जल शक्ति मंत्रालय
नमामि गंगे: 638 करोड़ रुपये की 8 परियोजनाएं स्वीकृत
हिंडन की कायाकल्प के लिए 407.39 करोड़ रुपये की 4 परियोजनाएं स्वीकृत
Posted On:
18 APR 2023 4:02PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की कार्यकारी समिति की 48वीं बैठक आज राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई। करीब 638 करोड़ रुपये मूल्य की 8 परियोजनाओं को बैठक में मंजूरी मिली। हिंडन नदी, जो कि यमुना नदी की एक सहायक नदी है, को साफ करने के प्रयास में शामली जिले में प्रदूषण कम करने के लिए 407.39 करोड़ रुपये की चार परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। ये परियोजनाएं व्यापक हिंडन कायाकल्प योजना का हिस्सा हैं। हिंडन नदी प्रदूषित नदियों के खंड में पहली प्राथमिकता के रूप में पहचानी गई है। जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी, वे कृष्णा नदी में प्रदूषित पानी के प्रवाह को रोकने के लिए हैं। कृष्णा हिंडन की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है जो शामली जिले से प्रदूषित पानी को हिंडन नदी में छोड़ती है।
शामली जिले की चार परियोजनाओं में 1) बाबरी और बनतीखेड़ा गांव में 50 लाख लीटर प्रति दिन (एमएलडी) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (निर्मल जल केंद्र), 5 केएलडी सेप्टेज को-ट्रीटमेंट सुविधा, अवरोधन एवं पथांतरण (आईएंडडी) और अन्य कार्य 2) बनत कस्बे में 5 एमएलडी एसटीपी, 5 केएलडी सेप्टेज को-ट्रीटमेंट सुविधा , अवरोधन एवं पथांतरण (आईएंडडी) एवं अन्य कार्य 3) शामली कस्बे में 40 एमएलडी एसटीपी, 20 केएलडी सेप्टेज को-ट्रीटमेंट सुविधा , अवरोधन एवं पथांतरण (आईएंडडी) एवं अन्य कार्य 4) थानाभवन कस्बे में 40 एमएलडी एसटीपी, 20 केएलडी सेप्टेज को-ट्रीटमेंट सुविधा , अवरोधन एवं पथांतरण (आईएंडडी) एवं अन्य कार्य शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के तहत प्रयागराज में 7 घाटों के विकास की एक परियोजना को भी ईसी की बैठक में मंजूरी दी गई। इन घाटों में दशाश्मेध घाट, किला घाट, नौकायन घाट, ज्ञान गंगा आश्रम घाट, सरस्वती घाट, महेवा घाट और रसूलाबाद घाट शामिल हैं। इन घाटों में नहाने के लिए जगह, कपड़े बदलने के लिए कमरे, सभी के लिए सुविधाजनक रैंप, पीने के पानी की जगह, रात के लिए फ्लड लाइट, कियोस्क, लैंडस्केपिंग आदि जैसी सुविधाएं होंगी।
48वीं ईसी बैठक में दो और, बिहार और मध्य प्रदेश में एक-एक गंदे नालों की प्रबंधन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। बिहार में अन्य कार्यों के साथ 77.39 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 3 एसटीपी (जोन 1 और 2 में क्रमशः 7 एमएलडी, 3.5 एमएलडी और 6 एमएलडी) के निर्माण की एक परियोजना को मंजूरी दी गई। ये परियोजनाएं गंगा की सहायक नदी किऊल नदी में प्रदूषित पानी के प्रवाह को रोकेंगी।
मध्य प्रदेश में 22 एमएलडी एसटीपी, 2.38 एमएलडी कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के निर्माण की एक परियोजना और अन्य कार्यों को 92.78 करोड़ रुपये की लागत के साथ मंजूरी दी गई। यह परियोजना क्षिप्रा नदी में प्रदूषित पानी के प्रवाह को रोकेगी, जो यमुना की सहायक नदी है।
बैठक के दौरान एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी अशोक कुमार ने राज्यों के अधिकारियों से एसटीपी स्थलों पर सौर ऊर्जा का उत्पादन करने और निर्मल जल केंद्रों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों से नदियों से मिलने वाले नालों में ठोस कचरे को अलग करने और निपटाने के लिए ग्रिल का उपयोग करने का भी आह्वान किया। इस बात को रेखांकित करते हुए कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत बनाई गई संपत्तियों के रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, एनएमसीजी के महानिदेशक ने कहा कि मौजूदा घाटों की सफाई के लिए यूएलबी द्वारा अपनाई जा रही मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को एनएमसीजी को सूचित किया जाना चाहिए।
हरिद्वार, उत्तराखंड के लिए घाट विकास की एक और परियोजना को मंजूरी दी गई, जहां 2.12 करोड़ करोड़ की कुल लागत से अखंड परम धाम घाट का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना में दुकान/कियोस्क (घाट पे हाट गतिविधियों के लिए), योग/ध्यान लॉन, दिव्यांगों के लिए रैंप, सैरगाह, सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए मंच आदि का निर्माण शामिल है।
बैठक में श्री एसपी वशिष्ठ, कार्यकारी निदेशक (प्रशासन), एनएमसीजी, श्री भास्कर दासगुप्ता, कार्यकारी निदेशक (वित्त), एनएमसीजी, श्री डी.पी. मथुरिया, कार्यकारी निदेशक (तकनीकी), एनएमसीजी, सुश्री ऋचा मिश्रा, संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय और संबंधित राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
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