सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा 2023-सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय


राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क 2014के 91,287 किमी से 60% बढ़कर वर्ष 2023 में 1,46,145 किमी हो गया

4 लेन और उससे ऊपर के लेन के एनएच की लंबाई 2.5 गुना बढ़ी - 18,387 किमी (2014) से 46,179 किमी (नवंबर 23)

2 लेन से कम एनएच की लंबाई 30% (2014) से घटकर 10% (नवंबर 2023) रह गई

2014 से एनएच निर्माण की औसत गति 143% बढ़कर 28.3 किमी/दिन हो गई

2014 से खर्च 9.4 गुना बढ़कर 3.17 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है

108 (3700 किमी) बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़क परियोजनाओं में से 8 (294 किमी) पूरी हो चुकी हैं, 28 (1808 किमी) का काम सौंपा जा चुका है और 72 (1595 किमी) परियोजनाओं के लिए डीपीआर प्रगति पर है
दिनांक 02.10.2023 से 31.10.2023 तक विशेष अभियान 3.0 की शत-प्रतिशत उपलब्धि

यात्री कारों की सुरक्षा रेटिंग और उपभोक्ताओं को सूचित निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने के लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम लॉन्च किया गया

वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत अब तक 49,770 वाहन स्क्रैप किए गए - 15 राज्यों में 44 आरवीएसएफ चालू हैं और 8 राज्यों में 37 एटीएस चालू हैं

2 मोबाइल एप्लिकेशन ‘राजमार्ग यात्रा - ग्राहक निवारण प्रणाली’ और ‘एनएचएआई वन - साइट पर एनएच परियोजना निष्पादन के लिए डिजिटल टूल’ लॉन्च किया गया

वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत अब तक 49,770 वाहन स्क्रैप किए गए - 15 राज्यों में 44 आरवीएसएफ चालू हैं और 8 राज्यों में 37 एटीएस चालू हैं।

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सड़क क्षेत्र के ठेकेदारों/डेवलपर्स के लिए राहत उपाय 31 मार्च 2024 तक बढ़ाए गए

वाहन और सारथी को 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (तेलंगाना को छोड़कर) के सभी आरटीओ में लागू किया गया

Posted On: 05 JAN 2024 3:00PM by PIB Delhi

. राष्ट्रीय राजमार्ग: निर्माण और उपलब्धियां

1. देश में सड़कनेटवर्क: भारत में लगभग 66.71 लाख किमी का सड़क नेटवर्क है, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है।

सड़कों की विभिन्न श्रेणियों की लंबाई इस प्रकार है:

  • राष्ट्रीय राजमार्ग: 1,46,145 किमी
  • राज्य राजमार्ग: 1,79,535 किमी
  • अन्य सड़कें: 63,45,403 किमी

राष्ट्रीय राजमार्ग माल और यात्रियों की कुशल आवाजाही को सुनिश्चित करके और बाजारों तक पहुंच में सुधार करके देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एमओआरटीएच और इसकी कार्यान्वयन एजेंसियों ने भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग बुनियादी ढांचे की क्षमता को बढ़ाने के लिए पिछले 9 वर्षों में कई पहल की हैं।

 

2. राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क

  • राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क 2014 में 91,287 किमी से 60% बढ़कर वर्ष 2023 में 1,46,145 किमी के स्तर पर पहुंच गए

 

 

राष्ट्रीय राजमार्गों (वर्ष-वार) की लंबाई नीचे सारणीबद्ध है:

क्र. सं.

वर्ष

लंबाई (किमी में)

1

2013-14

91,287

2

2014-15

97,830

3

2015-16

1,01,010

4

2016-17

1,14,158

5

2017-18

1,26,500

6

2018-19

1,32,500

7

2019-20

1,32,995

8

2020-21

1,38,376

9

2021-22

1,41,345

10

2022-23

1,45,240

11

2023-24(नवंबर 2023 तक)

1,46, 145

(स्रोत- भारत के बुनियादी सड़क आंकड़े)

निर्मित लंबाई:एमओआरटीएच ने 5248 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया। (अनंतिम आंकड़े)।

कॉरिडोर-आधारित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास की रणनीति के माध्यम से व्यवस्थित रूप से बढ़ावा दिए जाने के कारण 2014-15 और 2023-24 के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) निर्माण की गति लगातार बढ़ी है।

 

क्र. सं.

