मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय

श्री परशोत्तम रूपाला नेशनल सरवेलेन्स प्रोग्राम फॉर एक्वाटिक एनिमल डिजीज (एनएसपीएएडी) के अंतर्गत आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (आईसीएआर-एनबीएफजीआर) द्वारा विकसित 'रिपोर्ट फिश डिजीज' ऐप का कल शुभारंभ कार्यक्रम

Posted On: 27 JUN 2023 4:41PM by PIB Delhi

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परशोत्तम रूपाला किसान आधारित डिजीज रिपोर्टिंग प्रणाली को सशक्त बनाने तथा देश में जलीय जीव रोगों की जानकारी में सुधार करने के उद्देश्य से कल कृषि भवन में रिपोर्ट फिश डिजीज (आरएफडी) ऐप का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन तथा डीएआरई, आईसीएआर एवं एनएसपीएडीडी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इस मोबाइल ऐप को आईसीएआर-एनबीएफजीआर द्वारा नेशनल सरवेलेन्स प्रोग्राम फॉर एक्वाटिक एनिमल डिजीज (एनएसपीएएडी) के तहत विकसित किया गया है। इस पहल को भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत वित्त पोषित किया गया है।

लाभ:

रिपोर्ट फिश डिजीज ऐप मत्स्य किसानों को उनके तालाबों में फिनफिश, झींगा और मोलस्क में होने वाली बीमारियों की व्यापकता के बारे में जमीनी स्तर के अधिकारियों तथा मत्स्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ सूचना साझा करने में मदद करेगा। इससे मछली उत्पादकों को बीमारियों के कुशल प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करने में मदद मिलेगी। बीमारियों से संबंधित डेटा को अस्थायी व स्थानिक पैमाने पर संग्रहीत किया जाएगा और इसका उपयोग रोग के मामलों की मैपिंग के लिए किया जा सकता है।

इस ऐप से किसानों को किसान-आधारित जानकारी में सुधार करने, वैज्ञानिक सलाह प्राप्त करने और बीमारियों से होने वाले नुकसान को कम करने में सहायता करेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, मत्स्य रोग रिपोर्टिंग ऐप का मछली रोग प्रबंधन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जो शीघ्र पता लगाने, त्वरित प्रतिक्रिया, सहयोग तथा ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देगा। यह मछलियों की संख्या, उद्योग और पारिस्थितिक तंत्र पर जलीय जीव रोगों के नकारात्मक प्रभावों को कम करके जलीय कृषि प्रणालियों की स्थिरता एवं लचीलेपन में विशेष योगदान देगा।

पृष्ठभूमि:

पिछले कुछ वर्षों में मत्स्य पालन व उत्पादन क्षेत्र में प्रभावशाली वृद्धि देखी जा रही है और वर्तमान में, इस क्षेत्र से कुल निर्यात आय लगभग 57586.48 करोड़ रुपये (2021-22) है। हालांकि, जलीय जीवो में होने वाली बीमारियां मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में प्रमुख बाधा हैं। जलीय जीवों के रोगों की शीघ्रता से जानकारी प्राप्त के लिए निगरानी आवश्यक है, जिससे उनके प्रभाव को कम किया जा सके। उन्मूलन और रोकथाम के लिए बीमारियों का जल्दी पता लगाना महत्वपूर्ण है। क्षेत्र-स्तरीय रोग सूचना तंत्र की अनुपलब्धता के कारण जलीय कृषि में बीमारियों के कई मामले दर्ज नहीं किए जा पाते हैं। इसलिए, एक ऐसे तंत्र की आवश्यकता रही है जो किसानों, क्षेत्र-स्तरीय अधिकारियों और मछली स्वास्थ्य विशेषज्ञों को जोड़ सके।

इच्छुक प्रतिभागी नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं:

लिंक: https://dof-vc.webex.com/dof-vc/j.php?MTID=mc18ca9bbedcc19b4210d410e774ef094

बुधवार, जून 28, 2023, अपराह्न 3:00 बजे दिल्ली

मीटिंग नंबर: 2552 235 3903

पासवर्ड: Y4pJ2AmKdG2 (वीडियो सिस्टम से 94752265)

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