महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पूरे देश में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है


‘‘मेरी कहानी मेरी जुबानी’’ के तहत अब तक 1800 से अधिक लाभार्थियों ने अपने अनुभवों को साझा किया

पात्र लाभार्थियों का ऑन-स्पॉट पंजीकरण किया जा रहा है;

‘स्वस्थ बालक स्पर्धा’ के दौरान स्वस्थ बच्चों को सम्मानित किया गया

Posted On: 26 NOV 2023 12:47PM by PIB Delhi

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय पूरे देश में विकसित भारत संकल्प यात्रा को सहायता प्रदान करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ‘‘मेरी कहानी मेरी जुबानी (एमकेएमजेड)’’ पहल के तहत भाग ले रहा है। इस पहल के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के लाभार्थी अपने अनुभवों और आंगनवाड़ी सेवाओं के उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को साझा करते हैं। अभी तक एमकेएमजेड के तहत 1800 से अधिक लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की इस योजना को पूरी तरह लागू करने के लिए भारत संकल्‍प यात्रा के दौरान पात्र लाभार्थियों का ‘‘ऑन-स्पॉट पंजीकरण’’ भी किया जा रहा है। यह यात्रा विभिन्न योजनाओं और उनके लाभों के बारे में जनता को शिक्षित करने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है, जिससे पात्र व्यक्तियों को संबंधित योजनाओं में नामांकन कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गुमला जिला, झारखंड

गुमला जिला, झारखंड

गुमला जिला, झारखंड

जिला-पश्चिमी सिंहभूम, झारखंड

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों से इन यात्राओं के दौरान स्वस्थ बालक स्पर्धा (एसबीएस) शुरू करने के लिए भी कहा है, जिसमें स्वस्थ बच्चों को सम्मानित किया जाता है। सतत सामुदायिक भागीदारी के लिए यह बहुत आवश्‍यक है कि पोषण संबंधी मुद्दों पर ‘‘स्वस्थ बच्चे’’ की पहचान और उसके उत्सव पर जोर देते हुए सकारात्‍मक अनुकूलनता के साथ प्रकाश डाला जाए। इसका उद्देश्य नवजात से लेकर 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों की पोषण स्थिति को बेहतर बनाने के साथ-साथ, स्वस्थ बच्चों पर ध्यान केंद्रित करना, बच्चों के पोषण और कल्याण से संबंधित मुद्दों का बड़े पैमाने पर समुदाय के साथ भावनात्मक संबंध स्‍थापित करना एवं माता-पिता और बच्‍चों के बीच सकारात्मक लगाव कायम करना है।

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर, एक अभूतपूर्व पहल के उद्देश्‍य से पूरे देश में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 15 नवंबर, 2023 को खूंटी, (झारखंड) से ‘‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’’ की शुरुआत की है।

ऑडियो-विजुअल, ब्रोशर, पैम्फलेट, पुस्तिकाओं और स्टैंडीज के माध्यम से ज्ञान का प्रसार करने के लिए, विशेष रूप से डिजाइन की गई आईईसी वैन को स्थानीय भाषाओं में सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने के लिए हरी झंडी दिखाई गई। विकसित भारत संकल्प यात्रा का लक्ष्य देश की लगभग सभी ग्राम पंचायतों को कवर करना है।

अपर मानिकगंज, रेसुबेलपारा, उत्तरी गारो हिल्स जिला, मेघालय

आंगनवाड़ी सेवाएं (पूर्ववर्ती एकीकृत बाल विकास सेवाएं) 1975 में शुरू की गई थीं। यह भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है और देश के नवजात से लेकर 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों और लक्षित महिलाओं (पीडब्ल्यू एंड एलएम), तथा किशोरियों (वर्तमान में आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर राज्यों में पोषण 2.0 में 14 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियां) के लिए देश की प्रतिबद्धता का सबसे महत्वपूर्ण प्रतीक है। इस योजना का उद्देश्य कुपोषण, रुग्णता, सीखने की क्षमता में कमी और मृत्यु दर के चक्र को तोड़ना है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लक्षित लाभार्थियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए विभिन्न पहल शुरू की गई हैं। ऐसी ही एक प्रमुख पहल है- पोषण अभियान, जिसे 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य अनुकूल और परिणाम-जन्‍य दृष्टिकोण को अपनाकर 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण संबंधी स्थिति में समयबद्ध रूप से सुधार लाना है।

यह कार्यक्रम प्रौद्योगिकी के उपयोग, समग्रता के माध्यम से व्यवहारिक परिवर्तन और विभिन्न निगरानी मापदंडों में प्राप्त किए जाने वाले विशिष्ट लक्ष्यों को निर्धारित करने के उपाय करता है। यह अभियान सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में शुरू किया गया है।

15वें वित्त आयोग की अवधि के लिए, सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 (पोषण 2.0) शुरू किया गया एक ‘‘एकीकृत पोषण सहायता कार्यक्रम’’ है। पोषण 2.0 का उद्देश्‍य पोषण सामग्री एवं वितरण में एक रणनीतिक बदलाव के माध्यम और एक समावेशी इको-सिस्‍टम के सृजन के माध्यम से उन प्रथाओं को विकसित करना और बढ़ावा देना है, जो कुपोषण से स्वास्थ्य, कल्याण और प्रतिरक्षा का पोषण करती हैं। यह योजना आईसीटी अनुप्रयोग (पोषण ट्रैकर), समग्रता, सामुदायिक एकजुटता, व्यवहार परिवर्तन व जन आंदोलन, क्षमता निर्माण, प्रोत्साहन और पुरस्कार, तथा नवाचार जैसे घटकों के माध्यम से देश भर में कुपोषण संबंधी मुद्दों का समाधान करती है।

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