सूचना और प्रसारण मंत्रालय
बुनियादी मानवीय गरिमा का सम्मान करने की आवश्यकता, यदि हम ऐसा करते हैं, तो दुनिया में असमानताएं खत्म हो जायेंगी: संदीप कुमार, निर्देशक, ‘आरारिरारो’
गोवा में रविवार को 54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई 54) में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में फिल्म ‘आरारिरारो’ के निर्देशक संदीप कुमार वी ने कहा कि कन्नड़ फिल्म 'आरारिरारो' आशावाद का संचार करती है और अपने दर्शकों को भावनात्मक रूप से प्रभावित करने की उम्मीद करती है। उन्होंने कहा, “यदि कोई बुनियादी मानवीय गरिमा को समझ सके और उसका सम्मान कर सके, तो दुनिया में असमानता समाप्त हो जायेगी। यह फिल्म दो महत्वहीन लोगों के बारे में है, जिनकी समाज परवाह नहीं करता, लेकिन संकट के समय में वे खुद को भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ पाते हैं।” संदीप कुमार ने कहा सोलह दिनों तक शूट की गयी यह फिल्म दो असंभाव्य व्यक्तियों को भाग्य द्वारा एक साथ लाने के बारे में है। एक अपरिहार्य भावनात्मक उलझन खूबसूरती से गढ़ी गयी कहानी का सार बनाती है।
एक अभिनेता के रूप में अपनी प्रतिबद्धता और फिल्म के लिये की गयी तैयारी के बारे में मुख्य अभिनेता प्रसन्ना शेट्टी ने जोर देकर कहा कि ध्यान भटकने से बचने की खातिर उन्होंने दो साल की अवधि के लिये अकेले इस परियोजना पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, “जब निर्देशक ने पहली पंक्ति सुनाई तो मैं इस परियोजना के बारे में आश्वस्त हो गया। मैं शुरू से ही फिल्म में शामिल था, फिल्म की पहली पंक्ति लिखने की प्रक्रिया से लेकर फिल्म की रिलीज तक। यह सुनिश्चित करने के लिये कि मैं किरदार के साथ न्याय कर सकूं, मैं प्रत्येक संवाद लिखते समय निर्देशक और पटकथा लेखक के साथ मौजूद था।”
संदीप कुमार ने अपनी फिल्मों में कृत्रिम मेधा तकनीक के उपयोग के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि कुछ रचनात्मक तत्व अकेले कृत्रिम मेधा द्वारा प्राप्त या निर्मित नहीं किये जा सकते। उन्होंने कहा, “यह कहते हुये हालांकि मैं यह सुनिश्चित करता हूँ कि मेरी फिल्मों में सर्वोत्तम उपलब्ध तकनीक के उपयोग के संबंध में कोई समझौता न किया जाये।
रहस्य और हल्के क्षणों के साथ, फिल्म “आरारिरारो’ अपनी कहानी और भावनात्मकता से दर्शकों को लुभाने का प्रयास करती है। उपदेशात्मक होने के बजाय, फिल्म का उद्देश्य इसके द्वारा दिये गये संदेश के व्यापक अर्थ की दर्शकों को व्याख्या करने की अनुमति देना है।
क्षेत्रीय सिनेमा की समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिये फिल्म महोत्सव में भारत के विभिन्न हिस्सों से फिल्में दिखाने के लिये समर्पित दिन तय किये गये हैं। 125 मिनट लंबी फिल्म ‘आरारिरारो’ को 54वें आईएफएफआई में भारतीय पैनोरमा, फीचर फिल्म अनुभाग के तहत प्रदर्शित किया जा रहा है।
कलाकार समूह
निदेशक: संदीप कुमार वी
निर्माता: टीएमटी प्रोडक्शंस
लेखक: देवीप्रसाद राय
डीओपी: मयूर शेट्टी
संपादक: महेश येनमूर
कलाकार: प्रसन्ना शेट्टी, जीवा, निरीक्षण शेट्टी
निदेशक के बारे में अधिक जानकारी:
संदीप कुमार मुख्य रूप से कन्नड़ फिल्म उद्योग में एक फिल्म निर्देशक, कहानीकार और एक दृश्य निर्माता हैं। उनकी पहली फिल्म 'नंदनवनडोल' (2019) थी और उसके बाद 'आरारिरारो' (2023) आई। उन्होंने कुछ लघु फिल्मों का भी निर्देशन किया है।
बातचीत यहां देखें: https://www.facebook.com/pibindia/videos/862745168725025/?mibextid=YxdKMJ
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