विद्युत मंत्रालय

पिछले नौ वर्षों में 193 गीगावॉट से अधिक बिजली उत्पादन क्षमता जोड़ी गई है, जिससे हमारा देश बिजली की कमी से बिजली अधिशेष में बदल गया है: केंद्रीय बिजली एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री

Posted On: 15 DEC 2023 3:23PM by PIB Delhi

केंद्रीय बिजली एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने सूचित किया है कि भारतीय बिजली क्षेत्र ने पिछले दशक में एक लंबा सफर तय किया है, जिसने भारत को बिजली की कमी से बिजली अधिशेष देश में बदल दिया है। 2014-15 की अवधि के दौरान, हमने देश में पारंपरिक बिजली क्षेत्र में, 97501.2 मेगावाट और 96282.9 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है। हमने उत्पादन क्षमता को मार्च 2014 के 248,554 मेगावाट से 70 प्रतिशत बढ़ाकर अक्टूबर 2023 में 425,536 मेगावाट कर दिया है।

2014-15 से 2023-24 (अक्टूबर, 2023 तक) पारंपरिक क्षेत्र में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार क्षमता वृद्धि का विवरण नीचे दिया गया है।

2014-15 से 2023-24 तक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार क्षमता वृद्धि (अक्टूबर, 2023 तक)

(सभी आंकड़े मेगावाट में)

 

 

राज्य

प्रकार

2014-15

2015-16

2016-17

2017-18

2018-19

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

कुल योग

आंध्र प्रदेश

कोयला

2410

1700

1320

600

 

 

 

 

800

 

6830

गैस

 

1510

 

 

 

 

 

 

 

 

1510

हाइड्रो

 

 

50

60

 

 

 

 

 

 

110

अरुणाचल प्रदेश

हाइड्रो

 

 

 

 

110

300

300

 

 

 

710

असम

कोयला

 

250

250

 

250

 

 

 

 

 

750

गैस

 

 

62.25

 

69.755

 

36.15

 

 

 

168.155

बिहार

कोयला

855

250

195

750

250

660

660

1570

 

660

5850

छत्तीसगढ

कोयला

3245

2305

850

2660

360

 

800

 

 

 

10220

गुजरात

कोयला

250

250

500

 

 

800

 

 

 

 

1800

गैस

776.1

 

 

 

 

 

 

 

 

 

776.1

नाभिकीय

 

 

 

 

 

 

 

 

 

700

700

हिमाचल प्रदेश

हाइड्रो

736.01

400

219

112

 

 

111

280

 

 

1858.01

झारखंड

कोयला

 

500

 

 

 

 

 

 

660

 

1160

कर्नाटक

कोयला

 

1500

2400

800

 

 

 

 

 

 

4700

मध्य प्रदेश

कोयला

3900

2300

 

 

2720

1365

800

 

 

 

11085

महाराष्ट्र

कोयला

2930

2070

1590

1620

660

 

 

 

 

 

8870

गैस

 

 

388

 

 

 

 

 

 

 

388

मेघालय

हाइड्रो

 

 

 

40

 

 

 

 

 

 

40

मिजोरम

हाइड्रो

 

 

 

60

 

 

 

 

 

 

60

ओडिशा

कोयला

1200

350

 

 

 

2120

 

800

 

 

4470

पंजाब

कोयला

1360

1860

 

 

 

 

 

 

 

 

3220

राजस्थान

कोयला

850

600

 

660

660

660

 

660

 

 

4090

गैस

50

 

 

 

 

 

 

 

 

 

50

सिक्किम

हाइड्रो

 

96

1200

193

 

 

 

113

 

 

1602

तमिलनाडु

कोयला

1350

1700

600

 

 

500

500

525

 

 

5175

नाभिकीय

1000

 

1000

 

 

 

 

 

 

 

2000

तेलंगाना

कोयला

 

1200

600

 

800

 

810

270

 

800

4480

हाइड्रो

 

160

110

 

30

 

 

 

 

 

300

त्रिपुरा

गैस

454.2

35.6

25.5

 

 

 

 

 

 

 

515.3

उतार प्रदेश

कोयला

 

2980

1820

1320

 

660

1320

660

 

 

8760

उत्तराखंड

गैस

 

 

450

 

 

 

 

 

 

214

664

हाइड्रो

 

330

 

 

 

 

99

 

120

 

549

पश्चिम बंगाल

कोयला

1200

1100

500

300

12

 

 

 

 

 

3112

हाइड्रो

 

80

80

 

 

 

 

 

 

 

160

जम्मू एवं कश्मीर

हाइड्रो

 

450

 

330

 

 

 

 

 

 

780

कुल योग

 

22566.31

23976.6

14209.75

9505

5921.755

7065

5436.15

4878

1580

2374

97512.565

 