वर्ष

निर्माण (किमी में)

निर्माण (किमी/दिन)

1

2014-15

4,410

12.1

2

2015-16

6,061

16.6

3

2016-17

8,231

22.6

4

2017-18

9,829

26.9

5

2018-19

10,855

29.7

6

2019-20

10,237

28.1

7

2020-21

13,327

36.5

8

2021-22

10,457

28.6

9

2022-23

10,331

28.3

10

2023-24(नवंबर 2023 तक)

5,248

-

 

 

 

 

 

 

2. भारतमाला परियोजना: भारतमाला परियोजना को मुख्य रूप से देश भर में वस्तुओं और लोगों की आवाजाही की दक्षता को अनुकूलित करने पर ध्यान देने के साथ शुरू किया गया था। अक्टूबर 2017 में स्वीकृत भारतमाला परियोजना का पहला चरण 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के माध्यम से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमी को दूर करने पर केंद्रित है। परियोजना में बुनियादी ढांचे की समरूपता और बेहतर सड़क उपयोगकर्ता अनुभव सुनिश्चित करने के लिए "गलियारा आधारित राष्ट्रीय राजमार्ग विकास" पर जोर दिया गया है। परियोजना के प्रमुख अंगों में आर्थिक गलियारा विकास, अंतर-गलियारा और फीडर मार्ग विकास, राष्ट्रीय गलियारा दक्षता सुधार, सीमा और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क सड़कें, तटीय और बंदरगाह संपर्क सड़कें और एक्सप्रेसवे शामिल हैं।

 

भारतमाला परियोजना के चरण 1 की स्थिति:

भारतमाला परियोजना चरण 1 में 31 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों, 550 से ज्यादा जिलों में कुल 34,800 किमी लंबाई शामिल है। इसके तहत 27,384 किमी लंबी सड़कों का काम सौंपा गया है और 15,045 किमी सड़कों का निर्माण पूरा हो गया है।

चरण 1 को 2027-28 तक पूरा किया जाना है।

3. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सड़क क्षेत्र के ठेकेदारों/डेवलपर्स के लिए राहत: मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर राहत उपाय प्रदान/विस्तारित किए:

(i) ठेकेदारों और कंसेशनायर के पास उपलब्ध धन की तरलता में सुधार के लिए अनुसूची एच/जी में छूट को 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।

(ii) एस्क्रो खाते के माध्यम से अनुमोदित उप-ठेकेदार को सीधे भुगतान की व्यवस्था 31 मार्च 2024 तक या उप-ठेकेदार द्वारा काम पूरा होने तक, जो भी पहले हो, जारी रखी जा सकती है।

(iii) प्रदर्शन आधारित सुरक्षा में कमी/प्रतिधारण राशि जारी करना: इस मंत्रालय ने पहले से ही सभी मौजूदा अनुबंधों के लिए प्रदर्शन सुरक्षा को मौजूदा 5-10% से घटाकर अनुबंध मूल्य का 3% करने का निर्णय लिया है (विवादित अनुबंधों को छोड़कर जिनमें मध्यस्थता/अदालत की कार्यवाही पहले ही शुरू हो चुकी है या पूरी हो चुकी है)।31.03.2024 तक जारी/संपन्न सभी निविदाओं/अनुबंधों में भी कम प्रदर्शन सुरक्षा का प्रावधान होना चाहिए। हालांकि, निष्पादित कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय सभी परियोजना निष्पादन एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह देगा कि असामान्य रूप से कम बोलियों (एएलबी) के मामले में, व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार अतिरिक्त प्रदर्शन सुरक्षा प्राप्त की जाए। प्रतिधारण राशि निर्माण अवधि तक प्रदर्शन आधारित सुरक्षा का एक हिस्सा है। इसलिए, पहले से निष्पादित कार्य के अनुपात में प्रतिधारण धनराशि जारी करने के क्रम को बनाए रखा जा सकता है और 31.03.2024 तक ठेकेदार द्वारा उठाए गए बिलों से प्रतिधारण धनराशि में कोई कमी नहीं की जा सकती है।

