कोयला मंत्रालय

कोयला मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम वर्ष 2027 तक 7,231 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त कर लेंगे


कोल इंडिया लिमिटेड और नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, गुजरात और राजस्थान में बड़े सौर पार्क स्थापित करेंगे

मार्च 2023 तक 1600 मेगावाट नवीकरणीय क्षमता तैयार की गई

कोल इंडिया सक्रिय रूप से कोयले रहित भूमि पर बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रही है 

Posted On: 03 AUG 2023 4:59PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पंचामृत प्रतिबद्धता के अनुरूप, कोयला मंत्रालय ने अपने सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उदयमों (सीपीएसई) को कोयला खनन क्षेत्र के लिए शून्य कार्बन उत्सर्जन की योजना का मसौदा तैयार करने की सलाह दी है। राष्ट्रीय प्रतिबद्धता के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उपक्रमों ने विशिष्ट नवीकरणीय लक्ष्यों को रेखांकित करते हुए तीन वर्ष की कार्य योजना सावधानीपूर्वक तैयार की है। इसके अनुसार, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने 3000 मेगावाट और इसकी सहायक कंपनियों और नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) ने 3,731 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना बनाई है। सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने 550 मेगावाट क्षमता स्थापित करने की भी योजना बनाई है। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 7,231 मेगावाट क्षमता से अधिक की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है।

वर्तमान में, मार्च 2023 तक लगभग 1600 मेगावाट नवीकरणीय क्षमता पहले ही तैयार की जा चुकी है, (कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) - 11, नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) - 1360, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) -224) और इस वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 के लिए 1,769 मेगावाट का कार्य प्रदान किया गया है। इसमें से कोल इंडिया लिमिटेड को 399 मेगावाट और नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को 1370 मेगावाट का ठेका दिया है। इसके अतिरिक्त 2,553 मेगावाट क्षमता (नेवेली लिग्नाइट कॉरपारेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को 1110 मेगावाट और कोल इंडिया लिमिटेड को 1443 मेगावाट) अगले वित्तीय वर्ष यानी 2024-25 में प्रदान की जाने वाली है।

कोल इंडिया लिमिटेड और नेवेली लिग्नाइट कॉरपारेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड गुजरात और राजस्थान में बड़े सौर पार्क स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। कोल इंडिया लिमिटेड ने पहले ही सौर ऊर्जा में अपने पहले उद्यम के लिए गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल), गुजरात को 100 मेगावाट की बिक्री के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और 1190 मेगावाट के सौर पार्क की स्थापना के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के साथ संयुक्त उद्यम में भी प्रवेश किया है। नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने पहले ही मेसर्स टाटा पावर लिमिटेड को 300 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र का काम सौंप दिया है और 18 महीने के भीतर पूरा होने की संभावना है, जिससे राजस्थान को बिजली की आपूर्ति होगी। इसके अलावा, नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने गुजरात में स्थापित होने वाले ग्रीन शू विकल्प के तहत एक सौर पार्क और संभावित 300 मेगावाट के एक अन्य सौर पार्क के लिए 300 मेगावाट का टेंडर भी प्राप्त किया है।

इसके अतिरिक्त, कोल इंडिया लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियां सक्रिय रूप से अपनी कोयला रहित भूमि और ओवरबर्डन डंप पर बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर रही हैं। वे सहायक कोयला कंपनियों के सभी घरों को छत पर सौर सुविधाओं से सुसज्जित कर रहे हैं। नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने रिहंद जलाशय में 1500 मेगावाट का फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त उद्यम तैयार किया है।

कोयला मंत्रालय के पास कार्बन उत्सर्जन को कम करने और कोयला कंपनियों की भविष्य की स्थिरता दोनों की जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए, देश की नवीकरणीय ऊर्जा आवश्यकताओं में महत्वपूर्ण योगदान देने की महत्वाकांक्षी योजना है। सभी सहायक कोयला कंपनियों को निर्धारित कार्यक्रम के भीतर शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन सहायक कोयला कंपनियों के पास स्थायी प्रथाओं में इस परिवर्तन का समर्थन करने के लिए पर्याप्त आंतरिक संसाधन उपलब्ध हैं।

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