हमने पिछले नौ वर्षों में 187849 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ी हैं, जो पूरे देश को एक फ्रीक्वेंसी पर चलने वाले एक ग्रिड से जोड़ती हैं। इससे हम 116540 मेगावाट को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक ले जाने में सक्षम हुए हैं। हमने डीडीयूजीजेवाई/आईपीडीएस/सौभाग्य के तहत 1.85 लाख करोड़ की परियोजनाओं को लागू करके तथा 2927 उप-केंद्रों का निर्माण, 3964 उप-केंद्रों का उन्नयन और 8.86 लाख सर्किट किलोमीटर एचटी/एलटी लाइनें जोड़कर वितरण प्रणाली को मजबूत किया। परिणामस्वरूप, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 2015 में 12 घंटे से बढ़कर 2023 में 20.6 घंटे हो गई है। शहरी क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 23.6 घंटे है। ऊर्जा मांग और ऊर्जा आपूर्ति के बीच का अंतर 2013-14 में 4.2 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 0.3 प्रतिशत हो गया है। यहां तक ​​कि ऊर्जा आवश्यकता और आपूर्ति की गई ऊर्जा के बीच यह अंतर आम तौर पर राज्य ट्रॉंसमिशन/वितरण नेटवर्क में बाधाओं और डिस्कॉम की वित्तीय बाधाओं आदि के कारण होता है।

मांग में लगातार वृद्धि ने भारत की बिजली उत्पादन क्षमता की वृद्धि में योगदान दिया है। मांग में यह वृद्धि दो कारकों के कारण है: (1) भारत हाल के वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है और (2) 2.86 करोड़ घरों को नए बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।

पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष 2023-24 (अक्टूबर, 2023 तक) के दौरान देश में वार्षिक उत्पादित बिजली की मात्रा के संबंध में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण नीचे दिया गया है।

पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष 2023-24 (अक्टूबर, 2023 तक) के दौरान देश में वार्षिक उत्पादित बिजली की मात्रा के संबंध में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार विवरण

(सभी आंकड़े मिलियन यूनिट में)

राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम

एमयू में पीढ़ी

2018-19

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24 (अक्टूबर, 2023 तक)

चंडीगढ़

13.51

13.33

10.16

14.19

12.61

8.73

दिल्ली

7423.68

6438.78

5730.71

5407.30

4314.50

2804.93

हरियाणा

26097.79

18050.51

15657.13

24103.15

33559.00

18342.80

हिमाचल प्रदेश

38196.48

43002.12

39633.77

38503.40

41579.93

31308.07

जम्मू और कश्मीर

16699.27

18537.25

17441.97

17489.83

17170.62

13209.89

लद्दाख

154.51

270.28

376.21

405.98

402.78

307.32

पंजाब

33144.86

28747.68

25606.29

31127.70

40075.40

26014.77

राजस्थान

68841.66

70291.34

70607.33

83997.41

105963.47

68911.79

उतार प्रदेश

128467.21

129323.42

132668.65

143159.29

163447.06

99968.15

उत्तराखंड

16100.33

17735.27

15551.31

16216.77

16369.49

11157.01

छत्तीसगढ

116659.43

119336.93

136667.58

143213.21

144839.62

95742.91

गुजरात

110557.53

124666.25

121859.71

87886.78

95017.30

80347.46

मध्य प्रदेश

129934.92

129397.90

138084.97

143037.90

152020.26

94862.33

महाराष्ट्र

151998.66

145404.00

131805.01

153065.31

158993.39

98334.71

दादरा एवं नगर हवेली*

5.76

6.19

11.96

49.16

30.62

16.15

दमन और; दीव*

18.94

21.83

40.04

47.67

गोवा

0.00

0.82

1.46

16.82

19.96

40.77

आंध्र प्रदेश

77694.33

76936.32

66882.90

74197.52

81701.42

54718.62

तेलंगाना

56802.95

51923.14

46475.88

59279.66

63044.77

39944.96

कर्नाटक

28982.63

31114.50

34587.96

37951.72

37564.56

21690.70

केरल

770.32

804.74

1092.12

1614.62

1961.28

1406.02

तमिलनाडु

17128.37

20019.68

21891.20

24312.41

27859.52

21597.02

लक्षद्वीप

83779.62

83498.68

70077.93

82020.39

89061.67

53845.69

पुदुचेरी

49965.61

51858.96

48412.53

57188.93

56760.51

32898.77

अंडमान निकोबार

151.16

113.49

157.99

152.01

252.45

215.43

बिहार

32658.66

35719.44

34092.75

44180.23

55489.06

34643.91

झारखंड

27003.35

26247.21

27469.53

28915.39

30797.95

20728.50

ओडिशा

47477.80

49037.17

62944.21

66473.02

71529.15

41951.26

सिक्किम

9050.18

11087.98

10935.46

11506.25

11709.14

8318.54

पश्चिम बंगाल

78438.25

75786.81

77478.05

88251.70

92995.30

55283.17

अरुणाचल प्रदेश

1400.77

1788.70

3453.44

4163.41

4845.79

3329.00

असम

7245.71

8089.14

6020.52

8398.89

9153.69

5760.77

मणिपुर

604.49

370.79

629.33

462.20

486.77

189.34

मेघालय

980.04

1081.02

1208.78

886.50

1052.41

669.25

मिजोरम

208.52

227.02

192.37

165.53

266.40

123.35

नगालैंड

318.93

256.72

273.63

164.02

289.32

205.18

त्रिपुरा

6712.93

6121.04

7058.83

6339.87

7086.06

3897.81

भूटान (आईएमपी)

