तक 8,306 वर्ग किलोमीटर स्पेशिएलाइज्ड थीमैटिक मैपिंग (1:25,000 पैमाने पर) पूरी कर ली है।
(ii) जीएसआई ने वार्षिक कार्यक्रम 2023-24 के दौरान 1,20,000 वर्ग किलोमीटर के लक्ष्य में से नवंबर 2023 के अंत तक 59,343 वर्ग किलोमीटर नेशनल जियोकेमिकल मैपिंग (1:50,000 पैमाने पर) पूरी कर ली है।
(iii) जीएसआई ने वार्षिक कार्यक्रम 2023-24 के दौरान 1,00,000 वर्ग किलोमीटर के लक्ष्य में से नवंबर 2023 के अंत तक 33,942 वर्ग किलोमीटर नेशनल जियोफिजिकल मैपिंग (1:50,000 पैमाने पर) पूरी कर ली है।
(iv) जीएसआई ने वार्षिक कार्यक्रम 2023-24 के दौरान 16,000 वर्ग किलोमीटर के लक्ष्य में से नवंबर 2023 के अंत तक 6,702 वर्ग किलोमीटर लार्ज स्केल मैपिंग (1:10,000/12,500 पैमाने पर) पूरी कर ली है।
(v) नेशनल एयरो-जियोफिजिकल मैपिंग प्रोग्राम (एनएजीएमपी) पूर्व-चिह्नित स्पष्ट भूवैज्ञानिक संभावित क्षेत्र पर समान एयरो-जियोफिजिकल डेटा प्राप्त करने के लिए जीएसआई का एक प्रमुख कार्यक्रम है। जीएसआई 2023-24 के वार्षिक कार्यक्रम के दौरान नवंबर, 2023 के अंत तक आगे के अन्वेषण के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एनएजीएमपी के जरिये करीब 55,890 वर्ग किलोमीटर को कवर किया गया है।
(vi) जीएसआई ने 2023-24 के दौरान लगभग 358 खनिज अन्वेषण परियोजनाएं शुरू की हैं।
(vii) महत्वपूर्ण, रणनीतिक एवं उर्वरक खनिजों के अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिए जीएसआई ने एफएस 2023-24 के दौरान आरईई, लीथियम, मोलिब्डेनियम, पोटाश, टंगस्टन, ग्रेफाइट आदि महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों के लिए 127 परियोजनाएं शुरू कीं।
(viii) फरवरी 2023 में जीएसआई द्वारा कुल मिलाकर तीन जी2 चरण की जांच रिपोर्ट (जिंक की 1 रिपोर्ट और तांबे की 2 रिपोर्ट) राज्य सरकारों को नीलामी के लिए सौंपी गईं। फरवरी 2023 में जी3 चरण की कुल 12 जांच रिपोर्ट (पोटाश एवं वैनेडियम में से प्रत्येक की 3 रिपोर्ट, बॉक्साइट, तांबा, चूना पत्थर, लीथियम, मैंगनीज और मोलिब्डेनम में से प्रत्येक की 1 रिपोर्ट) संबंधित राज्य सरकारों को सौंपी गई। इसके अलावा जीएसआई ने कंपोजिट लाइसेंस की नीलामल के लिए जी4 चरण की कुल 35 भूवैज्ञानिक रिपोर्ट/ भूवैज्ञानिक ज्ञापन विभिन्न राज्य सरकारों को सौंपी है। जी4 चरण की भूवैज्ञानिक रिपोर्ट/ भूवैज्ञानिक ज्ञापन बॉक्साइट (4), बेस मेटल (6), सोना, ग्रेफाइट (3), लौह अयस्क (4), मैंगनीज (3), चूना पत्थर (4) और लीथियम, मैंगनीज, नी-पीजीई-एयू, फॉस्फोराइट, टिन एवं टंगस्टन में से प्रत्येक की एक-एक रिपोर्ट से संबंधित हैं। नवंबर 2023 में जीएसआई ने केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों के पहले चरण की नीलामी के लिए खान मंत्रालय को महत्वपूर्ण खनिजों की 11 रिपोर्ट सौंपी। इन 11 रिपोर्टों में महत्वपूर्ण खनिजों पर 4 जी2 चरण की रिपोर्ट, 3 जी3 चरण की रिपोर्ट और 4 जी4 चरण की रिपोर्ट शामिल हैं।
(ix) जीएसआई ने मौजूदा नीतियों एवं दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जीएसआई के प्रमुख भू-स्थानिक पोर्टल 'भूकोश' के जरिये सभी संबंधित हितधारकों के उपयोग के लिए विभिन्न विषयों पर भूवैज्ञानिक जानकारी को स्वतंत्र रूप से प्रसारित करने की जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए ऑनलाइन कोर बिजनेस इंटीग्रेटेड सिस्टम (ओसीबीआईएस) पोर्टल चालू किया है। इस डेटा का उपयोग कोई भी खनिज पूर्वानुमान के साथ-साथ अनुसंधान के जरिये नया ज्ञान हासिल करने के लिए कर सकता है। वर्ष 2023 (जनवरी से नवंबर, 2023) के दौरान 33,962 बाहरी उपयोगकर्ताओं ने भू-स्थानिक डेटा डाउनलोड किया और 833 बाहरी उपयोगकर्ताओं ने भूभौतिकीय डेटासेट डाउनलोड किया। जीएसआई के 'भूकोश' भू-स्थानिक पोर्टल पर बाहरी उपयोगकर्ताओं द्वारा 51,043 लॉगइन हिट किए गए।
(x) वार्षिक कार्यक्रम 2023-24 के दौरान मिशन-III (जियोइंफॉर्मेटिक्स) के तहत जीएसआई ने मैप, डेटा इंटीग्रेशन, प्रकाशन, डेटा रिपॉजिटरी एवं प्रबंधन, आईटी बुनियादी ढांचे आदि पर परियोजनाएं शुरू की हैं। मिशन-III के तहत प्रमुख गतिविधियों में निम्नलिखित शामिल हैं i. जीएसआई में राष्ट्रीय भूविज्ञान डेटा रिपॉजिटरी (एनजीडीआर) का निर्माण, ii. ओसीबीआईएस के भूकोश जियो पोर्टल पर अपलोड करने के लिए 1:50 के वाले पैमाने पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय भू-रासायनिक मानचित्र डेटा (एनजीसीएम) एवं राष्ट्रीय भूभौतिकीय मानचित्र डेटा (एनजीपीएम) का एकीकरण एवं संयोजन, iii. भू-स्थानिक प्लेटफॉर्म पर भारत का मेटलोजेनिक मैप (1:2एम) तैयार करना एवं उन्हें अद्यतन बनाना, iv. भूगर्भीय जिला संसाधन मानचित्रों का संकलन, vi. बुनियादी धातुओं, कीमती धातुओं, पीजीई, हीरा आदि के संबंध में जीआईएस डेटाबेस तैयार करना, vii. विभिन्न राज्यों आदि के भूगर्भीय एवं खनिज संसाधन मानचित्र तैयार करना और उसका संकलन, viii. मध्य भारत के कोयला क्षेत्रों पर विशेष प्रकाशन, ix. झारखंड में सोने का खनिजकरण, x. उत्तरी सिंहभूम मोबाइल बेल्ट (एनएसएमबी) पर विशेष प्रकाशन, xi. कडप्पा बेसिन के भूविज्ञान पर विशेष प्रकाशन और xii. उत्तर प्रदेश के भूविज्ञान एवं खनिज संसाधन पर विभिन्न प्रकाशन संख्या 30, पॉइंट XIII, तीसरा संशोधित संस्करण (हिंदी में 2020 का प्रकाशन) और xiii. लिगेसी बोरहोल डेटा रिपॉजिटरी (एलबीडीआर) का सृजन।
(xi) जीएसआई लंबी अवधि से आम लोगों के लिए कई अच्छे भूवैज्ञानिक कार्यक्रमों के व्यवस्थित निष्पादन में शामिल रहा है। वार्षिक कार्यक्रम एफएस 2023-24 के दौरान जीएसआई ने भू-तकनीकी अध्ययन पर 24 अनुसंधान परियोजनाएं, भूस्खलन अध्ययन पर 42 परियोजनाएं और भूकंपीय टेक्टोनिक अध्ययन पर 16 परियोजनाएं शुरू की हैं।
(xii) देश में भूस्खलन अध्ययन के लिए नोडल संगठन होने के नाते जीएसआई लैंडस्लिप परियोजना के तहत ब्रिटिश जियोलॉजिकल सर्वे (बीजीएस) के सहयोग से बारिश के कारण होने वाले भूस्खलन प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का प्रोटोटाइप लैंडस्लाइड अर्ली वार्निंग सिस्टम (एलईडब्ल्यूएस) विकसित कर रहा है। वार्षिक कार्यक्रम एफएस 2023-24 के दौरान पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग एवं कलिम्पोंग जिलों, तमिलनाडु के नीलगिरि जिले और उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में पूर्वानुमान मॉडल को स्थापित किया जा रहा है। साल 2025 तक 11 भूस्खलन संभावित राज्यों में ऐसे एलईडब्ल्यूएस स्थापित किए जाएंगे। वर्ष 2023-24 के दौरान हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, सिक्किम, असम, नागालैंड, मेघालय और मिजोरम में परियोजना का काम जारी है।
(xiii) उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ शहर में जमीन धंसने की घटना घटी थी। परिणामस्वरूप रिहायशी भवनों, सड़कों, होटलों सहित सार्वजनिक ढांचाओं की जमीन में दरारें आ गईं। तेजी से जमीन धंसने की घटना 2.1.2023 की तड़के उस दौरान हुई जब जोशीमठ इलाके के सबसे निचले हिस्से मारवाड़ी स्थित सीढ़ीदार ढलान के खुले हिस्से से अचानक पानी का तेज बहाव होने लगा। जमीन धंसने की प्रारंभिक जांच करने के लिए भूवैज्ञानिकों की एक टीम को तत्काल नियुक्त किया गया और मौजूदा खतरे के परिदृश्य पर एक नोट सीबीआरआई/ एनडीएमए को प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा, उत्तराखंड सरकार के अनुरोध पर जीएसआई ने प्रभावित क्षेत्र में विस्तृत मैपिंग भी की।
