नीति आयोग

नीति आयोग का ग्रोथ हब कार्यक्रम मजबूत सहकारी संघवाद का प्रमाण  


शहरीकरण को उत्पादक बनाने में समर्थ करने और मुंबई को 1 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित

Posted On: 29 AUG 2023 9:02PM by PIB Delhi

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(सीईओ) के नेतृत्व में नीति आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने देश के आर्थिक विकास में शहरीकरण की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों के साथ-साथ राज्‍य के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

अमृतकाल के दौरान विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शहरी क्षेत्रों में आर्थिक वृद्धि को गति देने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ऐसा देखा गया है कि दुनिया भर के कई प्रमुख शहरी क्षेत्रों का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पूरे देश की जीडीपी के अनुरूप होता है। यह दिलचस्प रुझान शहरों के बढ़ते आर्थिक महत्‍व एवं जीवन शक्ति को दर्शाती है। इससे देश के आर्थिक विकास को स्वरुप देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका उजागर होती है। भारतीय शहरों में भी दमदार आर्थिक वृद्धि को गति देने की क्षमता है और उसे साकार करने की जरूरत है। हालांकि सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी स्तरों पर तमाम मार्ग तलाश रही है, मगर शहरी क्षेत्रों को मेगा इकनॉमिक ग्रोथ हब यानी मेगा आर्थिक विकास केंद्र के तौर पर स्‍थापित करने के लिए रणनीति तैयार करना काफी महत्वपूर्ण है।

आर्थिक वृदि्ध के लिए शहरीकरण का लाभ उठाने के महत्व को समझते हुए और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग के निर्देशों के अनुरूप देश के शहरी क्षेत्रों को ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने पर केंद्रित एक पहल की परिकल्पना की गई है। यह पहल राज्य सरकारों और विषय के जानेमाने विशेषज्ञों के साथ नीति आयोग का करीबी सहयोग है। यह देश भर के शहरी क्षेत्रों की जबरदस्‍त आर्थिक वृद्धि के लिए रणनीति बनाने करने और उसे प्राप्त करने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का प्रयास है। नीति आयोग इस पहल के तहत जानेमाने विशेषज्ञों की एक राष्ट्रीय सलाहकार समिति भी गठित करेगा।

शुरुआती चरण में पायलट आधार पर 4 शहरी क्षेत्रों को लिया जाएगा ताकि आर्थिक रणनीति के लिए एक खाका तैयार किया जा सके। बाद में इसे 16 अन्‍य शहरों तक बढ़ाया जाएगा। इनके अलावा, आर्थिक रणनीति का यह खाका वांछित आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए देश भर के अन्य शहरी क्षेत्रों के लिए मॉडल रणनीति के रूप में कार्य करेगा। इस परियोजना का लक्ष्य प्रत्येक शहरी क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि की रणनीति तैयार करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना है। इसे हासिल करने के लिए तमाम गतिविधियां शुरू की जाएंगी, जिसमें शहरी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का व्यापक बुनियादी मूल्यांकन, क्षेत्र की ताकत एवं चुनौतियों को समझने के लिए एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण, विकास को रफ्तार देने वाले कारकों की पहचान, आर्थिक लक्ष्य निर्धारित करना, नीतिगत इनेब्‍लर्स को डिजाइन करना और प्रस्‍तावित रणनीतियों के लिए शासन प्रशासनिक ढांचा तैयार करना आदि शामिल है। इस पहल से देश को 2047 तक 35 से 45 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

फिलहाल पायलट चरण के लिए मुंबई, सूरत और विशाखापत्तनम की पहचान की गई है। महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिए लाख करोड़ डॉलर की आकांक्षाओं को प्राप्त करने की प्राथमिकता के तहत मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र (एमएमआर) को अपनी आर्थिक रफ्तार को मजबूत करने की आवश्यकता है। नीति आयोग एमएमआर क्षेत्र की जीडीपी को मौजूदा 140 अरब डॉलर से बढ़ाकर 300 अरब डॉलर करने के लिए एक उच्चस्तरीय रूपरेखा तैयार करने में महाराष्ट्र सरकार की सहायता करेगा। पहल के कार्यान्वयन में मदद करने के लिए संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक राज्यस्तरीय समिति भी बनाई जाएगी। चर्चा के दौरान नीति आयोग की टीम ने 2030 तक 150 अरब डॉलर की निवेश आकांक्षाओं के साथ 10 से 15 निवेश योग्य प्रमुख परियोजनाओं को भी प्रस्तुत किया।

आर्थिक वृद्धि के इन वाहकों का चयन शहर की बंदोबस्ती के आधार पर किया जाएगा। इन परियोजनाओं में न्‍यू मुंबई हवाई अड्डे के पास एक एकीकृत एयरोसिटी, यूएस सिलिकन वैली की तरह कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र, एक वैश्विक मेडि-सिटी, संस्कृति एवं पर्यटन के लिए मुंबई के पूर्वी समुद्री तट का विकास, चुनिंदा विनिर्माण एवं सेवाओं के लिए एसईजेड भूमि का पुनरुद्धार, विरार और बोइसर जैसे बुलेट ट्रेन स्‍टेशनों के लिए मास्टर प्लानिंग आदि शामिल हैं।

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