वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
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भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद संरचना के तहत एक नवोन्‍मेषी समझौते के माध्‍यम से इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच समझौता ज्ञापन


नवोन्‍मेषी समझौते के तहत "डिकोडिंग द "इनोवेशन हैंडशेक’’: अमेरिका–भारत उद्यमिता साझेदारी” विषय पर किक-ऑफ इंडस्ट्री राउंडटेबल का आयोजन किया गया

Posted On: 15 NOV 2023 11:45AM by PIB Delhi

भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद संरचना के तहत एक नवोन्‍मेषी समझौते के माध्‍यम से इनोवेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारत और अमेरिका के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 14 नवंबर 2023 को सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए। जून 2023 में प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में "इनोवेशन हैंडशेक" स्‍थापित करने की घोषणा की गई।

"डिकोडिंग द "इनोवेशन हैंडशेक’’: अमेरिका–भारत उद्यमिता साझेदारी विषय पर सैन फ्रांसिस्को में आयोजित किक-ऑफ इंडस्ट्री राउंडटेबल में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षार किए गए। यू.एस.-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सह-आयोजित और नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैसकॉम) और स्टार्टअप इंडिया द्वारा समर्थित इस कार्यक्रम में प्रमुख आईसीटी कंपनियों के सीईओ, उद्यम पूंजी फर्मों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण तथा उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्टअप के संस्थापकों ने इस विषय पर विचार-विमर्श किया कि अमेरिका-भारत प्रौद्योगिकी सहयोग को कैसे आगे बढ़ाया जाए।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर दोनों पक्षों के गतिशील स्टार्टअप इकोसिस्‍टम को कनेक्‍ट करने, सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं को दूर करने, स्टार्टअप वित्‍त पोषण के लिए जानकारी और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने तथा विशेष रूप से, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (सीईटी) में नवोन्‍मेषण और रोजगार वृद्धि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है, जैसीकि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के लिए भारत-अमेरिका पहल (आईसीईटी) के तहत पहचान की गई है।

यह समझौता ज्ञापन गहन तकनीकी सेक्‍टरों में स्टार्टअप इकोसिस्‍टम को सुदृढ़ करने और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (सीईटी) में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त प्रतिबद्धता का संकेत है। यह आर्थिक कार्यकलापों पर सकारात्मक प्रभाव डालने, निवेश आकर्षित करने और विशेष रूप से सीईटी क्षेत्रों में काम करने वाले स्टार्ट-अप में रोजगार सृजित करने के लिए तैयार है। सहयोग के दायरे में हैकाथॉन और "ओपन इनोवेशन’’ कार्यक्रम, सूचना साझाकरण और अन्य गतिविधियों सहित भारत-अमेरिका इनोवेशन हैंडशेक" कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल रहेंगी।

इस घोषणा ने 2024 की शुरुआत में भारत और अमेरिका में आयोजित होने वाले भविष्य के दो इनोवेशन हैंडशेक कार्यक्रमों के लिए आधार तैयार किया, जिसमें अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियां की मदद करने के उद्देश्य से एक निवेश मंच भी शामिल है, जिससे कि वे अपने नवोन्‍मेषी विचारों और उत्पादों को बाजार और सिलिकॉन वैली में एक "हैकथॉन" में ले जा सकें, जहां अमेरिकी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियां वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए विचारों और प्रौद्योगिकियों को प्रस्‍तुत करेंगी।

यह ऐतिहासिक कदम नवोन्‍मेषों को बढ़ावा देने, अवसर सृजित करने और उभरती प्रौद्योगिकियों के गतिशील क्षेत्र में पारस्परिक विकास को बढ़ावा देने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। "इनोवेशन हैंडशेक" अमेरिका और भारत के बीच सहयोग के एक नए युग की आधारशिला रखता है।

वाणिज्यिक संवाद (सीडी) आर्थिक क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में व्यापार को सुविधाजनक बनाने और निवेश के अवसरों को अधिकतम करने के उद्देश्य से निजी सेक्‍टर की कंपनियों के साथ बैठकों के संयोजन में दोनों सरकारों के बीच आयोजित की जाने वाली नियमित बैठकों को शामिल करते हुए व्यापारिक समुदायों के बीच संबंधों को गहरा बनाने हेतु नियमित चर्चा करने की सुविधा प्रदान करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच मंत्री स्तर पर एक सहकारी उपक्रम है।

5वें भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद का आयोजन 10 मार्च 2023 को वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो की 8-10 मार्च के बीच की गई यात्रा के दौरान किया गया था। इस बैठक में आपूर्ति श्रृंखला गतिशीलता, जलवायु एवं स्वच्छ प्रौद्योगिकी सहयोग, समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और विशेष रूप से एसएमई और स्टार्टअप के लिए महामारी के बाद आर्थिक सुधार को सुगम बनाने पर कार्यनीतिक फोकस के साथ वाणिज्यिक संवाद फिर से शुरू किया गया।

इसमें वाणिज्यिक संवाद के तहत प्रतिभा, नवोन्‍मेषण और समावेशी विकास (टीआईआईजी) पर एक नए कार्य समूह को शुरू किया जाना शामिल है। नोट किया गया कि यह कार्य समूह आईसीईटी के लक्ष्यों, विशेष रूप से सहयोग के लिए विशिष्ट नियामक बाधाओं की पहचान करने और संयुक्त गतिविधियों के लिए विशिष्ट विचारों के माध्यम से स्टार्ट-अप पर ध्यान देने के साथ हमारे नवोन्‍मेषण इकोसिस्‍टम के बीच अधिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में स्‍टार्टअप्‍स के प्रयासों में भी सहायता प्रदान करेगा।

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