कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
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8वां ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन 2023 संयुक्त वक्तव्य जारी होने के साथ संपन्न हो गया


प्रतिस्पर्धा कानून और नीति में सहयोगात्मक प्रयास से सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और नियामक मानकों का सम्मिलन होता है: सचिव (कारपोरेट मामले)

ब्रिक्स देशों के प्रतिस्पर्धा अधिकारियों के हस्ताक्षर वाला संयुक्त बयान हमारे क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा से होने वाले विकास और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ाने की दिशा में रणनीतिक एकरूपता को रेखांकित करता है: अध्यक्ष (सीसीआई)

Posted On: 13 OCT 2023 7:13PM by PIB Delhi

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मेजबानी में 11-13 अक्टूबर 2023 तक चला आठवां ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन 2023 (ब्रिक्स आईसीसी 2023) आज नई दिल्ली में संपन्न हुआ। सम्मेलन में ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों के प्रमुखों, प्रतिस्पर्धा कानून विशेषज्ञों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों और ब्रिक्स एवं गैर-ब्रिक्स देशों के अन्य हितधारकों समेत 600 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

 

 

उद्घाटन सत्र और समापन समारोह के अलावा सम्मेलन में तीन पूर्ण सत्र और चार ब्रेकआउट सत्र आयोजित हुए। ब्रिक्स संयुक्त दस्तावेज पर पूर्ण सत्र में 'लीनिएंसी प्रोग्राम एंड डिजिटल इकोनॉमी' रिपोर्ट जारी की गई और उस पर चर्चा हुई। अन्य पूर्ण और ब्रेकआउट सत्रों में प्रतिस्पर्धा कानून और नीति से संबंधित नए एवं उभरते मुद्दों पर ब्रिक्स और अन्य प्राधिकरणों के वक्ताओं ने विचारों का आदान-प्रदान किया। ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों के प्रमुखों ने एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए, जो ब्रिक्स क्षेत्रों के भीतर प्रवर्तन क्षमताओं को सशक्त करने के लिए जानकारी, अनुभव साझा करना जारी रखने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा प्रथाओं को बढ़ावा देने के महत्व को स्वीकार करता है।

समापन समारोह में अपने भाषण में केंद्रीय कारपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव डॉ. मनोज गोविल ने कहा कि प्रत्येक ब्रिक्स सदस्य देश के पास अपनी विशिष्ट कानूनी परंपरा, आर्थिक ढांचा और नियामक दृष्टिकोण है। प्रतिस्पर्धा कानून एवं नीति में सहयोगात्मक प्रयास सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान और व्यवहार्य, व्यावहारिक एवं उपयोगी नियामक मानकों के सम्मिलन की रूपरेखा तैयार करते हैं।

डिजिटल बाजारों के संदर्भ में डॉ. गोविल ने कहा कि डिजिटल बाजारों में, जहां नेटवर्क प्रभाव और डेटा की पहुंच प्रवेश में बड़ी बाधा पैदा कर सकती है, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। प्रतिस्पर्धा अधिकारियों को प्रभावी रूप से दखल देने की जरूरत है जो एकाधिकार को रोकते हुए नवाचार को प्रोत्साहित कर सकें। इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि भारत में संसद की एक स्थायी समिति ने 'बड़ी टेक कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रथाओं' के विषय की जांच की है और एक निष्पक्ष, पारदर्शी एवं प्रतिस्पर्धी डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्रतिस्पर्धा अधिनियम लागू करने की सिफारिश की। इसके बाद भारत सरकार ने डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून पर एक समिति का गठन किया जो यह समीक्षा कर सके कि क्या प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 के मौजूदा प्रावधान डिजिटल अर्थव्यवस्था से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के लिए पर्याप्त हैं और क्या डिजिटल बाजारों के लिए पूर्व नियामक तंत्र की जरूरत है। उन्होंने आगे बताया कि समिति ने हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत की है और इस समय विचार-विमर्श चल रहा है।

भारत में प्रतिस्पर्धा अधिनियम में किए गए हाल के संशोधनों का जिक्र करते हुए डॉ. गोविल ने कहा कि निपटारे और प्रतिबद्धताओं के लिए प्रावधान जोड़े जाने से यह कंपनियों को कानूनी अनिश्चितताओं और अनुपालन खर्चों को कम करते हुए परस्पर विरोधी चिंताओं को सहयोगपूर्वक हल करने का अवसर देगा। उन्होंने कहा कि विलय अधिसूचना के लिए सौदा मूल्य सीमा का क्रियान्वयन यह सुनिश्चित करता है कि व्यापक आर्थिक प्रभाव वाले विलय एवं अधिग्रहण की जांच की जाए जिससे प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रथाओं से सुरक्षा प्रदान की जा सके। साथ ही निवेश और आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाया जा रहा है।

इस अवसर पर सीसीआई की अध्यक्ष रवनीत कौर ने कहा कि इस सम्मेलन ने प्रतिस्पर्धा अधिकारियों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों और अवसरों को व्यापक तरीके से समझने का मार्ग प्रशस्त किया। इन सत्रों में विभिन्न विषयों पर गहराई से चर्चा हुई, जिसमें प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में डिजिटलीकरण के गहन प्रभाव, नवाचारों को बढ़ावा देने में प्रतिस्पर्धी नीति की महत्वपूर्ण भूमिका और मजबूत आर्थिक विकास को बनाए रखने में इसका अहम योगदान शामिल है। उन्होंने कहा कि सामूहिक साझेदारी से केवल समझ बेहतर हुई है बल्कि ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग एवं सहभागिता को बढ़ावा देने के महत्व को भी रेखांकित किया है। ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा अधिकारियों के हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा से होने वाले विकास और सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने की दिशा में रणनीतिक समरूपता पर जोर देता है।

समापन समारोह को ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों के प्रमुखों ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स आईसीसी 2023 सम्मेलन ने प्रतिस्पर्धा एजेंसियों के सामने आने वाले समसामयिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक उपयोगी मंच प्रदान किया। आज की वैश्विक और आपस में जुड़ी दुनिया में, उन्होंने प्रतिस्पर्धा कानून और नीति के क्षेत्र में ब्रिक्स देशों के बीच केंद्रित और प्रभावी सहयोग की जरूरत पर बल दिया।

कार्यक्रम के समापन में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के सदस्य श्री दीपक अनुराग ने सभी को धन्यवाद दिया। साथ ही सीसीआई ने 2025 में होने वाले 9वें ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका को बैटन सौंपा।

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