(xiv) जीएसआई देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित अपनी भूकंपीय वेधशालाओं के जरिये भूकंप की वास्तविक समय की रिकॉर्डिंग, निगरानी और वैज्ञानिक अध्ययन कर रहा है। जीएसआई ने जमीन में हलचल का वास्तविक समय में अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए देश भर में 35 स्थायी डीजीपीएस स्टेशन भी स्थापित किए हैं। इसे प्राप्त डेटा का विश्लेषण और महत्वपूर्ण अनुसंधान संबंधी कार्य सिस्मो-जियोडेटिक डेटा रिसीविंग एंड प्रोसेसिंग सेंटर (एसजीडीआरपीसी) करता है।
(xv) मार्च से अप्रैल 2023 के दौरान अंडमान निकोबार द्वीप पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा भूकंप के लगातार कई झटके महसूस किए जाने के बाद अंडमान निकोबार प्रशासन के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ सेस नारकोंडम द्वीप की भू-वैज्ञानिक जांच करने का अनुरोध प्राप्त हुआ था। उस अनुरोध के आधार पर जीएसआई ने प्रारंभिक भूकंपीय भू-वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए भू-वैज्ञानिकों की एक टीम का गठन किया। भूकंपीय गतिविधि वाले क्षेत्र को रिकॉर्ड और निगरानी करने के उद्देश्य से 25.5.2023 से 7.7.2023 के दौरान तीन घटक वाले 5 डिजिटल शॉर्ट पीरियड (एसपी) भूकंपमापी उपकरणों से युक्त एक अस्थायी भूकंपीय नेटवर्क स्थापित किया गया था। अध्ययन के निष्कर्षों और आवश्यक सिफारिशों पर एक रिपोर्ट संबंधित अधिकारी को सौंप दी गई है।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह के दौरान जीएसआई के अधिकारियों एवं अन्य पुरस्कार विजेताओं को राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2022 प्रदान किए।
(xvi) मिशन-IV गतिविधियों के तहत पेट्रोलॉजी, पेलियोन्टोलॉजी, प्लैनेटरी जियोसाइंस, पोलर एंड ग्लेसियल जियोलॉजी के साथ-साथ जियोक्रोनोलॉजी एवं आइसोटोप जियोलॉजी जैसे विभिन्न भू-वैज्ञानिक क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान किया जा रहा है। पेट्रोलॉजी की परियोजनाएं मुख्य रूप से विभिन्न खनिज संभावनाओं में खनिजकरण के नियंत्रण, रास्ते एवं प्रक्रियाओं को समझने के लिए डिजाइन की गई हैं। एफएस 2023-24 में किए गए महत्वपूर्ण अनुसंधानों में कर्नाटक के मंगलूरु शिस्ट बेल्ट में आरईई एवं दुर्लभ धातुओं की पहचान एवं वर्गीकरण, राजस्थान के धानी ग्रेनाइट, लद्दाख बाथोलिथ एवं मध्य भारत में सोने और बेस मेटल खनिजकरण का मेटालोजेनिक मूल्यांकन और दार्जिलिंग में गोरुबथान फॉर्मेशन, लैटेराइट का खनिज एवं भू-रासायनिक विशेषताएं, गुजरात के कच्छ में लेटेरिटिक बॉक्साइट एवं बॉक्साइट, मेघालय की पूर्वी एवं पश्चिमी खासी पहाड़ियां आदि शामिल हैं। फिलहाल इनमें से कुल 22 परियोजनाओं पर काम जारी है।
(xvii) वार्षिक कार्यक्रम एफएस 2023-24 के दौरान जीएसआई प्रशिक्षण संस्थान ने नवंबर, 2023 के अंत तक विभिन्न विषयों पर 122 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया। जीएसआई ने विभिन्न डीजीएम एव अन्य संगठनों से कुल 2,984 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया है।
भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम)
विभिन्न क्षेत्र निरीक्षण, अयस्क ड्रेसिंग की जांच आदि कार्यों के अलावा आईबीएम की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
1. खानों की स्टार रेटिंग की ऑनलाइन मूल्यांकन प्रणाली के जरिये सतत विकास ढांचे (एसडीएफ) का कार्यान्वयन: वर्ष 2021-22 के दौरान 76 खानों ने 5 स्टार रेटिंग हासिल की और आईबीएम स्थापना दिवस के अवसर पर मार्च 2023 में नागपुर में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय खान मंत्री द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। स्टार रेटिंग प्रणाली की शुरुआत के बाद से वर्षवार 5 स्टार रेटिंग वाले खानों की सारणी नीचे दी गई है:
2. खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) एक उपग्रह-आधारित निगरानी प्रणाली है जिसका उद्देश्य स्वचालित रिमोट सेंसिंग डिटेक्शन तकनीक के जरिये अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाकर जवाबदेह खनिज प्रशासन व्यवस्था स्थापित करना है। वर्ष 2022-23 में चौथे चरण के दौरान खनन निगरानी प्रणाली का उपयोग करते हुए प्रमुख खनिजों के लिए 138 ट्रिगर सृजित किए गए। अब तक 40 ट्रिगर्स का सत्यापन किया जा चुका है और अनधिकृत खनन के 7 मामले पकड़े गए हैं।
3. माइनिंग टेनमेंट सिस्टम (एमटीएस) के तहत एमटीएस के रिटर्न एवं पंजीकरण मॉड्यूल अप्रैल 2022 के लिए जमा किए गए रिटर्न को समायोजित करते हुए 1 मई 2022 से सफलतापूर्वक लाइव हो गए हैं। साथ ही 12.7.2022 को आयोजित छठे माइनिंग कॉन्क्लेव में पंजीकरण, रिटर्न और माइनिंग प्लान मॉड्यूल लॉन्च किए गए। आईबीएम पंजीकरण पोर्टल को 1.5.2023 को एनएसडब्ल्यूएस पोर्टल के साथ सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया है। पंजीकरण मॉड्यूल: वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान नवंबर 2023 तक इस पोर्टल में विभिन्न व्यावसायिक डोमेन के लिए कुल 427 पंजीकरण किए गए। कुल मिलाकर अक्टूबर 2023 तक 8,086 खनिकों, 5,437 अंतिम उपयोगकर्ताओं, 10,392 व्यापारियों, 2,937 स्टॉकिस्टों और 1,610 निर्यातकों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। रिटर्न मॉड्यूल: नवंबर 2023 तक 1,850 खनिकों और 756 अंतिम उपयोगकर्ताओं ने 2022-23 के लिए वार्षिक रिटर्न जमा किए हैं। खनन योजना मॉड्यूल: वर्ष 2023-24 के दौरान नवंबर 2023 तक 487 खनन योजनाएं आईबीएम-एमपीएएस पर ऑनलाइन जमा की गई हैं। अन्य मॉड्यूल के मामले में डीपीआर प्रगति पर है और वे चरणबद्ध तरीके से चालू हो जाएंगे।
वेबपोर्टल: https://miningplan.ibm.gov.in/MINING_PLAN/
4. ड्रोन एप्लिकेशन के क्रियान्वयन के तहत जीआईएस की बुनियादी बातों और ड्रोन सर्वेक्षण डेटा के प्रॉसेसिंग पर आईबीएम के मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों के 124 अधिकारियों को वर्ष 2022-23 के दौरान आठ दिनों का प्रशिक्षण दिया गया।
5. यूएवी सर्वेक्षण संबंधी गतिविधियां: आईबीएम ने ड्रोन सर्वेक्षण करने और खनन क्षेत्रों की डिजिटल हवाई फोटो आईबीएम को प्रस्तुत करने के लिए एमसीडीआर, 2017 के नियम 34ए के उप नियम (5) के तहत मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी कीं। पट्टेदारों द्वारा एमसीडीआर 2017 के नियम 34ए के तहत प्रस्तुत ड्रोन/ उपग्रह डेटा का रखरखाव आईबीएम द्वारा किया जा रहा है। हाल में आईबीएम ने अपने मुख्यालय में 131 टेराबाइट्स की क्षमता वाला अपना सबसे बड़ा डेटा सेंटर चालू किया है। नवंबर, 2023 तक 1,332 खानों ने ड्रोन डेटा मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल पर ऑनलाइन ड्रोन डेटा जमा किया है। नवंबर, 2023 तक एसओपी के अनुसार कुल सत्यापित डेटा 286 है, जिनमें से 278 सत्यापित डेटा को डीडीएमएस पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
