प्रधानमंत्री कार्यालय

चेन्नई में विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का मूल पाठ

Posted On: 08 APR 2023 9:14PM by PIB Delhi

भारत माता की जय

भारत माता की जय

भारत माता की जय

वणक्कम तमिलनाडु!

तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर.एन. रवि जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री एम. के. स्टालिन जी, केंद्र सरकार में मेरे सहयोगी श्री अश्विनी वैष्णव जी, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी और तमिलनाडु की बहनों तथा भाइयों, आप सभी को मेरा नमस्कार।

साथियों,

मुझे तमिलनाडु आना हमेशा अच्छा लगता है। यह इतिहास और विरासत का आश्रय स्थल है। यह भाषा और साहित्य की भूमि है। यह देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना का केंद्र भी है। हमारे कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी तमिलनाडु से ही थे।

मित्रों,

मैं जानता हूं कि मैं त्योहारों के समय आप सभी के पास आया हूं। कुछ ही दिनों में तमिल पुथांडु का पर्व आने वाला है। यह नई ऊर्जा, नई आशाओं, नई आकांक्षाओं और नई शुरुआत का समय है। नई पीढ़ी की कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाएं आज से लोगों की सेवाओं में कार्यरत हो जाएंगी। अब से कुछ अन्य परियोजनाओं पर भी काम शुरू हो जाएगा। सड़क परिवहन, रेलवे तथा हवाई यात्रा क्षेत्र को कवर करने वाली ये नई परियोजनाएं नव वर्ष की धूमधाम में और भी उत्साह भर देंगी।

साथियों,

बीते कुछ वर्षों में, भारत आधारभूत संरचना निर्माण के मामले में एक क्रांति को देख रहा है। इसे गति और स्तरीय पैमाने से संचालित किया जाता है। बात जब तुलना करने की आती है, तो आप इस वर्ष की शुरुआत में केंद्रीय बजट को देख सकते हैं। हमने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि अलग से रखी हुई है। यह साल 2014 की तुलना में पांच गुना अधिक है। रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निर्धारित राशि भी अब तक की रिकॉर्ड पूंजी है।

मित्रों,

जहां तक गति का प्रश्न है, तो इस संबंध में कुछ तथ्य हमें सही जानकारी वाला दृष्टिकोण दे सकते हैं। साल 2014 से पहले की अवधि की तुलना में प्रति वर्ष जोड़े गए राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई अब लगभग दोगुनी हो चुकी है। वर्ष 2014 से पहले हर साल 600 रूट किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया जाता था। आज, यह प्रति वर्ष लगभग 4,000 रूट किलोमीटर तक पहुंच रहा है। 2014 तक देश में बने हवाई अड्डों की संख्या 74 थी। वर्ष 2014 के बाद से, हमने इसे दोगुना करके लगभग 150 कर दिया है। तमिलनाडु में एक लंबी तटरेखा है, जो व्यापार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। 2014 से पहले के समय की तुलना में हमारे बंदरगाहों में कार्य करने की क्षमता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है।

इसे गति और स्तरीय पैमाने के माध्यम से न सिर्फ फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर में बल्कि सोशल तथा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा जा रहा है। साल 2014 तक, भारत में लगभग 380 मेडिकल कॉलेज थे। आज, हमारे पास लगभग 660 मेडिकल कॉलेज हैं। पिछले 9 वर्षों में हमारे देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान- एम्स की संख्या लगभग तीन गुनी हो चुकी है। हम डिजिटल लेनदेन के मामले में आज पूरी दुनिया में सबसे पहले स्थान पर हैं। हमारे पास दुनिया के सबसे सस्ते मोबाइल डेटा सेवाओं में से एक की उपलब्धता है। लगभग 2 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ते हुए 6 लाख किलोमीटर से अधिक ऑप्टिक फाइबर बिछाया गया है। आज, भारत में शहरी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तुलना में ग्रामीण इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ गई है।

साथियों,

इन सभी उपलब्धियों के कारण क्या-क्या संभव हुआ है? दो चीजें हैं - कार्य संस्कृति और दृष्टिकोण। सर्वप्रथम आती है कार्य संस्कृति। पहले के समय में बुनियादी ढांचा परियोजना का अर्थ देरी होता था। अब, उनका मतलब काम पूरा करके उपयोग में लाना है। देरी से लेकर कार्य सेवा में लाने तक का यह सफर हमारी विशिष्ट कार्य संस्कृति के कारण ही संभव हुआ है। हम अपने करदाताओं द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रत्येक रुपये के लिए अपनी जवाबदेही महसूस करते हैं। हम विशिष्ट समय सीमा निर्धारित करने के साथ कार्य करते हैं और उनसे पहले भी वांछित परिणाम प्राप्त कर लेते हैं।

आधारभूत अवसंरचना के प्रति हमारा दृष्टिकोण भी पहले से अलग है। हम बुनियादी ढांचे को सिर्फ कंक्रीट, ईंट और सीमेंट के रूप में नहीं देखते हैं। हम अवसंरचना निर्माण को मानवीय चेहरे के साथ देखते हैं। यह महत्वाकांक्षा को उपलब्धि से, लोगों को संभावनाओं से और सपनों को वास्तविकता से जोड़ता है। उदाहरण के लिए आज की ही कुछ परियोजनाओं को देख लीजिये। सड़क परिवहन परियोजनाओं में से एक विरुदुनगर और तेनकाशी के कपास किसानों को अन्य बाजारों से जोड़ती है। चेन्नई और कोयम्बटूर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस छोटे व्यावसायियों को ग्राहकों से जोड़ती है। चेन्नई हवाई अड्डे का नया टर्मिनल दुनिया को तमिलनाडु में लेकर आता है। यह निवेश उपलब्ध कराता है, जो यहां के युवाओं के लिए आय के अवसर उत्पन्न करता है। सड़क, रेलवे ट्रैक या मेट्रो पर केवल आवागमन की ही गति प्राप्त नहीं होती है। इससे लोगों के सपनों और उद्यमशीलता की भावना को भी तेजी मिली है। अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। प्रत्येक बुनियादी ढांचागत परियोजना करोड़ों परिवारों के जीवन को परिवर्तित कर देती है।

