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भारत की राष्‍ट्रपति ने भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्‍थान के 75वें स्‍थापना दिवस समारो‍ह में भाग लिया


प्रौद्योगिकी नवाचार को न केवल बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए बल्कि व्‍यवसाय में सही और नैतिक प्रयासों को कार्यान्वित करने के लिए भी अपनाएं: भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्‍थान में राष्‍ट्रपति मुर्मु का संबोधन

Posted On: 01 JUL 2023 11:55PM by PIB Delhi

भारत की राष्‍ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मु ने आज (01 जुलाई, 2023) नई दिल्ली में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) के 75वें स्थापना दिवस समारो‍ह में भाग लिया।

इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि आज का दिवस न केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट्स समुदाय के लिए विशेष है बल्कि लेखा परीक्षा समुदाय के लिए भी विशेष है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स समुदाय व्‍यापार जगत का एक मज़बूत स्‍तंभ है जो सुशासन को मज़बूती प्रदान करता है। उन्‍होंने कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था की सही स्थिति को दर्शाने में उन‍की प्रमुख भूमिका है।

इस समय महिला चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की बढ़ती हुई संख्‍या के बारे में राष्‍ट्रपति ने कहा यह सर्वविदित है कि सामान्‍यत: महिलाएं होनहार वित्‍त प्रबंधक अथवा लेखाकार हैं। उन्‍होंने आगे कहा भारत में घरेलू बचत एक परंपरा है और कठिन समय के लिए बचत महिलाओं की आदत है। उन्‍होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान ने महिलाओं के लिए ‘वित्‍त एवं कर साक्षरता’ अभियान चलाया है। उन्‍होंने कहा कि यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रो के लिए बहुत लाभकारी है, विशेषत: जनजातीय क्षेत्रों में क्‍योंकि अक्‍सर निर्धन और भोले-भाले लोग इन क्षेत्रों में अपनी बचत पर अधिक ब्‍याज के प्रलोभन में ठगे जाते हैं। उन्‍होंने विश्‍वास व्यक्त किया कि यह अभियान इन लोगों को ऐसी जालसाजी से बचाएगा।

आईसीएआई के 2030 विज़न वक्‍तव्‍य के बारे में राष्‍ट्रपति ने कहा कि यह वक्‍तव्‍य इस व्‍यवसाय की मज़बूती का संकल्‍प दिलाता है जो अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मानक, पारदर्शिता और नैतिकता पर आधारित है। उन्‍होंने आईसीएआई द्वारा अत्‍याधुनिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्‍न कदमों पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की और कहा कि यह लेखाकारों को उनके व्‍यवसाय में तीव्रगामी बदलाव को शामिल करने में सक्षम बनाएगा। उन्‍होंने प्रौद्योगिकी बदलाव का उल्‍लेख करते हुए कहा कि यह लेखा और लेखा परीक्षा कार्यप्रणाली के भविष्‍य में क्रांति लाएगा। उन्‍होंने कहा कि आंकड़ों का नियमावली मूल्‍यांकन लगभग अप्रचलित हो गया है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ आंकड़े, लेखा परीक्षा और लेखा के ढांचे में मशीनों द्वारा बदलाव आएगा। उन्‍होंने आईसीएआई से न केवल समय के साथ तालमेल रखते हुए प्रौद्योगिकी नवाचार को अपनाने का आहवान किया बल्कि इस व्‍यावसाय में उचित और नैतिक अभ्‍यास को अपनाने का भी आहवान किया।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि आईसीएआई की क्षमता और सदस्‍यता की पूरे विश्‍व में सराहना की जा रही है। फिर भी भारतीय कंपनिया, वैश्विक बहु-राष्‍ट्रीय कंपनियों के स्‍तर तक नहीं पहुंच पाई हैं। उन्‍होंने इस क्षेत्र में चल रहे प्रयासों पर ध्‍यान दिया है और कहा कि यदि लेखाकार कंपनियां विभिन्‍न क्षेत्रों के विनियमन की ओर ध्‍यान दें और विधि कंपनियों के साथ जुड़ जाएं तो यह प्रयास और अधिक मजबूत होंगे। यह न केवल उनके ज्ञान के भंडार को बढ़ाएगा बल्कि भारत की प्रगतिशील अर्थव्‍यवस्‍था को प्रेरणा भी प्रदान करेगा। उन्‍होंने आईसीएआई से विश्‍व के उत्‍तम लेखा सिद्धांत और अभ्‍यास को अपनाने का आहवान किया। उन्‍होंने कहा कि विश्‍व समुदाय द्वारा भारतीय लेखा अभ्‍यास को जानने के लिए जी-20 की अध्‍यक्षता एक सुअवसर है।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि सरकार के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के प्रयासों के कारण देश में कर आधार लगातार बढ़ रहा है। अधिक से अधिक लोग कर अनुपालन व्‍यवस्‍था को अपना रहे हैं। यह आईसीएआई को राष्‍ट्र निर्माण में एक असरदार साझेदार बनाता है।

राष्‍ट्रपति ने कहा कि सरकार निर्धन, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए विभिन्‍न कल्‍याणकारी योजनाओं को लागू कर रही है। इस संदर्भ में करदाताओं को प्रोत्‍साहित करने के लिए लेखाकारों जैसे व्‍यवसायियों का सामाजिक दायित्‍व है। उन्‍होंने विश्‍वास व्यक्त किया कि वे अपनी जिम्‍मेदारी को सही रूप में निभाएंगे और चार्टर्ड अकाउन्टेंसी का पेशा ‘आर्थिक शासन का स्‍तंभ’ का प्रत्‍यक्षदर्शी होगा।

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