वित्त मंत्रालय
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत कुल 44.46 करोड़ ऋणों में से 69 प्रतिशत ऋण महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं
स्टैंड-अप इंडिया के तहत स्वीकृत कुल 2.09 लाख ऋणों में से 84 प्रतिशत महिला उद्यमियों को स्वीकृत किए गए हैं
Posted On:
18 DEC 2023 5:11PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत 24.11.2023 तक स्वीकृत कुल 44.46 करोड़ ऋणों में से 30.64 करोड़ (69प्रतिशत) महिलाओं को स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा, स्टैंड-अप इंडिया (एसयूपीआई) के तहत, 24.11.2023 तक स्वीकृत 2.09 लाख ऋणों में से 1.77 लाख (84प्रतिशत) महिला उद्यमियों को स्वीकृत किए गए हैं।
ऋण तक बेहतर पहुंच का असर समाज के विभिन्न वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर पड़ता है। लघु/सूक्ष्म उद्यमों को आय सृजन गतिविधियों के लिए बिना कुछ गिरवी रखे संस्थागत ऋण प्रदान करने हेतु 08.04.2015 को पीएमएमवाई आरंभ की गई थी। एसयूपीआई योजना महिलाओं और एससी/एसटी के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन फील्ड उद्यमों की स्थापना हेतु ऋण प्रदान करने के लिए 05.04.2016 को शुरू की गई थी। इन योजनाओं का प्रमुख लक्ष्य महिलाओं का उत्थान रहा है।
पीएमएमवाई के माध्यम से मिलने वाले सूक्ष्म ऋण ने महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित किया, उनकी कमाई और रोजगार क्षमता को बढ़ाया और इस तरह उन्हें वित्तीय, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त बनाया। कम से कम एक ऋण महिलाओं और एक ऋण एससी/एसटी उद्यमियों को प्रदान करने का लक्ष्य आवंटित करके, एसयूपीआई ने ऋण प्रदान करने वालों को महिला उद्यमियों को ग्रीन-फील्ड परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो महिलाओं और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में बहुत सफल रहेगा।
उपरोक्त के अलावा,वित्त मंत्रालय द्वारा बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से देश भर में निम्नलिखित प्रमुख योजनाएं भी कार्यान्वित की जा रही हैं:
पीएम स्वनिधि को 1 जून, 2020 को स्ट्रीट वेंडरों को बिना कुछ गिरवी रखे तीन किश्तों यानी पहली किश्त में 10,000 रुपये तक, दूसरी किश्त में 20,000 रुपये तक, तीसरी किश्त में 50,000 रुपये तक ऋण प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था।
पीएम विश्वकर्मा को 17 सितंबर, 2023 को लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य 18 चिन्हित शिल्पों में संलग्न पारंपरिक कलाकारों और शिल्पकारों को कौशल प्रशिक्षण, बिना कुछ गिरवी रखे ऋण, आधुनिक उपकरण तक पहुंच, बाजार लिंकेज समर्थन और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन के माध्यम से अद्योपांत समग्र सहायता प्रदान करना है।
स्वयं सहायता समूह-बैंक लिंकेज कार्यक्रम (एसएचजी-बीएलपी) ने बचत करने, उधार लेने और सामाजिक पूंजी बनाने में महिलाओं की मदद करके उनके जीवन को बेहतर बनाया है।
नाबार्ड का सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम (एमईडीपी): नाबार्ड पूर्णतया विकसित ऐसे एसएचजी, जिनको पहले से ही बैंकों की वित्तीय सेवाओं तक पहुंच प्राप्त है, को आवश्यकता-आधारित कौशल विकास कार्यक्रमों (एमईडीपी) में सहायता कर रहा है ।
आजीविका और उद्यम विकास कार्यक्रम (एलईडीपी): 2015 में शुरू हुआ एलईडीपी समूहों में आजीविका संवर्धन कार्यक्रमों के संचालन की परिकल्पना करता है। यह कृषि और गैर कृषि गतिविधियों में आजीविका के सृजन को बढ़ावा देता है और दो ऋण चक्रों में गहन कौशल निर्माण, पुनश्चर्या प्रशिक्षण, बैकवर्ड-फॉरवर्ड लिंकेज, मूल्य श्रृंखला प्रबंधन, एंड-टू-एंड सॉल्यूशन और मार्गदर्शन तथा एस्कॉर्ट सेवाओं में सहायता प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई): पीएमजेडीवाई योजना अगस्त, 2014 में बैंकिंग सेवाओं से वंचित प्रत्येक वयस्क को सार्वभौमिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। यह योजना निःशुल्क और न्यूनतम शेष राशि रखने की आवश्यकता के बिना बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करती है। जन धन खाते खोलने से समाज के असंगठित वर्गों के बीच विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कवरेज में सुविधा हुई है, जिनमें अन्य के अलावा निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं: -
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) 18 से 50 वर्ष की आयु के ऐसे सभी बैंक/डाकघर खाताधारकों को, जो इस योजना से जुड़ते हैं, प्रति ग्राहक प्रति वर्ष 436/- रुपये के प्रीमियम पर दो लाख रुपये का एक वर्ष का जीवन कवर प्रदान करती है, जिसमें किसी भी कारण से मृत्यु शामिल है, और यह नवीकरणीय है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) 18 से 70 वर्ष की आयु के ऐसे सभी बैंक/डाकघर खाताधारकों के लिए उपलब्ध है, जो इस योजना से जुड़ने/अपने खाते से ऑटो-डेबिट के लिए सहमति देते हैं। योजना के तहत 20 प्रति वर्ष के प्रीमियम पर जोखिम कवरेज दुर्घटना मृत्यु या पूर्ण स्थायी विकलांगता के मामले में 2 लाख रुपये, दुर्घटना के कारण आंशिक स्थायी विकलांगता के लिए 1 लाख रुपये है।
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) 60 वर्ष की आयु होने के बाद ग्राहकों को 1,000 रुपये से 5,000 रुपये प्रति माह के बीच न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी देती है।
उपरोक्त जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने आज लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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