विधि एवं न्याय मंत्रालय
विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से विचार और सुझाव देने का अनुरोध किया
प्रविष्टि तिथि:
14 JUN 2023 6:56PM by PIB Delhi
भारत का 22वां विधि आयोग अन्य बातों के साथ-साथ समान नागरिक संहिता की जांच कर रहा है, जो कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा भेजा गया एक संदर्भ है।
प्रारंभ में भारत के 21वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता विषय की जांच की थी और दिनांक 07.10.2016 की एक प्रश्नावली के साथ अपील और इसके बाद दिनांक 19.03.2018, 27.03.2018 तथा 10.4.2018 की सार्वजनिक अपील/नोटिस के माध्यम से सभी हितधारकों के विचार आमंत्रित किये थे। इसी के अनुसरण में, आयोग को बड़ी संख्या में प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुई हैं। 21वें विधि आयोग ने 31.08.2018 को "परिवार कानून में सुधार" पर परामर्श पत्र जारी किया था। चूंकि उक्त परामर्श पत्र के जारी होने की तारीख से तीन वर्ष से अधिक बीत चुके हैं, विषय की प्रासंगिकता और महत्व एवं इस विषय पर विभिन्न न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखते हुए, भारत के 22वें विधि आयोग ने इस विषय पर नए सिरे से विचार-विमर्श करना आवश्यक समझा।
तदनुसार, भारत के 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचारों एवं सुझावों को जानने का फिर से निर्णय लिया। जो लोग रुचि रखते हैं और इच्छुक हैं वे नोटिस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर "यहां क्लिक करें" बटन के माध्यम से या membersecretary-lci[at]gov[dot]in पर ईमेल द्वारा भारत के विधि आयोग को अपने विचार प्रस्तुत कर सकते हैं।
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एमजी / एमएस / आरपी / जेके /वाईबी
(रिलीज़ आईडी: 1932550)
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