उप राष्ट्रपति सचिवालय
नए संसद भवन में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के पहले संबोधन का पाठ
Posted On:
19 SEP 2023 4:45PM by PIB Delhi
आप सभी महानुभावों को गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर शुभकामनाएं।
अमृत काल में यह बदलाव भारत के भविष्य और विकास के लिए सार्थक साबित होगा।
माननीय सदस्य आज के दिन का एक और महत्व दिवस है। जैन समाज में आज संवत्सरी का दिन मनाया जाता है जो पर्युषण का अंतिम दिवस है। इस अवसर पर मेरा सभी को ‘मिच्छामी दुक्कड़म’।
मैंने अपनी वाणी से और कर्म से जाने अनजाने या किसी भी तरीके से किसी की भावना को आघात किया है, दुख पहुंचाया है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं। आपका हृदय विशाल है और आप मेरी क्षमा स्वीकार करेंगे और आगे का रास्ता हम सब के लिए मिलकर सकारात्मक होगा।
आज का दिन हमारे लिए संकल्प का दिन है। भारत की प्रगति दुनिया के लिए एक मिसाल है और हमारा प्रयास होना चाहिए कि आने वाले दिनों में इस प्रगति को और गति देंगे और महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।
माननीय सदस्य, आज के दिन मेरा आप सभी से विशेष आग्रह है कि हम सबको संकल्प लेना होगा कि देश और देश हित को हम सर्वोपरि रखेंगे। हमें अपने भारतीय होने का गौरव हो और हम भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों का सम्मान करें।
मैं पूर्ण रूप से आश्वस्त हूं आज की यह नई शुरुआत भारत के भविष्य के लिए दूरगामी और सकारात्मक साबित होगी।
हमें हर चीज में से सर्वश्रेष्ठ को आगे बढ़ाना चाहिए और जो अनावश्यक है उसे पीछे छोड़ देना चाहिए।
हमें देश की सेवा करने और मानवता के छठे हिस्से के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की अपनी पूरी प्रतिबद्धता पर खरा उतरना चाहिए।
मैं माननीय सदस्यों को सूचित करना चाहता हूं कि सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और माननीय अध्यक्ष के साथ मेरी बातचीत के बाद, सेंट्रल हॉल जहां आज सुबह हमारा संयुक्त सत्र आयोजित किया गया था, उसे अब से 'संविधान सदन' के रूप में जाना जाएगा।
मुझे खुशी है कि मैंने राजनीतिक दलों के नेताओं के सम्मान में आज सुबह सदन स्थगित कर दिया और इस पर व्यापक सहमति बनी। हम ऐसी परिस्थितियाँ बनाएंगे जिससे हम हर चीज़ को बहुत प्रभावी बना सकें।
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