6. चालू वर्ष 2023 के दौरान सितंबर तक खनिजों का औसत विक्रय मूल्य (एएसपी), अक्टूबर 2023 तक धातुओं के लिए एएसपी और अगस्त 2023 तक रणनीतिक धातुओं के लिए एएसपी आईबीएम की वेबसाइट पर दर्ज किया गया है। रणनीतिक धातुओं के लिए पहली बार एएसपी जारी किया गया है।
7. आईबीएम ने भारतीय खनिज ईयर बुक 2021 (खंड I से III), एनएमआई- एक नजर 1.4.2020 तक और एनएमआई- एक अवलोकन 1.4.2020 तक, अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 एवं अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 की अवधि के लिए खनिज सूचना पर अर्धवार्षिक बुलेटिन और दिसंबर 2022 तक, खनन पट्टे एवं पूर्वेक्षण लाइसेंस पर बुलेटिन के 2022 अंक और दिसंबर 2022 तक खनिज उत्पादन के मासिक आंकड़े (एमएसएमपी) के अंक जैसे महत्वपूर्ण प्रकाशन जारी किए हैं ताकि सभी हितधारकों के फायदे के लिए तकनीकी आंकड़ों का प्रसार किया जा सके।
8. मानव संसाधन की क्षमता निर्माण के तहत वर्ष 2023-24 में नवंबर 2023 तक आईबीएम ने 8 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। इसमें आईबीएम के 168 और उद्योग के 262 कर्मियों ने भाग लिया।
9. आईबीएम के कार्यालयों ने वर्ष 2023-24 में 16 से 30 नवंबर 2023 के दौरान कार्यालय परिसरों के साथ-साथ खनन स्थल क्षेत्रों, आसपास के गांवों और स्कूलों में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया। आईबीएम ने 15 सितंबर 2023 से 1 अक्टूबर 2023 के दौरान स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम भी मनाया। इस दौरान साइकिल रैलियां, वॉकथॉन, प्लास्टिक कचरा संग्रह, बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान, एसयूपी प्रतिबंध जागरूकता कार्यक्रम, स्वच्छता किट का वितरण आदि जैसी गतिविधियां आयोजित की गईं। आईबीएम माननीय प्रधानमंत्री की पहल 'एक तारीख एक घंटा एक साथ' कार्यक्रम में भी शामिल हुआ।
10. खनिजों के संरक्षण, विकास एवं विनियमन के क्षेत्र में राष्ट्र के प्रति अपनी 75 वर्षों की समर्पित सेवा की याद में आईबीएम ने 1 मार्च 2023 को अपना स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया। केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और खान मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज विशेष अतिथि थे। कार्यक्रम में अपर सचिव एवं आईबीएम के महानियंत्रक (प्रभारी) श्री संजय लोहिया के अलावा खान मंत्रालय के अधिकारियों, राज्य विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र एवं खनन उद्योग के गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान 76 फाइव स्टार रेटिंग वाली खानों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट 'माई स्टांप' और स्मारिका भी जारी की गई।
11. स्वच्छता अभियान 3.0
आईबीएम के मुख्यालय एवं अन्य सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में 2 अक्टूबर 2023 से 31 अक्टूबर 2023 के दौरान विशेष अभियान 3.0 चलाया गया। इस दौरन क्षेत्रीय कार्यालयों की गतिविधियों पर ध्यान देने केंद्रित किया गया। इस अभियान के लिए 8,000 फाइलों का अभिलेख प्रबंधन, स्क्रैप/ बेकार वस्तुओं का निपटान, चार नवोन्मेषी आइडिया विकसित करने, स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर 30 विशेष आउटडोर अभियान संबंधी गतिविधियां, कार्यालय परिसर की स्वच्छता एवं सौंदर्यीकरण, 15 चयनित खान स्थलों को पर्यावरण के अनुकूल और पर्यटकों के लिए आकर्षक गतिविधियां आदि का लक्ष्य रखा गया था। अभिलेख प्रबंधन के मामले में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। प्रस्तावित 4 के बजाय 7 नवोन्मेषी आइडिया को लागू किया गया है। इसमें जबलपुर क्षेत्रीय कार्यालय, अजमेर क्षेत्रीय कार्यालय और रांची के एक सरकारी स्कूल में से प्रत्येक में 3 कंपोस्ट पिट स्थलों का विकास शामिल है। इसके अलावा ईजेड कोलकाता कार्यालय में हर्बल गार्डन एवं बैडमिंटन कोर्ट का विकास और बेंगलूरु कार्यालय में वॉलीबॉल कोर्ट का विकास भी किया जा रहा है। स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर 51 आउटडोर विशेष अभियान चलाए गए, जबकि इसके लिए 30 का लक्ष्य रखा गया था। करीब 2,182 वर्ग फुट जगह खाली की गई और स्क्रैप एवं बेकार वस्तुओं के निपटान से 4,43,420 रुपये की आय सृजित हुई। इस अभियान की अवधि के दौरान देश भर में आईबीएम के सभी 16 जगहों पर फिट इंडिया रन 4.0 का आयोजन किया गया। स्वच्छता पखवाड़ा अभियान 2022-23 के संचालन में आईबीएम ने तीसरा स्थान हासिल किया।
12. मिशन मोड रोजगार मेले में रिक्तियों को भरना: कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने कार्यालय ज्ञापन दिनांक 16.9.2022 के जरिेये सूचित किया कि उसने खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण वाले संगठनों को अपने मिशन भर्ती रिक्तियां स्थिति पोर्टल (खान मंत्रालय में मिशन मोड पर भरी जाने वाली रिक्तियों का विवरण वाला पोर्टल, यूआरएल: https://doptonline.nic.in/mr/) तक पहुंच प्रदान कर दी है। उसी के अनुसार, वर्ष 2023 में 143 उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रस्ताव जारी किए गए।
नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को)
नाल्को ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपने कारोबारी क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया, जिसका विवरण नीचे दिया गया है:
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नाल्को के प्रदर्शन की मुख्य बातें:
वित्तीय मोर्चे पर प्रदर्शन:
(i) नाल्को ने परिचालन से 14,255 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जो उसका अब तक का सर्वाधिक परिचालन राजस्व है।
(ii) चुनौतीपूर्ण वैश्विक कारोबारी परिदृश्य, मांग-आपूर्ति में अंतर और बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच इनपुट लागत में जबरदस्त वृद्धि के बावजूद नाल्को ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1,544.49 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
(iii) कंपनी ने वर्ष 2022 के दौरान दुनिया में सबसे कम लागत पर बॉक्साइट और एल्यूमिना का उत्पादन करने वाली कंपनी के तौर पर अपनी स्थिति बरकरार रखी।
उत्पादन के मोर्चे पर प्रदर्शन:
(i) वित्त वर्ष 2022-23 में 75.50 लाख टन के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 75.51 लाख टन बॉक्साइट का उत्खनन। यह अब तक सर्वाधिक आंकड़ा है। इससे पिछला रिकॉर्ड वित्त वर्ष 2018-19 का है जब 74.14 लाख टन बॉक्साइट का उत्खनन हुआ था।
(ii) वित्त वर्ष 2022-23 में 74.50 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले 74.57 लाख टन बॉक्साइट का उत्पादन हुआ।
(iii) एल्यूमिना रिफाइनरी ने 21 लाख टन की मानक क्षमता के मुकाबले 21.23 लाख टन एल्यूमिना हाइड्रेट का उत्पादन किया जो 101.1 प्रतिशत क्षमता उपयोगिता है।
(iv) लगातार दूसरे वर्ष एल्युमीनियम स्मेल्टर में सभी 960 पीओटी के परिचालन के साथ 4.6 लाख टन की पूर्ण क्षमता पर उत्पादन हुआ।
