पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय

उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (नेरामेक) ने वाराणसी में शोकेसिंग त्रिपुरा का आयोजन किया

Posted On: 21 JUL 2023 5:21PM by PIB Delhi

त्रिपुरा भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में एक अद्वितीय अर्ध-पहाड़ी राज्य है, जो तीन तरफ से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से घिरा हुआ है, और जनजातीय संस्कृतियों, प्राकृतिक संसाधनों और धार्मिक समूहों के विविध मिश्रण का घर है। त्रिपुरा को 'गो-टू' बिजनेस डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए, त्रिपुरा सरकार ने शुक्रवार को "वाराणसी में त्रिपुरा का प्रदर्शन" नामक एक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस अवसर पर जीआई टैग, जैविक त्रिपुरा क्वीन पाइनएप्पल सहित अपने समृद्ध हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग, पर्यटन, रबर और बांस की उपज के साथ-साथ अन्य कृषि बागवानी उत्पादों का प्रदर्शन किया।

उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (एनईआरएएमएसी) के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम त्रिपुरा राज्य के सात विभागों द्वारा आयोजित किया गया। इसमें कृषि एवं किसान कल्याण, उद्यानिकी एवं मृदा संरक्षण, जनजातीय जाति कल्याण विभाग, वन विभाग, उद्योग विभाग, हथकरघा एवं हस्तशिल्प तथा पर्यटन विभाग शामिल रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री रतन लाल नाथ, माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, त्रिपुरा सरकार ने स्थानीय उपज, कारीगरों और भूमि को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने परंपरा को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय उपज और उत्पादों को जीआई प्रमाणित करने की आवश्यकता के बारे में बात की। सरकार के फोकस के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि शेष भारत और दुनिया के लिए उपज/उत्पाद उपलब्धता और इसके भूगोल दोनों के संदर्भ में राज्य की क्षमता को पहचानना आवश्यक है। राज्य नवाचार, खाद्य प्रसंस्करण और संबद्ध उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है और इसे पर्यटकों के अनुकूल और सुलभ बना रहा है।

उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्य एवं मंत्री श्री रविन्द्र जायसवाल ने उत्तर प्रदेश और खासकर पूर्वांचल के किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि और वानिकी के क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा और वहां किसानों की भलाई के लिए यूपी सरकार की ओर से हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इस कार्यक्रम में वाराणसी के मेयर श्री अशोक तिवारी, वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव,त्रिपुरा सरकार के पर्यटन सचिव श्री यू के चकमा,अतिरिक्त पीसीसीएफ श्री पीएल अग्रवाल और जीआई एक्सपर्ट पद्मश्री डॉ. रजनीकांत सहित अन्य उपस्थित रहे। नेरामेक के प्रबंध निदेशक, कमोडोर (सेवानिवृत्त) राजीव अशोक ने अपने स्वागत भाषण में इस आयोजन के उद्देश्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के बाहर इस स्थान को चुनने का कारण शहर की समृद्ध विरासत, एक जीवंत हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग के प्रवर्तक के रूप में इसकी पहचान और स्वाभाविक रूप से इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और एक उभरता हुआ वाणिज्यिक केंद्र होना है। इस कार्यक्रम में क्रेता-विक्रेता बैठक भी हुई जिसमें 50 से अधिक खरीददारों ने भाग लिया। उन्होंने कृषि-बागवानी क्षेत्र, पर्यटन, इत्र से लेकर हथकरघा और हस्तशिल्प तक विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। इन खरीदारों की त्रिपुरा के साथ व्यापार करने की रुचि और इरादा इस आयोजन का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम था और यह निश्चित है कि आने वाले महीनों में इसके परिणाम सामने आएंगे।

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एमजी



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