यदि रियायत प्राप्तकर्ता अनुबंध का उल्लंघन नहीं कर रहा है तो एचएएम/बीओटी अनुबंधों के लिए, एक प्रदर्शन गारंटी आनुपातिक आधार पर जारी की जा सकती है, जैसा कि अनुबंध में उल्लेख किया गया है।

सड़क निर्माण मॉडलों के मॉडल रियायती अनुबंध (एमसीए) और प्रस्ताव हेतु अनुरोध (आरएफपी) में परिवर्तन: -

(i) संरचनाओं सहित लचीले फुटपाथ की अनुमति देने के लिए एचएएम परियोजनाओं के लिए एमसीए में बदलाव किए गए हैं। एचएएम परियोजना के आरएफपी और एमसीए में बदलाव किए गए हैं ताकि एचएएम परियोजना को आवंटित करने के लिए न्यूनतम बोली वाली परियोजना लागत (बीपीसी) को आधार बनाया जा सके और लागत को ईपीसी परियोजनाओं की तरह तय किया जा सके। एमओआरटीएच द्वारा जारी एचएएम परियोजना के एमसीए के क्लॉज 23.7 में निम्नलिखित तीन श्रेणियां शामिल हैं:

क) संरचनाओं सहित लचीले स्थायी फुटपाथ के लिए

बी) संरचनाओं सहित 10 साल की रखरखाव अवधि के साथ मजबूत फुटपाथ के लिए

ग) स्टैंड-अलोन पुलों/सुरंग कार्यों के लिए

(ii) ईपीसी, एचएएम और बीओटी (टोल) के मानक दस्तावेजों में बीमा जमानत बॉन्ड (इंश्योरेंस श्योरिटी बॉन्ड) और ई-बैंक गारंटी को "बोली सुरक्षा और प्रदर्शन सुरक्षा" के रूप में स्वीकार करने के संबंध में प्रावधानों का समावेश:

व्यय विभाग ने कार्यालय ज्ञापन संख्या एफ. 1/4/2022-पीपीडी दिनांक 05.08.2022 के माध्यम से बोली सुरक्षा और प्रदर्शन सुरक्षा स्वीकार करने के साधन के रूप में ई-बैंक गारंटीको शामिल करने के लिए सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर), 2017 के नियम 170(i) और नियम 171(i) में संशोधन किया। इसके अलावा, व्यय विभाग ने बीमा जमानत बॉन्ड के प्रावधान को 'बोली'के साधन के रूप में स्वीकार करने के लिए जीएफआर, 2017 के नियम 170 (i) और नियम 171 (i) में संशोधन किया था।

दिनांक 02.02.2022 के कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से सुरक्षा'और 'प्रदर्शन सुरक्षा'। व्यय विभाग द्वारा जारी नवीनतम परिपत्र, कार्यालय ज्ञापन संख्या एफ 1/2/2023-पीपीडी दिनांक 03.04.2023, प्रदर्शन आधारित सुरक्षा प्रस्तुत करने के संभावित साधन के रूप में बीमा जमानत बांड और ई-बैंक गारंटी भी प्रदान करता है। इसे देखते हुए मंत्रालय द्वारा ईपीसी, एचएएम और बीओटी (टोल) के मानक दस्तावेजों में आवश्यक संशोधन किए गए।

4. संपत्ति मुद्रीकरण:

