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अपने सफल कार्यान्वयन के 8 वर्ष पूरे कर लेने वाली ‘एपीवाई’ में 5.25 करोड़ से भी अधिक ग्राहकों का नामांकन हुआ  

Posted On: 11 MAY 2023 6:52PM by PIB Delhi

अटल पेंशन योजना (एपीवाई), जो कि भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना है, ने अपने सफल कार्यान्वयन के आठ वर्ष पूरे कर लिए हैं। भारत के सभी नागरिकों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से इस योजना का शुभारंभ 9 मई 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।

यह योजना पूरे देश में व्यापक रूप से लागू की गई है, जिसमें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया गया है, और जिसमें कुल नामांकन 5.25 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है। एपीवाई के शुभारंभ से ही इसमें नामांकन निरंतर बढ़ता जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में नए नामांकन में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में नए नामांकन में 25% की वृद्धि दर्ज की गई थी। अब तक एपीवाई में प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्ति (एयूएम) 28,434 करोड़ रुपये से भी अधिक आंकी गई है और इस योजना ने अपने शुभारंभ से लेकर अब तक 8.92% का निवेश रिटर्न अर्जित किया है।

सार्वजनिक एवं निजी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, पेमेंट बैंकों, लघु वित्त बैंकों, डाक विभाग के अथक प्रयासों, और राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों द्वारा दिए गए व्‍यापक सहयोग के बिना समाज के सबसे कमजोर वर्गों को पेंशन के दायरे में लाने का यह कार्य संभव नहीं हो सकता था।

नया एपीवाई खाता 18-40 वर्ष की आयु वाले किसी भी ऐसे भारतीय नागरिक द्वारा खोला जा सकता है, जिसके पास बचत बैंक खाता है और जो आयकरदाता नहीं है। एपीवाई के तहत संबंधित ग्राहक को 60 वर्ष की आयु से प्रति माह 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक आजीवन न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन प्राप्त होगी, जो कि उसके योगदान पर निर्भर करेगी, और जो स्वयं एपीवाई योजना में शामिल होने की उम्र के आधार पर अलग-अलग होगी। संबंधित ग्राहक या अभिदाता की मृत्यु हो जाने के बाद अभिदाता के पति/पत्नी को समान पेंशन का भुगतान किया जाएगा और अभिदाता तथा पति/पत्नी दोनों की ही मृत्यु हो जाने पर संबंधित अभिदाता की 60 वर्ष की आयु तक संचित पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी।

पीएफआरडीए सदैव ही भारत को एक पेंशनभोगी समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, जैसा कि भारत सरकार ने परिकल्पना की थी।

पिछले 8 वर्षों में एपीवाई के तहत नामांकित ग्राहकों की संख्या का बैंकवार विवरण (लाख में)

बैंकों की श्रेणी

(31 मार्च, 2016) तक

(31 मार्च, 2017) तक

(31 मार्च, 2018) तक

(31 मार्च, 2019) तक

(31 मार्च, 2020) तक

(31 मार्च, 2021) तक

(31 मार्च, 2022) तक

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान परिवर्धन

(31 मार्च, 2023) तक

(09 मई, 2023) तक

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक

16.581

29.859

64.443

105.35

154.183

209.195

278.487

86.607

365.095

368.77

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

4.763

11.152

19.871

31.711

43.301

57.107

75.280

24.267

99.548

100.41

निजी बैंक

2.531

5.586

9.829

13.297

18.20

23.193

29.210

5.13

34.347

34.54

लघु वित्त बैंक

-

-

-

0.09

0.157

0.351

0.862

0.785

1.648

1.67

पेमेंट बैंक

-

-

-

0.481

3.44

8.188

12.880

2.159

15.039

15.12

सहकारी बैंक

0.22

0.339

0.456

0.543

0.705

0.80

0.928

0.141

1.069

1.10

डीओपी

0.753

1.899

2.453

2.703

3.02

3.321

3.623

0.215

3.839

3.84

कुल

24.84

48.83

97.05

154.18

223.01

302.15

401.27

119.31

520.58

525.45

 

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