मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला 1 जनवरी 2024 से 6 जनवरी 2024 तक आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के विभिन्न स्थानों पर आयोजित सागर परिक्रमा (चरण दस) कार्यक्रम में भाग लेंगे
सागर परिक्रमा (चरण दस) आंध्र प्रदेश के शेष तटीय जिलों और यनम (पुडुचेरी) से गुजरेगा
श्री परशोत्तम रूपाला मछुआरों, जलीय किसानों और अन्य हितधारकों जैसे लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) वितरित करेंगे
Posted On:
31 DEC 2023 12:41PM by PIB Delhi
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला, डॉ. एल मुरुगन राज्य मंत्री के साथ 1 जनवरी 2024 से 6 जनवरी 2024 तक आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के विभिन्न स्थानों पर आयोजित सागर परिक्रमा (चरण दस) कार्यक्रम में भाग लेंगे।
वे प्रगतिशील मछुआरों, विशेष रूप से तटीय मछुआरों और मछली पालन करने वाले किसानों, युवा मत्स्य उद्यमियों, मछुआरों, जलीय किसानों और अन्य हितधारकों जैसे लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) वितरित करेंगे। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से की गई सर्वोत्तम पहलों और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और मछुआरों के लाभ के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में व्यापक रूप से जानकारी प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश सरकार का मत्स्य पालन विभाग, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, भारतीय तट रक्षक, भारतीय मत्स्य सर्वेक्षण, मछुआरा संघ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे।
सागर परिक्रमा यात्रा में मछुआरों, मछली किसानों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ श्री परशोत्तम रूपाला और डॉ. एल मुरुगन बातचीत भी करेंगे है। आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के तटीय जिलों में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और अन्य गतिविधियों पर भी अभियान चलाए जा रहे हैं। राज्य के मत्स्य पालन अधिकारी, मछुआरों के प्रतिनिधि, मछली-किसान, उद्यमी, मछुआरा सहकारी समिति के नेता, पेशेवर, वैज्ञानिक और देश भर के अन्य हितधारक इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
‘‘सागर परिक्रमा’’ के पहले चरण की यात्रा 5 मार्च 2022 को गुजरात के मांडवी से शुरू हुई थी और अब तक सागर परिक्रमा के कुल नौ चरण पूरे हो चुके हैं। सागर परिक्रमा गुजरात, दमन और दीव, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, अंडमान और निकोबार, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले का हिस्सा के तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरी है। सागर परिक्रमा के दसवें चरण में आंध्र प्रदेश के शेष तटीय जिलों अर्थात् नेल्लोर, प्रकाशम, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, कोनसीमा, काकीनाडा, विशाखापत्तनम, विजयनगरम, श्रीकाकुलम और यानम (केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी) को कवर किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश राज्य 974 किलोमीटर लंबी तटरेखा, 33,227 किलोमीटर महाद्वीपीय शेल्फ क्षेत्र, 555 समुद्री मछुआरों के गांव, 2 मछली पकड़ने के बंदरगाह, 350 मछली लैंडिंग केंद्र, 31147 मछली पकड़ने के साधन और उपकरण, 65 शीतागार (कोल्ड स्टोरेज), 64 प्रसंस्करण संयंत्र, 235 बर्फ संयंत्र, 28 फीड मिलें, 357 हैचरी और 234 एक्वालैब के साथ संभावित और विविध जल संसाधनों से समृद्ध है।
आंध्र प्रदेश में, भारत सरकार की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत, 5 वर्षों के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र में कुल 2300 करोड़ रूपये के निवेश की परिकल्पना की गई है। पीएमएमएसवाई के तहत शुरू की गई कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं में मछली लैंडिंग केंद्रों का निर्माण, मछली पकड़ने के बंदरगाहों का निर्माण, कोल्ड स्टोरेज / बर्फ संयंत्रों का निर्माण, पारंपरिक मछुआरों के लिए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के नए जहाजों का अधिग्रहण, ब्रूड बैंक का निर्माण, मीठे पानी की फिनफिश और खारे पानी के लिए हैचरी निर्माण, जलीय कृषि के लिए विस्तार क्षेत्र, फिंगरलिंग का भंडारण, रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, पारंपरिक और मोटर चालित जहाजों के लिए संचार और ट्रैकिंग उपकरण शामिल है।
सागर परिक्रमा मछुआरा समुदाय के कल्याण और तटीय विकास के लिए दूरदर्शी नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का एक प्रमाण है। यह सरकार द्वारा की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य मछुआरों, अन्य हितधारकों की समस्याओं को हल करना और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्य पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) उपलब्ध कराकर उनका आर्थिक उत्थान करना है।
सागर परिक्रमा का उद्देश्य लोगों की समस्याओं को जानकर उन्हें दूर करना और किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाना और उनका आर्थिक उत्थान करना है। इस सागर परिक्रमा के दौरान मछुआरे अपने क्षेत्र में ही अपनी समस्याओं के बारे में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर सकते हैं। यह यात्रा मछुआरों, मछली किसानों के मुद्दों को हल करने में लगातार सहायता करेगी और विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान की सुविधा प्रदान करेगी।
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