उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय

नई तकनीकों के साथ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 2.0 उपभोक्ताओं की शिकायतों का बेहतर तरीके से समाधान करेगी: राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर श्री पीयूष गोयल


श्री गोयल ने एनसीडीआरसी और सभी राज्य उपभोक्ता आयोगों के लिए ई-जागृति पोर्टल और वीसी सुविधा का उद्घाटन किया

इस वर्ष नवंबर तक एनसीएच पर प्राप्त कॉलों की संख्या 10,000 से बढ़कर 1,32,209 हो गई

Posted On: 24 DEC 2023 5:47PM by PIB Delhi

उपभोक्ता कार्य विभाग ने उपभोक्ता संरक्षण और शिकायत निवारण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2023 मनाया। इस अवसर पर अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, कपड़ा और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि ग्राहकों की संतुष्टि ही देश के विकास का मार्ग है। बी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त किए गए उस रुख की पुष्टि करते हुए जिसमें उन्‍होंने उपभोक्ता अधिकारों के बारे में चर्चा में उपभोक्ता देखभाल के महत्व को रेखांकित किया था, श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि देश की प्रगति उपभोक्ताओं की संतुष्टि सुनिश्चित करने पर निर्भर करती है।

उपभोक्ता कार्य विभाग की नई पहल की सराहना करते हुए श्री गोयल ने कहा कि एनसीडीआरसी के लिए ई-जागृति पोर्टल और वीसी सुविधा का शुभारंभ, एनटीएच में ड्रोन परीक्षण, 17 भाषाओं में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 2.0 और कॉल में 13 गुना बढ़ोतरी उपभोक्ताओं का भरोसा बनाने के भारत सरकार के प्रयासों के उदाहरण है। नए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) बाजार में वस्तुओं की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

व्यापक स्तर पर प्रौद्योगिकी अपनाने को बढ़ावा देने के साथ-साथ उपभोक्ता कार्य मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तकनीकी विस्तार के साथ-साथ संबंधित जोखिमों में भी बढ़ोतरी होती है। डार्क पैटर्न के शमन सहित एआई और उपभोक्ता संरक्षण जैसे विषयों के बारे में चल रही बातचीत में व्यापक हितधारक चर्चा की अनिवार्यता पर जोर दिया जाता है। केन्द्रीय मंत्री ने उपभोक्ता कार्य विभाग द्वारा हाल ही में जारी ‘‘डार्क पैटर्न की रोकथाम और विनियमन के लिए दिशानिर्देश, 2023’’ की सराहना की। 13 विशिष्ट डार्क पैटर्न को रेखांकित करने वाले इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य हेरफेर प्रथाओं को रोकना तथा विनियमित करना और उपभोक्ताओं के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी बाजार को बढ़ावा देना है।

श्री गोयल ने मामले के निपटान में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम योगदान के लिए राष्ट्रीय आयोग के हाल ही में नियुक्त अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अमरेश्वर प्रताप साही के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने उपभोक्ता कार्य विभाग से उपभोक्ता आयोगों के साथ मिलकर रणनीति बनाने, पुराने लंबित मामलों के पूरी तरह से समाधान करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और नए मामलों का अधिक तेजी से तथा वास्तविक समय में समाधान करने का आग्रह किया।

आवश्यक वस्तुओं की कीमतों से संबंधित मुद्दों पर बोलते हुए श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उपभोक्ता कार्य विभाग के सहयोग से सक्रिय उपायों और मौद्रिक तथा राजकोषीय नीतियों को लागू करके खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में रखने में सफलतापूर्वक कामयाब रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने विभाग की सक्रिय पहल की सराहना की जिसमें 140 नए मूल्य निगरानी केंद्रों की स्थापना शामिल है। इसके साथ ही कुल 550 मूल्य निगरानी केंद्र बन गए हैं जो सांकेतिक मूल्य की निगरानी और विश्लेषण करते हैं और इस तरह उपभोक्ताओं को खाद्य मुद्रास्फीति से बचाते हैं। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं को रियायती मूल्य पर भारत दाल और भारत आटा के साथ टमाटर और प्याज उपलब्ध कराने में विभाग की कोशिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं को मुद्रास्फीति से बचाने के लिए वर्तमान सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

