आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय
क्लीन टॉयलेट्स चैलेंज के नोमिनेशन दिखा रहे सार्वजनिक शौचालयों के सर्वोत्तम मॉडल
देश भर में सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निरीक्षण और ग्रेडिंग कर रहे स्वयं सहायता समूह
Posted On:
22 DEC 2023 4:42PM by PIB Delhi
क्लीन टॉयलेट्स चैलेंज में देश भर के नागरिक, शहरी स्थानीय निकाय, स्वयं सहायता समूह समेत सभी राज्य सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इसके लिए स्वच्छ शौचालयों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छता और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए व्यवहारिक कदम भी उठाए जा रहे हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने 'FACES' (फंक्शनल एक्सेसिबल, क्लीन, ईको-फ्रेंडली और सेफ) के मापदंडों के आधार पर अनुकरणीय मॉडल शौचालयों की पहचान करने के लिए सभी शहरों, पैरास्टैटल निकायों, निजी ऑपरेटरों, NGOS, SHGS समेत प्रासंगिक सरकारी विभाग और मंत्रालयों से नामांकन मांगे हैं।
माननीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने 19 नवंबर विश्व शौचालय दिवस से 25 दिसंबर सुशासन दिवस तक 5 सप्ताह का क्लीन टॉयलेट कैंपेन लॉन्च किया। सार्वजनिक शौचालयों में सफाई, स्वच्छता, रखरखाव, कार्यक्षमता, लोगों तक पहुंच, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं का आकलन करने के लिए, एक 'टॉयलेट ग्रेडिंग' प्रणाली तैयार की गई है और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को विभिन्न स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा इसकी सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए एसबीएम-यू ने डीएवाई-एनयूएलएम के साथ समन्वय किया और सार्वजनिक शौचालयों की ग्रेडिंग के लिए संबंधित वार्ड क्षेत्रों में एसएचजी को टैग किया। इससे संबंधित अभ्यास में शामिल एसएचजी को ग्रेडिंग और मापदंडों के विभिन्न विवरणों के बारे में प्रशिक्षित किया गया। यह गतिविधि 25 दिसंबर 2023 को समाप्त होगी।
शहरों और यूएलबी ने स्वच्छ शौचालयों के लिए इनोवेशन और स्मार्ट समाधान अपनाकर गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सेवाओं की सुविधा प्रदान करने में गहरी रुचि दिखाई है। स्वच्छता अभियान और शौचालयों के नवीनीकरण के अलावा, कुछ असाधारण स्मार्ट शौचालय मॉडल और सर्वोत्तम प्रयास अन्य यूएलबी को भी प्रेरित कर रहे हैं। यूपी के गोरखपुर में स्वयं सहायता समूह ‘राप्ती’ के नाम से प्रसाधन सुविधा के निर्माण में लगे हुए हैं। लुधियाना ने ऊर्जा-कुशल सार्वजनिक शौचालयों के लिए सौर पैनल स्थापित किए हैं। नवी मुंबई का महत्वाकांक्षी शौचालय मॉडल पुनर्नवीनीकरण सामग्री से बनाया गया है और संचालन एवं रखरखाव को मौजूदा व्यापक सिटी ओएंडएम योजना के साथ जुड़े गैर सरकारी संगठनों द्वारा संभाला जाता है। इन शौचालयों में रीसाइकल्ड और ट्रीट किए हुए पानी का उपयोग किया जाएगा। कोरुतला के छात्र दुकानदारों को "स्वच्छ राखी" बांधकर सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने का वादा लेकर अनोखी पहल कर रहे हैं। सूरत डिसेंट्रलाइज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के साथ शौचालयों को किफायती आवासों में जगह दे रहा है और उनमें भी एक बार इस्तेमाल हो चुके पानी को पुनर्चक्रित कर पुन: उपयोग किया जा रहा है। वे महत्वाकांक्षी शौचालयों का प्रस्ताव रख रहे हैं, जो महिलाओं को अलग जगह देने की योजना पर आधारित हैं, जैसे कि फीडिंग रूम और डायपर चेंजिंग रूम आदि। अहमदाबाद का ध्यान सब्जी मंडियों में पिंक टॉयलेट्स पर है, जहां महिलाओं की आवाजाही ज्यादा है।
क्लीन टॉयलेट्स चैलेंज में नामांकन करने के लिए फॉर्म अब https://sbmurban.org/ पर लाइव हैं और आवेदन की प्रक्रिया 23 दिसंबर तक खुली रहेगी। एक बार नामांकन समाप्त होने के बाद, विशेषज्ञों और अधिकारियों की एक स्वतंत्र जूरी 'FACES' के मापदंडों के आधार पर नामांकित शौचालय मॉडल का गहन मूल्यांकन करेगी। MoHUA द्वारा चुने गए सर्वश्रेष्ठ मॉडल शौचालयों को उनकी स्वच्छता सुविधाओं को दूसरों द्वारा दोहराए जाने और सीखने के लिए बेंचमार्क स्थापित करने के रूप में मान्यता देते हुए 'स्वच्छ भारत सार्वजनिक शौचालय' सील से सम्मानित किया जाएगा।
एसएचजी सीटी/पीटी की ग्रेडिंग कर रहे हैं और कार्यक्षमता और पहुंच के आधार पर शौचालयों का मूल्यांकन कर रहे हैं। कोरुतला जैसे कुछ यूएलबी में वर्क अथॉराइजेशन लेटर के अलावा एसएचजी सदस्यों को शौचालयों की ग्रेडिंग के लिए आधिकारिक आईडी कार्ड दिए जा रहे हैं। नामली जैसे यूएलबी ने एसएचजी महिलाओं के लिए विशेष मानदंडों को समझाने के लिए एक प्री-ग्रेडिंग प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया था। चंडीगढ़ में स्वच्छता पारखी पूरे शहर में सीटी/पीटी की ग्रेडिंग कर रहे हैं। टीम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी मापदंडों की सावधानीपूर्वक जांच कर रही है कि सफाई और स्वच्छता मानकों को पूरा किया जा रहा है या नहीं। सीटी/पीटी को 25 दिसंबर 2023 तक ग्रेड किया जाएगा।
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RKJ/M
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