उप राष्ट्रपति सचिवालय

उपराष्ट्रपति के धनमंजुरी विश्वविद्यालय, मणिपुर में भाषण का मूल पाठ 

Posted On: 03 MAY 2023 5:55PM by PIB Delhi

खुरुमजारी,

संकाय सदस्यों, विशिष्ट अतिथि और सबसे महत्वपूर्ण मेरे प्रिय छात्रों, मैं यहां आपसे जुड़ने के लिए आया हूं। मणिपुर नाम ही सब कुछ बता देता है। मणि रत्नहै और पुर का मतलब है भूमि

मैं यहां खुद को छात्रों और उत्तर पूर्व से जुड़े मुद्दों तक ही सीमित रखूंगा। पहले उत्तर पूर्व की बात करें तो माननीय मुख्यमंत्री ने सही कहा कि 1991 में भारत सरकार ने एक नीति विकसित की थी और वह नीति थी लुक ईस्ट यानी पूर्व की ओर देखो।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर पूर्व के विकास के अपने विजन के साथ इसे एक नया आयाम दिया- लुक ईस्ट, एक्ट ईस्ट। अब यह नीति लुक ईस्ट, एक्ट ईस्टइसी देश तक सीमित नहीं है। यह इस देश की सीमाओं से परे जाती है जो माननीय मुख्यमंत्री ने ठीक ही कहा है।

मुझे इसका अहसास तब हुआ जब मैंने कंबोडिया का दौरा किया, वह आसियान बैठक थी जिसमें इस संपर्क के बारे में बात की गई थी।

मणिपुर सामरिक लिहाज से एक अहम जगह स्थित है। चाहे इसकी जनसंख्या कम हो, लेकिन राज्य समृद्ध है और राज्य की समृद्धि उसकी संस्कृति में भी झलकती है। पूर्वोत्तर बहुत तेजी से बदल रहा है। रेल संपर्क देखिए, 9 हवाई अड्डों से लेकर 17 हवाई अड्डे होने तक पूर्वोत्तर के हवाई संपर्क को देखिए। इस हवाई अड्डे को ही देख लीजिए, इसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सपर्क है; एक विकास हो रहा है।

इस साल के अंत तक, देश का यह हिस्सा 100 प्रतिशत डिजिटलीकृत हो जाएगा।

विशेष रूप से मणिपुर को औषधीय पौधे उपहार के रूप में मिले हैं जो हममें से कई लोगों के लिए स्थिति को बदल सकता है और उस क्षेत्र में औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

दुनिया के किसी भी हिस्से में चले जाओ, जो पूर्वोत्तर में है और कहीं उपलब्ध नहीं है। आपके पास बहुरूपता, विविधता, गहरी संस्कृति, आपकी कला, नृत्य है लेकिन यह कभी न भूलें कि मणिपुर पोलो का घर रहा है। पोलो मणिपुर से है, जो दुनिया भर के कई लोगों को जोड़ता है।

खेल और एथलेटिक्स के क्षेत्र में अपनी युवा शक्ति, मारक क्षमता के कारण पूर्वोत्तर ने उल्लेखनीय प्रभाव डाला है। दुनिया के इस हिस्से में यह मानव संसाधन की एक बड़ी सफलता है।

यहां के लोगों की गर्मजोशी के कारण मुझे जुड़ाव का अहसास हुआ है, जो यहां से जुड़ा एक अच्छा अहसास करने वाला फैक्टर है।

पूर्वोत्तर अपने लिए नई जगह बनने जा रहा है। यह पहले से ही पर्यटन के लिए एक अहम गंतव्य के रूप में उभर रहा है। देश में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, संपर्क और रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जो कुछ हो रहा है, वह सब जमीन पर नजर आ रहा है।

इसके परिणामस्वरूप, हमारी एक वैश्विक छवि है; भारत इतनी तेजी से बढ़ रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ, यह उत्थान अजेय है और यह मेरे सामने मौजूद युवाओं के कारण संभव हुआ है।

हम अमृत काल यानी अपनी आजादी के 75वें साल में हैं लेकिन हमारी निगाहें 2047 पर टिकी हुई हैं। उस साल भारत अपनी आजादी की शताब्दी मना रहा होगा। आप सब आसपास ही होंगे; आप अपने दम पर प्रगति कर रहे होंगे। आप लोग पैदल योद्धा हो जो 2047 में भारत को विश्व में उच्चतम स्तर पर ले जाएंगे। क्यों? क्योंकि अब कोई भी उद्यम शुरू करने के वास्ते कौशल प्राप्त करने को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं; सभी परेशानियों को दूर कर दिया गया है।

इसलिए, मैं छात्रों से अपील करता हूं कि सपने देखें लेकिन उन सपनों को सिर्फ सपना नहीं बने रहने दें। आपका सपना जमीनी स्तर पर साकार होना चाहिए।

कभी नहीं डरो। डर सबसे खतरनाक है, कभी तनाव न लें, कभी चिंतित न हों, कभी भी कुछ ऐसा हासिल करने की बीमीरी से दूर रहें जिसे दूसरे हासिल करना चाहते हैं।

हमेशा अपने दृष्टिकोण, योग्यता और आप जो बनना चाहते हैं उस पर विश्वास करें।

रास्ते बहुत बड़े हैं, इन दिनों बहुत अवसर सामने आ रहे हैं। हमने जिस तरह का विकस देखा है, वह अकल्पनीय है। विश्व स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। इसलिए योगदान करने के लिए पूरी दुनिया आपके लिए खुली हुई है।

अपने विश्वविद्यालय को गौरवान्वित करें, अपने शिक्षकों को गौरवान्वित करें, अपने राज्य को गौरवान्वित करें, अपने राष्ट्र को गौरवान्वित करें और एक अवधारणा विकसित करें कि राष्ट्र हमेशा पहले, राष्ट्र सब से ऊपर है, हमारा राष्ट्रवाद समझौते से परे है।

