सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय
उत्तरकाशी सुरंग के बारे में 24.11.2023 (1500 बजे तक साइट इनपुट के साथ अद्यतन) तक की मीडिया के लिए जानकारी
सिल्क्यारा सुरंग ढहने वाले स्थान पर बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है
Posted On:
24 NOV 2023 5:12PM by PIB Delhi
सरकार फंसे हुए लोगों की ज़िंदगी बचाने की अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए, उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में चल रहे बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगी हुई है। इस सुरंग में 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। सुरंग का 2 किलोमीटर का खंड, बचाव प्रयासों का केंद्र बिंदु है। इस सुरंग में श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंक्रीट का काम पूरा हो चुका है।
श्रमिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियां दिए गए प्रत्येक विशिष्ट कार्य पर अथक प्रयास कर रही हैं। बचाव अभियान पर सलाह देने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ घटनास्थल पर उपस्थित हैं। सरकार फंसे हुए लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए लगातार संपर्क बनाए हुए है।
बचाव कार्यों पर प्रमुख अपडेट:
1. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के जान बचाने के प्रयास:
● दूसरी जीवन रेखा (150 मिली मीटर व्यास) सेवा का उपयोग करके नियमित अंतराल पर ताजा पका हुआ भोजन और ताजे फल सुरंग के अंदर भेजे जा रहे हैं, जिसे उच्च स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक स्थिति से 12 मीटर की दूरी तक बढ़ाया गया है।
● रोटी, दाल, मिक्स सब्जी और फल जैसे सेब, संतरा, केला आदि के साथ-साथ दवाएं और नमक की खेप की भी आपूर्ति की गई है।
● राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) द्वारा विकसित वायर कनेक्टिविटी युक्त संशोधित संचार प्रणाली का उपयोग संचार हेतु नियमित रूप से किया जा रहा है। सुरंग के अंदर फंसे लोगों ने बताया है कि वे सुरक्षित हैं।
2. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) द्वारा क्षैतिज खुदाई
● 22.11.2023 को 0045 बजे शुरू हुई ऑगुर ड्रिलिंग पाइप के सामने धातु की वस्तु (लैटिस गर्डर रिब) आने के कारण रुक गई थी और पाइप को आगे नहीं डाला जा सका। गैस कटर का उपयोग करके धातु की वस्तु (लैटिस गर्डर रिब) को काटने का काम पूरा हो गया है। 9वां पाइप आगे बढ़ाने से 1.8 मीटर की अतिरिक्त दूरी तक पहुंच गया। मामूली कंपन नोट किया गया, इसलिए लागू किए जाने वाले बल का पुनर्आकलन करने के लिए ऑगुर को थोड़ा पीछे धकेल दिया गया था। इस दौरान बाधाएं भी सामने आईं हैं।
● सुरंग की दीवार से फोरपोल (पाइप) का एक झुका हुआ हिस्सा ऑगुर असेंबली में टकरा गया था जिससे कंपन हुआ।
● कंक्रीट को तेजी से सख्त करने के लिए एक्सेलेरेटिंग एजेंट का उपयोग करके ऑगुर मशीन के लिए प्लेटफॉर्म को मजबूत करने का काम पूरा हो गया है।
● ऑगुर मशीन के लिए प्लेटफार्म को एंकरिंग, बोल्टिंग, कंक्रीटिंग फाउंडेशन आदि के माध्यम से मजबूत किया गया है।
● इसके अलावा, पाइप को किसी अन्य क्षति का आकलन करने के लिए ऑगुर को पूरी तरह से पीछे खींचने की आवश्यकता थी। ऑगुर खींचने का काम पूरा हो गया है। जीपीआर (ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार) जांच पूरी हो गई है। मुड़े हुए पाइप को काटने का काम भी पूरा हो गया।
● ऑगुर पुनः संयोजन का कार्य 1430 बजे तक पूरा और पुनः स्थापित कर लिया गया था। ऑगुर का 800 मिली मीटर व्यास रखने के बाद, लगे हुए अगले पाइप को ऑगुर ड्रिलिंग मशीन के अनुरूप स्थिति में रखा जाएगा।
● अगले पाइप को स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है और वेल्डिंग जोड़ों के पूरा होने के बाद आगे बढ़ाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
3. सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल) द्वारा बचाव के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग:
● ड्रिलिंग मशीनरी साइट पर पहुंच गई है। ड्रिलिंग मशीन की लॉन्चिंग के लिए प्लेटफार्म तैयार हो चुका है। सुरंग के ऊपर ड्रिलिंग प्वाइंट की मार्किंग को जीएसआई, आरवीएनएल और ओएनजीसी के साथ चर्चा के बाद सीएच 300 एल/एस पर अंतिम रूप दे दिया गया है। मशीन की असेंबली शुरू हो गई है।
