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निवेश पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के उच्च स्तरीय संयुक्त कार्य बल की 11वीं बैठक

Posted On: 05 OCT 2023 5:54PM by PIB Delhi

निवेश पर संयुक्त अरब अमीरात-भारत उच्च स्तरीय संयुक्त कार्य बल ('संयुक्त कार्य बल') की ग्यारहवीं बैठक आज अबू धाबी में आयोजित की गई, जिसकी सह-अध्यक्षता अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के प्रबंध निदेशक महामहिम शेख हमीद बिन जायद अल नाहयान और वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री, श्री पीयूष गोयल, ने की।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 2013 में संयुक्त कार्य बल की स्थापना की गई थी। संयुक्त कार्य बल ने दोनों देशों में निवेश के अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा के साथ-साथ दोनों देशों के निवेशकों के सामने आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए एक प्रभावी तंत्र प्रदान किया है।

बैठक के दौरान, सह-अध्यक्षों ने संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति की समीक्षा की, जो मई 2022 में लागू हुआ था। सीईपीए एक ऐतिहासिक समझौता था जिसे दोनों देशों के बीच सहयोग, लंबे समय से चले रहे सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत कर एक नए युग की शुरुआत करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसने 80 प्रतिशत से अधिक उत्पाद लाइनों पर टैरिफ को कम करने, व्यापार में बाधाओं को खत्म करने और निवेश और संयुक्त उद्यमों के लिए नए रास्ते बनाने में मदद की है। सीईपीए के पहले 12 महीनों में, द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार 50.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। दोनों देश 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

संयुक्त कार्य बल के प्रतिनिधिमंडलों ने भारत-संयुक्त अरब अमीरात द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए बातचीत की स्थिति पर चर्चा की और दोनों देशों और उनके निवेशकों को लाभ पहुंचाने वाले संतुलित समझौते के शीघ्र निष्कर्ष के लिए द्विपक्षीय चर्चाओं में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया।

दोनों पक्षों ने संयुक्त अरब अमीरात की संप्रभु निवेश संस्थाओं से भारत में निवेश प्रवाह में और वृद्धि को बढ़ावा देने के तरीकों और प्रोत्साहनों पर भी चर्चा की।

इस संदर्भ में, भारतीय पक्ष ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, अर्ध-कंडक्टर और परिसंपत्ति मुद्रीकरण क्षेत्रों जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश के अवसर साझा किए।

इस संबंध में, संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए फास्ट ट्रैक तंत्र के निर्माण पर प्रगति पर भी चर्चा की गई। भारतीय पक्ष ने विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा परिवर्तन जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश की सुविधा के लिए तंत्र को मजबूत करने का अनुरोध किया। दोनों पक्ष इस माध्यम का उपयोग अधिक प्रतिस्पर्धी और अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के साधन के रूप में करने पर सहमत हुए जो निजी क्षेत्र को एक-दूसरे के बाजारों में विस्तार के अवसरों को पूरी तरह से आगे बढ़ाने में सक्षम बना सकता है।

वार्ता में भारत-संयुक्त अरब अमीरात स्टार्ट-अप ब्रिज पर भी चर्चा हुई, जो संयुक्त अरब अमीरात के अर्थव्यवस्था मंत्रालय और भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बीच एक संयुक्त पहल है। इस ब्रिज के वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करने की उम्मीद है जो बाजार पहुंच, निवेश फंड, उद्यम पूंजी, इनक्यूबेटर और प्रत्येक देश में संबंधित व्यावसायिक परिदृश्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण सत्र और ज्ञान-साझाकरण प्रदान करता है।

एक अन्य महत्वपूर्ण एजेंडा विषय अबू धाबी - भारत वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर की स्थापना थी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच कागज रहित व्यापार की सुविधा के लिए डेटा विनिमय प्रणाली विकसित करके, दक्षता और सुरक्षा में सुधार करके समग्र व्यापार मात्रा में वृद्धि करना है। दोनों पक्ष इसके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए दोनों देशों के संबंधित समकक्षों के बीच समन्वय और सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए।

सह-अध्यक्षों ने भारत में आई2यू2 फ्रेमवर्क के तहत खाद्य सुरक्षा गलियारे से संबंधित निवेश सहित प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। यह परियोजना आवश्यक खाद्य पदार्थों की आपूर्ति को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच एक लचीली मूल्य श्रृंखला स्थापित करने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

संयुक्त कार्य बल ने भारत में भविष्य के निवेश को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से, गुजरात में एक वित्तीय मुक्त क्षेत्र, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) की योजनाओं की प्रगति पर गौर किया। भारतीय पक्ष ने भारत में इसी तरह की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में अन्य सॉवरेन वेल्थ फंडों को आमंत्रित किया।