  1. टीओटी मॉडल - इस मॉडल के तहत, सार्वजनिक वित्त पोषण के माध्यम से निर्मित चयनित परिचालन राजमार्गों के संबंध में उपयोगकर्ता शुल्क (टोल) के संग्रह का अधिकार बोली के परिणामस्वरूप रियायत (कंसेशन) समझौते के माध्यम से सौंपा गया है। सरकार/एनएचएआई को उद्धृत एकमुश्त राशि के अग्रिम भुगतान के एवज में रियायतग्राही (कंसेशनायर) को 15-30 वर्ष की निर्दिष्ट अवधि के लिए ऐसा किया गया है।कंसेशन पीरियड के दौरान, सड़क संपत्तियों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी कंसेशनायर की होती है। 2018 में इसकी शुरुआत के बाद से, एनएचएआई ने टीओटी मोड के माध्यम से मुद्रीकरण के रोड एसेट (सड़कों का बंडल) के 6 दौर सफलतापूर्वक पूरे किए हैं और 26,366 करोड़ रुपये जुटाए हैं। टीओटी बंडल 11, 12, 13 और 14 के तहत एलओए जारी किए गए हैं और वित्त वर्ष 2023-24 में 15,968 करोड़ रुपये कंसेशन शुल्क की प्राप्ति होने की उम्मीद है। यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी है कि इन 4 टीओटी बंडलों के लिए एलओए संबंधित वित्तीय निविदाएं खुलने के एक दिन के भीतर एनएचएआई द्वारा जारी किए गए थे। इस मॉडल के तहत वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक कुल संपत्ति मुद्रीकरण 42,334 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
  1. इन्विट मॉडल –एनएचएआई ने सेबी इन्विट विनियमन, 2014 के तहत एक इन्विट की स्थापना की है, जिसमें मुख्य निवेशकों (सीपीपीआईबी, ओटीपीपी आदि) के अलावा एनएचएआईकी 16% हिस्सेदारी है। इन्विट एक पूल्ड निवेश का माध्यम है जो निवेशकों को यूनिट जारी करता है, जबकि ट्रस्ट के प्रबंधन के लिए तीन यूनिट- ट्रस्टी, निवेश प्रबंधक और परियोजना प्रबंधकहैं। तीनों संस्थाओं ने सेबी विनियमों के तहत भूमिकाएं और जिम्मेदारियां परिभाषित की हैं। इस प्रक्रिया में दो चरण (635 किमी) लिए गए और उन्हें अंतिम रूप दिया गया। इस मॉडल के तहत अब तक 10,200 करोड़ रुपये का कंसेशन शुल्क वसूला जा चुका है। वित्त वर्ष 2023-24 में एक और दौर के माध्यम से 15,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है।
  • iii. एसपीवी मॉडल के माध्यम से प्रतिभूतिकरण - एक एसपीवी/डीएमई (एनएचएआई के 100%स्वामित्व में), विचाराधीन सड़क संपत्तियों को बंडल करके औरसड़क संपत्तियों से भविष्य के उपयोगकर्ता शुल्क को सुरक्षित करके बनाया गया है। एनएचएआई टोल एकत्र करेगा, सड़क संपत्तियों का रखरखाव करेगा और समय-समय पर एसपीवी स्तर पर ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भुगतान एसपीवी को हस्तांतरित करेगा। एनएचएआई द्वारा इस पद्धति (डीएमई- दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे) के माध्यम से अब तक लगभग 37,000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में इस मॉडल के तहत 6,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है।

. 2023 की बड़ी घटनाएं

 

(i) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन/शिलान्यास

(कुल: लगभग 59,650 करोड़ रुपये)

  • दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे: माननीय प्रधानमंत्री ने लगभग 11,895 करोड़ रुपये की लागत से विकसित दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे के 244.50 किलोमीटर लंबे हिस्से को 2 अक्टूबर 2023 को राष्ट्र को समर्पित किया।
  • हैदराबाद-विशाखापत्तनम गलियारा: माननीय प्रधानमंत्री ने लगभग 2,460 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 'एनएच-365बीबी के 59 किमी लंबे सूर्यापेट से खम्मम खंड की चार लेन'सड़क परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। यह परियोजना हैदराबाद-विशाखापत्तनम गलियारे का एक हिस्सा है और इसे भारत माला परियोजना के तहत विकसित किया गया है। यह खम्मम जिले और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों को बेहतर संपर्क प्रदान करेगा।
  • नागपुर-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारा: माननीय प्रधानमंत्री ने उन प्रमुख सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी जो नागपुर-विजयवाड़ा आर्थिक गलियारे का हिस्सा हैं। इन परियोजनाओं में वारंगल से एनएच-163जीके खम्मम खंड तक 108 किमी लंबा चार लेन का नियंत्रित पहुंच वाला ग्रीनफील्ड राजमार्ग और खम्मम से एनएच-163जी के विजयवाड़ा खंड तक 90 किमी लंबाचार लेन का नियंत्रित पहुंच वाला ग्रीनफील्ड राजमार्ग शामिल हैं। ये सड़क परियोजनाएं लगभग 6400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जाएंगी। परियोजनाओं से वारंगल और खम्मम के बीच की दूरी लगभग 14 किमी एवं खम्मम और विजयवाड़ा के बीच की दूरी लगभग 27किमी कम हो जाएगी।
  • इंदौर में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क: माननीय प्रधानमंत्री ने इंदौर में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला रखी, जिससे मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • छह लेन वाले सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे (1270 किमी) के कर्नाटक खंड की आधारशिला रखी गई: माननीय प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के यादगीर जिले के कोडेकल में सूरत चेन्नई एक्सप्रेसवे के दो ग्रीनफील्ड खंडों की आधारशिला रखी। इन दोनों एक्सप्रेसवे खंडों की लंबाई 65.5 किमी और 71 किमी है। इन्हें क्रमशः 2,000 करोड़ रुपये और 2,100 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। इन ग्रीनफ़ील्ड खंडों से महाराष्ट्र के अक्कलकोट और आंध्र प्रदेश के कुरनूल के बीच यात्रा में लगने वाला समय मौजूदा आठ घंटों से घटाकर केवल तीन घंटे करने में मदद मिलेगी।
  • दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड 12 फरवरी 2023 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। इससे राष्ट्रीय राजधानी से जयपुर तक यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। सरिस्का, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर और जयपुर जैसे पर्यटन स्थलों को इस एक्सप्रेसवे से भारी लाभ होगा। उन्होंने 5,940 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली 247 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इसमें बांदीकुई से जयपुर तक चार लेन की स्पर रोड, कोटपूतली से बड़ौदानियो तक छह लेन की स्पर रोड और लालसोट-करोली खंड की दो लेन का पेव्ड शोल्डर शामिल है।
  • बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे और मैसूर-कुशलनगर 4-लेन राजमार्ग: माननीय प्रधानमंत्री ने 12 मार्च 2023 को कर्नाटक के मांड्या में 118 किलोमीटर लंबे बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित किया और 92 किलोमीटर लंबे मैसूर-कुशलनगर 4-लेन राजमार्ग की आधारशिला रखी।8,480 करोड़ रुपये की लागत से विकसित बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे सेबेंगलुरु और मैसूर के बीच यात्रा का समय तीन घंटे से घटकर लगभग 75 मिनट रह जाएगा और इससे इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। 4,130करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाला मैसूर-कुशलनगर 4-लेन राजमार्गसे बेंगलुरु और कुशलनगर के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।
  • वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक यात्री रोपवे: माननीय प्रधानमंत्री ने 24 मार्च 2023 को लगभग 645 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित होने वाले वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक यात्री रोपवे की आधारशिला रखी। रोपवे प्रणाली 3.85 किमी लंबी होगी और इससे पर्यटक, तीर्थयात्री और वाराणसी के निवासियों के लिए आवाजाही में आसानी होगी।
  • माननीय प्रधानमंत्री द्वारा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास: माननीय प्रधानमंत्री ने चेन्नई, तमिलनाडु में लगभग 3,700 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने मदुरै शहर में 7.3 किमी लंबे एलिवेटेड कॉरिडोर और एनएच-785 की 24.4 किमी लंबी चार-लेन सड़क का उद्घाटन किया। उन्होंने एनएच-744 पर सड़क परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला भी रखी।इन सड़कों के निर्माण से तमिलनाडु और केरल के बीच अंतर-राज्य संपर्क को बढ़ावा मिलेगा और मदुरै में मीनाक्षी मंदिर, श्रीविल्लिपुथुर में अंडाल मंदिर और केरल में सबरीमाला आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित होगी।
  • माननीय प्रधानमंत्री ने राजसमंद और उदयपुर में दो लेन की सड़कों के सुधार कार्य का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने राष्ट्र को तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं भी समर्पित कीं, जिनमें एनएच-48 का 114 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला उदयपुर से शामलाजी तक का खंड, एनएच-25 के पेव्ड शोल्डर के साथ 110 किलोमीटर लंबे बार-बिलाड़ा-जोधपुर खंड और एनएच 58ई के पेव्ड शोल्डर खंड के साथ दो लेन वाले 47 किमी लंबे मार्ग का चौड़ीकरण और मजबूत बनाना शामिल है। इन राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा क्षेत्र को लाभ होगा।
  • रायपुर में 07 जुलाई 2023 को 6,400 करोड़ रुपये की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इन परियोजनाओं में जबलपुर-जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रायपुर से कोडेबोड खंड को 33 किमी लंबी 4-लेनिंग करना; एनएच-130 के बिलासपुर से अंबिकापुर खंड का 53 किमी लंबा 4-लेन बिलासपुर-पथरापाली भाग; एनएच 130 सीडी पर 43 किमी लंबा छह-लेन का झांकी-सरगी खंड; एनएच-130 सीडी पर 57 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला सरगी-बासनवाही सेक्शन और एनएच-130 सीडी पर 25 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला बसनवाही-मारंगपुरी खंड शामिल हैं। ये परियोजनाएं संपर्क में सुधार करेंगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
  • वारंगल में 08 जुलाई, 2023 को 5,500 करोड़ रुपयेकी 176 किलोमीटर लंबी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया था। परियोजनाओं में नागपुर-विजयवाड़ा गलियारे का 108 किमी लंबा मंचेरियल वारंगल खंड और एनएच-563 के 68 किमी लंबे करीमनगर वारंगल खंड को मौजूदा दो-लेन से चार-लेन में सुधार करना शामिल है।