केन्द्रीय मंत्री ने उपभोक्ता के बेहतर भविष्य के लिए उपभोक्ता कार्य विभाग से जागरूकता फैलाकर, विकल्प प्रदान करके, कुशल शिकायत निवारण और निरंतर प्रतिक्रिया देकर जागृति को एक जन आंदोलन बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस, 2023 के अवसर पर, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, कपड़ा और वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने निम्नलिखित जारी किया:

 

  1. उपभोक्ता आयोगों के लिए ई-जागृति पोर्टल का उद्घाटन
  2. एनसीडीआरसी में वीसी सुविधा का उद्घाटन
  3. नेशनल टेस्ट हाउस (एनटीएच) में ड्रोन प्रमाणन सुविधा का उद्घाटन
  4. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन 2.0 का उद्घाटन
  5. नेशनल टेस्ट हाउस में नई प्रयोगशालाओं का उद्घाटन
  • मुंबई में घरेलू उपकरण परीक्षण प्रयोगशाला और गुवाहाटी में ट्रांसफार्मर परीक्षण सुविधा
  • जयपुर में जैविक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला
  1. ईवी (परीक्षण) में आपसी सहयोग के लिए एनटीएच और आरआरएसएल के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान

एनसीडीआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अमरेश्वर प्रताप साही ने अपने मुख्य भाषण में ‘उपभोक्ता देवो भव’ के महत्व पर जोर दिया और पूरे देश में व्यापक उपभोक्ता संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि मामलों की ई-फाइलिंग देश के हर कोने तक पहुंच योग्य होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि तकनीकी रूप से अक्षम उपभोक्ता भी ई-दाखिल के माध्यम से मामले दर्ज करने के लिए इसका उपयोग कर सकें।

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण, पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने विकास, सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों का कार्यान्वयन, ऑनलाइन पोर्टल और परीक्षण सुविधाओं के उन्नयन के सहयोग से बीआईएस, लीगल मेट्रोलॉजी और नेशनल टेस्ट हाउस के माध्यम से अपनी प्रक्रिया को स्वचालित करने के लिए उपभोक्ता कार्य विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि तेजी से हो रहे प्रौद्योगिकी विकास और ई-कॉमर्स में बढ़ोतरी के साथ उपभोक्ताओं के सामने नए जोखिम और चुनौतियां हैं, ऐसे में उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन के लिए मामलों का प्रभावी और समय पर निपटान अत्यंत आवश्यक है।

उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने अपने संबोधन में उपभोक्ता विभाग की हालिया उपलब्धियों, मामलों के प्रभावी निपटान की दिशा में सरकार की प्रमुख पहल और परीक्षण मानकों के क्षेत्र में प्रमुख उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता कार्य विभाग मामले के त्वरित समाधान और प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी की मदद लेने पर केंद्रित रणनीति को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य नीतिगत स्तर पर उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करना और भारत के विकास में सक्रिय रूप से योगदान देना है।

 

उद्घाटन समारोह के बाद, निम्नलिखित विषयों पर तकनीकी सत्र आयोजित किया गया:

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा।
  • उपभोक्ता मामलों के त्वरित निपटान में प्रौद्योगिकी की भूमिका।
  • उपभोक्ता की पसंद और प्राथमिकताओं पर डार्क पैटर्न का प्रभाव।

इस समारोह में संयुक्त सचिव श्री अनुपम मिश्र और श्री विनीत माथुर, वरिष्ठ अधिकारी, उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य, विभिन्न राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के हितधारक, उद्योग संघ और उपभोक्ता संगठन भी शामिल हुए।

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