संयुक्त कार्य बल ने संयुक्त अरब अमीरात के उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत गणराज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बीच उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एमओयू अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा। दोनों पक्षों का लक्ष्य अर्थव्यवस्थाओं के विविधीकरण और विकास में उद्योगों और उन्नत प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए सहयोग प्रयासों को विकसित करना और एक संस्थागत ढांचे का निर्माण करना है।

संयुक्त अरब अमीरात के सेंट्रल बैंक की सहायक कंपनी अल एतिहाद पेमेंट्स और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच एक अन्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता संयुक्त अरब अमीरात की घरेलू कार्ड योजना (डीसीएस) विकसित करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी बनाता है। यूएई डीसीएस संयुक्त अरब अमीरात के वित्तीय अवसंरचना परिवर्तन कार्यक्रम के सेंट्रल बैंक का एक प्रमुख तत्व है जिसका उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात को डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे में वैश्विक नेतृत्व के रूप में स्थापित करना है। डीसीएस देश का पहला एकीकृत, सुरक्षित और कुशल कार्ड भुगतान प्लेटफॉर्म होगा, जो ई-कॉमर्स के विकास को सुविधाजनक बनाकर, उपभोक्ताओं को अनुकूलित पेशकश प्रदान करके, वित्तीय समावेशन को बढ़ाकर और भुगतान के लागत को कम करके संयुक्त अरब अमीरात के डिजिटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को तेज करेगा।

इसके गठन के बाद से, संयुक्त कार्य बल का उपयोग संयुक्त अरब अमीरात और भारत में निवेश करते समय दोनों देशों की कंपनियों के सामने आने वाले विशिष्ट मुद्दों को उजागर करने और हल करने के लिए एक मूल्यवान मंच के रूप में किया गया है। दोनों पक्षों ने निवेश से संबंधित लंबित मुद्दों पर चर्चा की और निवेशकों द्वारा अनुभव किए गए मुद्दों और कठिनाइयों के समय पर समाधान की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। सह-अध्यक्षों ने दोनों टीमों को इन मुद्दों को समय पर और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य तरीके से संबोधित करने के लिए संबंधित सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।

बैठक में संयुक्त अरब अमीरात के निवेश मंत्री महामहिम मोहम्मद हसन अलसुवैदी, एडीक्यू के एमडी और सीईओ, महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल जायोदी, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री और महामहिम खालिद मोहम्मद बलामा, संयुक्त अरब अमीरात सेंट्रल बैंक के गवर्नर, और दोनों देशों के सरकारी अधिकारियों और निवेश संस्थाओं के कई वरिष्ठ अधिकारीयों ने भाग लिया।

बैठक के दौरान टिप्पणी करते हुए, अबू धाबी निवेश प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक और संयुक्त कार्य बल के सह-अध्यक्ष, महामहिम शेख हमीद बिन जायद अल नाहयान ने कहा, “आज की संयुक्त कार्य बल की बैठक में प्रतिनिधि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को लागू करने पर हुई प्रगति से बहुत संतुष्ट थे और इस साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करना जारी रखने के अपने इरादे को दोहराया। संयुक्त कार्य बल की गतिविधियां गति बनाए रखने, नए अवसरों की खोज करने और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी कि भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापार और निवेश संबंध फलते-फूलते रहें।”

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री और संयुक्त कार्य बल के सह-अध्यक्ष श्री पीयूष गोयल ने कहा, “इस संयुक्त कार्य बल की एक और सार्थक बैठक के समापन के साथ बहुत सारे क्षेत्रों को कवर किया गया। मौजूदा सहयोगों की समीक्षा की गई और उन्हें मजबूत किया गया, और साझेदारी के नए अवसर तलाशे गए। भारत सरकार संयुक्त अरब अमीरात में खाद्य सुरक्षा के महत्व को दोहराती है और इसके लिए अपना पूरा समर्थन देती है। इस संदर्भ में, खाद्य गलियारा परियोजना की प्रगति का बहुत महत्व है, जिसे और अधिक स्पष्टता प्राप्त हुई। भारत के रूपे कार्ड पर आधारित संयुक्त अरब अमीरात के लिए एक राष्ट्रीय कार्ड योजना के विकास के लिए एनपीसीआई और सीबीयूएई के बीच साझेदारी समझौता, हमारी आर्थिक भागीदारी में अति महत्वपूर्ण साबित होने वाली है। भारत-संयुक्त अरब अमीरात साझेदारी काफी आगे तक जाएगी और दुनिया के लिए अनुकरणीय होगी।”

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