बिक्री के मोर्चे पर प्रदर्शन:
वित्त वर्ष 2022-23 में 4.64 लाख टन धातु की बिक्री हुई जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। सर्वाधिक बिक्री का इससे पिछला रिकॉर्ड वित्त वर्ष 2021-22 में 4.56 लाख टन का था।
नए उत्पाद:
कॉइल फॉर्म में टेम्पर एच12 के साथ मिश्र धातु एए1100 में एक नया डाउनस्ट्रीम उत्पाद- एल्यूमीनियम एलईडी कैप स्टॉक 29.12.2022 को जारी किया गया।
खरीद:
जीईएम खरीद:
(i) वित्त वर्ष 2022-23 में 4,211.97 करोड़ रुपये की जीईएम खरीद। यह वित्त वर्ष 2021-22 में 3,121.47 करोड़ रुपये की जीईएम खरीद के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक है।
(ii) नाल्को ने जीईएम पर उपलब्ध वस्तुओं के कुल खरीद मूल्य में से 97.66 प्रतिशत खरीदारी की।
(iii) एमएसई की खरीद निर्धारित 25 प्रतिशत के मुकाबले 29.88 प्रतिशत रही।
वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदर्शन की मुख्य बातें (नवंबर 2023 तक)
(i) नाल्को ने नवंबर 2023 तक 3,09,502 टन एल्युमीनियम धातु की बिक्री की जो कुल मिलाकर अब तक की सबसे अधिक बिक्री है। यह वित्त वर्ष 2022-23 में नवंबर 2022 तक की गई कुल 3,06,809 टन की पिछली सर्वाधिक बिक्री से भी अधिक है।
(ii) उत्कल-डी कोयला खदान से सीपीपी तक कोयला परिवहन अप्रैल 2023 में शुरू हुआ। उत्कल-डी कोयला ब्लॉक से कुल 10 लाख टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य पहले ही हासिल किया जा चुका है।
(iii) पोट्टांगी बॉक्साइट खान: जून 2023 में ईसी जारी किया गया और अगस्त 2023 में स्टेज-II एफसी जारी हुआ।
कंपनी की प्रमुख सीएसआर गतिविधियां:
कंपनी ने स्थानीय जनसंख्या के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। कंपनी की कुछ उल्लेखनीय सीएसआर योजनाएं इस प्रकार हैं:
(i) 'नाल्को-की-लाडली' योजना: यह योजना भारत सरकार की बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना के अनुरूप है। इसके तहत कोरापुट जिले और अंगुल जिले के विभिन्न गांवों के बीपीएल परिवार की मेधावी लड़कियों (अब तक 816 छात्रों को) को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
(ii) इंद्रधनुष योजना: इसके तहत मुख्य रूप से कोरापुट जिले के विभिन्न गांवों के आदिवासी बच्चों (अब तक 1,147 छात्रों) को मुफ्त आवासीय शिक्षा के लिए प्रायोजित किया गया है।
(iii) 8 मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों (एमएचयू) के जरिये लोगों के दरवाजे पर स्वास्थ्य सेवा: खराब और दुर्गम स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को ध्यान में रखते हुए नालको लोगों के दरवाजे पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा प्रदान करने के लिए 8 मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां (एमएचयू) चलाती है। कोरापुट जिले और अंगुल जिले के विभिन्न गांवों में इन एमएचयू हर साल 1 लाख से अधिक रोगी लाभान्वित होते हैं।
स्वच्छता अभियान में नाल्को की भागीदारी:
(i) नाल्को की सभी इकाइयों में 2 अक्टूबर 23 से 31 अक्टूबर 23 तक विशेष अभियान 3.0 चलाया गया। इसके तहत नाल्को की सभी इकाइयों में स्वच्छता अभियान, जागरूकता रैलियां, पौधा वितरण, स्वच्छता प्रतिज्ञा, नुक्कड़ नाटक, स्क्रैप निपटान और श्रमदान आदि सहित विभिन्न गतिविधियां की गईं।
(ii) नाल्को के सभी परियोजना स्थल कार्यालयों, उत्पादन इकाइयों, क्षेत्रीय कार्यालयों और कॉरपोरेट कार्यालय में पुरानी फाइलों की सफाई और छंटनी की गई।
प्रमुख पुरस्कार एवं सम्मान:
(i) पंचपटमाली बॉक्साइट माइंस को वित्त वर्ष 2021-22 में टिकाऊ खनन के लिए खान मंत्रालय के आईबीएम द्वारा 5 स्टार रेटिंग पुरस्कार प्रदान किया गया।
(ii) नाल्को ने प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2023 में खान मंत्रालय द्वारा स्थापित खनन पवेलियन में भाग लिया और वर्चुअल रियलिटी के जरिये अपनी गतिविधियों का प्रदर्शन किया।
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल)
- कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 395.66 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ और 1,677.33 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व अर्जित किया।
- एचसीएल ने भारत सरकार को 58.84 करोड़ रुपये का लाभांश भुगतान किया। शेयरधारकों को कुल 88.97 करोड़ रुपये का लाभांश भुगतान किया गया।
- कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान अपने भंडार और कुल संसाधन में 665.9 लाख टन तांबा अयस्क जोड़ा। एचसीएल के खनन पट्टों पर 1.4.2023 तक तांबे के अयस्क का कुल भंडार 1.31 प्रतिशत तांबे के औसत ग्रेड के साथ 69.844 करोड़ टन था।
- एचसीएल ने श्रमिकों के वेतन एवं भत्तों में संशोधन के लिए उप मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय), कोलकाता के समक्ष 3.1.2023 को एक त्रिपक्षीय 8वें वेतन समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता 1.11.2017 से 31.10.2027 तक 10 वर्ष की अवधि के लिए है।
- प्रौद्योगिकी के उपयोग से खनन तरीकों में सुधार के जरिये उत्पादन बढ़ाने, खदानों की उत्पादकता एवं सुरक्षा को बेहतर करने, पर्यावरण संबंधी मंजूरियों में आसानी आदि के लिए एचसीएल और आईआईटीआईएसएम धनबाद के बीच 3.1.2023 को सहयोगात्मक एवं प्रायोजित अनुसंधान परियोजनाओं के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- एचसीएल और टीसीआईएल ने अपनी खदानों में 5जी तकनीक के उपयोग के मामलों को प्रदर्शित करने के लिए 28.10.2023 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारतीय मोबाइल कांग्रेस 2023 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- खनन उद्योग में सभी निर्धारित मानदंडों में उत्कृष्टता के लिए मलांजखंड कॉपर प्रोजेक्ट को वर्ष 2021-22 के लिए 5 स्टार रेटिंग पुरस्कार के लिए चुना गया।
- एचसीएल ने 16.5.2023 को मुंबई में विनिर्माण उद्यम (बड़े) श्रेणी में निष्पक्ष कारोबारी प्रथाओं को अपनाने के लिए 2022-23 के लिए 35वां सीएफबीपी (काउंसिल फॉर फेयर बिजनेस प्रैक्टिसेज) जमनालाल बजाज पुरस्कार जीता।
- एचसीएल ने 30.6.2023 को कोलकाता में आयोजित इंडियन माइनिंग एंड मिनरल्स कॉन्क्लेव में उस साल का कचरे का स्मार्ट प्रबंधन पहल के लिए एसोचैम बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड जीता।
- एचसीएल को बड़े एकीकृत विनिर्माण संयंत्र श्रेणी के तहत आईआईएम (भारतीय धातु संस्थान) गैर-लौह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया।
- एचसीएल ने 24.7.2023 को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र (आरबीसीसी), नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार- 2022 के समारोह में भाग लिया।
- एचसीएल ने राजस्थान के उदयपुर में 23 से 25 फरवरी 2023 तक आयोजित प्रदर्शनी 'आकर्षक राजस्थान' में सर्वश्रेष्ठ स्टॉल का पुरस्कार जीता। साथ ही उसने भारत की जी20 अध्यक्षता के उपलक्ष्य में 24.8.2023 को कोलकाता में आयोजित 26वीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी 'उन्नत, ताकतवर एवं महान भारत के निर्माण में योगदान' के दौरान सर्वश्रेष्ठ पवेलियन का पुरस्कार जीता।