 

(ii) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा उद्घाटन/शिलान्यास

(कुल: लगभग 1,31,993.68 करोड़ रुपये)

  • असम: माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 3 अक्टूबर, 2023 को गुवाहाटी, असम में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली 26 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में डिब्रूगढ़-तिनसुकिया-लेडो परियोजना, सिलचर से लैलापुर खंड, धेमाजी जिले में एनएच-515, एनएच-137, पाइकन से गुवाहाटी हवाई अड्डा खंड शामिल हैं।
  • केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मध्य प्रदेश में 18 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ओरछा में 550 किमी की कुल लंबाई के साथ 6800 करोड़ रुपये की 18 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया।बेतवा नदी पर बनने वाले 665 मीटर 2-टेन पक्के सोल्डर लॉन्ग ब्रिज और फुटपाथ से ओरछा, झांसी, टीकमगढ़ का संपर्क बेहतर होगा। सागर शहर, छतरपुर शहर और गढ़ाकोटा में फ्लाईओवर के निर्माण से इन शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान हो जाएगा। भोपाल-कानपुर आर्थिक गलियारे के निर्माण से भोपाल से कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी तक संपर्क बढ़ेगा जिससे सीमेंट और खनिजों का परिवहन आसान हो जाएगा और इसमें शामिल लॉजिस्टिक लागत भी कम हो जाएगी।
  • महाराष्ट्र: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में 3670 करोड़ रुपये की लागत वाली 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें नांदेड़ में 1575 करोड़ रुपये की लागत वाली 212 किलोमीटर लंबी 5 एनएच परियोजनाएं और परभणी में 1058 करोड़ रुपये लागत वाली 75 किलोमीटर लंबी 3 एनएच परियोजनाएं और हिंगोली में 1037.4 करोड़ रुपये की लागत वाली 1 एनएचपरियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं से मराठवाड़ा क्षेत्र के तेलंगाना और कर्नाटक के साथ संपर्क में सुधार होगा, जिससे औद्योगिक और कृषि विकास को गति मिलेगी, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र के धार्मिक स्थानों को जोड़ने में मदद मिलेगी।
  • नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के बलिया में 6500 करोड़ रुपये की 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से पूर्वी उत्तर प्रदेशका बिहारके छपरा, पटना और बक्सर जिलों से संपर्क बेहतर होगा। चंदौली से मोहनिया तक ग्रीनफील्ड सड़क दिल्ली-कोलकाता जीटी रोड के माध्यम से उत्तर प्रदेश के चंदौली और बिहार के कैमूर जिले को संपर्क प्रदान करेगी। सैदपुर से मरदह सड़क के निर्माण से मऊ से सैदपुर होते हुए वाराणसी तक सीधेसंपर्क हो जाएगा, जिससे आजमगढ़ के पिछड़े इलाकों को नया संपर्क मिलेगा और क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।
  • उत्तर प्रदेश के महोबा में 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं: माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के महोबा में 3,500 करोड़ रुपये की 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में झांसी खजुराहो रोड, मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश सीमा पर कबरई खंड, झांसी-प्रयागराज के बीच रोड ओवर ब्रिज, चित्रकोट में 4लेन के 258 किमी लंबे रामवनगमन मार्ग, महोबा में 18 किमी लंबा4लेन का बाईपास और अरतरा में 15 किमी लंबा 4 लेन का बाईपास और प्रयागराज से मिर्जापुर  (एनएच-76ई) तक 70 किमी के हिस्से की 4 लेनिंग का निर्माण शामिल है।
  • 2 जून, 2023 को वडोदरा में 48 करोड़ रुपये की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं के उद्घाटन हुआ था। इसके अलावा, 5 जून,2023 को असम में 1450 करोड़ की एनएच परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास का कार्यक्रम हुआ।
  • खामगांव, बुलढाणा में अमरावती-चिखली राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर 816 करोड़ रुपये की लागत वाली शेलाद से नांदुरा परियोजना का उद्घाटन 11 जून 2023 को किया गया।
  • 12 जून 2023 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ क्षेत्र में 2,200 करोड़ रुपये की लागत वाली 5 एनएच परियोजनाओं और देवरिया क्षेत्र में 6,215 करोड़ रुपये की 5 एनएच परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई।
  • हरियाणा के सोनीपत, करनाल और अंबाला में20 जून, 2023 को 3,835करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने का कार्यक्रम हुआ।परियोजनाओं में सोनीपत में दिल्ली से पानीपत तक 8-लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर 890 करोड़ रुपये की लागत के कुल 24 किमी लंबाई वाले 11 फ्लाईओवर; और 1,690 करोड़ रुपये की लागत वाले 35 किमी लंबे ग्रीनफील्ड 6-लेन के रिंग रोड का निर्माण शामिल है।
  • उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 18 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं: माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 10,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 18 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सोनौली गोरखपुर और गोरखपुर रिंग रोड की 4लेनिंग, कुशीनगर से लुंबिनी तक सड़क और गिलौला बाईपास का निर्माण शामिल है।
  • झारखंड के रांची में 21 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं: माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रांची, झारखंड में 9400 करोड़ रुपये की लागत वाली 532 किमी लंबी 21 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। 7000 करोड़ रुपये की लागत से रांची से वाराणसी तक 260 किमी 4-लेन इंटर-कॉरिडोर के निर्माण से रांची से वाराणसी तक की यात्रा का समय 5 घंटे कम हो जाएगा।
  • झारखंड के जमशेदपुर में 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं: माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जमशेदपुर, झारखंड में 3843 करोड़ रुपये की 220 किमी लंबी 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में 1876 करोड़ की लागत से रांची-जमशेदपुर रोड पर काली मंदिर से बालीगुमा तक झारखंड की पहली 4-लेन डबल डेकर एलिवेटेड रोड और रांची से जमशेदपुर इंटर कॉरिडोर शामिल हैं।
  • महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं: माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पलास्पे गांव में  414.68 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी और दिघी के दो बंदरगाहों पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी, वहीं, पनवेल से कासु राजमार्ग के कंक्रीटीकरण से यात्रा में तेजी आएगी और ईंधन की बचत होगी।
  • दो मोबाइल एप्लिकेशन का उद्घाटन: माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दो मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया, जो इस प्रकार हैं-(क) 'राजमार्गयात्रा' - एक नागरिक केंद्रित मोबाइल एप्लिकेशन जिसमें अंतर्निहित शिकायत निवारण प्रणाली है और (ख) 'एनएचएआई वन' - राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निष्पादन में अधिकांश महत्वपूर्ण ऑनसाइट आवश्यकताओं को सुविधाजनक बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप। ये दोनों ऐप दक्षता बढ़ाने और राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवागमन को सुविधाजनक बनाने पर केंद्रित हैं।
  • प्रतापगढ़ में 4 जुलाई 2023 को 5,600 करोड़ की लागत वाली 11 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन समारोह।
  • तिरुपति में 2,900 करोड़ रुपये की लागत से 87 किमी लंबाई वाली तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का 13 जुलाई, 2023 को शिलान्यास किया गया।
  • इन परियोजनाओं में (क) 1,399 करोड़ रुपये की लागत से एनएच-71 के 35 किलोमीटर लंबे नायडूपते-तुरपु कनुपुर खंड, (ख) 909 करोड़ रुपये की लागत पर एनएच-516डब्ल्यू पर तुरपु कानूपुर के रास्ते 36 किलोमीटर लंबा चिलकुरु क्रॉस-कृष्णापटनम पोर्ट साउथ गेट खंड, (ग)610 करोड़ रुपये की लागत से एनएच-516डब्ल्यूऔर एनएच-67 पर यूपुरु से कृष्णापटनम बंदरगाह तक एक समर्पित पोर्ट रोड सहित 16किलोमीटर लंबा थम्मिनापट्टनम-नारिकेलापल्ले खंड शामिल है।
  • लखनऊ में 3,300 करोड़ रुपये की लागत वाली दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का 17 जुलाई 2023 को उद्घाटन किया गया। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर लखनऊ-सीतापुर खंड का मड़ियांव-आईआईएम और अलीगढ़-कानपुर खंड के नवीगंज से मित्रसेनपुर तक 4-लेन सड़क का निर्माण शामिल है।
  • पुणे में 12 अगस्त 2023 को 865 करोड़ रुपये की एकीकृत सड़क बुनियादी ढांचा परियोजना का उद्घाटन किया गया। इस परियोजना में एनडीए चौक पर 17 किमी लंबे फ्लाईओवर और इंटरचेंज परियोजना का निर्माण शामिल है। 18 अगस्त 2023 को महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के मलकापुर में 800 करोड़ रुपये की एक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का उद्घाटन किया गाय। इस परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर 45 किमी लंबे नंदुरा से चिखली खंड परचार-लेन परियोजना के निर्माण शामिल है।
  • माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री द्वारा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास:  महाराष्ट्र के वाशिम में 3,695 करोड़ रुपये की तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। ये महाराष्ट्र के अकोला से तेलंगाना के संगारेड्डी तक एनएच-161 की 4लेनिंग से संबंधित हैं जो दोनों राज्यों के बीच संपर्क के लिए महत्वपूर्ण है।
  • माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने गुवाहाटी, असम में 31 अक्टूबर 2023 को 17,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 26 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
  • माननीय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने वाशिम, महाराष्ट्र में 3,695 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

