सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
"श्रेयस" अम्ब्रेला योजना में केंद्रीय क्षेत्र की 4 उप-योजनाएं शामिल
अम्ब्रेला योजना के अंतर्गत "अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना"
Posted On:
03 OCT 2023 4:18PM by PIB Delhi
"श्रेयस" अम्ब्रेला योजना में केंद्रीय क्षेत्र की 4 उप-योजनाएं - "अनुसूचित जाति के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा", "अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मुफ्त कोचिंग योजना", "अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना" और "अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप"शामिल हैं। चूंकि ये सभी उप-योजनाएं केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं हैं, इसलिए इन योजनाओं के लिए राज्य-वार डेटा नहीं रखा जाता है। पिछले 9 वर्षों यानी 2014-15 से आवंटित बजट, व्यय विवरण और लाभार्थियों की संख्या के साथ श्रेयस के तहत उप-योजनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
- अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना:
योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए अच्छी गुणवत्ता की कोचिंग प्रदान करना है ताकि वे सार्वजनिक/निजी क्षेत्र में उचित नौकरियां प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धी और प्रवेश परीक्षाओं में शामिल हो पाने के साथ-साथ प्रतिष्ठित तकनीकी और व्यावसायिक उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश सुनिश्चित कर सकें। योजना के तहत कुल पारिवारिक आय की सीमा 8 लाख प्रति वर्ष है। प्रति वर्ष 3500 स्लॉट आवंटित किए जाते हैं। अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों का अनुपात 70:30 है और प्रत्येक श्रेणी में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत स्लॉट आरक्षित हैं। अनुसूचित जाति श्रेणी में पर्याप्त संख्या में उम्मीदवार उपलब्ध न होने की स्थिति में मंत्रालय इस अनुपात में छूट दे सकता है। हालांकि, किसी भी स्थिति में, 50 प्रतिशत से कम अनुसूचित जाति के छात्रों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
2014-15 से 2022-23 तक 19,995 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए कुल 109.77 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- अनुसूचित जाति के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा:
इस योजना का उद्देश्य पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करके अनुसूचित जाति के छात्रों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पहचानना और बढ़ावा देना है। यह योजना 12वीं कक्षा से आगे की पढ़ाई के लिए अनुसूचित जाति के छात्रों को कवर करेगी। एक बार प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति, छात्र के संतोषजनक प्रदर्शन की शर्त पर पाठ्यक्रम पूरा होने तक जारी रहेगी। योजना के तहत कुल पारिवारिक आय की सीमा 8 लाख रुपये प्रति वर्ष है। वर्तमान में, 266 उच्च शिक्षा संस्थान जिनमें सरकारी संस्थान और निजी संस्थान जैसे सभी आईआईएम, आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, एम्स, एनआईएफटी, एनआईडी, एनएलयू, आईएचएम, सीयू और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान, एनएएसी ए++ मान्यताप्राप्त संस्थान और शीर्ष 100 राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग संस्थान शामिल हैं।
छात्रवृत्ति की कुल संख्या 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए 21,500 (2021-22 के लिए 4100, 2022-23 के लिए 4200, 2023-24 के लिए 4300, 2024-25 के लिए 4400 और 2025-26 के लिए 4500) सीमित होगी।
योजना के तहत, (i) पूर्ण ट्यूशन शुल्क और गैर-वापसीयोग्य शुल्क (निजी क्षेत्र के संस्थानों के लिए प्रति छात्र प्रति वर्ष 2.00 लाख रुपये की सीमा होगी (ii) अध्ययन के पहले वर्ष में 86,000 रुपये का शैक्षणिक भत्ता और जीवन यापन और अन्य खर्चों की देखभाल के लिए हर अगले वर्ष 41,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।
2014-15 से 2022-23 तक 21,988 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए कुल 398.43 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय प्रवासी योजना:
इस योजना के तहत विदेश में स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर के पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए चयनित छात्रों - अनुसूचित जाति (115 स्लॉट); निर्दिष्ट, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियां (6 स्लॉट); भूमिहीन खेतिहर मजदूरों और पारंपरिक कारीगर श्रेणियों (4 स्लॉट) को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। वर्तमान में, योजना के तहत 125 स्लॉट आवंटित किए गए हैं।
योजना के अंतर्गत ऐसे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं जिनकी अभ्यर्थी सहित परिवार की कुल आय 8 लाख रुपये प्रति वर्ष हो, योग्यता परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किया हो, 35 वर्ष से कम आयु हो और शीर्ष 500 क्यूएस रैंकिंग वाले विदेशी संस्थानों/विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त किया हो। योजना के तहत, पुरस्कार विजेताओं को कुल ट्यूशन शुल्क, रखरखाव और आकस्मिकता भत्ता, वीजा शुल्क, आने-जाने का हवाई मार्ग का किराया आदि प्रदान किया जाता है।
2014-15 से 2022-23 तक 950 लाभार्थियों को लाभान्वित करने के लिए कुल 197.14 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
- अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप:
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यताप्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों/संस्थानों/कॉलेजों में विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में एम.फिल/पीएचडी डिग्री के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए फेलोशिप प्रदान की जाती है।
यह योजना प्रति वर्ष 2000 नए स्लॉट (विज्ञान स्ट्रीम के लिए 500 और मानविकी और सामाजिक विज्ञान के लिए 1500) प्रदान करती है, जिन्होंने यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा- जूनियर रिसर्च फेलोशिप (एनईटी-जेआरएफ) उत्तीर्ण की है और विज्ञान स्ट्रीम के लिए यूजीसी- वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (यूजीसी-सीएसआईआर) द्वारा आयोजित संयुक्त परीक्षा में जूनियर रिसर्च फेलो योग्यता प्राप्त की है।
एचआरए सहित फेलोशिप की दरें इस प्रकार हैं:
क्र.सं.
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शीर्ष
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लागू दरें
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|
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जेआरएफ
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एसआरएफ
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1.
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सभी विषयों में फैलोशिप
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शुरुआती दो वर्षों के लिए 31,000/- रुपये प्रतिमाह
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शेष कार्यकाल के लिए 35,000/- रुपये प्रतिमाह
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2.
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मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के लिए सहायता
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शुरुआती दो वर्षों के लिए 10,000/- रुपये प्रति वर्ष
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शेष कार्यकाल के लिए 20,500/- रुपये प्रति वर्ष
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3.
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विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए सहायता।
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शुरुआती दो वर्षों के लिए 12,000/- रुपये प्रति वर्ष
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शेष कार्यकाल के लिए 25,000/- रुपये प्रति वर्ष।
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