4. टिहरी हाइड्रो विकास निगम लिमिटेड (टीएचडीसीएल) द्वारा बरकोट साइड से क्षैतिज ड्रिलिंग:
● टिहरी हाइड्रो विकास निगम लिमिटेड (टीएचडीसी) ने बारकोट छोर से एक बचाव सुरंग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जिसमें चार विस्फोट पहले ही पूरे हो चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप 9.10 मीटर का बहाव हुआ है।
● शॉटक्रेटिंग और रिब इरेक्शन का कार्य पूरा हो चुका है और अतिरिक्त रिब फैब्रिकेशन का कार्य प्रगति पर है।
5. रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा लंबवत-क्षैतिज ड्रिलिंग:
● मजदूरों को बचाने के लिए क्षैतिज ड्रिलिंग के लिए आवश्यक माइक्रो टनलिंग के उपकरण साइट पर पहुंच गए हैं। प्लेटफार्म के 24.11.2023 तक पूरा होने की संभावना है। 25.11.2023 तक उपकरण स्थापित कर लिए जाएंगे।
6. सिल्क्यारा छोर पर रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा (6 इंच) की वर्टिकल ड्रिलिंग:
● सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 1150 मीटर का संपर्क मार्ग पूरा कर रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को सौंप दिया गया है। ड्रिलिंग के लिए मशीन सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा स्थान पर पहुंचाई गई थी।
● रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है।
● वर्टिकल ड्रिलिंग 26.11.2023 तक पूरी होने की संभावना है।
7. तेल और प्रकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) द्वारा बारकोट छोर की ओर वर्टिकल ड्रिलिंग
● इंदौर से एयर ड्रिलिंग रिग मशीन सुरंग के स्थान पर पहुंच गई है। क्षेत्र सर्वेक्षण पूरा होने के बाद तेल और प्रकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
8. टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसीएल)/सेना/कोल इंडिया और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के संयुक्त दल द्वारा मैनुअल-सेमी मेकेनाइज्ड विधि द्वारा ड्रिफ्ट टनल :
● सुरंग के अंदर आवागमन शुरू करने का काम चल रहा है। सेना इस उद्देश्य के लिए बॉक्स पुलिया बनाने का कार्य कर रही है। इसके 15 फ्रेम तैयार कर लिए गए हैं।
9. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा सड़क काटना और अन्य सहायक कार्य:
● सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए संपर्क सड़क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।
● सीमा सड़क संगठन, तेल एवं प्रकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा किए गए भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों के साथ तेल एवं प्रकृतिक गैस निगम के लिए संपर्क मार्ग भी तैयार कर रहा है। सीमा सड़क संगठन ने अब तक 700 मीटर लंबा संपर्क मार्ग तैयार कर लिया है।
पृष्ठभूमि:
12 नवंबर 2023 को सिल्क्यारा से बरकोट तक निर्माणाधीन सुरंग में सिल्क्यारा की तरफ 60 मीटर लंबे हिस्से में मलबा गिरने के कारण सुरंग ढह गई। इस सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा तत्काल संसाधन जुटाए गए हैं।
सुरक्षा चिंताओं के कारण प्रारंभ में मलबे से होकर 900 मिली मीटर के पाइप का चयन करने के साथ-साथ कई बचाव विकल्पों की तलाश की गई। सुरंग के अंदर संकटग्रस्त क्षेत्र, जिसकी ऊंचाई 8.5 मीटर और लंबाई 2 किलोमीटर है, सुरंग का निर्मित हिस्सा है, जो उपलब्ध बिजली और पानी की आपूर्ति के साथ मजदूरों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है।
पांच एजेंसियों-तेल एवं प्रकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनएल), रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) और टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसीएल) को विशिष्ट दायित्व सौंपा गया है। ये पांचों एजेंसियां परिचालन दक्षता के लिए सामयिक कार्य समायोजन के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
नोट: प्रदान की गई समय-सीमा में तकनीकी गड़बड़ियों, चुनौतीपूर्ण हिमालयी इलाके और अप्रत्याशित आपात स्थितियों के कारण परिवर्तन हो सकता है।
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एमजी/एआर/आरपी/एमकेएस/एसके
(Release ID: 1979567)