संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
टीसीसीसीपीआर-2018 के अंतर्गत डिजिटल सहमति प्राप्ति (डीसीए) का कार्यान्वयन
Posted On:
07 NOV 2023 3:50PM by PIB Delhi
बैंक, अन्य वित्तीय संस्थान, बीमा कंपनियाँ, व्यापारिक कंपनियां, व्यावसायिक संस्थाएं, रियल एस्टेट जैसी विभिन्न कंपनियां एसएमएस या वॉयस कॉल के माध्यम से दूरसंचार उपभोक्ताओं को वाणिज्यिक संदेश भेजती हैं। इन संस्थाओं को टेलीकॉम वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम, 2018 (टीसीसीसीपीआर-2018) में प्रमुख संस्थाएं (पेस) या प्रेषक (सेंडर) के रूप में जाना जाता है।
अवांछित वाणिज्यिक संचार (यूसीसी) के माध्यम से स्पैम के खतरे को रोकने के अपने प्रयास में ट्राई ने हाल के दिनों में अनेक उपाय किए हैं। ट्राई ने इस प्रयास में सभी एक्सेस सेवा प्रदाताओं तथा प्रमुख संस्थाओं के बीच ग्राहकों की सहमति को डिजिटल रूप से पंजीकृत करने के लिए एक एकीकृत मंच और प्रक्रिया बनाने के उद्देश्य से डिजिटल सहमति अधिग्रहण (डीसीए) सुविधा विकसित करने और तैनात करने के लिए सभी एक्सेस प्रदाताओं को टीसीसीसीपीआर-2018 के अन्तर्गत दिनांक 02.06.2023 को निर्देश जारी किया।
वर्तमान प्रणाली में सहमति विभिन्न संस्थाओं (पेस) द्वारा प्राप्त की जाती है और उन्हें बनाए रखा जाता है। ऐसे में एक्सेस प्रदाताओं के लिए सहमति का सत्यापन करना संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त ग्राहकों के लिए सहमति प्रदान करने या रद्द करने की कोई एकीकृत प्रणाली नहीं है। डिजिटल सहमति अधिग्रहण (डीसीए) प्रक्रिया में टीसीसीसीपीआर-2018 के अन्तर्गत परिकल्पित प्रक्रियाओं के अनुसार ग्राहकों की सहमति लेने, बनाए रखने और रद्द करने की सुविधा है। इस प्रकार एकत्रित सहमति डेटा सभी एक्सेस प्रदाताओं द्वारा स्क्रबिंग के लिए वाणिज्यिक संचार के लिए टीसीसीसीपीआर-2018 के तहत स्थापित डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) प्लेटफॉर्म पर साझा किया जाएगा।
सहमति मांगने वाले संदेश भेजने के लिए एक सामान्य शॉर्ट कोड 127xxx का उपयोग किया जाएगा। संक्षिप्त कोड के माध्यम से भेजे गए सहमति मांगने वाले संदेश में उद्देश्य, सहमति का दायरा और प्रमुख इकाई/ब्रांड नाम का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा। सहमति मांगने वाले संदेशों में केवल श्वेतसूचीबद्ध (ह्वाइटलिस्टेड) यूआरएल/एपीके/ओटीटी लिंक/कॉल बैक नंबर आदि का उपयोग किया जाएगा। उपभोक्ताओं को सहमति प्राप्ति की पुष्टि संबंधी संदेश में सहमति रद्द करने से संबंधित जानकारी भी होगी। इसके अतिरिक्त एक्सेस प्रदाता किसी भी प्रमुख इकाई द्वारा शुरू किए गए किसी भी सहमति प्राप्त संदेश को प्राप्त करने के लिए उपभोक्ताओं की अनिच्छा दर्ज करने के लिए एक एसएमएस/ऑनलाइन सुविधा विकसित करेंगे।
यह प्रमुखता से बताया गया है कि डीसीए को लागू करने के बाद वैकल्पिक माध्यमों से प्राप्त वर्तमान सहमति अमान्य हो जाएगी और सभी पेस को केवल डिजिटल माध्यम से नई सहमति मांगनी होगी।
सभी प्रमुख संस्थाओं (पेस) से अनुरोध है कि वे दिनांक 02.06.2023 के निर्देश में निर्धारित समयसीमा के अनुसार डीसीए प्रणाली में शामिल होने के लिए तत्काल आवश्यक कदम उठाएं। मामले में किसी भी स्पष्टीकरण/जानकारी/विवरण के लिए पेस संबंधित एक्सेस प्रदाताओं से संपर्क कर सकता है।
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