इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय

डीपीआई उन देशों को सक्षम बनाएगा जो सरकारों को डिजिटल बनाने में पीछे रह गए हैं: केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेखर


हमारा कर्तव्य हमारे देश में नवाचार को बढ़ावा देते हुए व्यक्तियों के अधिकारों और डेटा सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना है: केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेखर

चंद्रयान 3 इस बात का प्रमाण है कि हम अपनी गहरी तकनीकी क्षमताओं को कैसे पूरी तरह से साकार कर सकते हैं: राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर

Posted On: 24 AUG 2023 8:09PM by PIB Delhi

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज भारत की गहरी तकनीकी क्षमताओं के बारे में बात की और बताया कि कैसे भारत समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने वाले कुछ देशों में से एक है।

नई दिल्ली में इकोनॉमिस्ट इम्पैक्ट के संपादकीय निदेशक एंड्रयू स्टेपल्स के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की क्षमताएं तेजी से बढ़ रही हैं और चंद्रयान 3 इसका एक प्रमाण है कि भारत के पास एक राष्ट्र के रूप में गहरी तकनीक प्रौद्योगिकियों को साकार रूप देने की पूरी क्षमता है।

मंत्री ने कहा, “यह भारत के तकनीकी क्षेत्र के लिए एक रोमांचक समय है। क्योंकि हम गहरी तकनीकी क्षमताओं का निर्माण कर रहे हैं। किसी ने नहीं सोचा होगा कि हम आज यहां होंगे। हम एक अत्यधिक सक्षम देश हैं और चंद्रयान 3 दर्शाता है कि हम इन गहरी तकनीकी क्षमताओं को कैसे क्रियान्वित कर सकते हैं और यह आत्मविश्वास मुझे विश्वास दिलाता है कि हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार किया जा सकता है जहां डिजिटल अर्थव्यवस्था कुल सकल घरेलू उत्पाद का 20-25% होगी।

श्री राजीव चन्द्रशेखर ने आगे इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत उन देशों की मदद करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है जो प्रौद्योगिकी और डिजिटलीकरण में इंडिया स्टैक में पिछड़ गए हैं।

मंत्री ने कहा, “डीपीआई आज एक बेहद रोमांचक बातचीत है और जी20 की भारतीय अध्यक्षता के संदर्भ में इसने गति पकड़ी है। जाहिर है कि भारत अब एक केस स्टडी है। एक ऐसा राष्ट्र जिसने प्रगति और विकास के लिए तकनीकी उपकरणों को तैनात किया है। इसे अब वे देश अपनी संभावना के रूप में देख रहे हैं जो पिछड़ गए हैं। भारत के नेतृत्व का अनुसरण करने के एक तरीके के रूप में, भारत स्टैक, एक ओपन सोर्स डिजिटल बुनियादी ढांचे को लेना और फिर इनका उपयोग अपनी सरकारों को डिजिटल बनाने के लिए करना।

अपनी यात्रा पर विचार करते हुए श्री राजीव चन्द्रशेखर ने नवाचार को बढ़ावा देते हुए नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि जी20 वैश्विक कंपनियों को भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखने की अनुमति देगा, जिससे विश्वास-आधारित वैश्विक व्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा, “मैं जी20 से जो अपेक्षा करता हूं वह यह है कि ये सभी बड़ी कंपनियां जो वैश्वीकरण पर विचार कर रही हैं, भारत को एक विश्वसनीय, दीर्घकालिक भागीदार के रूप में देखें। मुझे भरोसा है कि यह विश्वास आधारित वैश्विक व्यवस्था का आधार स्थापित करेगी। मुझे याद है कि 2010 में जब मैंने गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के बारे में बहस शुरू की थी, तो ज्यादातर लोगों ने, खासकर नई दिल्ली में, सोचा गया था कि यह एक अभिजात्य अवधारणा थी। पेंडुलम अब परिवर्तित हो गया है। पहले डेटा के दोहन पर बातचीत से लेकर अब हम डेटा सुरक्षा के बारे में बातचीत कर रहे हैं। नागरिकों के डेटा की प्रोसेसिंग के लिए सुरक्षा होनी चाहिए, उनका उपयोग कैसे किया जाना चाहिए। भारत सरकार के रूप में हम अपने देश में नवाचार को बढ़ावा देते हुए व्यक्तियों के अधिकारों और डेटा सुरक्षा के बीच संतुलन और समरूपता बनाने के अपने कर्तव्य को बहुत गंभीरता से लेते हैं।

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