(iii) लंबित मामलों के निपटारे के लिए विशेष अभियान 3.0:

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 02.10.2023से 31.10.2023तक विशेष अभियान 3.0को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है। अभियान के विभिन्न मापदंडों के तहत पहचाने गए लक्ष्य और इस दौरान हासिल की गई उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

 

क्र. सं.

मानदंड

लक्ष्य

उपलब्धियां

1

सांसदों से संदर्भ

799

799

2

लोक शिकायतें

764

764

3

लोक शिकायत अपील

334

334

4

पीएमओ संदर्भ

18

18

5

रिकार्ड प्रबंधन

18013

18013

6

स्वच्छता अभियान

13168

13168

7

राज्य सरकार संदर्भ

11

10

8

स्क्रैप निपटान से राजस्व

-

6, 31, 629 रुपये

9

खाली कराया गया स्थान

-

1,070 वर्ग फुट

 

 

लंबित संसदीय आश्वासन, वीआईपी संदर्भ। एससीडीपीएम 1.0 के बाद से सार्वजनिक शिकायतों और सार्वजनिक अपीलों में लगातार कमी आई है

अन्य घटनाएं

  • 11-17 जनवरी 2023 तक सड़क सुरक्षा सप्ताह: मंत्रालय ने सभी के लिए सुरक्षित सड़कों के प्रचार के उद्देश्य से "स्वच्छता पखवाड़ा" के तहत 11 से 17 जनवरी 2023 तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया।भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा,