विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

भारत और अर्जेंटीना विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं एवं  स्टार्टअप्स के द्विपक्षीय आदान-प्रदान के लिए सहमत हुए हैं : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह


दोनों देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षाविदों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों तथा उद्योग के प्रतिनिधिमंडलों के बीच व्यापक वार्ता करेंगे

अर्जेंटीना में सांता फ़े प्रांत के विजिटिंग प्रशासक (गवर्नर), श्री उमर एंजेल पेरोटी ने भारत के विज्ञान मंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की

Posted On: 24 JUL 2023 6:43PM by PIB Delhi

भारत और अर्जेंटीना विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी और कृषि के क्षेत्र में युवा शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के द्विपक्षीय आदान-प्रदान के लिए सहमत हुए हैं।

यह बात आज यहां नई दिल्ली में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमन्त्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से अर्जेंटीना में सांता फ़े प्रांत के प्रशसक (गवर्नर) उमर एंजेल पेरोटी ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान कही।

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मंत्री महोदय ने कहा कि दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा जगत, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और उद्योग के प्रतिनिधिमंडलों के बीच व्यापक वार्ता आयोजित करने का भी निर्णय लिया है ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने गत 7 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में अर्जेंटीना के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री श्री डैनियल फिल्मस के साथ अपनी पिछली  बैठक के दौरान ऊर्जा अंतरण और जैव प्रौद्योगिकी के अनुसंधान क्षेत्रों में संयुक्त प्रस्तावों के लिए एक नए भारत-अर्जेंटीना आह्वान किया और कहा कि उक्त आह्वान के अंतर्गत कुल 82 संयुक्त प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। ये सभी मूल्यांकन प्रक्रिया के अंतर्गत हैंI

श्री पेरोटी ने कहा कि इन संयुक्त प्रस्तावों में से लगभग 8 सांता फ़े प्रांत के लिए हैं, और यह भी बताया कि यह प्रांत भारत और लैटिन अमेरिकी राष्ट्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा है। प्रशासक ने कहा कि सांता फ़े विशेष रूप से सोयाबीन में जैव प्रौद्योगिकी और कृषि अनुसंधान में अनुसंधान एवं विकास संस्थानों का केंद्र है और इस प्रान्त में विश्वविद्यालयों और उद्योग के साथ घनिष्ठ संबंध है। उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधी बीज उत्पादन में यहां अग्रणी रूप से काम किया गया है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, क्वांटम गणना और जैव-एंजाइम्स के क्षेत्र में सहयोग करने में रुचि दिखाई। यह बताया गया कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप्स पारिस्थितिकी तंत्र है और संस्थागत, विश्वविद्यालय स्तर और बहुपक्षीय मंचों जैसे विभिन्न स्तरों पर संयुक्त अध्ययन और सहयोग की अत्यधिक  संभावना है।

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भारत और अर्जेंटीना के बीच तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए1985 में हस्ताक्षरित एक अंतर-सरकारी समझौता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वैज्ञानिक समुदायों के बीच संबंधों को सुदृढ़ और विस्तारित करना है, जिससे विभिन्न पक्षों द्वारा चयनित संयुक्त वैज्ञानिक और तकनीकी परियोजनाओं के ढांचे में भारतीय और अर्जेंटीना अनुसंधान समूहों के बीच परस्पर आदान- प्रदान संभव हो सके।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सचिव डॉ. राजेश एस. गोखले और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे, जबकि अर्जेंटीना के प्रतिनिधिमंडल में सांता फ़े में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों के अध्यक्ष और प्रांत के तीन विश्वविद्यालयों के कुलपति के अतिरिक्त भारत में अर्जेंटीना के राजदूत श्री ह्यूगो गोबी शामिल थे।

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भारत अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2022 में 6 अरब 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ऐतिहासिक शिखर को छू रहा है और जिसमें 2021 की तुलना में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई है। इस अवधि में भारत से अर्जेंटीना को निर्यात 1 अरब 84 करोड़ अमेरिकी डॉलर (31 प्रतिशत वृद्धि दर) का था, जबकि अर्जेंटीना से भारत का आयात 4 अरब 55 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी)  के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022 -23 के दौरान भारत-अर्जेंटीना द्विपक्षीय व्यापार 4 अरब 16 करोड़  अमेरिकी डॉलर था, जिसमें भारत का अर्जेंटीना को निर्यात 96 करोड़ 10 लाख अमेरिकी डॉलर और अर्जेंटीना का भारत को निर्यात 3 अरब 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर था।

अर्जेंटीना को भारत के निर्यात की प्रमुख वस्तुओं में पेट्रोलियम तेल, कृषि रसायन, यार्न-कपड़े से बने उत्पाद, कार्बनिक रसायन, थोक औषधियां और दोपहिया वाहन शामिल हैं। अर्जेंटीना से भारत के आयात की प्रमुख वस्तुओं में वनस्पति तेल (सोयाबीन और सूरजमुखी), तैयार चमड़ा, अनाज, अवशिष्ट (रेजिडुअल) रसायन और संबद्ध उत्पाद एवं दालें शामिल हैं।

कई भारतीय कंपनियों ने 1 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के कुल निवेश के साथ अर्जेंटीना में अपने संयंत्र स्थापित किए हैं। भारत में अर्जेंटीना का निवेश लगभग 12 करोड़  अमेरिकी डॉलर है। भारत में कार्यरत  अर्जेंटीना की कंपनियों में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं में ग्लोबेंट और ओएलएक्स तथा विनिर्माण क्षेत्र में टेकइंट शामिल हैं।

रॉयल एनफील्ड की एक नई असेंबली लाइन का उद्घाटन अर्जेंटीना के राष्ट्रपति श्री अल्बर्टो फर्नांडीज द्वारा 9 सितंबर 2020 को ब्यूनस आयर्स प्रांत में  एसआईएमपीए समूह की उत्पादन सुविधा में किया गया था। रॉयल एनफील्ड के 119 वर्ष के इतिहास में यह पहली बार है कि उनकी मोटरसायकिलों (बाइक्स) का निर्माण उनके अपने संयंत्रों से अलग हटकर किया जाएगा।

फरवरी 2023 में ओवीएल (ओएनजीसी  विदेश लिमिटेड) और वाईपीएफ (अर्जेंटीना तेल और ऊर्जा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी) के बीच तेल और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे; फरवरी 2023 में ही हिंदुस्तान एयरोएरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और अर्जेंटीना की वायु सेना के बीच हेलीकाप्टरों के कल-पुर्जों की आपूर्ति और इंजनों के रखरखाव के लिए रक्षा क्षेत्र में पहले वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए और जून 2023 में एचएएल और एफएडीईए (एयरोनॉटिक्स में अर्जेंटीना की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी) के बीच सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।

एक द्विपक्षीय व्यापार कक्ष, भारत-अर्जेंटीना व्यापार  परिषद  (आईएबीसी), को  औपचारिक रूप से 14 अक्टूबर 2020 कोशुरू  किया गया था। अर्जेंटीना में अग्रणी निवेशकों, निर्यातकों और आयातकों को शामिल करने वाले एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में संकल्पित यह  परिषद, वर्तमान में 30 से अधिक कंपनियों से बनी है। आईएबीसी ने भारत के मिशन के साथ मिलकर 25 मार्च 2021 को पहला व्यापार मंच (बिजनेस फोरम) आयोजित किया था।

अर्जेंटीना में इस समय लगभग 2,600 (एनआरआई) /  भारतवंशी (पीआईओ) हैं। अधिकतर अप्रवासी भारतीय (एनआरआई)  अर्जेंटीना में ही रहते हैं और  इनमें से भी अधिकांश राजधानी ब्यूनस आयर्स में रहते हैं, जिनमें भारतीय कंपनियों और बहुराष्ट्रीय निगमों के साथ काम करने वाले विशेषज्ञ भी शामिल हैं।

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