जल शक्ति मंत्रालय

जल प्रबंधन पर भारत-हंगरी संयुक्त कार्य समूह की बैठक

Posted On: 26 APR 2023 6:47PM by PIB Delhi

भारत और हंगरी के बीच जल प्रबंधन के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (एमओयू) को लागू करने के लिए गठित भारत-हंगरी संयुक्त कार्य समूह की पहली बैठक कल नई दिल्ली में आयोजित की गई जहां जल क्षेत्र में चुनौतियों और दोनों देशों द्वारा इसके लिए की जा रही पहलों पर व्यापक चर्चा हुई। जल प्रबंधन में भारत-हंगरी सहयोग के भविष्य की राह दिखाने के लिए तीन साल के वर्किंग प्रोग्राम पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों में जल प्रबंधन से जुड़े मुद्दों, चुनौतियों, की गई पहलों और सक्सेस स्टोरीज़ पर दोनों पक्षों ने यहां विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।

इस बैठक के दौरान भूजल के अति-दोहन के प्रमुख मुद्दे और भारत में उचित जल प्रबंधन प्रथाओं की जरूरत और भारत के जल परिदृश्य को नया रूप देने वाले कई कार्यक्रमों और परियोजनाओं पर प्रकाश डाला गया। इसमें सहयोग के लिए प्राथमिकता के छह क्षेत्रों की पहचान की गई और उन पर सहमति बनी। ये क्षेत्र हैं- चरम स्थिति का प्रबंधन, भूजल का अन्वेषण और प्रबंधन, नदियों और जल निकायों का कायाकल्प, जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना, जल संसाधनों की गुणवत्ता की सुरक्षा और संरक्षण, और प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण।

16 अक्टूबर 2016 को हंगरी की मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर और भारत सरकार के तत्कालीन जल संसाधन मंत्रालय, आरडी एंड जीआर (वर्तमान में जल शक्ति मंत्रालय) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे जिसका मकसद जल प्रबंधन के क्षेत्र में दोनों पक्षों की तकनीकी, वैज्ञानिक और प्रबंधन क्षमता को मज़बूत करना था। हंगरी और भारत के बीच जो सहयोग के क्षेत्र हैं उनमें एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन, जल और अपशिष्ट जल प्रबंधन, जल संबंधी शिक्षा, अनुसंधान और विकास शामिल हैं। इस समझौता ज्ञापन के उद्देश्यों के कार्यान्वयन के लिए दोनों देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों के साथ एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया गया है। भारतीय पक्ष की तरफ से इस समूह के सदस्यों में जल शक्ति मंत्रालय के टीम लीडर के तौर पर संयुक्त सचिव (जीडब्ल्यू, प्रशासन और आईसी) श्री सुबोध यादव और सीडब्ल्यूसी, एनएमसीजी, सीडब्ल्यूपीआरएस और सीजीडब्ल्यूबी के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस जेडब्ल्यूजी में हंगरी का नेतृत्व हंगरी की सरकार में मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर के जल निदेशक श्री पीटर कोवाक्स ने किया।

दुनिया के देशों के बीच जल प्रबंधन में सहयोग के अवसरों को बढ़ावा देने और जल सहयोग की चुनौतियों और लाभों की बेहतर समझ से दुनिया को आपसी सम्मान, समझ और विश्वास बनाने, शांति, सुरक्षा और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। आज हमारे जल संसाधनों को परिभाषित करने वाली चुनौतियों को लेकर खुली चर्चा सहकारी कार्रवाई, निर्णय लेने और राजनीतिक प्रतिबद्धता को प्रेरित कर रही है। वर्तमान में ये देश एक परामर्श रूपी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं और भागीदारी क्षमता में सुधार कर रहे हैं जो सहयोगी जल प्रबंधन सहित कई क्षेत्रों में लाभ पहुंचाने में सहायता कर रहा है।

स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन के तहत सफल उपायों को दिखाने के लिए आज हंगरी के विशेषज्ञों की टीम का वाराणसी का एक दौरा आयोजित किया गया। इस जेडब्ल्यूजी की बैठक ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत और हंगरी के बीच चल रहे सहयोग में एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। दोनों पक्षों का उद्देश्य एक दूसरे से जानकारियां प्राप्त करना और जल प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से अनुभव साझा करना है।

****

एमजी/एमएस/आरपी/जीबी/एसएस



(Release ID: 1920045) Visitor Counter : 323


Read this release in: English , Urdu , Punjabi