मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला 17 अक्टूबर 2023 को महाबलीपुरम में अंतर्राष्ट्रीय मत्स्य पालन सुशासन की मुख्यधारा में जलवायु परिवर्तन को शामिल करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मत्स्य पालन प्रबंधन उपायों को सुदृढ़ बनाने पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

Posted On: 15 OCT 2023 6:00PM by PIB Delhi

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री परशोत्तम रुपाला और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन, अंतर्राष्ट्रीय मत्स्य पालन सुशासन की मुख्यधारा में जलवायु परिवर्तन को शामिल करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मत्स्य पालन प्रबंधन उपायों को सुदृढ़ बनाने पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्‍मेलन चेन्नई के महाबलीपुरम में 17 अक्टूबर, 2023 को आयोजित किया जाएगा।

सम्‍मेलन के बारे में

केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसमें समुद्री मत्स्य पालन में जलवायु-परिवर्तन से उत्‍पन्‍न स्थितियों को अपनाने के लिए भारत की तैयारियों पर विचार-मंथन होगा। इस दौरान विभिन्‍न सत्रों का आयोजन किया जाएगा जिनमें अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थान; सामुदायिक संगठन और उद्यमी अपने नवाचारों और गतिविधियों को प्रदर्शित करेंगे। इस दौरान मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्‍य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन विशेष संबोधन देंगे।

इस सम्‍मेलन में खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के वरिष्ठ अधिकारी, क्षेत्रीय मत्स्य निकायों (आरएफबी) के प्रतिनिधि, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान और तटीय राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसके अतिरिक्‍त तमिलनाडु का डॉ. जे. जयललिता मत्स्य पालन विश्वविद्यालय, कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सत्यभामा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान और विभिन्न उद्योगों और मछुआरा सहकारी समितियों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

17 अक्टूबर, 2023 को एक अतिरिक्त कार्यक्रम ‘‘मत्स्य पालन प्रबंधन के लिए लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) को मुख्यधारा में लाना’’ विषय पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 2021 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (यूएनएफसीसीसी सीओपी26) में वैश्विक जलवायु कार्रवाई में व्यक्तिगत व्यवहार को सर्वाधिक महत्‍व देने के लिए मिशन लाइफ की शुरुआत की थी। मुख्‍य कार्यक्रम से इतर इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देश भर से छात्र भाग ले रहे हैं और विषय पर अपने नवीन विचार प्रस्तुत कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला और राज्‍य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन पोस्टर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे, जिसमें छात्रों के बीच एक राष्ट्रव्यापी प्रतियोगिता से चुने गए 25 लाइफ विचार शामिल होंगे। दोनों मंत्री मत्स्य पालन प्रबंधन में लाइफ को मुख्यधारा में लाने पर अपने विचारों के बारे में छात्रों से चर्चा करेंगे।

जलवायु-परिवर्तन दुनिया भर में समुद्री मछली स्टॉक के वितरण में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि इस सदी के अंत तक, साझा समुद्री मछली भंडार का लगभग आधा हिस्सा स्थानांतरित हो जाएगा और दुनिया के विशेष आर्थिक क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा कम-से-कम एक ऐसे परिवर्तन का साक्षी बनेगा। समुद्री मछली स्टॉक का यह स्थानांतरण मौजूदा मत्स्य प्रबंधन ढांचे के लिए एक चुनौती है। जलवायु-परिवर्तन साझा मछली भंडार को कैसे प्रभावित करता है, इसकी गहरी समझ मजबूत, जलवायु-परिवर्तन के अनुरूप लचीले अंतर्राष्ट्रीय मत्स्य पालन प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है।

5 से 9 सितंबर 2022 को रोम में आयोजित मत्स्य पालन समिति (सीओएफआई35) के 35वें सत्र में माना गया कि क्षेत्रीय मत्स्य निकायों (आरएफबी) को जलवायु-परिवर्तन के विषय पर सदस्य देशों के साथ प्रभावी ढंग से जोड़ना होगा। जलवायु-परिवर्तन को देखते हुए मत्‍स्‍य पालन प्रबंधन पर खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) से दिशा-निर्देश प्रस्‍तुत करने का अनुरोध किया गया।

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने जलवायु-लचीलेपन को देखते हुए दिशा-निर्देशों को स्थितियों के अनुसार परिवर्तित करने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र से क्षेत्रीय मत्स्य निकायों (आरएफबी) को शामिल करते हुए कार्यशाला आयोजित की है। इस दौरान मत्स्य पालन प्रबंधन और अंतर्राष्ट्रीय मत्स्य पालन गवर्नेंस में जलवायु-परिवर्तन के एकीकरण की रणनीति बनाने पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा। सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत मत्स्य पालन विभाग, इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

एफएओ कार्यशाला के साथ-साथ समुद्री मत्स्य पालन में जलवायु परिवर्तन को अपनाने के लिए भारत की तैयारियों पर एक विचार-मंथन सत्र का भी आयोजन करेगा। यह सत्र 17-18 अक्टूबर 2023 को होगा, जिसमें भारत सरकार और भारत में अन्य एजेंसियों द्वारा की गई प्रमुख पहलों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया जाएगा।

मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी मुख्य भाषण देंगे। कार्यक्रम के दौरान संयुक्त सचिव, सुश्री नीतू कुमारी प्रसाद सहित मत्स्य पालन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।

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