- मलांनिख एवं तांबा खान को विशाल ओपनकास्ट मेटालिफेरस खान श्रेणी में सबसे लंबी चोट मुक्त अवधि के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार से नवाजा गया।
- एचसीएल ने झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपने खनन पट्टों के तहत तीन साल की अवधि के दौरान अन्वेषण एवं संबद्ध कार्यों के लिए मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड के साथ 25.8.2023 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- एचसीएल ने 20.1.2023 को आयोजित तीसरे पीएम रोजगार मेले में 63 ग्रेजुएट इंजीनियर प्रशिक्षु जीईटी, 5 माइनिंग मेट्स- ग्रेड1 और 3 इलेक्ट्रीशियन- ग्रेड2 को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
- एचसीएल ने 6.2.2023 से 9.2.2023 के दौरान केपटाउन में आयोजित खनन इंदाबा सम्मेलन 2023 में एक नोडल संगठन के तौर पर और भारत सरकार के खान मंत्रालय की ओर से एक पवेलियन स्थापित किया था। केंद्रीय रेल, कोयला एवं खान राज्यमंत्री श्री रावसाहेब दानवे और मध्य प्रदेश सरकार के खनन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने उस पवेलियन
का उद्घाटन किया।
- एचसीएल ने 23.2.2023 को मुंबई में आयोजित आईसीडीसी कॉपर कॉन्फ्रेंस 2023 में भाग लिया। साथ ही उसने 24.2.2023 को केसीसी, खेतीनगर में आयोजित 'गैर-लौह खनिज उद्योगों के सतत विकास के लिए व्यापक अन्वेषण एवं नवाचारों के जरिये क्षमता विस्तार' पर आधारित 43वें राष्ट्रीय सेमिनार/ वेबिनार में भी भाग लिया।
- मलांजखंड कॉपर प्रोजेक्ट की पेशेवर संस्था मलांजखंड टेक्निकल एसोसिएशन (एमटीए) के तत्वावधान में 'डीप माइनिंग सॉल्यूशंस फॉर अ सस्टेनेबल फ्यूचर' पर 29.4.2023 को एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
- कोयला, खान एवं इस्पात पर स्थायी समिति की बैठक 2.5.2023 को लेह और 22.8.2023 को कूर्ग में आयोजित की गई। एचसीएल के लिए इस बैठक का विषय 'कॉपर उद्योग के संदर्भ में खनिज एवं धातु में आत्मनिर्भरता' था।
- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने 21.6.2023 को अपनी सभी इकाइयों और कार्यालयों में 9वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया।
- एचसीएल आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तहत अपनी सभी इकाइयों में वेलनेस कैंप (आयुष पर जोर देने के साथ) का आयोजन कर रही है। मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) विषय पर आधारित गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
- एचसीएल ने 5.6.2023 को विश्व पर्यावरण दिवस से पहले मिशन लाइफ पर महीने भर चलने वाला जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस दौरान आउटरीच, सेमिनार, क्विज, साइकिल रैली आदि तमाम गतिविधियों का आयोजन किया गया। एचसीएल की सभी इकाइयों एवं कार्यालयों में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
- सीएजी ने कंपनी अधिनियम, 2023 की धारा 143(6)(ए) के तहत 31 मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लिए एचसीएल के वित्तीय नतीजों का 21.7.2023 को पूरक ऑडिट किया और कोई आपत्ति नहीं जताई।
- एचसीएल द्वारा 4.8.2023 को नई दिल्ली में आयोजित आयुष वेलनेस कैंप के समापन समारोह में केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम के दौरान खान मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज और एचसीएल के निदेशक (संचालन) एवं निदेशक (खनन) भी उपस्थित थे।
- एचसीएल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में जश्न मनाने के लिए 3.8.2023 को एचसीएल की सभी इकाइयों में लोगों ने अंग दान दिवस (अंगदान महोत्सव) के अवसर पर शपथ ली।
- एचसीएल की सभी इकाइयों एवं कार्यालयों में 14.8.2023 को 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान बड़े हर्षोल्लास के साथ चलाया गया। इस अवसर पर, एचसीएल के सीएमडी ने कोलकाता में एचसीएल कॉरपोरेट कार्यालय के कर्मचारियों को पंच प्राण शपथ भी दिलाई।
- एचसीएल की टीम ने कोलकाता के पद्मपुकुर के वार्ड नंबर 72 की सफाई में सक्रिय तौर पर सामुदायिक भागीदारी के लिए 1.10.2023 को 'एक तारीख एक घंटा एक साथ' मिशन के लिए समर्पित किया।
- मंगोलिया में भारत के राजदूत श्री एमपी सिंह ने 3.10.2023 को मंगोलिया के उलानबटार में 12वें मंगोलियाई खनन एवं तेल एक्सपो, 2023 में भारतीय पवेलियन का उद्घाटन किया। इस एक्सपो में एचसीएल खान मंत्रालय की ओर से भारतीय पवेलियन की स्थापना के लिए नोडल सार्वजनिक उपक्रम था। इस सम्मेलन में खान मंत्रालय एवं अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधिमंडलों की एक टीम ने भाग लिया।
- हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को 'स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत' का पालन करते हुए फिट इंडिया फ्रीडम रन 4.0 का हिस्सा बनने पर गर्व है।
- कोयला, खान और रेल राज्यमंत्री श्री रावसाहेब दानवे ने 31.10.2023 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित आईएमएआरसी कार्यक्रम में भारतीय पवेलियन का उद्घाटन किया। आईएमएआरसी कार्यक्रम में एचसीएल ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लिया।
- एचसीएल ने 14 से 27 नवंबर, 2023 तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) 2023 में खान मंत्रालय द्वारा स्थापित खनन पवेलियन में भाग लिया। इस दौरान उसने वर्चुअल रियलिटी के जरिये अपनी गतिविधियों और अपने सीएसआर के तहत लाभार्थी स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को प्रदर्शित किया।
- एचसीएल ने 16 से 30 नवंबर 2023 तक दूसरे पखवाड़े के दौरान स्वच्छता पखवाड़ा मनाया। इस दौरान स्वच्छ खदानों का अवलोकन किया गया, आसपास के गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए प्रयास किए गए, शून्य अपशिष्ट वाले खदानों की पायलट योजना शुरू की गई, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान आदि चलाया गया। इन सब गतिविधियों का खनन क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा। खान सचिव ने 21.9.2023 को स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत लोगों को स्वच्छता शपथ दिलाई। एचसीएल के सीएमडी के अलावा एचसीएल के सभी कार्यात्मक निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने इस दौरान शपथ ली। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कार्यक्रम में भाग लिया।
मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल)
- वर्ष 2023-24 के दौरान नवंबर 2023 तक ड्रिलिंग प्रदर्शन 2,00,314 मीटर रहा। कंपनी ने इससे एक साल पहले मार्च 2023 तक 2,35,844 मीटर का ड्रिलिंग उत्पादन दर्ज किया था।
- नवंबर 2023 तक सकल राजस्व (अन्य आय सहित) 173.74 करोड़ रुपये रही।
- एमईसीएल ने 2023 (नवंबर 2023 तक) के दौरान लिग्नाइट, तांबा, लौह अयस्क, मैंगनीज, ग्रेफाइट, पोटाश, चूना पत्थर, निकल, सोना आदि विभिन्न खनिज वस्तुओं की 22 भूवैज्ञानिक रिपोर्ट सौंपे। इनमें से 19 भूवैज्ञानिक रिपोर्ट एनएमईटी को प्रस्तुत की गई हैं। कंपनी ने राष्ट्रीय खनिज इन्वेंट्री में 281.5047 करोड़ टन संसाधन जोड़े।