मित्रों,

तमिलनाडु का विकास हमारे लिए बहुत प्राथमिकता का विषय रहा है। रेल संबंधी बुनियादी ढांचे के लिए इस वर्ष तमिलनाडु को छह हजार करोड़ रुपये से अधिक का सर्वकालिक उच्च बजट आवंटित किया गया है। साल 2009-2014 के दौरान प्रति वर्ष आवंटित औसत राशि नौ सौ करोड़ रुपये से कम थी। वर्ष 2004 और 2014 के बीच, तमिलनाडु में जोड़े गए राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई लगभग आठ सौ किलोमीटर थी। साल 2014 और 2023 के बीच, तमिलनाडु में लगभग दो हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग जोड़े गए। साल 2014-15 में, तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और रखरखाव में लगभग एक हजार दो सौ करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। वर्ष 2022-23 में, यह 6 गुना बढ़कर आठ हजार दो सौ करोड़ रुपये से अधिक हो गया।

बीते कुछ वर्षों में, तमिलनाडु में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं स्थापित की गई हैं। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भारत के सुरक्षा तंत्र को सशक्त कर रहा है और इससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। पीएम मित्र मेगा टेक्सटाइल पार्क से संबंधित हालिया घोषणा से तमिलनाडु के कपड़ा क्षेत्र को भी लाभ होगा। पिछले साल हमने बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। चेन्नई के पास एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण कार्य भी चल रहा है। मामल्लपुरम से कन्याकुमारी तक की पूरी ईस्ट कोस्ट रोड को भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत आधुनिक स्तर का बनाया जा रहा है। ऐसी कई परियोजनाएं हैं जो तमिलनाडु को विकास के पथ पर आगे ले जा रही हैं। इसके अलावा आज कुछ अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन हो रहा है या फिर शिलान्यास हो रहा है।

साथियों,

आज तमिलनाडु के तीन महत्वपूर्ण शहर- चेन्नई, मदुरै और कोयम्बटूर इन परियोजनाओं के उद्घाटन होने या शुरू होने से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नई एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया जा रहा है। इससे यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा। इस नए टर्मिनल भवन को तमिल संस्कृति की सुंदरता को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया गया है। आपने पहले भी इस तरह की कुछ शानदार तस्वीरें देखी होंगी। चाहे वह छत, फर्श, मेहराब पर बने चित्र या भित्ति चित्र का ही डिजाइन क्यों न हो, उनमें से प्रत्येक चित्र आपको तमिलनाडु की किसी न किसी छवि की याद अवश्य दिलाएगा। एक तरफ हमें जहां हवाई अड्डे पर तमिल परंपरा नजर आती है, वहीं दूसरी ओर इसे निरंतरता के साथ आधुनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी तैयार किया गया है। इसे पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करके बनाया गया है और इसमें एलईडी लाइटिंग तथा सौर ऊर्जा जैसी कई हरित तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है।

मित्रों,

चेन्नई को एक और वंदे भारत ट्रेन भी मिल रही है, जो इसे कोयम्बटूर से जोड़ेगी। जब पहली वंदे भारत ट्रेन चेन्नई आई थी, तो मुझे याद है कि तमिलनाडु के मेरे युवा मित्र इसे देख कर विशेष रूप से बहुत उत्साहित हुए थे। मैंने वंदे भारत ट्रेन के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हुए भी देखे हैं। महान वी. ओ. चिदंबरम पिल्लई की भूमि में 'मेड इन इंडिया' का यह गर्व होना स्वाभाविक है।

साथियों,

चाहे वह कपड़ा क्षेत्र हो, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम हो अथवा उद्योग हो, कोयम्बटूर एक औद्योगिक महाशक्ति रहा है। कनेक्टिविटी की आधुनिक सुविधा उपलब्ध होने से यहां के लोगों की उत्पादकता ज्यादा बढ़ेगी। अब चेन्नई और कोयम्बटूर के बीच का सफर महज 6 घंटे में ही तय हो जायेगा। इस वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी से सेलम, इरोड और तिरुपुर जैसे कपड़ा तथा औद्योगिक केंद्रों को भी लाभ मिलता है।

मित्रों,

मदुरै को तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। आज की परियोजनाएं इस प्राचीनतम शहर के आधुनिक बुनियादी ढांचे को भी बढ़ावा देती हैं। इन परियोजनाओं से मदुरै के लिए जीवन यापन और यात्रा में आसानी हो रही है। तमिलनाडु के दक्षिण पश्चिम और तटीय भागों के कई जिले भी आज शुरू की कई परियोजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

साथियों,

तमिलनाडु भारत के विकास इंजनों में से एक है। मुझे विश्वास है कि आज से प्रारंभ की गई परियोजनाओं से तमिलनाडु के लोगों की महत्वाकांक्षाओं को बल मिलेगा। जब उच्च-गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा यहां रोजगार सृजित करता है, तो आय बढ़ती है और तमिलनाडु आगे बढ़ता है। जब तमिलनाडु बढ़ता है, तो भारत भी आगे बढ़ता है। आप सभी के स्नेह के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। वणक्कम!

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एमजी/एमएस/एनके/एसएस



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