हमें गर्वित भारतीय होना सीखना चाहिए और अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए। 34 वर्षों के बाद जैसा कि माननीय राज्यपाल ने बताया है, सभी हितधारकों से इनपुट लेने के बाद आप सभी के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की गई ताकि शिक्षा उद्देश्यपूर्ण हो, शिक्षा डिग्री उन्मुख न हो, शिक्षा आपके भीतर कौशल विकसित करे और यही बड़ा परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विषय रहा है।

मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक बड़ा गेम चेंजर साबित होने जा रही है। इसने उन सभी चीजों को बदल दिया है जो एक ऐसी प्रणाली में शामिल हो रही थीं जहां हमारे युवा लड़के और लड़कियां अपनी प्रतिभा का पूरी तरह से उपयोग करने में सक्षम नहीं हो पा रहे थे। यह एक बड़ा बदलाव है और यह शिक्षा नीति कोई राजनीतिक नीति नहीं है। यह राज्य की नीति नहीं है; यह एक राष्ट्रीय नीति है। इस नीति के विकास का केवल एक ही लक्ष्य है यानी छात्रों को उनकी क्षमता और प्रतिभा का पूरी तरह से दोहन करने का मौका देना जो उनके पास उपलब्ध है।

मैं आप सभी से अपने आसपास देखने की अपील करता हूं और आपको एक आइडिया मिल जाएगा। जब आपको कोई आइडिया मिले तो रोजगार सृजन करने वाले बनने की कोशिश करें, न कि रोजगार खोजने वाले।

यदि आप चारों ओर देखें तो आपको तकनीकी विकास के कारण ऐसे कई क्षेत्र मिलेंगे जहां आप अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं और लोगों के जीवन में सुधार कर सकते हैं और यह एक पहलू है जिसे आपको ध्यान में रखना चाहिए।

मैं आपको कुछ आइडिया देता हूं, जो हमारे युवाओं को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अगर आपके दिमाग में एक आइडिया है तो पैसे की कोई समस्या नहीं है।

उदाहरण के लिए मुद्रा लोन को ही लें। हमारे पास कई उद्यमी हैं। मुद्रा योजना में जितना कर्ज बांटा गया है, वह हैरान करने वाला है। हमने सामान्य लोगों, पुरुषों और महिलाओं को उस ऋण को एक छोटे से काम के लिए इस्तेमाल करते देखा है और फिर न केवल वे अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए रोजगार खोजते नजर आए हैं। यह एक अच्छा अवसर है।

थोड़ा और आगे बढ़ें तो भारत सरकार की किसानों को क्षमतावान बनाने की योजना ने रफ्तार पकड़ी है और अब तक जो राशि बांटी गई है, वह कम नहीं है। भारतीय किसानों को 2.25 लाख करोड़ दिए जा चुके हैं।

जब मैंने मुख्यमंत्री को पहली बार हवाई अड्डे पर देखा तो मैंने उनसे कहा कि आप एक फुटबॉलर हैं जो कॉर्नर किक या पेनल्टी स्ट्राइक लेने में विश्वास नहीं करते बल्कि गोल करने में विश्वास रखते हैं और मुझे कोई संदेह नहीं है, क्योंकि वह एक फुटबॉलर हैं, वह टीम लीडर का महत्व जानते हैं और वहीं टीम लीडर हैं।

यहां खुद से नहीं बल्कि किसी और को गोल करने का मौका है, वह पास देंगे और इसलिए नतीजे भी आएंगे। यह मेरी पहली यात्रा है लेकिन यह शुरुआत है, अंत नहीं है। मैं इस जगह पर आता रहूंगा। मैं इसे महसूस करने के लिए यहां रात भर रहूंगा।

मैं यहां के लोगों की गर्मजोशी से प्रभावित हुआ हूं। सड़कों के दोनों ओर लड़के और लड़कियों दोनों को देखना कितना सुखद क्षण था, मैंने उनमें से कुछ की आंखों में देखा और मैं उनकी आंखों में एक चमक देख सकता था। मुझे कोई शक नहीं है कि राज्य का हैप्पीनेस इंडेक्स बहुत ज्यादा है।

मैं आपकी खुशहाली की कामना करता हूं। यह मेरे और मेरी पत्नी के लिए सम्मान और सौभाग्य का क्षण है। मैं यहां आना जारी रखूंगा और मणिपुर के युवा छात्रों का संसद भवन में स्वागत करना चाहूंगा। इससे मुझे उस गर्मजोशी और आतिथ्य का प्रतिदान करने का अवसर मिलेगा जो मुख्यमंत्री और सभी ने दिखाया है।

मैं पूर्वोत्तर के युवाओं को देश के दूसरे हिस्सों में जाने और अपने समकक्षों को आमंत्रित करने का पुरजोर समर्थन करता हूं, इसे व्यवस्थित रूप से किया जाना चाहिए। मुझे यकीन है कि माननीय मुख्यमंत्री इसे पूरा करेंगे और मैं एक सूत्रधार की भूमिका में रहूंगा।

एक बार फिर से धन्यवाद और भगवान आप पर कृपा करे। कभी न भूलें: कोई तनाव नहीं और कोई चिंता नहीं; कभी डरो मत और हिम्मत दिखाओ। इतिहास का निर्माण उन्हीं ने किया है जो इतिहास रचने से पहले कई बार असफल हुए हैं। आप सभी ऐसा करेंगे और आपके भीतर यह करने की क्षमता है।

शुभकामनाएं, धन्यवाद।

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एमजी/एमएस/आरपी/एमपी



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