4406.62

5794.48

8765.50

7493.20

6742.40

4644.00

ऑल इंडिया ग्रैंड टोटल

1376095.79

1389120.93

1381855.15

1491859.37

1624465.61

1047439.04

* 2022-23 से, केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव का विलय कर दिया गया।

विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 73 (ए) के तहत, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), मध्यम और दीर्घकालिक आधार पर, देश की बिजली मांग का अनुमान लगाने के लिए हर पांच साल में देश का इलेक्ट्रिक पावर सर्वे (ईपीएस) आयोजित करता है।

नवंबर 2022 में प्रकाशित 20वीं इलेक्ट्रिक पावर सर्वे (EPS) रिपोर्ट, वर्ष 2021-22 से 2031-32 के लिए संभावित बिजली की मांग को तथा देश के लिए वर्ष 2036-37 और 2041-42 के लिए भावी बिजली मांग को कवर करती है।विवरण नीचे दिया गया है।

वर्ष 2023-24 से 2031-32 तक बिजली मांग का अनुमान

वर्ष

विद्युत ऊर्जा आवश्यकता (एमयू में)

अधिकतम विद्युत मांग (मेगावाट में)

2023-24

1600214

230144

2024-25

1694634

244565

2025-26

1796627

260118

2026-27

1907835

277201

2027-28

2021072

294716

2028-29

2139125

313098

2029-30

2279676

334811

2030-31

2377646

350670

2031-32

2473776

366393

 

वर्ष 2036-37 और 2041-42 के लिए संभावित बिजली मांग का अनुमान

वर्ष

विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता

(एमयू में)

चरम विद्युत मांग

(मेगावाट में)

2036-37

30,95,487

4,65,531

2041-42

37,76,321

5,74,689

 

हमने देश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  1. राष्ट्र के विकास के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, 2023-32 के बीच प्रत्याशित क्षमता वृद्धि नीचे दी गई है:
  1. 27180 मेगावाट की तापीय क्षमता निर्माणाधीन है, 12000 मेगावाट की बोली लगाई जा चुकी है और 19000 मेगावाट की मंजूरी विचाराधीन है। 2031-2032 तक कुल प्रत्याशित तापीय क्षमता वृद्धि 87910 मेगावाट होगी।
  2. 18033.5 मेगावाट की जल विद्युत क्षमता (रुकी हुई परियोजनाओं सहित) निर्माणाधीन है और 2031-2032 तक कुल प्रत्याशित जल विद्युत क्षमता 42014 मेगावाट होने की संभावना है।
  3. 8000 मेगावाट की परमाणु क्षमता निर्माणाधीन है और 2031-2032 तक कुल प्रत्याशित परमाणु क्षमता वृद्धि 12200 मेगावाट होगी।
  4. 78935 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी वर्तमान में निर्माणाधीन है और 2031-32 तक अनुमानित आरई क्षमता 322000 मेगावाट होगी।

इस प्रकार, कुल 132148.5 मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन है और 2031-2032 तक कुल अनुमानित क्षमता वृद्धि 464124 मेगावाट होने की संभावना है।

  1. भारत 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन आधारित स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता को 500000 मेगावाट से अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। 2030 तक 500000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के एकीकरण के लिए ट्रांसमिशन योजना को आरई क्षमता वृद्धि के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 179000 मेगावाट गैर जीवाश्म ईंधन उत्पादन क्षमता पहले से ही एकीकृत है।
  1. बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए नवीकरणीय ऊर्जा विकसित करने वालो को भूमि और ट्रांसमिशन प्रदान करने के लिए अल्ट्रा मेगा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क की स्थापना।
  1. सरकार ने हरित ऊर्जा गलियारों का निर्माण किया है और 13 नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र स्थापित किए हैं। वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 178000 मेगावाट है और 78935 मेगावाट की स्थापना पर काम चल रहा है।
  1. हमने बिजली क्षेत्र को व्यवहार्य बनाया है। एटी एंड सी घाटा 2013-14 में 22.62 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 15.41 प्रतिशत हो गया है। उत्पादन कंपनियों के सभी मौजूदा भुगतान अद्यतन हैं और इनके पुराने बकाये 1.35 लाख करोड़ रु. से घटकर 6000 करोड़. रुपये हो गये हैं। वितरण कंपनियों को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की घोषणा के कारण उनके भुगतान अद्यतन हैं।

यह जानकारी केंद्रीय बिजली एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने 14 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में दो अलग-अलग प्रश्नों के लिखित उत्तर में दी।

 

***

एमजी/एआर/आईएम/एनजे



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