नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
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नई दिल्ली में हरित हाइड्रोजन पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीजीएच) 2023 संपन्न


हरित हाइड्रोजन भारत को ऊर्जा आयातक से ऊर्जा प्रदाता और ऊर्जा निर्यातक बना सकता है: केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री

हरित हाइड्रोजन में आत्म-निर्भरता हासिल करने की भारत की राह में सामर्थ्य, पहुंच और स्वीकार्यता प्रमुख हैं: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

साल 2030 तक हरित हाइड्रोजन की लागत को 4.5 डॉलर/किग्रा से घटाकर 1 डॉलर/किग्रा करने की जरूरत है: जी20 शेरपा अमिताभ कांत

Posted On: 07 JUL 2023 6:17PM by PIB Delhi

भारत सरकार ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हरित हाइड्रोजन (आईसीजीएच) 2023 पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन किया।

इस सम्मेलन का आयोजन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, सीएसआईआर और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने संयुक्त रूप से किया। इस सम्मेलन के समापन सत्र में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) में सचिव श्री भूपिंदर भल्ला और हरित हाईड्रोजन पर सीआईआई कार्यबल के अध्यक्ष श्री विनीत मित्तल सहित कई सम्मानित वक्ता शामिल रहे। समापन सत्र यहां देखा जा सकता है।

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पूरे सम्मेलन में सात पूर्ण सत्रों, 16 तकनीकी सत्रों और चार पैनल चर्चाओं के साथ 2700 से अधिक प्रतिनिधियों और 135 वक्ताओं ने तीन दिनों तक गहन विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में शामिल विशेषज्ञों ने हरित हाइड्रोजन परितंत्र पर ध्यान केंद्रित रखा।

अपने संबोधन के दौरान, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात पर जोर देते हुए बताया कि हरित हाइड्रोजन में भारत को ऊर्जा आयातक देश से ऊर्जा प्रदाता और ऊर्जा निर्यातक देश में बदलने की क्षमता है। उन्होंने हरित हाइड्रोजन के लिए पर्याप्त मांग, हरित हाइड्रोजन का उत्पादन और भंडारण करने की क्षमता और इस हरित ईंधन का केंद्र बनने के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने में भारत की स्थिति का लाभ उठाने पर यानी सुअवसर पर प्रकाश डाला। श्री पुरी ने यह भी उम्मीद जताई कि दूसरे हरित ईंधन के साथ हरित हाइड्रोजन भारत के मौजूदा 200 अरब डॉलर के ऊर्जा आयात बिल को भविष्य में 300 अरब डॉलर के निर्यात बिल में बदल सकता है।

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केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने हरित हाइड्रोजन में आत्म-निर्भरता हासिल करने और टिकाऊ समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए सामर्थ्य, पहुंच और स्वीकार्यता के महत्व पर जोर दिया।

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जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत ने हरित हाइड्रोजन और ऊर्जा का वैश्विक निर्यातक बनने की भारत की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने वर्ष 2030 तक हरित हाइड्रोजन की लागत को 4.5 डॉलर प्रति किलोग्राम से घटाकर 1 डॉलर प्रति किलोग्राम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने हरित हाईड्रोजन अपनाने में नेतृत्व करने के लिए तेल कंपनियों और रिफाइनरियों की सराहना की। इसके साथ ही सीमेंट और स्टील जैसे निजी क्षेत्रों को भी इसका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। श्री कांत ने दोहराया कि भारत का ध्यान मुख्य रूप से हरित हाइड्रोजन में अपने मुख्य प्रतिस्पर्धी लाभ पर होना चाहिए।

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भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद ने हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। भारत सहित 16 देश पहले ही अपनी हरित हाइड्रोजन कार्य योजना का खुलासा कर चुके हैं। उन्होंने हरित हाइड्रोजन की बढ़ती मांग पर प्रकाश डाला, जिसके 2050 तक पांच गुना बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग के लिए भारत-केंद्रित जीवन चक्र आकलन और बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।

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नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) में सचिव श्री भूपिंदर भल्ला ने सम्मेलन की सफलता में योगदान के लिए सभी हितधारकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने हरित हाइड्रोजन की अपार क्षमता और भारत के ऊर्जा परिदृश्य पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव को माना। श्री भल्ला ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया और साझेदारी, सहयोग एवं नवीन विचारों को बढ़ावा देने में इस सम्मेलन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन और हरित हाइड्रोजन मिशन सतत विकास को बढ़ावा देने और स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा बदलाव में तेजी लाने के लिए अनुसंधान एवं विकास पहल, प्रायोगिक परियोजनाओं और अनुकूल नीतियों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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हरित हाइड्रोजन पर सीआईआई कार्यबल के अध्यक्ष श्री विनीत मित्तल ने निजी क्षेत्र के मार्गदर्शन के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में निवेश के माध्यम से भारत को ऊर्जा में आत्म-निर्भर बनाने में भरोसा जताया। उन्होंने डीकार्बोनाइजेशन और हरित विकास को बढ़ावा देने में सरकार के त्‍वरित कदमों को स्वीकार करते हुए कहा कि हरित हाइड्रोजन नया तेल है। श्री मित्तल ने आश्वासन दिया कि निजी क्षेत्र प्रधानमंत्री की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और भारत के हरित विकास मंत्र में योगदान देगा।

हरित हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और संबंधित मिशन ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव में तेजी लाने के लिए एक साझा दृष्टिकोण की नींव रखी है।

सम्मेलन की वेबसाइट यहां देखें: https://icgh.in.  सम्मेलन पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति यहां देखी जा सकती है। कॉन्फ़्रेंस ब्रोशर और कॉन्फ़्रेंस फ़्लायर के लिए यहां  क्लिक करें। कॉन्फ़्रेंस ब्रोशर यहाँऔर कॉन्फ़्रेंस फ़्लायर यहाँपाया जा सकता है।

 

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