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केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु के आदिचनल्लुर पुरातात्विक स्थल पर ‘प्रतिष्ठित स्थल संग्रहालय' की आधारशिला रखी


सरकार ने इस स्थल की परिकल्पना तिरुचेंदुर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक पड़ाव के रूप में की है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन में योगदान देगा :  श्रीमती निर्मला सीतारमण

सरकार बर्लिन में हाल में पता लगाई गई कलाकृतियों पर फोकस के साथ विदेशों से आदिचनल्लुर से संबंधित कलाकृतियों को वापस लाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। अभी तक सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप 350 से अधिक प्राचीन कलाकृतियां और ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं भारत में वापस आ चुकी हैं :  श्रीमती निर्मला सीतारमण

Posted On: 05 AUG 2023 2:45PM by PIB Delhi

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने शनिवार को तमिलनाडु के थुथूकुडी जिले में स्थित प्राचीन और ऐतिहासिक लौह युगीन कब्रिस्तान स्थल आदिचनल्लुर का दौरा किया जो तमिराबरानी (पोरुनाई) नदी के किनारे स्थित है। यह पुरातात्विक स्थल आम बजट 2020-21 में ‘प्रतिष्ठित स्थलों' के रूप में विकसित किए जाने के लिए घोषित पांच में से एक स्थलों में से एक था।

इस अवसर पर, केंद्रीय वित्त मंत्री ने आदिचनल्लुर पुरातात्विक स्थल पर ‘प्रतिष्ठित स्थल संग्रहालय' की आधारशिला भी रखी।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों में थुथूकुडी संसदीय क्षेत्र की संसद सदस्य श्रीमती कनिमोझी करुणानिधि, तमिलनाडु सरकार के मत्स्य-मछुआरा कल्याण एवं पशुपालन मंत्री थिरु अनिता राधाकृष्णन, थुथूकुडी के जिला कलेक्टर डॉ. के सेंथिल राज और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक थिरु के के बाशा, एएसआई के निदेशक (पुरातत्व) डॉ. टी अरुण राज शामिल थे।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने समारोह के दौरान अपनी टिप्पणी में आदिचनल्लुर पुरातात्विक स्थल में विद्यमान अनूठे और समृद्ध इतिहास का उल्लेख किया। यहां 467 ईसा पूर्व की विभिन्न वस्तुओं और 665 ईसा पूर्व के मोटे अनाजों तथा धान जैसे खाद्यान्नों का पता लगाया गया है। आगामी संग्रहालय इन सभी कलाकृतियों को ‘इन - सीटू' प्रदर्शित करेगा जो आगंतुकों और शोधकर्ताओं को समान रूप से विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करेगा।

वित्त मंत्री ने उपस्थित जनसमूह को स्मरण दिलाया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2021 के आम बजट में उल्लिखित पहल को पूरा करते हुए इस संग्रहालय को विकसित करने के लिए फंड देने की प्रतिबद्धता जताई है। सरकार ने इस स्थल की परिकल्पना तिरुचेंदुर की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक पड़ाव के रूप में की है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन में योगदान देगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि एएसआई द्वारा आगंतुकों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए लाइट और साउंड शो से सुसज्जित एक एम्फीथिएटर का निर्माण करने की योजना बनाई गई है। यह पहल काशी तमिल काशी तमिल संगमम और सौराष्ट्र तमिल काशी तमिल संगमम जैसे कार्यक्रमों को मनाने और आयोजित करने के द्वारा राष्ट्र की सांस्कृतिक अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के व्यापक प्रयासों के अनुरुप है।

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के एक ठोस प्रयास के हिस्से के रूप में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार बर्लिन में हाल में पता लगाई गई कलाकृतियों पर फोकस के साथ विदेशों से आदिचनल्लुर से संबंधित कलाकृतियों को वापस लाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। अभी तक सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप 350 से अधिक प्राचीन कलाकृतियां और ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं भारत में वापस आ चुकी हैं।  

केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान, संरक्षण तथा प्रदर्शित करने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न और व्यापक प्रयासों को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सोमनाथ, काशी विश्वनाथ मंदिर तथा और भी कई सहित अनगिनत विरासत स्थलों को पुनर्जीवित किया गया है। इसके अनुरुप, पर्यटन को बढ़ावा देने और इन स्थलों को उचित पहचान दिलाने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, तटीय सर्किट, मरुस्थल सर्किट और हिमालय सर्किट जैसे कई पर्यटन सर्किट की स्थापना की जा रही है।

वित्त मंत्री ने भारत के सुरक्षा बलों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के निर्माण के साथ-साथ बाबासाहेब आम्बेडकर के जीवन पर आधारित ‘पंचतीर्थ' के नाम से विख्यात पांचस्थलों के जारी विकास की भी चर्चा की। वित्त मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि देश भर में दस नए जनजातीय स्वतंत्रता संनानी संग्रहालय स्थापित किए जा रहे हैं।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने यह भी रेखांकित किया कि ज्ञान संरक्षण के क्षेत्र में, 3.4 करोड़ पृष्ठों वाली 3.3 लाख से अधिक पांडुलिपियों को डिजिटल किया गया है। इसके अतिरिक्त, दिल्ली में नॉर्थ  ब्ल में फैले 950 कमरों वाले एक नए राष्ट्रीय संग्रहालय की योजना की घोषणा की गई है। इस राष्ट्रीय संग्रहालय में आठ विषयगत खंड होंगे जो 5,000 वर्षों से अधिक समय तक फैली भारत की सभ्यतागत संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय' एक और उल्लेखनीय परियोजना है जिसे स्वतंत्रता के बाद से भारत के प्रत्येक प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि के रूप में स्थापित किया गया है। यह संग्रहालय पिछले 75 वर्षों में देश के विकास में उनके योगदानों के एक कथ्यात्मक रिकॉर्ड के रूप में कार्य करता है।  

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