- एमईसीएल को वर्ष 2023-24 में नवंबर तक 63.91 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 17 परियोजनाओं के लिए मंजूरियां मिल चुकी हैं। इसके अलावा 46.01 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 10 अन्य परियोजनाओं की मंजूरी की प्रक्रिया जारी है।
- साल के दौरान एमईसीएल ने चरम जलवायु परिस्थितियों वाले केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के किस्तवार जिले के नीलम खान क्षेत्र में पहले चरण के अन्वेषण कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस चरण के दौरान एकत्र किए गए नमूनों का प्रयोगशालाओं में परीक्षण संबंधी कार्य प्रगति पर है।
- एमईसीएल अपनी नीलामी प्रक्रिया के लिए तकनीकी सहायता एवं सेवाएं प्रदान करने के लिए खनिज ब्लॉकों की तैयारी एवं प्रदर्शन के लिए खान मंत्रालय के साथ काम कर रही है। शुरू में विभिन्न चरणों की नीलामी के लिए रणनीतिक एवं महत्वपूर्ण खनिजों के 50 ब्लॉकों की पहचान की गई है, जिनमें एमईसीएल द्वारा खोजे गए 16 ब्लॉक भी शामिल हैं। एनआईटी ने पहले चरण में 20 ब्लॉक की सूची जारी की है।
- पूर्वी क्षेत्र में एनजीपीएम के कार्यों के पूरक के तौर पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- कोयला एवं लिग्नाइट में अन्वेषण संबंधी ड्रिलिंग में जीएसआई की मदद के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) के बीच समझौता ज्ञापन का विस्तार किया गया।
- तांबे के अन्वेषण के लिए हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
- एनजीपीएम कार्यक्रम के तहत जमीनी गुरुत्वाकर्षण एवं चुंबकीय सर्वेक्षण, डेटा प्रोसेसिंग, व्याख्या एवं तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) उत्तरी क्षेत्र के साथ समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए।
- रणनीतिक विविधीकरण कार्यक्रम के तहत एमईसीएल निरंतरता एवं लाभप्रदता बढ़ाने के लिए कारोबार एवं कॉरपोरेट यानी दोनों मोर्चों पर अपनी गतिविधियों में विविधता ला रही है। इसके अलावा एमईसीएल नीलामी उद्देश्य से खनिज ब्लॉक की व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए राज्य सरकारों को तकनीकी सहायता के लिए परामर्श भी प्रदान कर रही है। एमईसीएल विभिन्न कोयला एवं बिजली कंपनियों, राज्य सरकारों, सीपीएसई एवं अन्य एजेंसियों को रेफरी एजेंसी के तौर पर भू-रासायनिक विश्लेषण सेवाएं भी प्रदान कर रही है।
- कारोबार विकास एवं वाणिज्यिक प्रभाग के जरिये प्रतिस्पर्धी तकनीकी वाणिज्यिक प्रस्तावों और एमओयू के साथ-साथ द्विपक्षीय वार्ता के जरिये निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों से अधिक कार्य सृजित करने/ हासिल करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, वर्ष 2023 के दौरान 30.11.2023 तक ऑर्डर बुक का कुल मूल्य अनंतिम तौर पर 424.50 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इसमें नाल्को, आरएसएमएमएल, एचसीएल, एनएमडीसी, जीएसआई, सीएमपीडीआईएल, डीएमजी कर्नाटक आदि विभिन्न ग्राहकों के अनुबंध आधारित कार्य शामिल हैं। इसके अलावा इसमें कोयला मंत्रालय (एमओसी) की ओर से एनएमईटी द्वारा वित्त पोषित कार्य और कोयला अन्वेषण कार्य भी शामिल हैं।
- कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व: एमईसीएल एक प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम है जो कोयला, लिग्नाइट, लौह-अयस्क, तांबा, जस्ता, चूना पत्थर आदि सभी प्रमुख खनिजों के लिए अन्वेषण कार्यों के अलावा देश के विभिन्न दूरदराज के हिस्सों में विकासात्मक खनन कार्य करती है। आम तौर पर एमईसीएल की अन्वेषण परियोजनाएं दूरदराज के इलाकों में मौजूद हैं।
- एमईसीएल कंपनी का कामकाज करते समय अपने परिचालन दायरे में भौगोलिक क्षेत्र के विकास में भाग लेने और योगदान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। सीएसआर एवं एसडी गतिविधियों के जरिये परियोजना के आसपास रहने वाले लोगों को उनके आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, ढांचागत, स्वास्थ्य सेवा एवं स्वच्छता और सांस्कृतिक विकास के लिए अवसर प्रदान किया जा सकेगा।
- परियोजनाओं/ सीएचक्यू/ आरएमसी के आसपास रहने वाली आबादी की जरूरतों और आवश्यकताओं को छोटे या बड़े पैमाने पर व्यवस्थित रूप से पूरा करने के लिए सीएसआर/ एसडी कार्यों के नियोजन, कार्यान्वयन एवं निगरानी के लिए एक नीति बनाने की आवश्यकता है। इसी लिहाज से तैयार की गई एमईसीएल की सीएसआर एवं एसडी नीति एमईसीएल परियोजनाओं के आसपास विभिन्न सीएसआर/ एसडी पहलों को लागू करने के पिछले कार्यों एवं अनुभव को ध्यान रखती है। इस संबंध में डीपीई दिशानिर्देशों को भी ध्यान में रखा गया है।
वर्ष 2023 के दौरान हासिल की गई प्रमुख उपलब्धियां (नवंबर, 2023 तक)
- एमईसीएल ने राष्ट्रीय खनिज इन्वेंट्री में 281.5047 करोड़ टन खनिज भंडार जोड़ा।
- कंपनी ने वर्ष 2022-23 के लिए भारत सरकार को 4.18 करोड़ रुपये का लाभांश देने का प्रस्ताव दिया है।
- एमईसीएल ने साल के दौरान आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तत्वावधान में 100 से अधिक सार्वजनिक गतिविधियों का संचालन किया।
जवाहरलाल नेहरू एल्युमीनियम अनुसंधान विकास एवं डिजाइन केंद्र (जेएनएआरडीडीसी), नागपुर
जेएनएआरडीडीसी ने वर्ष 2023-24 के दौरान दिसंबर 2023 तक एक परियोजना पूरी की और विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संगठनों के लिए 19 अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं प्रगति पर हैं।
तकनीकी परीक्षण एवं परामर्श कार्य:-
- नवंबर 2023 तक सीआईएमएफआर, धनबाद और क्यूसीआई, नई दिल्ली द्वारा प्रदान किए गए लगभग 17,000 कोयला नमूनों का थर्ड पार्टी रेफरी नमूना विश्लेषण।
- जीएसआई जयपुर एवं अन्य क्षेत्रों के लिए मिट्टी एवं तलछट में ट्रेस तत्व विश्लेषण के लिए लगभग 5,000 नमूनों की विशेषताओं के साथ वर्गीकरण।
- ओएमईसीएल, भुवनेश्वर के लिए करीब 2,000 नमूनों के बॉक्साइट, ग्रेफाइट, लौह अयस्क और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की विशेषता के साथ वर्गीकरण।
- मेसर्स लॉयड मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के लिए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के सुरजागढ़ लौह अयस्क खान के लगभग 5,000 लौह अयस्क नमूनों का विश्लेषण जारी है।
- एमईसीएल, नागपुर के लिए अलग-अलग करीब 1,000 खनिज नमूनों का विश्लेषण।
सेमिनार एवं सम्मेलन
- गैर-लौह धातुओं पर 27वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएनएफएम-2023) का आयोजन रांची 7 से 8 जुलाई, 2023 के दौरान किया गया।
- जेएनएआरडीडीसी में 'बॉक्साइट भंडार के भू-तकनीकी मूल्यांकन' पर 18 अगस्त, 2023 को बैठक आयोजित की गई।
- 'उन्नत रिमोट सेंसिंग तकनीक के प्रयोग से पठारी इलाकों में मौजूद लैटेरिटिक बॉक्साइट की गुणवत्ता एवं मात्रा के मूल्यांकन' पर एनआरएससी और इसरो के साथ 27 अक्टूबर 2023 को नागपुर के जेएनएआरडीडीसी में विचार-मंथन सत्र का आयोजन किया गया।
