कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान कौशल विकास के भविष्य को दिशा देने और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साक्षी बने


शैक्षणिक संस्थान, कौशल संस्थान और उद्योग युवाओं को प्रमाणित करने और उन्हें भविष्य के अनुरूप बनाने के प्रयासों में तालमेल के लिए पहली बार मिलकर कार्य कर रहे हैं: श्री धर्मेंद्र प्रधान

यह सहयोग उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे से पैदा हो रहे अवसरों का लाभ उठाने और एयरोस्पेस, विमानन एवं रक्षा क्षेत्रों में नए अवसर पैदा करने के लिए है : श्री धर्मेंद्र प्रधान

भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर ने क्षमता निर्माण और भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के साथ साझेदारी की

वैमानिकी संरचना एवं उपकरण फिटर (एएस एंड ईएफ) प्रयोगशाला को सहायता प्रदान करने और विमानन विनिर्माण कंपनियों के साथ साझेदारी में फ्रांसीसी प्रशिक्षकों और क्षेत्र के विशिष्ट विशेषज्ञों द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने में सहायता करने के लिए डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के साथ यह समझौता किया गया

तीनों साझेदारियों का लक्ष्य उत्तर प्रदेश की कुशल जनशक्ति आवश्यकताओं को पूरा करना है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के लिए कार्यबल को सक्षम बनाना है

Posted On: 09 NOV 2023 4:53PM by PIB Delhi

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के उद्देश्यों के अनुरूप आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया (डीएएसआई) के साथ तीन प्रमुख साझेदारियों की घोषणा की है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे का समर्थन करने के लिए एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाना और तैयार करना है। नई दिल्ली में आज भारत सरकार के केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की सम्मानित उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।

यह साझेदारी युवाओं के, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करती है, जिससे उन्हें विमानन और रक्षा क्षेत्रों में नए-युग के पाठ्यक्रमों में गुणवत्तापूर्ण मॉड्यूल तक पहुंच प्राप्त हो सकेगी।

यह पहली बार है कि जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत परिकल्पना की गई है, हम भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर की क्षमताओं के निर्माण के लिए शिक्षा, कौशल और अग्रणी उद्योगों के बीच सहयोग देख रहे हैं। इन आईआईएस की अवधारणा का विचार स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगापुर के तकनीकी शिक्षा संस्थान की अपनी यात्रा के दौरान दिया था, जो विद्यार्थियों को नौकरियों और करियर में उन्नति के लिए तैयार करने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक है। इसी तरह, मौजूदा कौशल इकोसिस्टम में प्रशिक्षण मानकों को उन्नत करने के लिए देश में भारतीय कौशल संस्थानों की स्थापना की जा रही है।

श्री प्रधान ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान, कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच सहयोग, कौशल विकास के भविष्य को दिशा देने और भारत के युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उन्होंने कहा कि पहली बार शैक्षणिक संस्थान, कौशल संस्थान और उद्योग युवाओं को प्रमाणित करने और उन्हें भविष्य के अनुरूप बनाने के प्रयासों में तालमेल बनाने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं।

श्री प्रधान ने आगे कहा कि इस सहयोग के अंतर्गत भविष्य के पाठ्यक्रम हमारे देश के युवाओं और कार्यबल के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उपहार है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग उत्तर प्रदेश के रक्षा गलियारे से पैदा होने वाले अवसरों का लाभ उठाने के साथ-साथ एयरोस्पेस, विमानन एवं रक्षा क्षेत्रों में कौशल, अप-स्किलिंग, रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर पैदा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हम आज भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के लिए तीन समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साथ भारतीय कौशल संस्थान में क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। इन साझेदारियों के साथ, हितधारक युवाओं, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए एक मजबूत नींव बनाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण पद्धति के साथ-साथ सर्वोत्तम श्रेणी के बुनियादी ढांचे की स्थापना की परिकल्पना की गई है। यह निश्चित है कि नए युग के पाठ्यक्रमों, रक्षा और विमानन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट द्वारा प्रदर्शित प्रतिबद्धता से भारतीय कौशल संस्थान से जुड़े युवा कैडर को बहुत अधिक लाभ होगा।

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) की स्थापना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध मौजूदा कौशल संस्थानों से सर्वोत्तम तौर-तरीकों को सीखकर और उन्हें आत्मसात करके विश्व स्तरीय कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का निर्माण करना है। संस्थान के लिए डिज़ाइन किए गए पाठ्यक्रमों को देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के विषय विशेषज्ञों के परामर्श से तैयार किया गया है। नियोजित मॉड्यूल आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा एनालिटिक्स, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, कृषि 2.0 स्मार्ट एग्रीकल्चर, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, उद्योग 4.0 जैसे और अन्य पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक और महत्वपूर्ण साझेदारी के अंतर्गत, एचएएल अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के हिस्से के रूप में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) कानपुर के नए भवन में एक सीएनसी प्रयोगशाला के लिए एक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा विकसित करेगा। इस पहल का उद्देश्य भारतीय कौशल संस्थान कानपुर के संकायों और प्रशिक्षुओं को उन्नत सीएनसी मशीनिंग तकनीक का अनुभव प्रदान करना है, साथ ही सुविधा भी प्रदान करना है। इसका लक्ष्य प्रशिक्षुओं के समूह के लिए प्रशिक्षण, पुनः कौशल और उन्नयन करके औद्योगिक नौकरियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार करना है, इस प्रकार कौशल भारत पहल का समर्थन करना है। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना एक सामान्य इंजीनियरिंग वातावरण बनाकर शिक्षा और उद्योग के बीच बेहतर सहयोग को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है जो दोनों पक्षों से परिचित है, और अधिक प्रभावी जानकारी साझा करने में सक्षम है।

कुल मिलाकर, बुनियादी ढांचे के विकास के दायरे में 12 प्रयोगशालाएं, 12 कक्षाएं, बहुउद्देशीय कक्ष, खुला थिएटर, आउटडोर प्रशिक्षण क्षेत्र, सम्मेलन और चर्चा कक्ष व एक कैफेटेरिया सम्मिलित है।

इसके अलावा, डसॉल्ट एविएशन के साथ परिकल्पित साझेदारी से कानपुर में विमानन क्षेत्र में दीर्घकालिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में वैमानिकी संरचना एवं उपकरण फिटर (एएस एंड ईएफ) में एक पाठ्यक्रम शुरू करने में सहायता मिलेगी। साझेदारी के एक हिस्से के रूप में, कानपुर परिसर में भारतीय कौशल संस्थान के नए भवन में वैमानिकी व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डसॉल्ट वैमानिकी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है।

भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) में नवीनतम प्रशिक्षण सुविधाओं में सुविधा प्रदान करने और अग्रणी उद्योगों के साथ नौकरी के दौरान प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए इन सहयोगों के माध्यम से मजबूत उद्योग और नियोक्ता संपर्क की परिकल्पना की गई है। इसके अलावा, ये साझेदारियां स्थानीय इकोसिस्टम को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के अनुकूल बनाने में सक्षम बनाकर समाज के लाभ में योगदान दे रही हैं। भारत सरकार पहले ही देश में तीन स्थानों मुंबई, कानपुर और अहमदाबाद में भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) स्थापित कर चुकी है।

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