वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय

श्री पीयूष गोयल ने “विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) 2023” रिपोर्ट जारी की


लॉजिस्टिक्स क्षेत्र अपने दायरे और प्रभाव में व्यापक है। देश में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जो लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से सीधे तौर पर प्रभावित न होता हो: श्री पीयूष गोयल

लीड्स रिपोर्ट राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य हितधारकों को अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करने एवं बेहतर भविष्य में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है: श्री गोयल

लॉजिस्टिक्स क्षेत्र भारत को 2047 तक 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 10 गुना बढ़ाकर 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के हमारे प्रयासों का आधार-स्तंभ होगा: श्री गोयल

Posted On: 16 DEC 2023 4:12PM by PIB Delhi

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 16 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली में डीपीआईआईटी की विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) सुश्री सुमिता डावरा, भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के नामित अध्यक्ष और आईटीसी के प्रबंध निदेशक श्री संजीव पुरी और श्री मिहिर शाह, पार्टनर, अर्न्स्ट एंड यंग की उपस्थिति में "विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) 2023" रिपोर्ट जारी की। 

इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि लीड्स, लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में और क्रांतिकारी सुधार के लिए राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों को गहरी जानकारी प्रदान कर रही है, जिससे हम विकसित भारत के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट रणनीतिक जानकारी प्रदान करके लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में हितधारकों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करती है। उन्होंने आशा व्यक्त कि यह लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह पीएम गतिशक्ति  बुनियादी ढांचे की योजना, लॉजिस्टिक्स के लिए 'उद्योग' का दर्जा, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स में डिजिटल पहल, सिटी लॉजिस्टिक्स योजनाएं, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क आदि जैसी उल्लेखनीय पहलों को भी रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को कौशल विकास, क्षमता निर्माण और लॉजिस्टिक्स नीतियों को औपचारिक बनाना, निगरानी ढांचे का कार्यान्वयन और ग्रीन लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने पर जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र भारत को 2047 तक 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 10 गुना बढ़ाकर 35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के हमारे प्रयासों का आधार-स्तंभ होगा।

डीपीआईआईटी के सचिव श्री राजेश कुमार सिंह ने कहा कि डिजिटलीकरण का लाभ उठाने से लॉजिस्टिक्स लागत में काफी कमी आएगी। पिछले नौ वर्षों में, लॉजिस्टिक्स जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपायों पर बहुत ध्यान दिया गया, जिससे लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रगति हुई। सचिव ने कारोबार सुगमता में सुधार, अनुपालन संबंधी बोझ में कमी और विनियमन की लागत कम करने के लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला।

केंद्र और राज्य/केंद्र-शासित प्रदेश सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग जगत के प्रतिनिधि दिन में विभिन्न सत्रों के दौरान जानकारी साझा करने और रचनात्मक संवाद में शामिल होने के लिए लॉन्च के अवसर पर उपस्थित रहे।

लीड्स की परिकल्पना 2018 में विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक की तर्ज पर की गई थी और यह समय के साथ विकसित हुई है। यद्यपि एलपीआई पूरी तरह से धारणा आधारित सर्वेक्षणों पर निर्भर करता है, लीड्स में धारणा के साथ-साथ निष्पक्षता दोनों का समावेश है जिससे इस कवायद की मजबूती और व्यापकता बढ़ती है।

लीड्स वार्षिक कवायद का पांचवां संस्करण- लीड्स 2023 रिपोर्ट, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न सुधारों की समग्र हितग्राही धारणा और प्रभाव पर प्रकाश डालता है। यह रिपोर्ट, प्रमुख स्तंभों- लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स सर्विसेज और ऑपरेटिंग एवं नियामक पर्यावरण- में राज्यों के प्रदर्शन में सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है, सुविचारित निर्णय लेने और व्यापक विकास के लिए क्षेत्र विशिष्ट गहरी जानकारी प्रदान करके राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को सशक्त बनाती है।

यह रिपोर्ट मई और जुलाई 2023 के बीच किए गए अखिल भारतीय प्राथमिक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें 36 राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों में 7,300 से अधिक प्रतिक्रियाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य संघों द्वारा सहायता प्राप्त 750 से अधिक हितधारक परामर्शों ने इस व्यापक मूल्यांकन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

लीड्स 2023 की प्रदर्शन संबंधी विशेषताएं-

 तटीय समूह

  • अचीवर्स (लक्ष्य प्राप्त वाले राज्य) : आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु
  • फास्ट मूवर्स (तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्य): केरल, महाराष्ट्र
  • एस्पिर्स (प्रेरक राज्य): गोवा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल

जमीन से घिरे (लैंडलॉक) समूह

  • अचीवर्स: हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश
  • फास्ट मूवर्सः मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड
  • एस्पिर्सः बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड

उत्तर-पूर्वी समूह

  • अचीवर्स: असम, सिक्किम, त्रिपुरा
  • फास्ट मूवर्सः अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड
  • एस्पिर्सः मणिपुर, मेघालय, मिजोरम

केंद्र शासित प्रदेश

  • अचीवर्स: चंडीगढ़, दिल्ली
  • फास्ट मूवर्सः अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, पुदुचेरी
  • एस्पिर्स: दमन एवं दीव/ दादरा एवं नगर हवेली, जम्मू-कश्मीर,लद्दाख

डीपीआईआईटी की विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) सुश्री सुमिता डावरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज लॉन्च की गई लीड्स रिपोर्ट का पांचवा संस्करण सहयोगात्मक और परामर्शात्मक तरीके से तैयार किया गया है। इससे बुनियादी ढांचे के विकास और प्रक्रिया-संबंधी सुधारों के आकलन में निष्पक्षता आई है। 23 राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों ने भी राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति के अनुरूप ढलने के लिए अपने राज्य लॉजिस्टिक नीति को अधिसूचित किया है। इसके अलावा, 16 राज्यों एवं केंद्र-शासित प्रदेशों ने लॉजिस्टिक्स को उद्योग का दर्जा दिया है। पीएम गतिशक्ति, लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक, यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप), जीएसटी जैसे डिजिटल सुधार वैश्विक स्तर पर भारत की बेहतर रैंकिंग को आगे बढ़ा रहे हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान दो सत्र आयोजित किए गए: (i) लॉजिस्टिक्स को आसान बनाने के लिए डेटा और प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना; (ii) हरित और टिकाऊ लॉजिस्टिक्स।

कुशल घरेलू लॉजिस्टिक्स राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। लीड्स 2023 में उद्देश्य और धारणा-आधारित डेटा का एकीकरण लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए एक समग्र ढांचा सुनिश्चित करता है। नवीनतम संस्करण राज्य की पहलों के व्यापक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए आकलन में निष्पक्षता और सटीकता को सुनिश्चित करता है, जिसमें परियोजना बनाने के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को अपनाना, राज्य लॉजिस्टिक्स नीतियों को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के साथ समन्वित करना, इसके अलावा सिटी लॉजिस्टिक्स योजनाओं को विकसित करना आदि शामिल है।

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