- संयुक्त अरब अमीरात के दुबई में 5 से 8 नवंबर 2023 के दौरान आयोजित 41वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी (आईसीएसओबीए-2023) में भागीदारी।
- 75 एकेएएम जागरूकता कार्यक्रम- पैन इंडिया के तहत अप्रैल से अगस्त 2023 के दौरान विदर्भ क्षेत्र के 11 जिलों के 5 कॉलेजों और 22 जिला परिषद स्कूलों में उद्योग की यात्रा एवं जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें 84 अपशिष्ट उपयोगिता एवं स्क्रैप रीसाइक्लिंग (एल्यूमीनियम, तांबा, सीसा, जस्ता एवं इस्पात) पहल भी शामिल हैं।
- नागपुर के एल्यूमिना एवं एल्युमीनियम सोसायटी में 4 से 6 दिसंबर 2023 के दौरान 11वां अंतरराष्ट्रीय आईबीएएएस-2023 सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
आईईबीआर
जेएनएआरडीडीसी ने अब तक 17.25 करोड़ रुपये के आईईबीआर के साथ वर्ष 2023-24 के लिए 16 करोड़ रुपये के आंतरिक राजस्व लक्ष्य को पहले ही पार कर लिया है।
पेटेंट
जेएनएआरडीडीसी द्वारा विकसित विभिन्न नवोन्मेषी प्रक्रियाओं के लिए दो पेटेंट प्रदान किए गए।
1. सोडे की कम मात्रा वाली सामग्री के साथ एल्युमीनियम हाइड्रॉक्साइड की तैयारी के लिए 29.9.2023 को क्रमांक 455707 के तहत प्रक्रिया।
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2. अवशिष्ट एल्युमीनियम कचरे से उच्च एल्यूमिना तैयार करने के लिए 21.11.2023 को क्रमांक 471016 के तहत प्रकिया।
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पुरस्कार/मान्यता
जेएनएआरडीडीसी की वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका नायर को इंटरनेशनल बॉक्साइट, एल्यूमिना एवं एल्युमीनियम सोसायटी द्वारा नागपुर में 4 से 6 दिसंबर, 2023 के दौरान आयोजित 11वें अंतर्राष्ट्रीय आईबीएएएस 2023 सम्मेलन एवं प्रदर्शनी में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार 'उत्प्रेरक का उपयोग किए बिना 4एन शुद्ध एल्यूमिना के लिए एक मध्यवर्ती 2-प्रोपेनॉल एल्युमीनियम साल्ट (एआईपी) की तैयारी' पर शोध पत्र के लिए दिया गया।
नए प्रतिष्ठानों/प्रयोगशालाओं का उद्घाटन
भारत सरकार के खान मंत्रालय में सचिव आईएएस श्री वीएल कांथा राव ने 21.10.23 को जेएनएआरडीडीसी की गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने 3 नई प्रयोगशाला प्रतिष्ठानों (कीमती धातुओं के लिए अग्नि परख प्रयोगशाला, डाउनस्ट्रीम लैब के माइक्रोस्कोप और माइक्रोहार्डनेस परीक्षक) का उद्घाटन किया।
स्वच्छ भारत मिशन 2.0:
स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत निम्नलिखित गतिविधियों का आयोजन किया गया:
- जेएनएआरडीडीसी कार्यालय के ब्लॉक-1 में दो पुरुष एवं महिला शौचालयों का नवीनीकरण किया गया।
- डी-1 एवं डी-2 गेस्ट हाउस का नवीनीकरण किया गया।
जेएनएआरडीडीसी ने भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2023 में खान मंत्रालय द्वारा स्थापित खनन पवेलियन में भाग लिया और अपनी गतिविधियों का प्रदर्शन किया। धातुओं के पुनर्चक्रण पर स्कूली छात्रों के लिए आयोजित कार्यशालाओं की काफी सराहना की गई।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक्स (एनआईआरएम), बेंगलुरु
एनआईआरएम अनुमान/ आकलन
एनआईआरएम ने 1 जनवरी 2023 से 30 दिसंबर 2023 तक 21.73 करोड़ रुपये की 54 परियोजनाएं पूरी कीं। इसके अलावा, एनआईआरएम ने इन उद्योगों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए रॉक मैकेनिक्स और रॉक इंजीनियरिंग समाधान प्रदान करने के अपने प्रयास के तहत 31 मार्च, 2024 तक खनन, नागरिक एवं महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में 20 अन्य परियोजनाएं शुरू कर सकती है। एनआईआरएम में काम का प्रवाह उद्योग की आवश्यकताओं और राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर चल रही परियोजनाओं पर काफी हद तक निर्भर है जो हमेशा बदलती रहती है।
हम आर्थिक क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल करने में सफल रहे और वर्ष के दौरान वेतन एवं प्रशासनिक मद में खर्च किए। इसके अलावा, एनआईआरएम ने आंशिक तौर पर अपने आंतरिक संसाधनों के जरिये बदलती वैश्विक जरूरतों और प्रगति को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक उपकरणों को बेहतर किया और उन्नत सुविधाओं को अपग्रेड किया। एनआईआरएम उच्च तकनीकी एवं वित्तीय स्थिरता की दिशा में काम करने का प्रयास कर रही है। उसे अपनी उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं को बनाए रखने के लिए बेहतर पूंजी, कुशल मानव संसाधन और सालाना 8 से 10 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के रूप में दमदार समर्थन की आवश्यकता होती है।
उम्मीद है कि एनआईआरएम भविष्य में वैश्विक प्रतिस्पर्धाओं का सामना करने के लिए खनन, बिजली, परमाणु एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र के सार्वजनिक एवं निजी संगठनों के सहयोग से एक दमदार रणनीति के साथ नई ऊंचाई छूने के लिए तैयार होगी।
कौशल एवं जागरूकता के लिए एनआईआरएम एवं उद्योग के बीच संपर्क: एकेएएम व्याख्यान श्रृंखला के तहत एनआईआरएम की उन्नत सेवाओं को के बारे में जानकारी दी गई। यह जानकारी भूवैज्ञानिक, भू-तकनीकी और रॉक इंजीनियरिंग क्षेत्र में लगातार विकसित हो रहे उद्योग के सामने उभरने वाली तमाम समस्याओं के निवारण के लिए व्याख्यान, प्रदर्शन, प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कार्यशालाओं के जरिये दी गई। एनआईआरएम के वैज्ञानिक बीआईएस, आईएसआरएम, आईएसईजी, एमईएआई, केएसडीसी, केएसडीएमए, आईजीएस, आईजीयू, आईएसईटी और आईएसआरएमटीटी की विशेषज्ञ समितियों के सदस्य रहे हैं।
एनआईआरएम ने ज्ञान प्रसार एवं कौशल कार्यक्रम के तहत विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के 17 छात्रों के लिए इंटर्नशिप प्रशिक्षण प्रदान किया। इनमें से 14 इंजीनियरिंग छात्र केजीएफ के डॉ. टीटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय, केरल के कालीकट विश्वविद्यालय और कर्नाटक के मंगलूरु विश्वविद्यालय से हैं।
आईआईटीएफ 2023: एनआईआरएम ने आईआईटीएफ 2023 में खनन पवेलियन में भाग लिया ताकि व्यक्तिगत बातचीत, वीडियो सत्र, ट्यूटोरियल, क्विज आदि के जरिये खनन एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विश्वस्तरीय समाधान प्रदान करने में अपनी गतिविधियों और क्षमताओं को प्रदर्शित करने में मदद मिल सके। इस दौरान तमाम गतिविधियों के जरिये न केवल आम लोगों और बच्चों से संपर्क किया गया बल्कि उसमें खनन मंडप का दौरा करने वाले पेशेवरों, मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों की भी सहभागिता रही।
छात्रों एवं आम लोगों की भागीदारी के साथ आईआईटीएफ 2023 की फोटो
(i) एनआईआरएम वैज्ञानिक प्रकाशन: इस अवधि के दौरान संस्थान के 26 तकनीकी शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए।
(ii) आजादी का अमृतमहोत्सव (एकेएएम) के तहत खान मंत्रालय (भारत सरकार) ने एनआईआरएम को 'राष्ट्र निर्माण में रॉक इंजीनियरिंग की भूमिका' विषय पर एक व्याख्यान श्रृंखला (कार्यशाला) आयोजित करने का काम सौंपा था। यह काम आत्मनिर्भर भारत के तहत 75 विभिन्न इंजीनियरिंग/ विज्ञान कॉलेजों/ संस्थानों में छात्रों के लिए आयोजित कार्यक्रमों के लिए दिया गया था।
