भारी उद्योग मंत्रालय
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भारी उद्योग मंत्रालय की सतत विकास, स्वच्छता और कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की दिशा में अनेक पहल


फेम इंडिया योजना-II के अंतर्गत समर्थित इलेक्ट्रिक वाहनों ने 26,041,426 लीटर ईंधन की बचत की, परिणामस्वरूप 37,718,893 किलोग्राम कार्बन की कमी हुई

Posted On: 05 OCT 2023 3:02PM by PIB Delhi

भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) सतत विकास, स्वच्छता (स्वच्छता) और कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण से संबंधित कई पहल सक्रिय रूप से कर रहा है। मंत्रालय ने नेट-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की देश की प्रतिबद्धता के अनुरूप, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने तथा कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। फेम इंडिया स्कीम-II के अंतर्गत, लगभग 1,016,598 इलेक्ट्रिक वाहनों को लगभग 4,807 करोड़ रुपये की मांग प्रोत्साहन के माध्यम से समर्थन दिया गया है। इससे लगभग 26,041,426 लीटर ईंधन की बचत हुई है और पहले से ही लगभग 37,718,893 किलोग्राम कार्बन की कमी हुई है। समय के साथ आंकड़े बढ़ते रहेंगे। ईवी की बिक्री जहां 2014 में नगण्य थी, वहीं अब इसकी बिक्री कुल वाहन बिक्री का लगभग 5 प्रतिशत तक पहुंच गई है। ये उपलब्धियाँ सतत विकास के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में इसके सक्रिय दृष्टिकोण को दिखाती हैं।

स्वच्छ और कचरा मुक्त भारत को प्रोत्साहित करने और स्वच्छता को संस्थागत बनाने के भारी उद्योग मंत्रालय के प्रयासों को जारी रखते हुए, 15 सितंबर से 30 सितंबर, 2023 तक विशेष अभियान 3.0 के प्रारंभिक चरण के दौरान लक्ष्यों की पहचान करने में बड़ी सफलता हासिल की गई है। स्क्रैप और अन्य अनावश्यक सामग्री के निपटान के बाद इस वर्ष उल्लेखनीय 5.6 लाख वर्ग फुट जगह खाली होने की आशा है। समीक्षा के लिए 65,944 फाइलों की पहचान की गई है, 33,789 फिजिकल फाइलें हटा दी जाएंगी और 5,017 इलेक्ट्रॉनिक फाइलों को अभियान के मुख्य चरण यानी 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2023 के दौरान बंद करने के लिए लिया जाएगा।

मंत्रालय की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप इसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने स्वयं को एक हरित कंपनी के रूप में स्थापित करने और व्यापार वृद्धि के लिए इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बनाने के उद्देश्य से 'हरित बीएचईएल' नामक एक पहल शुरू की है।.

'हरित बीएचईएल' का लक्ष्य निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करना है:

  2047 तक न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव वाली नेट जीरो और वाटर न्यूट्रल कंपनी बनना।

  अपनी सभी मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों के लिए ग्रीन कंपनी रेटिंग (ग्रीनको रेटिंग) के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना।

  बीएचईएल में नौ फोकस वाली स्थिरता पहलों को लागू करना, जैसे 75,000 पौधे लगाना, पानी और ऊर्जा ऑडिट करना, शून्य तरल रिसाव स्थिति प्राप्त करना, जल निकाय बनाना, वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाना, ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन करना, प्राकृतिक सूर्य के प्रकाश का उपयोग करना और अधिक सौर पीवी बिजली संयंत्र स्थापित करना।

माननीय भारी उद्योग मंत्री द्वारा प्रथम और 75000वें वृक्ष का रोपण

इस पहल के अंतर्गत गतिविधियों के एक भाग के रूप में भारी उद्योग मंत्री डॉ.महेंद्र नाथ पांडे ने हाल ही में 75000 पेड़ों के रोपण में भाग लिया। हरित बीएचईएल जलवायु कार्रवाई के प्रति भारत की प्रतिबद्धता से जुड़ा है। इससे बीएचईएल को अपने कार्बन पदचिन्ह को कम करने, नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने तथा बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल करने में सहायता मिलेगी। हरित बीएचईएल कम्पनी की पर्यावरणीय चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतिबिंब है।

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