संस्‍कृति मंत्रालय

नदी संस्कृति पर तीन दिवसीय ‘नदी उत्सव’ 22 से 24 सितंबर तक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए), नयी दिल्ली में आयोजित किया जायेगा

Posted On: 21 SEP 2023 8:36PM by PIB Delhi

चौथानदी उत्सवइंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (एनएमसीएम) और जनपद सम्पदा प्रभाग की ओर से 22 सितंबर से 24 सितंबर, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष का नदी उत्सवदिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यमुना नदी के किनारे इस तीन दिवसीय आयोजन में
विभिन्न कार्यक्रम होंगे। इनमें विभिन्न विषयों पर पर्यावरणविदों और विद्वानों के साथ विद्वत चर्चा, फिल्म स्क्रीनिंग, प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियां, कठपुतली शो और विभिन्न पुस्तकों पर चर्चा होंगी।


भारतीय संस्कृति में नदियों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे देश में नदियां न केवल पवित्र और पूज्य मानी जाती हैं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के जीवन का आधार भी हैं। सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ है। भारत के बड़ी संख्या में शहर, गांव और कस्बे नदियों के किनारे बसे हैं । उनकी पहचान नदियों से ही होती है। भारतीय समाज ने नदियों को हमेशा सर्वोच्च सम्मान दिया है, नदियों को हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग माना है। संस्कृति मंत्रालय के अधीन कला एवं संस्कृति को समर्पित संस्थान, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) पिछले कुछ वर्षों से बड़े पैमाने पर 'नदी उत्सव आयोजित कर रहा है।


इस उत्कृष्ट पहल की कल्पना डॉ सच्चिदानंद जोशी ने लोगों के बीच उनकी पारिस्थितिकी और पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करने और संवेदनशील बनाने के लिए की थी। नदी उत्सव’ 2018 में शुरू हुआ था , जिसका उद्घाटन कार्यक्रम गोदावरी नदी के तट पर स्थित महाराष्ट्र के नासिक शहर में किया गया था। दूसरा नदी उत्सवकृष्णा नदी के तट पर स्थित आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में और तीसरानदी उत्सव गंगा नदी के तट पर स्थित बिहार के मुंगेर शहर में आयोजित किया गया था।

चौथे नदी उत्सवके मुख्य अतिथि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव होंगे । विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध दार्शनिक एवं विद्वान आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी और परमार्थ निकेतन के प्रमुख एवं आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानन्द सरस्वती होंगे। विशेष अतिथि प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्म भूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी होंगे। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय और आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी होंगे।

यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 22 सितंबर को पूर्वाह्न 10.30 बजे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के उमंग कॉन्फ्रेंस हॉल में शुरू होगा। नदी उत्सवकार्यक्रम के दौरान प्राचीन ग्रंथों में नदियों का वर्णन , नदियों के किनारे सांस्कृतिक विरासत और लोक एवं सांस्कृतिक परंपराओं में नदियों का उल्लेख समेत कई विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किये जायेंगे । इन तीन दिनों में 18 फिल्में भी दिखाई जाएंगी। इनमें से छह फिल्में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) ने निर्मित की हैं। कठपुतली शो के भाग के रूप में यमुना गाथाका प्रदर्शन पूरन भट्ट द्वारा किया जाएगा।

नदी उत्सवनदी संस्कृति, इसकी परंपराओं, अनुष्ठानों और जल ज्ञान का दस्तावेजीकरण करने का एक प्रयास है। इस राष्ट्रीय सेमिनार में पांच शैक्षणिक सत्र होंगे, जिसमें वरिष्ठ विद्वान गोलमेज सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हम अपनी नदियों को धन्यवाद देना भूल गये हैं और अब ऐसा करने का यही अवसर है। यह आयोजन नदियों से जुड़ाव को याद करने की एक पहल है । तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान एक पुस्तक मेले का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रकाशन संस्थान नदियों और पर्यावरण से संबंधित अपनी पुस्तकें लाएंगे। कार्यक्रम में दिखाये जाने वाले 18 वृतचित्रों में से पांच को पुरस्कृत करने की भी योजना है। वृतचित्र फिल्म फेस्टिवल के लिए भारत के लगभग सभी राज्यों से फिल्म निर्माताओं ने फिल्में भेजी थीं, जिनमें से 12 को स्क्रीनिंग के लिए चुना गया। इनका चयन पांच सदस्यीय जूरी ने किया। इनमें उत्तर-पूर्व भारत, दक्षिण भारत, कश्मीर, उत्तराखंड, राजस्थान आदि की फिल्में शामिल हैं। हर फिल्म के बाद एक चर्चा सत्र भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें फिल्म के निर्देशक भी भाग लेंगे। स्क्रीनिंग की शुरुआत फिल्ममहानदी से होगी , 60 मिनट की इस फिल्म का निर्देशन जुबानाश्व मिश्रा ने किया है।

नदी उत्सवमें तीन तरह की प्रदर्शनियां होंगी। सांझीप्रदर्शनी देश के 16 घाटों पर आधारित होगी । इसके अलावा नदी सभ्यता से संबंधित फोटोग्राफी प्रदर्शनी और दिल्ली के स्कूल के बच्चों द्वारा नदियों पर बनायी गयी पेंटिंग की प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। ये पेंटिंग यह बताने का प्रयास करेंगी कि स्कूल के बच्चे नदियों के बारे में क्या सोचते हैं।
इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बिहार के प्रसिद्ध लोक गायक चंदन तिवारी का गायन और भोपाल की सुश्री श्वेता देवेन्द्र और उनकी टीम द्वारा नर्मदा स्तुति और दशावतारम के साथ अन्य प्रस्तुतियां शामिल हैं।

 

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