जनवरी से दिसंबर 2023 के दौरान प्रमुख परियोजनाओं की सूची:
1
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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले ग्रेनाइट पत्थरों की गुणवत्ता की जांच।
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2
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कर्नाटक के बासवकल्याण में नए अनुभव मंटप परियोजना के लिए कच्चे ग्रेनाइट ब्लॉकों की गुणवत्ता की जांच।
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3
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रामपुरा अगुचा माइंस, मैसर्स एचजेडएल, राजस्थान में एनडीटी के महत्वपूर्ण घटकों एवं एचईएमएम उपकरणों का परीक्षण।
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4
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राजस्थान के रावतभाटा में ऑन-साइट आपातकालीन सहायता केंद्र की निचली मंजिल के निर्माण चरण के लिए इंजीनियरिंग भूवैज्ञानिक मैपिंग।
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5
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आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में पोलावरम जलविद्युत परियोजना (12 x 80 मेगावॉट) के पावर हाउस ब्लॉक और प्रेशर सुरंगों की इंजीनियरिंग भूवैज्ञानिक जांच।
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6
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मध्य प्रदेश के एनएच-347बीजी के तेजाजीनगर से बलवाड़ा खंड के 4 लेन वाले पोर्टल्स क्षेत्र कके भेरूघाट और जुड़वां सुरंगों के लिए इंजीनियरिंग भूगर्भीय/ भू-तकनीकी मैपिंग और चट्टानों के द्रव्यमान का विश्लेषण।
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7
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गुजरात के सूरत हवाई अड्डे के परिसर से जमीन के भीतर से गुजरने वाली 42 इंच की एसबीएचटी गैस पाइपलाइन पर कंपन प्रभाव विश्लेषण के लिए नामांकन आधार पर एनआईआरएम की सेवाएं लेना।
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8
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केरल के इडुक्की जिले में सेंगुलम ऑग्मेंटेशन योजना के हाइड्रो टनल अलाइनमेंट के साथ शैलो एक्विफर्स का पता लगाने और अतिभारित चट्टान द्रव्यमान की विशेषताओं का पता लगाने के लिए भूभौतिकीय जांच।
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9
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कर्नाटक के एचपीसीएल मंगलूरु के एससीएडीए नियंत्रण कक्ष भवन में दरारों के कारणों का पता लगाने के लिए भूभौतिकीय जांच।
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10
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राजस्थान में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की रामपुरागुचा खान में सूक्ष्म भूकंपीय निगरानी के लिए मार्गदर्शन एवं मदद।
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11
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कर्नाटक के बेल्लारी जिले के संदुर तालुका के इटानाहल्ली गांव में भद्रा लौह अयस्क खान (130.53 हेक्टेयर) के खदान गड्ढे एवं अपशिष्ट डंप के ढलान की स्थिरता का अध्ययन।
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12
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कर्नाटक में बेल्लारी के संदुर तालुक के लक्ष्मीपुरा गांव में देवदारी लौह अयस्क खान (एमएल संख्या 006,100.54 हेक्टेयर) के खदान गड्ढे एवं अपशिष्ट डंप की स्थिरता आकलन के लिए भू-तकनीकी अध्ययन।
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14
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राजस्थान में एचजेडएल में राजपुरा दरीबा खान में स्टॉप के डिजाइन के लिए इन-सीटू स्ट्रेस पैरामीटर्स का निर्धारण।
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15
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एचई प्रोजेक्ट्स जम्मू-कश्मीर के किरथल-II के डिसिल्टिंग चैंबर में सीटू तनाव मापदंडों को पूरा करना।
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16
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महाराष्ट्र के भवाली पीएसपी के पावरहाउस साइट में हाइड्रोलिक फ्रैक्चर और गुडमैन जैक परीक्षण।
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17
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मध्य प्रदेश में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की मलांजखंड कॉपर प्रोजेक्ट में भूमिगत कामकाज की भू-तकनीकी मानचित्रण एवं न्यूमेरिकल मॉडलिंग।
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18
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भूटान में पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना के सी-3 पैकेज में जियोटेक्निकल एवं जियोडेटिक इंस्ट्रुमेंटेशन डेटा का विश्लेषण।
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19
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उत्तराखंड में लखवार बहुउद्देशीय परियोजना (300 मेगावॉट) के लिए बिजलीघर परिसर का 3डी न्यूमेरिकल मॉडलिंग अध्ययन।
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20
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कर्नाटक के कैगा परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 5 और 6 के निर्माण के लिए किए गए विस्फोट के कारण जमीन के कंपन और हवा के अत्यधिक दबाव की निगरानी।
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21
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तेलंगाना के हैदराबाद में 'द वर्ल्ड एट जुबली हिल्स' साइट पर साइट ग्रेडिंग के लिए नियंत्रित विस्फोट पर तकनीकी मार्गदर्शन और डीएसआर-एसआर प्राइम स्पेसेज एलएलपी (चरण II एक्सटेंशन 2) के तहत जमीन के कंपन और हवा के अत्यधिक दबाव की निगरानी।
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22
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पीएचपीए-II, भूटान के नियंत्रित विस्फोट द्वारा पुनात्सांगछू-II (1020 मेगावॉट) जलविद्युत परियोजना के बिजलीघर के विभिन्न जटिल घटकों की खुदाई के लिए तकनीकी मार्गदर्शन सेवाएं।
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23
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राजस्थान के बांसवाड़ा में महिबांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना के लिए जारी भूवैज्ञानिक/ भू-तकनीकी जांच के लिए क्यूए समर्थन।
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24
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मध्य प्रदेश के मंडल जिले के चुटका गांव में प्रस्तावित चुटका मध्य प्रदेश परमाणु ऊर्जा परियोजना के आसपास के क्षेत्र में वृहद भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों की मैपिंग।
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