वित्त मंत्रालय
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा- भारत की विकास दर वर्ष प्रति वर्ष 7.8 प्रतिशत की दर से कई अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर से कहीं अधिक है
वैश्विक मंदी होने के बावजूद देश के सेवा क्षेत्र में निर्यात ने उल्लेखनीय प्रदर्शन दिखाया है: मुख्य आर्थिक सलाहकार
निजी क्षेत्र द्वारा जिन नई निवेश परियोजनाओं की घोषणा की गई है, वे वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में बीते 14 वर्षों में सबसे अधिक रही हैं: मुख्य आर्थिक सलाहकार
Posted On:
31 AUG 2023 8:32PM by PIB Delhi
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारत की विकास दर वर्ष प्रति वर्ष 7.8 प्रतिशत की दर से कई अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर से अधिक रही है। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि ने वित्त वर्ष 2023 की पिछली तिमाही में देखी गई सशक्त गति को बनाए रखा है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार आज शाम नई दिल्ली में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही (क्यू1) के लिए स्थिर (2011-12) और वर्तमान कीमतों दोनों पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान जारी करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. नागेश्वरन ने कहा कि कुल मिलाकर भारत की व्यापक आर्थिक स्थिरता और विकास की संभावनाएं इसके केंद्रीय बिंदु हैं। उन्होंने बताया कि पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों ने सरकार के समग्र व्यापक-आर्थिक प्रबंधन के इन दो प्रमुख पहलुओं की पुष्टि की है, खासकर कोविड महामारी के वर्षों के दौरान इसकी महत्ता उजागर हुई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि केंद्रीय और राज्य दोनों ही स्तरों पर पूंजीगत व्यय में वृद्धि के साथ-साथ विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्त उपभोग मांग और सेवा क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के कारण पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था एक वर्ष में सबसे तेज गति से बढ़ी है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण व सकारात्मक तथ्य यह है कि निजी क्षेत्र का पूंजी निर्माण बहुत शानदार तरीके से और अच्छी तरह से चल रहा है। इस विषय पर मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यह भविष्य में रोजगार तथा भारतीय परिवारों की आय वृद्धि के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने आगे बताया कि निजी क्षेत्र द्वारा घोषित नई निवेश परियोजनाएं वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 14 वर्षों में सबसे अधिक रही हैं।
डॉ. नागेश्वरन ने बताया कि एफएमसीजी की ग्रामीण मांग विशेष रूप से उच्च मूल्य वाली वस्तुओं के लिए बढ़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यही प्रवृत्ति छोटे शहरों के लिए भी स्पष्ट है, जो विकास में योगदान दे रहे हैं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि वैश्विक मंदी होने के बावजूद देश के सेवा क्षेत्र में निर्यात ने उल्लेखनीय प्रदर्शन दिखाया है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण एवं सेवा दोनों ही क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है और यह ग्रामीण मांग में सुधार से आय में वृद्धि स्पष्ट है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. नागेश्वरन ने कहा कि आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र निर्माण सामग्री सेक्टर में विकास को बढ़ावा देगा।
डॉ. नागेश्वरन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पूंजीगत व्यय पर केंद्र सरकार का एकाग्र ध्यान निजी क्षेत्र पर बढ़ गया है और इसका असर राज्य सरकारों पर भी पड़ा है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि इन सब के बावजूद मुद्रास्फीति का प्रभाव नियंत्रण में है और वे इस पर बहुत अच्छे से नजर रख रहे हैं।
कार्यक्रम का सारांश प्रस्तुत करते हुए डॉ. नागेश्वरन ने कहा:
निवेश और उपभोक्ता आवेग आगामी वर्ष में ठोस विकास संभावनाओं को सशक्त बनाएगी।
सरकार के कैपेक्स प्रोत्साहन द्वारा प्राप्त सहयोग से कॉर्पोरेट और बैंक बैलेंस शीट की मजबूती के बाद निजी क्षेत्र सशक्त निवेश वृद्धि में योगदान देने के लिए तैयार है।
बाजार में ताजा स्टॉक आने और सरकार के एहतियाती उपायों से खाद्य मुद्रास्फीति कम होने की काफी संभावना है।
सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफार्म के विस्तार तथा पीएम गतिशक्ति, राष्ट्रीय लॉजिटिक्स नीति और प्रोडक्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं जैसे अग्रणी उपायों से विनिर्माण उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
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